दूरदर्शन (चैनल)
दूरदर्शन | |
प्रकार | प्रसारण दूरदर्शन तंत्र |
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देश | भारत |
स्थापना | राष्ट्रीय |
मसला | सत्यम शिवम सुंदरम |
मालिक | प्रसार भारती |
मुख्य लोग | बी एस लाली (मुख्य निष्पादन अधिकारी (सीईओ)) |
आरम्भ की तिथि | 1959 |
पूर्व नाम | आकाशवाणी |
जालपृष्ठ | www.ddindia.gov.in |
दूरदर्शन (अंग्रेज़ी: Doordarshan) भारत का सरकारी दूरदर्शन प्रणाल (चैनल) है। यह भारत सरकार द्वारा नामित पर्षद् प्रसार भारती के अंतर्गत चलाया जाता है। दूरदर्शन के प्रसारण की शुरूआत भारत में दिल्ली सितंबर, १९५९ को हुई। प्रसार-कक्ष तथा प्रेषित्रो की आधारभूत सेवाओं के लिहाज़ से यह विश्व का दूसरा सबसे विशाल प्रसारक है। हाल ही मे इसने अंकीय पार्थिव प्रेषित्रो (डिजिटल स्थलचर संचारी) सेवा शुरु की। दूरदर्शन के राष्ट्रीय नेटवर्क में 64 दूरदर्शन केन्द्र / निर्माण केन्द्र, 24 क्षेत्रीय समाचार एकक, 126 दूरदर्शन रखरखाव केन्द्र, 202 उच्च शक्ति ट्रांसमीटर, 828 लो पावर ट्रांसमीटर, 351 अल्पशक्ति ट्रांसमीटर, 18 ट्रांसपोंडर, 30 चैनल तथा डीटीएच सेवा भी शामिल है।
प्रारंभ
[संपादित करें]दूरदर्शन की शुरुआत अत्यंत विनीत तरीके से, एक परीक्षण के तौर पर दिल्ली में 1959 में हुई थी। नियमित दैनिक प्रसारण की शुरुआत 1965 में आल इंडिया रेडियों के एक अंग के रूप में हुई थी। 1972 में सेवा मुम्बई (तत्कालीन बंबई) व अमृतसर तक विस्तारित की गई। 1975 तक यह सुविधा 7 शहरों मे शुरु हो गयी थी। राष्ट्रीय प्रसारण 1982, जिस वर्ष रंगीन दूरदर्शन का जन-जन से परिचय हुआ था,और शुरु हुआ था।
दूरदर्शन के विभिन्न चैनल
[संपादित करें]- राष्ट्रीय चैनल (5): डीडी 1, डीडी न्यूज़, डीडी भारती, डीडी स्पोर्ट्स और डीडी उर्दू
- क्षेत्रीय भाषाओं के उपग्रह चैनल (11): डीडी उत्तर पूर्व, डीडी बंगाली, डीडी गुजराती, डीडी कन्नड़, डीडी कश्मीर, डीडी मलयालम, डीडी सहयाद्रि, डीडी उडिया, डीडी पंजाबी, डीडी पोधीगई और डीडी सप्तगिरी
- क्षेत्रीय राज्य नेटवर्क (1): बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और त्रिपुरा
- अंतरराष्ट्रीय चैनल (1): डीडी इंडिया
- डीडी डायरेक्ट + : दूरदर्शन की फ्री टु एयर डीटीएच सेवा डीडी डायरेक्ट + का शुभारंभ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 16 दिसम्बर 2004 को किया गया। 33 टीवी चैनलों (दूरदर्शन / निजी) और 12 रेडियो (आकाशवाणी) चैनलों से शुरूआत हुई। इसकी सेवा क्षमता बढ़कर 59टीवी चैनल और 2१ रेडियो चैनल हो गई। अंडमान और निकोबार को छोड़कर इसके सिगनल पूरे भारत में एक रिसीवर प्रणाली से मिलते हैं। इस सेवा के ग्राहकों की संख्या १०० लाख से अधिक है।[उद्धरण चाहिए]
- क्षेत्रीय चैनल- डीडी मलयालम, डीडी सप्तगिरी (तेलुगु), डीडी बंगाली, डीडी चंदन (कन्नड़), डीडी उडिया, डीडी सहयाद्रि (मराठी), डीडी गुजराती, डीडी कश्मीर (कश्मीरी), डीडी पंजाबी, डीडी उत्तर पूर्व, डीडी पोधीगई (तमिल),