ज़िंदगी (टीवी चैनल)
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देश | ![]() |
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मुख्यालय | मुम्बई |
प्रोग्रामिंग | |
भाषाएँ | हिन्दी-उर्दू |
चित्र प्रारूप | ५७६i (४:३) (एसडीटीवी) १०८०i (१६:९) (एचडीटीवी) |
स्वामित्व | |
स्वामित्व | ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेस लिमिटेड |
माता-पिता | Essel Group |
बंधु चैनल | ज़ी टीवी |
इतिहास | |
आरंभ | २३ जून २०१४ |
कड़ियाँ | |
वेबसाइट | अंतर्जाल पता |
उपलब्धता | |
लौकिक | |
डिश टीवी (भारत) | चैनल 107 (SD) |
एयरटेल डिजिटल टीवी (भारत) | चैनल 113 (SD) |
टाटा स्काई (भारत) | चैनल 115 (SD) |
विडियोकॉन डी२एच (भारत) | चैनल 116 (SD) |
रिलायंस डिजिटल टीवी (भारत) | चैनल 213 (SD) |
सीटी केबल (कलकत्ता) | चैनल 117 (SD) |
एएमबीसी (कलकत्ता) | चैनल 212 (SD) |
मंथन डिजिटल (कलकत्ता) | चैनल 463 (SD)[1] |
स्ट्रीमिंग माध्यम |
जिंदगी (उर्दू:زندگی ; अंग्रेज़ी: Zindagi) ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेस लिमिटेड का एक मनोरंजन चैनल है।[2] इस चैनल के शुरुआती दिनों में पाकिस्तान से सिंडिकेटेड कार्यक्रम जो या तो वहाँ जारी हैं अथवा जो दो तीन वर्ष पहले दिखाए जा चुके हैं, उनको प्रसारित किया जावेगा तथा कुछ समय पश्चात इसमें हिंदी कार्यक्रमों की पेशकश होगी।[3][4]
परिचय[संपादित करें]
यह एक भारतीय मनोरंजन चैनल है जिसमें पाकिस्तान के कुछ कार्यक्रम प्रसारित किये जा रहे हैं।
वीज़ा इंसानों को लगता है, कहानियों को नहीं...
खुशी, गम, आंसू और मुस्कान आज भी पासपोर्ट की मुहर से आज़ाद हैं।..
चलिए जी के देखें वो ज़िंदगी जो सरहद के दोनों तरफ आबाद है।
इसमें कुछ ऐसे कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं जिसमें रोजमर्रा का पाकिस्तानी जीवन, प्रेम आदि के विषय हैं। ज़ी एंटरटेनमेंट के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने इस चैनल के विषय में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नमाज़ शरीफ से मुलाकात की, तथा इस चैनल की एक छलक भी उनके समक्ष पेश की।[5] यह केवल मनोरंजन चैनल नहीं बल्कि पाकिस्तान में रह रहे लोगों के जीवन से संबंधित है, इससे ज़ी की विचारधारा वसुधैव कुटुंबकम् सार्थक सिद्ध हो रही है।[6]
प्रारंभिक कार्यक्रम[संपादित करें]
प्रारंभ में जिंदगी गुल्ज़ार है और औन-ज़ारा नामक लोकप्रिय पाकिस्तानी धारावाहिक का प्रसारण हुआ। जिंदगी गुल्ज़ार है में काशफ़ और ज़ारुन नामक किरदार की कहानी बताई जा रही है जो बहुत अलग अलग परिवार से ताल्लुक़ रखते हैं। दूसरा धारावाहिक औन-ज़ारा का स्रोत पाकिस्तानी लेखक इफ़्तिख़ार की रचना है तथा यह रोमांटिक कॉमेडी शो है। औन के किरदार में पाकिस्तानी अभिनेता औस्मुन बट नज़र आएँगे और ज़ारा के किरदार में विडियो जॉकी अभिनेत्री माया अली नज़र आएँगी। इन धारावाहिकों पर इमरान अपनी राय देते हुए कहते हैं, "पाक़िस्तान को लेकर बहुत गलतफ़हमी है, जैसे हमारे यहां सारी लड़कियां बुर्के में नहीं रहती, हम किसी को मिलते हैं तो सलाम वालेकुम के साथ हैलो भी कहते हैं। यहां भी फ़ैशन इंडस्ट्री है और खाने के रेस्तरां हैं। काफ़ी कुछ है जो लोग नया जानेंगे।"
जारी कार्यक्रम[संपादित करें]
जारी कार्यक्रम निम्नांकित हैं[7]
२३ जून २०१४ से | |
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समय | कार्यक्रम |
२०:०० - २०:५५ | ज़िंदगी गुल्ज़ार है |
२०:५५ - २१:४५ | औन-ज़ारा |
२१:४५ - २२:१५ | काश मैं तेरी बेटी ना होती |
२२:१५ - २३:०५ | कितनी गिरहें बाकी हैं? |
(नोट: सभी भारत के मानक समय पर हैं।)
टीम[संपादित करें]
इस चैनल के लिये नई टीम का चयन हुआ है प्रियंका दत्ता को व्यवसाय प्रमुख तथा वनिता जैन को प्रोग्रामिंग हेड के रूप में चुना गया। सुमोना रॉय सेन को मार्केटिंग की मुखिया के रूप में चुना गया तथा विज्ञापन सेल्स के नेतृत्व के लिये राहुल शर्मा चयनित हुए।
शैलजा रेजरीवाल कंटेंट चयनकर्ता हैं। ज़ी एंटरटेनमेंट एन्टरप्रइजेस के प्रबंध निर्देशक पुनीत गोयनका ने कहा, "हम एक पूरी तरह से नई सोच वालों का पीछा कर रहे हैं तो एक नई सोच वाली टीम लाना तार्किक है।"[8]
कंटेंट का स्वरूप[संपादित करें]
इसमें भारत के लिये प्रासंशिक कंटेंट का उपयोग होगा तथा इसकी प्रोग्रामिंग सभी हिन्दी जीईसी से भिन्न है। इसका संबंध पारिवारिक ड्रामा, कॉमेडी, रोमांस आदि से होगा।
गोयनका ने कहा इसके धारावाहिक या तो चल रहे हैं अथवा आज से दो तीन वर्ष पूर्व पूरे हो चुके हैं। गोयनका कहते हैं, "हम चार शोज़ से शुरू करेंगे जिससे हमें एक दिन में लगभग चार घंटे का कंटेंट मिल जाएगा। बाद में इसे बढ़ाते जाएंगे। शोज़ मुख्यतया एक घंटे के होंगे।" कंटेंट तथा लक्षित ग्रुप के संदर्भ में गोयनका ने कहा, " हम इसे लक्षित ग्रुप नहीं, एक सोच कहते हैं। और हमारी मूल सोच प्रगतिशील है। यह काम और परिवार के बीच संतुलन साधने की कोशिश कर रही महिलाओं के बारे में है। वे ही इस चैनल की मूल दर्शक होंगी।"
ऐसे कंटेंट के लिये एक ब्रैंड न बनाकर उनके चैनल निर्माण की आवश्यकता के संदर्भ में पूछा गया तब गोयनका ने कहा, "वर्तमान में ज़ी टीवी के दर्शकों की सोच को हम पारंपरिक कहकर परिभाषित करते हैं। ऐसी कहानियों के लिए सिर्फ एक बैंड भर बनाना भारतीय खाने के साथ चीनी व्यंजनों का घालमेल करने जैसा होगा। यहां हम भारतीय टीवी क्षेत्र में अब तक नदारद ऐसी एक नई श्रेणी लाने की कोशिश कर रहे हैं। सो, इसके लिए पूरे प्रयास की आवश्यकता थी।" उनसे प्रश्न किया गया कि क्या उर्दू भाषा का जो प्रभाव कार्यक्रमों पर है उससे दर्शकों में अड़चन होगी?, तब उन्होंने कहा कि, "शोध के दौरान हमें जवाब देनेवालों ने वास्तव में इसे पसंद किया है और भाषा की सराहना भी की है। यह चैनल की एक खासियत है जो हमारे पक्ष में काम करेगी ऐसा हमारा मानना है।"[9]
विस्तार को बढ़ावा[संपादित करें]
ज़ी एंटरटेनमेंट इसके विस्तार की योजना बना रही है। वे इसे समूचे भारत तथा भविष्य में भारत से बाहर तक इसके विस्तार की योजना बना चुकी है तथा सब्सक्रिप्शन फीस २५.८१ रुपए रखी गई है। गोयनका कहते हैं, "हम लॉन्च के पहले दिन से ही ९५ प्रतिशत से ज़्यादा पहुंच का लक्ष्य रख रहे हैं। यह केबल और डीटीएच पर उपलब्ध होगा। हम बाद में एनआरआई या दक्षिण एशियाई दर्शकों के लिए अन्य देशों में चैनल को ले जाएंगे।"
उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से कार्यक्रम दिखाने के राइट्स भी प्राप्त है तथा गोयनका के अनुसार इसके कंटेंट किसी अन्य चैनलों पर भी मिल सकते हैं परंतु सबसे अच्छा प्रदर्शन ज़िंदगी पर ही मिलेगा। वे कहते हैं, "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह पाकिस्तानी चैनलों पर दिखाया जाता है तो इस कंटेंट को नहीं देख पाए हों, ऐसे भारतीय दर्शकों की एक बड़ी संख्या हो सकती है।"[10]
खास वर्ग के लिये उपयुक्त[संपादित करें]
गोयनका का कहना है कि यह आम जनता के लिये न होकर खास वर्ग के लिये है। उन्होंने कहा, "हमारे शोध के अनुसार खास वर्ग के दर्शकों का आधार पिछले कुछ वर्षों में बढ़कर अहम हो गया है और उनके लिए एक विशेष उत्पाद की ज़रूरत है।" यह ज़ी टीवी अथवा स्टार प्लस से प्रतिस्पर्धी नहीं है। गोयनका के अनुसार पुराने समय में ज़ी टीवी आदि के कार्यक्रम एक छोटे जन समूह के लिये निर्मित थी जो समृद्ध थे तथा जिनके पास टीवी जैसे साधन उपलब्ध थे परंतु आज के समय में उन्हें खास समृद्ध वर्ग की जनता को ध्यान में रखकर कंटेंट चयन करना होता है।[11]
आवश्यकता[संपादित करें]
यह चैनल बाजार में पैठ बनाने की एक नवीनतम रणनीति को लेकर उतरा है। चैनल के क्रियेटिव हेड शैलजा केजरीवाल मानती हैं कि इसके प्रारंभ से सब कुछ एक झटके में परिवर्तित होगा ऐसा नहीं है परंतु यह डेली सोप तथा सास बहू वले धारावाहिकों को जो लोग देख देखकर ऊब चुके हैं यह उनके लिये कुछ नया तथा आवश्यक देखने की पहल है।
धारावाहिकों की कहानियाँ विभिन्न उपन्यासों पर आधारित है तथा अकारण वस्तुएँ डालकर उन्हें नहीं खींचा गया है। शैलजा के अनुसार, "अगला पड़ाव होगा जहां भारतीय और पाकिस्तानी निर्माता मिलकर धारावाहिक बनाएंगे लेकिन दर्शकों की प्रतिक्रिया के बाद ही ऐसा हो पाएगा।"[12]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ उपलब्धता Archived 2014-11-29 at the Wayback Machine, केबल आदि सेवाओं में चैनल की उपलब्धता।
- ↑ ज़ी की नई पेशकश ज़िंदगी, भारत में लांच हुआ नया चैनल।
- ↑ पाकिस्तान के कार्यक्रम प्रसारित होंगे Archived 2016-03-04 at the Wayback Machine, टेलीविजन पोस्ट।
- ↑ भारतीय टीवी पर पाकिस्तानी सीरियल Archived 2014-06-25 at the Wayback Machine, श्राबंती चक्रबर्ती की बीबीसी रिपोर्ट।
- ↑ 'जिंदगी' के विषय में सुभाष ने की नमाज़ से मुलाक़ात।
- ↑ जी के देखें सरहद पार की 'ज़िंदगी'
- ↑ "जिंदगी". मूल से 25 जून 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जून 2014.
- ↑ ज़िंदगी पहला अखिल भारतीय जीईसी होगा: पुनीत गोयनका Archived 2016-03-04 at the Wayback Machine, टेलीविज़न पोस्ट।
- ↑ "कंटेंट का स्वरूप". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जून 2014.
- ↑ "डिस्ट्रिब्यूशन को बढ़ावा". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जून 2014.
- ↑ "खास वर्ग के लिये उपयुक्त". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जून 2014.
- ↑ इसकी ज़रूरत Archived 2014-06-25 at the Wayback Machine, बीबीसी रिपोर्ट।