ज़ी न्यूज़
ज़ी न्यूज | |
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आरंभ | 1999 |
स्वामित्व | एस्सेल समूह |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
प्रसारण क्षेत्र | भारत एवं विश्वस्तर |
मुख्यालय | एस्सेल स्टूडियो, एफसी-19, सेक्टर 16-A, नोएडा, भारत |
बंधु चैनल | ज़ी बिज़नस ज़ी मराठी ज़ी २४ तास ज़ी बांग्ला 24 घण्टा ज़ी पंजाबी ज़ी तेलुगु ज़ी कन्नड़ |
वेबसाइट | ज़ीन्यूज इण्डिया डॉट कॉम |
उपलब्धता | |
उपग्रह | |
वीडियोकॉन डी2एच (भारत) | चैनल 307 |
स्काई (यूके & आयरलैण्ड) | चैनल 856 |
ज़ी न्यूज, 1999 में स्थापित भारत का समाचार और वर्तमान घटनाओं का प्रसारण करने वाला टीवी चैनल है। प्रारम्भ में इसमें अधिकतर प्रोग्राम अंग्रेज़ी भाषा में प्रसारित होते थे। लगभग 2003-04, आजतक की सफलता के बाद, ज़ी न्यूज पूर्णतः हिन्दी समाचार चैनल में परिवर्तित हो गया। और यह अभी भारत के टॉप 3 न्यूज़ चैनलो में आता है।
इतिहास[संपादित करें]
ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) ने ३१ मार्च २००६ से इसकी शुरुआत की थी।
स्वच्छ भारत मिशन मे प्रधान वा सेक्रेटरी की मिलीभगत से शौचालयों में हो रहा गोरखधंधा मास्टरबाग सीतापुर -
ग्राम पंचायत दहैंया विकासखंड कसमण्डा सीतापुर का मजरा तिवारीपुर में शौचालय निर्माण में ग्राम पंचायत प्रधान किशोरी लाल वा सेक्रेटरी मेहुल कुमार की मिलीभगत से शौचालय के निर्माण में प्रमुख तौर से पीला ईटा का प्रयोग किया जा रहा है शौचालय निर्माण कार्य मकरंद नाम के व्यक्ति को ठेके पर देकर बनवाया जा रहा है लाभार्थी बलदेव प्रसाद पुत्र स्वामी दयाल का शौचालय निर्माण कराया जा रहा था जिसमें शासन के मनसा विरुद्ध निर्माण कार्य को लेकर पीला इट व बालू में नाम मात्र की सीमेंट डालकर जुड़ाई हो रही थी जिस पर प्रार्थी के द्वारा विरोध किया गया लेकिन ग्राम प्रधान के द्वारा धमकी देकर बताया गया कि अगर बनवाना हो तो बनवा लो वर्ना शौचालय दूसरे के नाम बनवा देंगे दूसरे लाभार्थी अनिल कुमार पुत्र रमेश चंद के शौचालय निर्माण में टैंक की सिर्फ 3 फुट की गहराई में खुदवा कर बनवा दिया इसमें भी पीला ईट वा लो क्वालिटी का मसाला लगाया गया ग्राम में कुल 51 शौचालय के लाभार्थियों का नाम आया है इसमें से 14 लाभार्थियों के शौचालय निर्माण में अभी तक इसी प्रकार सामग्री लगाकर किया गया है प्रधान किशोरी लाल का कहना है की शौचालय का निर्माण ठेके पर मकरंद नाम के व्यक्ति के द्वारा करवाया जा रहा है इसमें मेरा कोई नियंत्रण नहीं है यह ठेका सेक्रेटरी द्वारा दिया गया
ग्राम पंचायत अधिकारी मेहुल यादव ने बताया की शौचालय निर्माण कार्य लाभार्थी स्वयं अपने द्वारा करवा रहे हैं ठेके से कार्य नहीं हो रहा है लेकिन लाभार्थियों का कहना है कि शौचालय निर्माण को लेकर न मेरे खाते पर पैसा भेजा गया है न ही हमें कोई चेक दी गई है इस प्रकार से स्वच्छ भारत मिशन का सपना शत प्रतिशत होने को ताक रहा है