विकिपीडिया:चौपाल/पुरालेख 35
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सदस्य:Dinesh smita की वर्तमान स्तिथि
मेटा की इस कड़ी https://meta.wikimedia.org/wiki/Administrators_of_Wikimedia_projects/Hindi_projects के अनुसार सदस्य:Dinesh smita भी हमारे प्रबंधक हैं। क्या यह सही है? इसके अलावा मैं वर्तमान प्रबंधकों से सूची को सुधारने का निवेदन करना चाहूँगा। --मुज़म्मिल (वार्ता) 18:31, 25 जून 2014 (UTC)
- मुज़म्मिल जी, मुझे लगता है वो पूर्व एवं वर्तमान प्रबन्धकों की सूची बनाने के लिए बनाया गया पृष्ठ है। दिनेश जी को अस्थायी प्रबन्धक बनाया गया था। उस समय मयुर जी को सेवानिवृत होना पड़ा और उस समय हिन्दी विकिपीडिया पर कोई भी सक्रिय प्रबन्धक नहीं था अतः 20 मार्च 2012 को स्नोवोल्फ ने उन्हें अस्थायी प्रबन्धक बनाया था। वर्तमान प्रबन्धकों की सूची आप यहाँ देख सकते हो। आप चाहो तो उस सूची को अद्यतन कर सकते हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 21:17, 25 जून 2014 (UTC)
- पूर्ण हुआ मेटा पर बदल चुका हूँ। --मुज़म्मिल (वार्ता) 09:30, 26 जून 2014 (UTC)
पुनरीक्षक पद हेतु नामाँकन
@Sushilmishra: जी का नामाँकन पुनरीक्षक पद हेतु किया गया है। कृपया विकिपीडिया:पुनरीक्षक पद हेतु निवेदन पृष्ठ पर अपना मत व्यक्त करें। अन्य सदस्यों से भी अनुरोध है कि रखरखाव के पदों हेतु अपना नामाँकन करने के लिए आगे आएँ। --☎मनोज खुराना वार्ता 06:28, 26 जून 2014 (UTC)
प्लेट के लिये "तख्ता" शब्द के प्रयोग के संबंध में
भूविज्ञान और भूगोल में प्रचलित प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत और इससे जुड़े प्लेट शब्द के लिये एक चर्चा इस पृष्ठ के वार्ता पन्ने पर शुरू हुई है। सदस्य यहाँ अपनी राय दें! धन्यवाद! -- सत्यम् मिश्र (वार्ता) 08:07, 27 जून 2014 (UTC)
संजीव कुमार जी के लिए सूचनाएं
संजीव जी, rajasthan University Library, JLN Marg
Radhakrishnan Library, Ahed of Jawahar Kala Kendra JLN Marg
Jawahar Kala Kendra Library JLN Marg
Pothikhana Library, City Palace, jaipur City Area
maharaja public library (Government Library), Chaura Rasta, jaipur City Area
संजीव कुमारजी, आपके संतोष और इत्मीनान के लिए आपको पुस्तकों के सम्बद्ध पृष्ठों और आवरण की तस्वीरें खींच कर आपको भेज दूं तो चलेगा?Hemant Shesh 5:02 pm, आज (UTC+5.5)
राजकीय महाराजा सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय, जयपुर परिचय
जयपुर शहर का पहला पुस्तकालय आमेर में महाराजा मानसिंह द्वारा सन् 1652में स्थापित किया गया। इस पुस्तकालय में महाराजा सवाई जयसिंह ने 1704 में 76 ग्रन्थ, 1711 में 420 ग्रन्थ व सन् 1716 में 336 ग्रन्थों की वृद्धि की तथा इसे आमेर से नई राजधानी जयपुर के जलेब चौक में स्थापित किया। महाराजा सवाई जयसिंह ने 1866 में इसे अपने निजी ग्रन्थालय की सीमा से निकालकर सार्वजनिक उपयोग हेतु महाराजा सार्वजनिक ग्रन्थालय के नाम से स्थापित किया। वर्तमान में जिस भवन में यह पुस्तकालय चल रहा है, इसकी स्थापना 1886 में महाराजा माधोसिंह ने करवाकर इसे पूर्णतया सार्वजनिक रूप प्रदान किया। फ्रेंक अलेक्जेन्डर व हरजीवन धूरार जैसे विद्धान इसके ग्रंथपाल रहे एवं महिम चन्द सैन व प्रफुल्ल चंद चटर्जी जैसे विद्धानों ने इसे समृद्ध बनाया। जयपुर राज्य के प्रधानमंत्री सर मिर्जा इस्माइल के कार्यकाल में सन् 1944 में राजरत्न प्रतापराय मेहता जो जयपुर मैटल इण्डस्ट्रीज के पार्टनर थे, ने ग्रन्थालय विकास योजना के तहत जयपुर की प्रत्येक चौकड़ी में 12 नगर वाचनालयों व महाराजा सार्वजनिक पुस्तकालय में अलग से बालकक्ष की स्थापना की। वर्तमान में नगर वाचनालय डॉ॰ राधाकृष्णन् राज्य केन्द्रीय पुस्तकालय के अधीन संचालित हैं।
दुर्लभ एवं सन्दर्भ साहित्य
इस पुस्तकालय में लगभग तीस हजार सन्दर्भ ग्रन्थ, 108 दुर्लभ ग्रन्थ व 333 हस्तलिखित ग्रन्थ उपलब्ध हैं। इसमें अबुल फजल द्वारा उर्दू में अनूदित महाभारत उपलब्ध है। दो सौ वर्ष से अधिक पुरानी ‘भृगुसंहिता,’ एवं दुर्लभ पत्रिका ‘एशियन कार्पेट’ (1835) भी इस पुस्तकालय में उपलब्ध है। दुर्लभ संग्रहों में ‘गजट ऑफ इण्डिया’ की 1876 से 1986 तक की नियमित जिल्दसाजी है। इस पुस्तकालय के स्थापना वर्ष 1886 से निरन्तर प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, विदेशी क्रमिक प्रकाशनों की जिल्दसाजी यहाँ संधारित है। ‘नाइन्टीन्थ सेंचुरी एण्ड आफ्टर’ , ‘रॉयल एशियाटिक सोसायटी’ व ‘सरस्वती पत्रिका’ के प्रथम अंक से लेकर 1986 तक नियमित अंक उपलब्ध हैं। 1860 ई. से भारत व अन्य देशों के दैनिक व साप्ताहिक पत्रों को भी यहाँ देखा जा सकता है। इसमें मुख्यत: पॉयनियर, स्टे्टसमैन, द लीडर, द टाईम्स ऑॅफ इण्डिया, द हिन्दू, द पेट्रियट व लन्दन से प्रकाशित द टाईम्स वीकली, लन्दन न्यूज एवं द ग्राफिक शामिल हैं।
उपरिलिखित पत्र-पत्रिकाओं में से कई पत्र-पत्रिकाएँ राष्ट्रीय पुस्तकालय कोलकाता में भी नहीं हैं। महाराजा मण्डल पुस्तकालय का सौभाग्य है कि इन सन्दर्भ पत्र-पत्रिकाओं के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालय कोलकाता द्वारा समय-समय पर अपने शोध छात्रों को यहाँ भेजा जाता है। एक उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि इस पुस्तकालय का सूची पत्र वर्ष 1930 में ही मुद्रित हो गया था। यह सूची पत्र लंदन के केम्ब्रिज व ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों में आज भी उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त यहाँ राजपत्रों का उनके प्रारम्भिक प्रकाशन वर्ष से निरन्तर दुर्लभ संग्रह है। जिसकी सेवा लेने के लिए जयपुर व राजस्थान के बाहर से भी पाठक आते हैं।
पुस्तक संग्रह
पुस्तकालय में लगभग 123000 पुस्तकों का संग्रह है।
वर्गीकरण
पुस्तकालय में पुस्तकों का वर्गीकरण DDC Ed 19 th द्वारा किया जाता है। पुस्तकालय में विभाग द्वारा उपलब्ध करवाये गये र्इ-पुस्तकालय साफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है।
डिजिटाइजेशन
पुस्तकालय की दुर्लभ पुस्तकों का डिजिटाइजेशन किया हुआ है।
पुस्तकालय का कार्य समय
अप्रेल से मार्च - 11.00 से 7.00 बजे तक मंगलवार का साप्ताहिक अवकाश रहता है। पुस्तकालय में वाचनालय सेवा प्रात: 7.00 बजे से पुस्तकालय बन्द होने तक दी जाती है।
डॉ॰ राधाकृष्णन् राज्य केन्द्रीय पुस्तकालय, गांधी नगर, जयपुर
परिचय
डॉ॰ राधाकृष्णन राज्य केन्द्रीय पुस्तकालय की स्थापना 15 अगस्त 1956 को हुई। वर्ष 1990 में इसे महाराजा सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय, चौड़ा रास्ता, जयपुर से वर्तमान भवन सौम्य मार्ग, जवाहर लाल नेहरू मार्ग गांधी नगर, जयपुर में स्थानान्तरित किया गया। पूर्व में यह पुस्तकालय एक सन्दर्भ पुस्तकालय के रूप में कार्य कर रहा था, परन्तु वर्ष 1996 से इसमें पुस्तक आदान-प्रदान सेवा प्रारम्भ कर दी गई तथा बाल कक्ष भी स्थापित किया गया।
पाठ्य सामग्री
पुस्तकालय में धर्म-दर्शन, समाज विज्ञान, मानविकी विज्ञान, प्रबन्धन, सूचना प्रौद्योगिकी, कानून, साहित्य, इतिहास एवं जीवनियाँ आदि का हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत व उर्दू भाषाओं की पुस्तकों का संग्रह है। पुस्तकालय में कुल 91385 पुस्तकों का भण्डार उपयोग हेतु उपलब्ध है।
सन्दर्भ कक्ष
विश्वकोश, शब्दकोश, तकनीकी शब्दावली, गजेटियर्स, वार्षिकी, निर्देशिका, चित्रावली, विभिन्न विभागों के प्रतिवेदन एवं सी.डी. आदि भी उपलब्ध हैं।
वाचनालय
विशाल वातानुकूलित वाचनालय कक्ष में हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में दैनिक समाचार पत्र तथा साप्ताहिक, पाक्षिक, द्विमासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक आवृति की कुल 113 प्रमुख पत्रिकाएँ तथा हिन्दी व अंग्रेजी भाषा के कुल 24 प्रमुख राष्ट्रीय एवं स्थानीय समाचार पत्रों के अध्ययन की सुविधा प्रदान की जाती है।
बालकक्ष
बाल साहित्य का उपयोग 5 से 14 वर्ष की आयु के बालक/बालिकाओं द्वारा किया जाता है। बालकक्ष पूर्णतया वातानुकूलित है जिसमें बच्चों हेतु हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा की सभी विधाओं में 16281 पुस्तकें उपलब्ध हैं। बाल कक्ष में अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय व स्थानीय स्तर के प्रमुख प्रकाशनों के बाल साहित्य का पर्याप्त संग्रह है।
बाल उद्यान
बच्चों के शारीरिक विकास हेतु झूले, फिसल पट्टी, गोल चक्कर आदि विभिन्न तरह के खेलों की सुविधा बाल खेल मैदान में उपलब्ध है।
पुस्तकालय व्यवस्थापन
पुस्तकों का वर्गीकरण DDC Ed 19 th प्रणाली से किया हुआ है तथा सूचीकरण सी.सी.सी. (Classified Catalogue Code) द्वारा किया जाता है।
कम्प्यूटरीकरण
पुस्तकालय में राजकॉम्प के माध्यम से तैयार e-library सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है तथा पुस्तकों की डाटा प्रविष्टि एवं पुरानी पुस्तकों का डाटा स्थानान्तरण का कार्य प्रगति पर है।
विशिष्टता
केन्द्रीय पुस्तकालय में वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ, महिला प्रकोष्ठ, सन्दर्भ कक्ष, शोध विद्यार्थियों हेतु सशुल्क वातानुकूलित 8 केबिन, फोटो कॉपी सुविधा, पुराने समाचार पत्रों का संग्रहण सुविधा उपलब्ध है। पुस्तकालय में सेमिनार और बैठकों हेतु सशुल्क वातानुकूलित सभा कक्ष भी उपलब्ध है।
पुस्तकालय समय
अप्रेल से मार्च - प्रातः 7.30 बजे से सायं 6.30 बजे तक। राजकीय अवकाश के दिवसों में भी पुस्तकालय की सेवा प्रदान की जाती है। रविवार का साप्ताहिक अवकाश रहता है।
Jawahar Kala Kendra JLN Marg http://jawaharkalakendra.rajasthan.gov.in/documentation.htm
rajasthan University Library, JLN Marg http://www.curaj.ac.in/Default.aspx?PageId=90
- @Hemant Shesh: आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने नीचे कड़ियों में मुझे थोड़ा भ्रमित कर दिया है। आपने राजस्थान विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी के बारे में लिखा है बल्कि कड़ी राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय की दी है। यदि आपने जे॰एल॰एन॰ मार्ग स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी की बात की है तो यह कार्य मैं अगले सप्ताह ही कर लुंगा क्योंकि अगले सप्ताह ही मैं वहाँ जा रहा हूँ। यदि आपने राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सम्बंध में यह सन्देश लिखा है तो मुझे थोड़ा (शायद कुछ माह) का समय लगेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:13, 29 जून 2014 (UTC)
PLEASE CLICK THIS LINK : SANJIV JEE : http://en.wikipedia.org/wiki/University_of_Rajasthan_Library
- जी, धन्यवाद। यह राजस्थान विश्वविद्यालय के प्रवेशद्वार पर बायीं ओर (दायीं ओर सरदार पटेल भवन है और बायीं ओर यह पुस्तकालय) स्थित है। इसे सेंट्रल लाइब्रेरी के नाम से जाना जाता है। मैं इसी सप्ताहान्त तक वहाँ जा रहा हूँ और पुस्तक खोजने का प्रयास करुंगा। आगे की बातें बाद में करेंगे।☆★संजीव कुमार (✉✉) 15:33, 30 जून 2014 (UTC)
यह स्वागत योग्य है कि इस विकिपीडिया पर संस्कृत भारती पर एक लेख मौजूद है और उसमें इस संस्था के विभिन्न योगदानों को जाँचा गया है। कुछ समय पूर्व मैंने इस संस्था के संस्कृत विकिपीडिया के प्रचार पर लिखा था। जानकारी प्राप्त करने के लिए मैंने सदस्य:Shubha से Questionnaire के माध्यम से जानकारी प्राप्त की और उसे विकिमीडिया फ़ाउन्डेशन के लिए एक लेख का रूप दिया। मैं सदस्यों से निवेदन करूंगा कि यदि उचित समझें तो मेरी लिखी बातों की जानकारी लेख में शामिल करें। मैंने इस समय केवल एक कड़ी को बाह्यासूत्र में जोड़ रखा है। --मुज़म्मिल (वार्ता) 08:33, 30 जून 2014 (UTC)
नितीश कुमार
ध्यान दें, नितीश कुमार के बारे में एक नई चर्चा शुरू हुई है। कृपया अपनी राय देने के लिए वार्ता:नितीश कुमार पर जाएँ। |
☆★संजीव कुमार (✉✉) 08:47, 30 जून 2014 (UTC)
हहेच चर्चा में सुशील जी की टिप्पणी
आज सुशील मिश्र नामक एक सम्पादक ने वर्तमान हहेच नामांकनों में एक ही टिप्पणी किसी स्वचालित मशीन की तरह कॉपी की है।
- सुशील जी की टिप्पणी: :{{सही}} तो {{ping|संजीव कुमार}} कब हतने का इरादा है। [[सदस्य:Sushilmishra|Sushilmishra]] ([[सदस्य वार्ता:Sushilmishra|वार्ता]]) 00:30, 1 जुलाई 2014 (UTC)
इस टिप्पणी का क्या अर्थ है मुझे समझ में नहीं आता। यदि किसी सदस्य को इसका अर्थ समझ में आता है तो मुझे भी समझा दे। अन्यथा मैं यह प्रस्ताव रखता हूँ कि उनकी इस टिप्पणी को आधारहीन मानकर निरस्त कर दिया जाये। कृपया अपना मत दें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 01:09, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: mate i have already answered you about it that when will the action be taken because i find some pages being nominated since dec 2013 and 1 i found to be nominated for more than a year......I am questing you when will the action be taken either you remove the tag from those pages or you delete it because its too long now............(and i agree spelling is wrong noticed it now it should be हटाने but you should understand it easily as you have claimed earlier you can understand it even with some errors but since you have now dragged it in public so i am ready for pathetics to attack me and your co-admin to threaten me).............Sushilmishra (वार्ता) 01:24, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: mate you forgot to add this message :{{सही}} तो {{ping|संजीव कुमार}} इसका कया करने का इरादा है। [[सदस्य:Sushilmishra|Sushilmishra]] ([[सदस्य वार्ता:Sushilmishra|वार्ता]]) 01:12, 1 जुलाई 2014 (UTC), this message was added to pages where there is a dilly dally over decision and other line was added to pages where there is a clear response.....I think if you want to go public then you should give full information....और हाँ, यह हिन्दी में लिखा गया था, न की अंग्रेजी में, तो समस्या क्या है।....very lame sanjeev very lame (waiting for pathetics to unleash their personal abuses/one of your co-admin to threaten)..........Sushilmishra (वार्ता) 02:20, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra:-मिश्रा जी, आपकी बातें तर्कयुक्त होती हैं लेकिन जब आप लोगों के साथ personal हो जाते हो तो दिक्कत होती है। very lame sanjeev very lame लिखने का क्या मतलब है और क्या ज़रूरत है? याद रखें कि हर कोई यहाँ पर एक वॉलण्टियर है, और हर इंसानी कमजोरी से भरपूर है, कोई भी भगवान नहीं है। इस तरह के वाक्य लिखने के बाद यदि आप सोचते हो कि कोई आपके logics को देखेगा तो आप गलत हो। मैंने हर बार आपका बचाव किया है क्योंकि आपके बातें तर्कयुक्त होती हैं, विकिपीडिया के नियमों के अनुसार होती हैं। आप मजाक भी अच्छा कर लेते हैं, लेकिन कई लोगों को यह मजाक अच्छा नहीं भी लग सकता है, यह बात भी ध्यान में रखें। लेकिन यदि आपको व्यक्तिगत कमेंट करने हैं तो मैं क्षमा चाहता हूँ कि मैं आपके साथ खड़ा नहीं हो सकता। यदि आप ये कमेंट वापिस लें तो लेख पर और आपके विचारों पर चर्चा में मैं भी भाग ले सकता हूँ। ध्यान दें कि आपके तर्कों से मैं सहमत हूँ और इसी कारण से आपको पुनरीक्षक बनाने का प्रस्ताव भी रख चुका हूँ। एक बार फिर आपसे प्रार्थना है कि किसी के साथ पर्सनल ना हों, खासकर कि विवाद में- मज़ाक में चाहे जो करें। --☎मनोज खुराना वार्ता 04:09, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: khurana saheb I know it very well that I will never object on your comment because you talk sense, I am saying that sanjeev is talk vague but point is me and sanjeev were involved in a discussion about what is correct and what is not he asked me repeatedly to show me incidents were there is violation of Wikipedia policy which I did many times and yesterday after a talk about same I once again presented him two cases of policy violation which for reasons unknown he is ignoring repeatedly and later he came up with this.....1st he questioned me about it on my page which I answered him but he went public with it again for reasons unknown......I have questioned him many times by he is ignoring policy violators for which he never answered me and later he said you provide me proof which again I did and later he said he cant give time for it.....I mean repeatedly he came up with an excuse....ok once or twice you can understand it but again and again same thing its irritating mate.......for more details on discussion between me and sanjeev you can refer to my talk page (and yes its a bit length but comment only after reading it full)........Sushilmishra (वार्ता) 07:14, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशीलमिश्रा जी को 'हिन्दी विकिपीडिया' और उसकी सीमाओं की समझ कितनी है, यह अब सबको पता चल गया होगा। अब यह भी सभी जान गये होंगे कि उनके सम्पादनों को 'सृजनात्मक' और सकारात्मक माना जाय या 'विध्वंसात्मक' व नकारात्मक। मेरा अपना विचार है कि उन्हें केवल 'नये लेख' निर्माण करने की छूट देते हुए अन्य किसी भी प्रकार का सम्पादन करने पर निषेध लगा दिया जाय।
- मैं भी एक ताजा उदाहरण देना चाहता हूँ। 'लघु प्रवर्धक' लेख देखें और उनके द्वारा लगाये गये टैग देखें। यहाँ यदि कुछ टैग ही लगाना था तो यह लगाते कि 'इस लेख का कुछ भाग अंग्रेजी में है'। इससे भी अच्छा होता कि वे दो-चार वाक्य अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद कर देते। यह अत्यन्त सृजनात्मक कार्य होता। किन्तु उनमें न यह क्षमता है और न ही इच्छा। अब वहाँ लगे 'उद्धरण चाहिये' के टैग देखें। मुझे नहीं लगता कि ऐसी चीजों के लिये कोई समझदार व्यक्ति 'उद्धरण' मांगेगा। उद्धरण किसी 'असाधारण' और 'उटपटांग' लगने वाली बात पर माँगा जाना चाहिये, यह मेरी समझ है। ---- अनुनाद सिंहवार्ता 07:28, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशीलमिश्रा जी को 'हिन्दी विकिपीडिया' और उसकी सीमाओं की समझ कितनी है, यह अब सबको पता चल गया होगा। अब यह भी सभी जान गये होंगे कि उनके सम्पादनों को 'सृजनात्मक' और सकारात्मक माना जाय या 'विध्वंसात्मक' व नकारात्मक। मेरा अपना विचार है कि उन्हें केवल 'नये लेख' निर्माण करने की छूट देते हुए अन्य किसी भी प्रकार का सम्पादन करने पर निषेध लगा दिया जाय।
- @अनुनाद सिंह: aa bhai anunad teri samaj kitni hai mai dekh chuka hu jab tune rugby union ko rugby sangh karne koshish ki thi samjha na toh tere thoughts tere pass rakh aur jis page tu baat kara hai na woh seeda seeda tune english wikipedia se copy paste kiya hai jo ki wikipedia ki copyright violation ki policy ko todta hai aur tera kisi bhi page mai kahi bhi ek bhi na toh reference na he citation hai toh isliye tu iss dicussion se dur raha toh aacha hai kyu tu jab bhi mu kholta hai bakwas he karta hai......zada agar teri mai suna toh mujhe virat kholi ki bhasa mai baat karna bhi aata hai kahi mai woh na use kar baithu toh bas tu dur reh page banana aata nahi aajate thoughts dene.......Sushilmishra (वार्ता) 07:35, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: aur ek aur yaad rakh baat ki jab bhi kisi maths ka formula ya physics ka theorem dete hai toh uska proof hona padta hai bina proof ke toh einstein aur newton ke theory bhi raadi hai......toh agli bari se references/citations dena maat bhul (deekh te ab kitne fake ids mujhe par attack karte hai aur jab fake ke leader le start kar diya hai toh).........Sushilmishra (वार्ता) 07:39, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार::@Manojkhurana::@Manojkhurana: नेपाल के मल्ल राजाओं की सूची ek aur example sanjeev saab aap ke liye direct copy paste hai yeh......itna utna nahi iske naam bhi abhi tak english mai he hai.....ab kaha hai aap ki policy kaha hai aap..........Sushilmishra (वार्ता) 07:45, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra और अनुनाद सिंह: - दोनों से मेरा हाथ जोड़ कर निवेदन है कि कृपया व्यक्तिगत ना हों। आप दोनों के सवालों के जवाब मैं दे सकता हूँ क्योंकि दोनों की ही अच्छाईयाँ और बुराईयाँ मैं नोट करता रहता हूँ। लेकिन ये सिर्फ तभी हो सकता है जबकि बात व्यक्तिगत ना होकर मुद्दों पर हो। मेरी छटी इंद्री मुझे बता रही है कि इस बार ये मामला बहुत आगे बढ़ने वाला है और विकि का बहुत नुकसान होने वाला है। मेरी आप दोनों से प्रार्थना है कि मुझे गलत साबित करें। यदि आप दोनों शांतिपूर्वक बातचीत करने को तैयार हों तो कृपया इस अनुभाग में अगले दो दिन तक आप में से कोई भी कमेंट ना करे। ४ जुलाई को हम इस बारे में आगे बात करेंगे। --☎मनोज खुराना वार्ता 07:57, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार::@Manojkhurana: sanjeev bhai khurana saab ne seeda seeda bol diya hai yaha pe ki unhone mujhe nominate kiya reviewer ke liye toh aap unse pucho ki akir kyu kiya mujhe aap mere se mat pucho iss baat ke baremai.........aur khurana saheb kyu nominate kiya apne mujhe?? mai kabhi hindi mai talk page pe matter post nahi karta hu(as if jo hindi mai talk page mai matter post karte hai woh bade turumchi hai ek reference nahi de sakte woh log aur 20000 bytes ka matter likhte hai)...........aur lo topic phir yaha divert hota lagra hai mujhe........haad hai yaar kisi bhi cheez ki......aur khurana saheb maine pahele kaha hai ki aap is bare mai mere aur sanjeev ki baat cheet dekh bagaer nahi bolege jo ki mere talk page pe peechley 5 din se ho rahi hai.......Sushilmishra (वार्ता) 08:01, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra:- सुशील जी आप बहुत सेंटिमेंटल इंसान हैं, इसीलिए मेरी प्रार्थना है कि दो दिन तक इस मामले को विराम दें। जब सभी लोग शाँत हो जाएँ तभी बात आगे बढ़ाने का फायदा है। मैं वादा करता हूँ कि जितना संभव होगा आपके प्रश्नों का जवाब दूँगा। और इस बार यह चर्चा हम लोग चौपाल पर ही करेंगे ताकि बाकी प्रबुद्ध सदस्यों के अनुभव और विचारों का लाभ मिल सके। लेकिन दो दिन बाद। तब तक Happy World Cup !!! Ole Ole Ole !!!--☎मनोज खुराना वार्ता 08:21, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: kya ole ole ustad mera toh bahut lose hogaya.....waise lagta hai abhi aap sanjeev saab ke talk page par he hai woh hogaya toh mere talk page par hui baat bhi dekhlo.......btw hoping for germany v argentina in finals hahaha........Sushilmishra (वार्ता) 08:53, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra और संजीव कुमार: - ऊपर एक प्रश्न पूछा गया था जिसका जवाब देने का समय आ गया लगता है- sanjeev bhai khurana saab ne seeda seeda bol diya hai yaha pe ki unhone mujhe nominate kiya reviewer ke liye toh aap unse pucho ki akir kyu kiya mujhe aap mere se mat pucho iss baat ke baremai.........aur khurana saheb kyu nominate kiya apne mujhe?? --- मिश्रा जी आपकी बातों से स्पष्ट है कि आप विकिपीडिया के नियमों की अच्छी समझ रखते हैं और मेरे विचार से आपको प्रबंधक के लिए नामांकित करना चाहिए। लेकिन दो कारण से मैंने एसा नहीं किया - एक- अभी हिंदी विकि कच्चा है, जितनी सख्ती आप करना चाहते हो उससे ये टूट जाएगा अतः क्वालिटी को थोड़ा पोस्टपोन करके पहले क्वांटिटी पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन जैसा कि मैंने नीचे आज की टिप्पणी में लिखा है जब आप नहीं मान रहे तो मैं भी आप की तरफ आ गया कि काल करे सो आज कर। चैलेंज है पर कोई बात नहीं। शायद हिंदी विकि की तकदीर को यही मंजूर है। इसलिए आपको विशिष्ट सदस्य के लिए नामाँकित करने का मन बनाया। दूसरा कारण कि मैंने आपको reviewer के लिए क्यों किया, प्रबंधक के लिए क्यों नहीं- उसका सिर्फ एक कारण है कि आप उत्तेजित बहुत जल्दी हो जाते हैं और बातों को व्यक्तिगत स्तर पर ले जाते हैं। आप इस बात को स्वीकार नहीं कर पाते हैं कि गलतियों के बावजूद भी कोई सम्मान का हकदार हो सकता है, हम लोग गलतियों के साथ भी exist कर सकते हैं - संक्षेप में - लचीलापन ना होना, I'm sorry to be blunt but you're not flexible, mate! Otherwise, I'll be the first person to nominate you for Manager, not just reviewer.--☎मनोज खुराना वार्ता 04:55, 2 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: kya mazak hai maine kab kaha ki mujhe admin bano ya phir reviewer banao.....agar maine kabhi aisa kaha hai toh i demand proof.....aap log aap ki marzi ke mujhe nominate karinge aur kuch bhi bolege toh i ll not accept.....ek aur baat 1 bar galti insan se hoti do bar galti bacho se hoti par bar bar galti ko galti nahi adat bolte hai......Sushilmishra (वार्ता) 07:45, 2 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra:- maine kab bola ki aapne bola. mai bola ki ye mera opinion hai that you deserve to be an admin. I say this seeing your quality conciousness. but seeing your approach in handling human emotions, i feel restricted to nominate you for this. Please keep up the good work on spreading quality conciousness. I advise we should start translating en-wiki policies here. We don't have many of them here in hindi. --☎मनोज खुराना वार्ता 07:52, 2 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: bhai saab maine abhi tak football related work he pura nahi kar pa ra hu......yeh tag lagane ka kaam toh mai poor quality dekh kar kara hu......kyu ki 100000 se zada page hone ke baad bhi agar quality pe hum dhyan nahi dege toh kab aap bolo.....Sushilmishra (वार्ता) 08:38, 2 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana और अनुनाद सिंह:: मुझे समझ में नहीं आ रहा कि आपने इस चर्चा को किस ओर मोड़ दिया है? मेरी चर्चा का विषय न ही तो सुशील जी को परीक्षक के लिए नामांकन था और न ही उनके सम्पादनों की समीक्षा करने का। मेरा मुख्य मुदा नये अनुभाग में पुनः आरम्भ कर रहा हूँ क्योंकि यह अनुभाग बहुत बड़ा हो गया है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 13:43, 2 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: - संजीव जी आपकी चर्चा को कहीं मोड़ा नहीं गया है- संक्षेप में इस वार्तालाप का निचोड़ ये है कि सुशील जी कहना चाहते हैं कि प्रबंधकगण क्वालिटी पर काबू रखने का कार्य नहीं कर पा रहे हैं, मैंने उन्हें सुझाव दिया है कि ये काम वे स्वयं कर लें जिसके लिए पर्याप्त अधिकारों के लिए उनका नामाँकन करने के लिए मैं तैयार हूँ बशर्ते कि वे अपने तौर तरीकों में थोड़ा बदलाव लाएँ और संयम से काम लें। --☎मनोज खुराना वार्ता 05:39, 3 जुलाई 2014 (UTC)
हहेच चर्चा में सुशील जी की टिप्पणी पर आगे चर्चा
हहेच चर्चा में सुशील जी की टिप्पणी
सुशील जी ने एक साथ लगभग ३५ पृष्ठों पर "{{सही}} तो {{ping|संजीव कुमार}} कब हतने का इरादा है।~~~~" नामक टिप्पणी दी। मेरे यहाँ सन्देश लिखे जाने के बाद उन्होंने टिप्पणी में सुधार करते हुये इसे "{{सही}} तो {{ping|संजीव कुमार}} कब हटाने का इरादा है।~~~~" में बदल दिया। यह समय ऐसे समय किया जब यूरोप में सामान्यतः लोग सोते हैं एशिया में सुबह का समय होता है। पूर्वी एशिया के कुछ भागों में लोग कार्यालय पहुँच जाते हैं अर्थात इंटरनेट से दूर होते हैं। अब ऐसी स्थिति में मेरे पास लगभग ४० अधिसूचनाएँ एक साथ आ गई। संयोगवश मैं उस रात सोया नहीं था और इन अधिसूचनाओं को उसी समय ध्यान दिये बिना सुशील जी को सूचित किया। अब समस्या यह है कि यदि आपके पास इस तरह की अर्थहीन अधिसूचनायें आती हैं तो कुछ काम की अधिसूचनायें भी खो जाती हैं। मैं अर्थहीन इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि सुशील जी का उद्देश्य केवल मुझे उत्तेजित करना था। चूँकि वो हर स्थान पर अंग्रेज़ी विकिपीडिया के नियमों का हवाला देते रहते हैं लेकिन मुझे यह किसी भी नियमावली में नहीं मिला जिसमें लिखा हो कि चर्चा में भाग लेने वाला प्रबन्धक ही निर्णय लेता है और यहाँ अधिकतर चर्चायें ऐसी थी जिनको आरम्भ ही मैंने किया था। इसके अतिरिक्त उनमें एक ऐसा पृष्ठ भी है जिसको मैंने बनाया था और मनोज जी के नामांकन के बाद मैं उस पृष्ठ को बचाने के लिए मेरी टिप्पणियाँ दी हैं और सुशील जी इसके लिए भी यही उत्तर दे रहे हैं।
इनसे भी महत्वपूर्ण सुशील जी द्वारा लिखा गया वाक्य सुधार के बाद दो अर्थ रखता है। उन्होंने पहले तो सही का चिह्न लगाया है जिसका सामान्यतः उपर के विषय के साथ समर्थन करना होता है। इस चिह्न के आगे हम अपना कारण लिखते हैं कि हम ऐसा क्यों चाहते हैं? लेकिन उन्होंने कारण में मुझ्हे पुछा है कि मैं ऐसा कब कर रहा हूँ? अब मैं अन्य सदस्यों के केवल ऐसा पुछना चाह रहा था कि क्या ऐसी किसी टिप्पणी को निर्णय लिए जाते समय कोई महत्व दिया जाना चाहिए? यदि मैं सुशील जी के ही शब्दों में कहूँ तो अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर ऐसी टिप्पणियाँ करने वालों को प्रतिबन्धित करने पर विचार किया जाता है लेकिन हम हिन्दी विकि पर ऐसा विचार करके एक नया बहस का मुद्दा नहीं बनाना चाहते। अतः कृपया अपनी टिप्पणी को मुद्दे से भटके बिना सीमित अक्षरों के साथ प्रस्तुत करें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:20, 2 जुलाई 2014 (UTC)
सवाई जयसिंह
उक्त लेख अभी शोचनीय स्थिति में है! इसे मैं पूरी तरह, नए सिरे से आदर्श लेख बनाने की हद तक अगर दुबारा दिखूं तो विकी के नियंत्रन्कर्ताओं को कोई आपत्ति तो नहीं? Hemant Shesh 9:56 am, आज (UTC+5.5)
- जी, आप बिल्कुल बिना किसी की अनुमति के सम्पादन कर सकते हो लेकिन अपने योगदान देने से पहले आपको स्वशिक्षा अनुभाग को अच्छे से पढ़ लेना चाहिए। यहाँ आपके पिछले वर्षों के सम्पादन के बाद नियमावली में थोड़े बदलाव हो चुके हैं अतः उन बदलावों को पढ़ने के बाद आप यह कार्य बहुत ही सुन्दर तरीके से और आसानी से कर पावोगे।☆★संजीव कुमार (✉✉) 07:49, 27 जून 2014 (UTC)
- @Hemant Shesh: जी, मैं आपका ध्यान इस ओर दिलाना चाहूँगा कि विकि के नियंत्रन्कर्ता और कोई नहीं आप स्वयं ही हैं। शुभेच्छा से योगदान देने के लिए यहाँ सभी स्वतंत्र हैं। अतः आपके प्रश्न में से इस शब्द को हटाने के पश्चात् उसका उत्तर एक प्रश्न से ही दिया जा सकता है- नेकी और पूछ-पूछ ? --☎मनोज खुराना वार्ता 10:54, 27 जून 2014 (UTC)
मनोज खुराना जी/ संजीव कुमार जी ..... अगर आप लोगों को समय हो तो अब सवाई जयसिंह का नया रूप देखिये - महनत बहुत हुई, एक प्रयास किया तो है, पर आपकी राय प्रतीक्षित!117.203.13.46 (वार्ता) 17:14, 11 जुलाई 2014 (UTC)
- @Hemant Shesh, संजीव कुमार, और Manojkhurana: how interesting that a new user with little or no help have recreated a lifeless page into a very nice 1 with multiple references, multiple inline citation and multiple external links.....great job hemant ji wonderful......on other hand we have some older users who think that adding references to pages created by them is insulting to them, i hope this example is slap in face of such users........hemant ji i hope you will keep doing such good work and recreated many older lifeless pages with multiple references and inline citations......happy editing.....Sushilmishra (वार्ता) 17:53, 11 जुलाई 2014 (UTC)
नए टैग की आवश्यकता
@Bill william compton, Shubhamkanodia, और Siddhartha Ghai: - कृपया एक नया टैग बनाकर ट्विंकल में जोड़ने का कष्ट करें। जिसका पाठ इस प्रकार हो - "यह लेख अंग्रेजी (या किसी अन्य भाषा) के विकिपीडिया लेख की कॉपी हो सकता है। इतिहास विलय करने की आवश्यकता है।" या ऐसा ही कुछ जो आप उचित समझें। यह समस्या कई सदस्यों के साथ आ सकती है कि वे जाने अंजाने अंग्रेजी के लेख कॉपी करके अनुवाद कर दें। एसा दुर्भावनावश नहीं किया जाता लेकिन नए सदस्यों को यही शॉर्टकट समझ आता है। हाल ही में क्राईस्ट परियोजना में भी एसे कई उदाहरण देखने को मिले थे। एसे में यदि कोई जानकार सदस्य ऐसा लेख पाए तो उसे टैग कर दे। एक छुपी हुई श्रेणी -"लेख जिनके इतिहास को विलय की आवश्यकता है"- इसमें लगाई जा सकती है, ताकि रखरखाव करते समय प्रबंधकगण आवश्यक कार्रवाई कर सकें। एक नया चेतावनी टैग भी बनाया जा सकता है जिसमें एसे सदस्यों को आयात सुविधा की जानकारी देते हुए आगे से कॉपी पेस्ट ना करने की सलाह दी जाए। --☎मनोज खुराना वार्ता 08:10, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- मनोज खुराना जी, कितनी सकारात्मक और सुविधाप्रद राय दी है आपने। अभी हाल में एक समाचार सुना था कि भारत में पॉवर प्लाण्ट लगाने के लिये उद्योगी को १७६० स्थानों से 'क्लियरेंस' लेनी पड़ती है। हिन्दी विकिपीडिया पर ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिये। हमें ऐसी व्यवस्था करनी चाहिये कि सम्पादकों को अनावश्यक झंझटों से दो-चार न होना पड़े। उदाहरण के लिये एक नवागन्तुक व्यक्ति (सम्पादक) कुछ सामग्री किसी लेख में डाल देता है जिसमें कोई शीर्षक/उपशीर्ष आदि नहीं हैं। ऐसे में दो काम सम्भव हैं- (१) उसमें 'विकिफाई' करने का टैग लगा देना, या (२) उसमें कुछ शीर्षक/उपशीर्षक डालकर उस नवागन्तुक को विकिपीडिया की 'फार्मटिंग' का आरम्भिक ज्ञान करा देना। हिन्दी की स्थिति और सम्पादकों की भारी कमी को देखते हुए दूसरा वाला रास्ता मुझे श्रेयस्कर लगता है।---- अनुनाद सिंहवार्ता 10:15, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- मनोज जी, आप इसका साँचा तैयार करो यदि उचित लगा तो इसे ट्विंकल में जोड़ दिया जायेगा। लेकिन इससे पहले मैं आपसे इस बारे में चर्चा करना चाहूँगा क्योंकि आजकल आप कुछ निर्णय एक घर की तरह लेने लग गये हो लेकिन आप यह नहीं समझ पा रहे हो कि विकिपीडिया हमारा घर नहीं बल्कि हमारा समुदाय है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:25, 2 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार:- साँचा बनाना मुझे नहीं आता इसी कारण से बिल, शुभम या सिद्धार्थ जी का आवाह्न किया है। रही बात फैसले लेने की, तो मैंने मात्र राय ही दी है, मुझे लगा कि अच्छी राय है तो शायद टोन थोड़ी अधिकारयुक्त हो गयी, क्षमाप्रार्थी हूँ। घर और समुदाय के बारे में आप कया कहना चाहते हैं कृपया थोड़ा विस्तार से मेरे वार्ता पृष्ठ पर समझाएँ। मित्रों को भाई की तरह समझने में, वसुधा को कुटुम्ब समझने में मेरे विचार से कुछ गलत नहीं है फिर भी आपकी टिप्पणी की प्रतीक्षा करूंगा और यदि मुझसे कोई गलती हुई है तो मैं अवश्य सुधार करना चाहूँगा। --☎मनोज खुराना वार्ता 05:54, 3 जुलाई 2014 (UTC)
- ठीक है मनोज जी। साँचा बनाना मुश्किल नहीं है। आप जो सामग्री साँचे के रूप में देखते हैं वो साँचा नामस्थान (सामान्य पृष्ठ की तरह एक पृष्ठ बनायें जिसका नाम लिखने से पहले "साँचा:" लिख दें।) से बनायें। आगे के सुधार हम मिलकर कर लेंगे।
- समुदाय और घर के मामले में मैं यह कह रहा था कि घर में फैसले निबटाना बहुत आसान होता है लेकिन समुदाय में एक-मत कायम करना बहुत मुश्किल होता है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 11:49, 6 जुलाई 2014 (UTC)
प्रबन्धन के पद के लिए नामांकन
@Manojkhurana: प्रबन्धन के पद के लिए मनोज खुराना को नामांकन किया गया है। सभी को मतदान करने के लिए अनुरोध किया जाता हैं। कृपया मतदान करने के लिए विकिपीडिया:प्रबन्धन अधिकार हेतु निवेदन पर जाएँ। Sushilmishra (वार्ता) 08:37, 1 जुलाई 2014 (UTC)
- fed up with shit here so here to screw now
- @Manojkhurana: kya hua khurana saab aap sab ko aage aane kahte ho toh aap kyu nahi aage arey.
- @संजीव कुमार: kya yeh machini anuvad hai? Kyu ispe vote nahi kya.....mere vote mai mere accept karne ke pahele toh sab ne vote kiya toh kya nazar kamzor hogayi kya.
- @अनुनाद सिंह:shayad hindi mai likha hai kya toh kaise nazar nahi gayi.....kya busy the kisi ko gali dene mai?
- @हिंदुस्थान वासी: meri hindi ki badi fikar thi aap ku toh kya toh hindi mai tha toh kyu nahi dikha yeh? Kyu nahi karwai ki ispe?
- @Hindustanilanguage: bhai saab yeh bhi kisi sockpuppet ne likha hai kya.....kyu chuka yeh aap se?
- aur sab mammu log ke liye kya yeh hindi mai nahi hai toh kyu aandho ki tara isse nahi dekha kissi ne
- sab ke sab ek jaise hai bas jhund mai attack karna atta ya nahi toh gum naam hokar.....par jab koi sahi baat bolta hai toh sab ek bakra dhund ne nikalte.....lakadbago ki tara....ha sab ke sab lakadbage.....Sushilmishra (वार्ता) 14:16, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- नामांकित सदस्य की स्वीकार्यता से पहले मैं मेरा समर्थन/विरोध/टिप्पणी नहीं देता। आपके नामांकन में भी मैंने ऐसा नहीं किया था। अतः आपका मुझे इस सम्बंध में कुछ भी कहना अर्थहीन है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:34, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: bakwas aur jhut... maine nomination 19:39, 26 जून 2014 (UTC) ko accept kya tha par aap ki tipani 07:33, 26 जून 2014 (UTC) ko ayi thi toh aap khule aam jhut bolre hai......pata nahi kyu...shayad kisi baat ka dar hai aap ko......Sushilmishra (वार्ता) 14:40, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- ये टिप्पणी मैंने मनोज जी के लिए की थी और वह टिप्पणी मुझे वहाँ न करके मनोज जी के वार्ता पृष्ठ पर करनी चाहिए थी। चूँकि मनोज जी के सन्दर्भ में ऐसी कोई जानकारी मुझे आपसे लेने की आवश्यकता भी नहीं थी अतः मैंने आपको इस सम्बंध में कुछ नहीं कहा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:45, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: bhai saab aap ke bahane laate kahase ho....koi kitab hai kya aap ke pass ya dimag itna chalate ho......kyu ki mai istara ke bahane sonchta hu par koi sunchte nahi....Sushilmishra (वार्ता) 15:17, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra:- मैं खुद आगे इसलिए नहीं आ रहा क्योंकि मुझे अपने पर पूरा यकीन नहीं है, मैं सारी नीतियाँ नहीं जानता, मैं स्वयं भी कभी कभी नीतियों का पालन नहीं करता। मेरे कई पेजों पर काम जारी का साँचा पिछले कई महीनों से लगा पड़ा है, मेरे भी कई पेजों पर सन्दर्भ नहीं है, क्या आप जानते हैं में कई समीक्षाएँ मैं पूरी नहीं कर पाया, जिस तरह व्यक्तिगत हमलों के बावजूद आपका बचाव कर रहा हूँ, सन्दर्भहीन होने के बावजूद अनुनाद का भी बचाव करता हूँ। और जिस तरह से इस बार आप संजीव जी की क्लास लेने पर उतर गए हैं, मैं तो क्या कोई भी प्रबंधक नहीं बनना चाहेगा। मैं प्राईवेट सैक्टर में काम करता हूँ, पहले ही २४ घंटे अपनी परफॉरमेंस पर जवाब देने की टैंशन में रहता हूँ। विकिपीडिया पर अपना शौक पूरा करने आता हूँ, इसे ड्यूटी बनाने की मेरी इच्छा नहीं है। हिंदी विकि पर प्रबंधकों की कमी देखते हुए मैं अधिक से अधिक सदस्यों (मेरा बस चले तो सभी स्वतः परीक्षित सदस्यों) को प्रबंधक बनाने के पक्ष में हूँ उस लिहाज से मुझे खुद भी प्रबंधक बनने में कोई एतराज़ नहीं है, जो तर्क मैं सभी के लिए देता हूँ कि कोई एक अच्छा काम भी कर दे तो स्वागत है, तो सौ बुरे काम माफ हैं। इस हिसाब से देखें तो यदि मैं एक दिन भी प्रबंधक के तौर पर अच्छा काम कर पाया और १०० दिन असफल रहा तो भी अच्छा है। लेकिन यहाँ जिस तरह का माहौल है मेरा यह तर्क हर बार यहाँ असफल ही हुआ है, यहाँ पर लोग परफेक्शनिस्ट हैं और चाहते हैं कि सभी परफैक्ट हों जो कि मैं नहीं हूँ। दिनेश डागर जी का नामाँकन भी इसी कारन असफल हुआ था और उसके बाद से मेरा अपना कभी दिल ही नहीं किया कि मैं प्रबंधक बनूँ। बहुत बार मैं विकि को छोड़ने का भी मन बना चुका हूँ, क्योंकि इसके लिए मुझे प्रोफेशनल व व्यक्तिगत स्तर पर बहुत गालियाँ सुननी पड़ती हैं। क्या पता किस दिन छोड़ दूँ। आज की बहस के बाद भी मेरा मन खट्टा हो रहा है पता नहीं कल क्या हो। शायद दिनेश जी की तरह मैं भी बहसों में आना छोड़ दूँ, शायद नहीं। शायद मैं विकि छोड़ दूँ, शायद नहीं। ऐसी स्थिति में मैं क्या अपने आपको आगे कर सकता हूँ, शायद नहीं। मेरी इन सब कमियों के बावजूद अगर लोग मेरा समर्थन करते हैं, अगर वो यह बात स्वीकार कर सकते हैं कि मैं १०० में से एक दिन काम करूँगा, अपनी आजादी से, अपनी सुविधानुसार काम करूँगा, कर पाया तो करूँगा, नहीं कर पाया तो संजीव जी की तरह शायद मेरे टैग लगाए पेज भी सालों तक पड़े रहें। इन सब बातों के बावजूद यदि आप मेरा नामाँकन जारी रखना चाहेंगे और इसके बावजूद यदि लोग मेरा समर्थन करना चाहेंगे तो मुझे भी आगे आने में कोई आपत्ति नहीं है। आपने नामाँकन किया, इसके लिए हार्दिक धन्यवाद।--☎मनोज खुराना वार्ता 15:49, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: khurana sab mai toh saal bhar se irriated hu hindi wikipedia se par jo kaam shuru kiya hai usse khatam karna yehi ek mission hai....aap he dekh sakte hai yaha pe ki maine jaise pahele kaha tha ki agar iss user ko aap kuch bologe na toh bas aap pe personal attack start hoga....aur wohi hua iske baad bhi sanjeev saab nazar andaz karey iss baat ku toh inki efficency ki toh daat deni chahiye.....mazak bana rakha hai hindi wikipedia ko in sab ne.....Sushilmishra (वार्ता) 16:09, 6 जुलाई 2014 (UTC)
सुशील जी द्वारा लेखों की टैगिंग
आज सुशील जी ने कई लेखों पर गुणवत्ता से संबंधित टैगिंग की है। इससे पहले की कोई इस बात को व्यक्तिगत सम्मान का प्रश्न बनाए मैं सबसे अपील करता हूँ कि धैर्य बनाए रखें। मेरे हिसाब से यह हिंदी विकि की परीक्षा की घड़ी है जो मेरे अनुमान से पहले ही आ पहुँची है। आज नहीं तो कल इसे आना ही था। आज ही सही। आजतक मैं हिंदी विकिपीडिया पर क्वालिटी में ढील देने का पक्षधर रहा हूँ और कई चर्चाओं में इस पक्ष में तर्क दे चुका हूँ कि हिंदी विकि पर अभी अंग्रेजी विकि जितनी सदस्य संख्या नहीं है, अतः अंग्रेजी विकि जितने सख्त नियम यहाँ नहीं होने चाहिएं। कुछ समय बाद जब अच्छी सदस्य संख्या हो जाए तब क्वालिटी अभियान चलाया जाना चाहिए। लेकिन सुशील जी ने जब यह अभियान छेड़ ही दिया है तो मेरा आग्रह है कि इसे व्यक्तिगत दुर्भावना नहीं अपितु विकिहित की सद्भावना के रूप में देखा जाना चाहिए। @Sushilmishra:-कई लेखों में (एक उदाहरण-अंतर्वेधन श्रेणी) में आपने बिना इतिहास को देखे टैग लगाया है। कृपया टैग लगाने से पहले इतिहास देख लें, यदि अंगरेजी विकिपीडिया से कॉपी की गई आइटम के इतिहास में स्रोत का उल्लेख है तो मेरे विचार से टैग की आवश्यकता नहीं है। एसे टैग्स पर पुनर्विचार करें। --☎मनोज खुराना वार्ता 04:36, 2 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: khurana ek simple example aaj subha se chandigarh mai bahut barish hui.....drain systems ki bahut pines hai(quantity) par barish ke time koi kaam nahi kara kyu ki maintain sahi nahi hai(quality) toh ab bole ki aap subha jab ghar se nikalege aur road pe pani aur kichad hoga toh kaisa lagega aap ko aur aap kisse gali dege.......waise ek user hai amt000 jo edit war karey hai woh lagaye tag nikalre hai aur reference bhi nahi lagare.........Sushilmishra (वार्ता) 08:32, 2 जुलाई 2014 (UTC)
- मैंने Amt000 जी के सम्पादनों को पूर्ववत करते हुये सुशील जी द्वारा लगया टैग पुनः पृष्ठ पर लगा दिया है। सारांश में इसका कारण भी लिखा है कि यह टैग पृष्ठ निर्माता अथवा प्रबन्धक के अलावा अन्य सदस्य हटाने का अधिकार नहीं रखते। चूँकि मैं पृष्ठ का निर्माता हूँ अतः इस टैग को हटाने का अधिकार मेरे पास भी नहीं है तथा Amt000 जी प्रबन्धक नहीं हैं अतः उनका टैग हटाना विकि-नियमावली के अनुरूप नहीं है। इसके अतिरिक्त चर्चा पृष्ठ के वार्ता पन्ने पर मैंने आरम्भ कर दी है क्योंकि वह ही इसका सही स्थान है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 13:41, 2 जुलाई 2014 (UTC)
Sushilmishra: को हिंदी नहीं आती क्या जो हिंदी विकी पर सिर्फ इंग्लिश ही टाइप कर रहे हैAmt000 (वार्ता) 14:34, 2 जुलाई 2014 (UTC)
- @Amt000: सुशील जी को हिन्दी आती है लेकिन वो हिन्दी में लिखना अपना अपमान समझते हैं और उनकी धारणा है कि हिन्दी भाषी लोग अंग्रेज़ी से डरते हैं। वो यह भी मानते हैं कि हिन्दी भाषी लोग अंग्रेज़ी में लिखी नियमावली को ही समझ सकते हैं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 15:53, 3 जुलाई 2014 (UTC)
Amt000 agar aap ko computer operate karna aata hai toh english aati hai.....jom mudda hai uspe raho kyu ki agar aap bakwas karoge toh aap yeh proof karoge ki aap koi purane user hai jo sock puppet id bana kar operate kare hai......Sushilmishra (वार्ता) 01:52, 3 जुलाई 2014 (UTC)
- हिंदी विकिपीडिया में हिंग्लिश में चर्चा कर के सुशील जी बता रहे हैं कि वो हिंदी विकिपीडिया की "गुणवत्ता" के लिए कितने चिंतित हैं--पीयूष मौर्यावार्ता 16:10, 3 जुलाई 2014 (UTC)
- संजीव जी, पीयूष जी - यदि सुशील जी किसी लेख में ऐसा करें तो दिक्कत है लेकिन चर्चा में सुशील जी कोई भी लिपि इस्तेमाल करें, जब तक हम समझ पा रहे हैं, तब तक हमें इस बात पर ध्यान ना देकर मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। सभी में कमियाँ हो सकती हैं मैं सुशील जी को यही समझाने का प्रयास कर रहा हूँ लेकिन आप भी उन्हीं की तरह व्यक्तिगत कमियों पर आते जा रहे हो। कृपया सजग रहें, दूसरे की गलती स्वयं ना दोहराएँ। मुद्दे से ना भटकें एसी मेरी प्रार्थना है। --☎मनोज खुराना वार्ता 09:03, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: आपने एकदम सच बात कही है। वैसे चौपाल पर कई बार सदस्यों से (जिनमें हो सकता है कि कभी मैं भी) / प्रबंधकों से टाइपिंग या भाषा की गलतियाँ हुई हैं। हमने हर बार दिखाई दी गई गलती से कहीं ज़ियादा कही जा रही बात पर ही ध्यान दिया है। --मुज़म्मिल (वार्ता) 09:22, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- संजीव जी, पीयूष जी - यदि सुशील जी किसी लेख में ऐसा करें तो दिक्कत है लेकिन चर्चा में सुशील जी कोई भी लिपि इस्तेमाल करें, जब तक हम समझ पा रहे हैं, तब तक हमें इस बात पर ध्यान ना देकर मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। सभी में कमियाँ हो सकती हैं मैं सुशील जी को यही समझाने का प्रयास कर रहा हूँ लेकिन आप भी उन्हीं की तरह व्यक्तिगत कमियों पर आते जा रहे हो। कृपया सजग रहें, दूसरे की गलती स्वयं ना दोहराएँ। मुद्दे से ना भटकें एसी मेरी प्रार्थना है। --☎मनोज खुराना वार्ता 09:03, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: ji se yeh kahunga ki jis din mai kisi page mai english use karunga(jo ki kuch user karey hai) us din woh aapni chati peet peet kar ro sakte hai, abhi unse yeh kahunga ki jo topic hai uspe baat karo, agar kuch positive nahi bol sakte toh chup raho.......Sushilmishra (वार्ता) 10:56, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- मनोज जी, शायद सुशील जी की तरह मेरी मातृभाषा हिंग्लिश नहीं हैं इसलिए मुझे उनकी बात समझने में थोड़ी तकलीफ़ हो रही हैं, चार बार पढ़ना पड़ता हैं जब कुछ पल्ले पड़ता हैं। और ज़रा उनका बात करने का लहज़ा देखिए, सब से ऐसे चुप रहने को कह रहे हैं जैसे हमें तो यहाँ कुछ कहने का अधिकार ही नहीं हैं। नीचे उनके अनुदान जी को और अमित को दिए हुए जवाब देखिए और ये नियम पढ़िए। विकिपीडिया के पाँच सिद्धांत जो विकिपीडिया के स्तंभ हैं उनका बार-बार उल्लंघन हो रहा हैं। क्या इस विकि पर किसी को उनसे असहमत होने का अधिकार नहीं हैं?--पीयूष मौर्यावार्ता 11:25, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: rules ki itni fikar hai toh verification wala rule bhi pad lete aur dusro se kahete ki zara references aur citations aur in line citation de do taki rules aache se follow hojaye Waise hindi mai upar maine ek message diya tha toh kya aap ne usse dekha aur uspe karwai ki?? Rules ki baat karne walo pahele khud wiki ke BASIC rules follow karo fir mujhe bolo......Sushilmishra (वार्ता) 11:37, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana और Hindustanilanguage: देखो कई बार लिखे हुये का अर्थ समझने में गलती हो सकती है और हम उसे सकारात्मक दिशा में ही समझने का प्रयास करते हैं। लेकिन क्या आप मुझे मेरे द्वारा नीचे लिखे हहेच चर्चा में सुशील जी की टिप्पणी नामक अनुभाग की बात का कोई सकारात्मक पहलू दिखा सकते हो? क्या मैंने आजतक सुशील जी को उनके किसी प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास नहीं किया? क्या मैं कभी चर्चा से भागा हूँ? मैंने उनसे कई बार कहीं ऑनलाइन चैट करने का भी आग्रह किया। मैंने उन्हें यहाँ तक कहा था कि वो विश्व के किसी भी हिस्से में हों फोन करके बात कर लुंगा, उन्होंने उसे भी अस्वीकार कर दिया क्योंकि उनके क्षेत्र में केवल विकिपीडिया और आउटगोइंग वाले फोन चलते हैं। मैंने उनसे हर तरह का संवाद का बेहतर तरिका अपनाने का आग्रह किया। लेकिन उनका उत्तर केवल "हाहाहा" अथवा कुछ "गाली-गलोच करना" अथवा "नामकरण करना" आदि रहा। वो मुझे इस बात की दुहाई देते हैं कि मैं मेरे प्रबन्धक अधिकारों का उपयोग सकारात्मक तरीके से नहीं करता! तो क्या अन्य सदस्य ऐसा मानते हैं? यदि हाँ तो मुझे ऐसा कोई लोभ नहीं है। क्या मैंने कभी किसी विकि-नियमावली का जानबुझकर उल्लंघन किया है? लेकिन मैं उस समय बहुत आहत हुआ जब उन्हें सब उत्तर देने के बाद भी उन्होंने हहेच में अपनी बॉट टिप्पणियाँ दी। लेकिन क्या किसी ने भी उसपर अपना मत व्यक्त किया? क्या वो उनका व्यक्तिगत मुल्यांकन था? आखिर ये सब क्यों हो रहा है? मेरा इसमें दोष क्या है? कृपया मेरे प्रश्नों का भी उत्तर देने का प्रयास करो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:25, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: kiss baat ka jawab diya aap ne bolo mujge aaj aap.....aur ha aap bhagte hai jaise ki abhi aap neeche jawab deneke bajaye yaha hai...agar yehi messg aap neechay dete kya manoj ya muzamil ke talk page pe dete tog mai postive leta par aap bhage.....maine aap ko meri location boli hai ki mai kaha hu aur kis tara se operate karta hu phir bhi aap phone pe baat karna chahte toh i cant help it.....aur ha aap admin hai aur active tih hum log aapse sawal karinge ek nahi do nahi balki 100000 karinge, kyu ki jab aap admin bane toh aap ko sare rules pata the toh kyu yaha verification wale rule ka mazak banra hai.....kyu agar kisi naye user ko reference dene ko bolo toh woh hindi ki baat karta....kya woh andha hai jo usne tag mai hindi mai pada nahi ki kyu woh tag waha laga......bolo aap aaj.....sanjeev saab aapne kabhi mere kisi sawal ka jawab nahi dita srif un sawala nu jhuadu mar kar kapde ke neechey kiya.....Sushilmishra (वार्ता) 12:42, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी, मैंने आपके केवल एक प्रश्न का उत्तर नहीं दिया कि मैं राजस्थान में कहाँ का हूँ। तो अब बता देता हूँ मेरा पालन पोषण बिड़ोदी छोटी गाँव में हुआ। इसके अलावा आपका प्रश्न है कि पृष्ठों में सन्दर्भ क्यों नहीं माँगे जाते? इसका उत्तर है कि पृष्ठों में सन्दर्भ माँगे जाते हैं और मैं बेशक माँगता हूँ। मैं समय-समय पर मेरे पास उपयुक्त सन्दर्भ होने पर सम्बंधित पृष्ठों में सन्दर्भ लगाता भी हूँ। लेकिन ध्यान रहे कि स्वतः परीक्षित सदस्यों के सम्पादनों का पुनरीक्षण करना मेरा कार्य नहीं है। यदि कोई सदस्य मेरे विकिपीडिया पर आने से पहले ही स्वतः परीक्षित सदस्य बना दिया गया है तो मैं इसका दोषी नहीं हूँ। इसके अतिरिक्त यदि आपको लगता है कि सम्बंधित सदस्य को यह अधिकार नहीं मिलना चाहिए था तो आप इसकी उपयुक्त पृष्ठ पर चर्चा आरम्भ कीजिये। यदि कोई भी सदस्य इस अधिकार के बिना है तो मैं उससे इसकी मांग करुँगा। इसके अतिरिक्त यदि कोई सदस्य स्वतः परीक्षित अधिकार मिलने के बाद उसका दुरुपयोग आरम्भ करता है तो उसे निवृत्त कर सकता हूँ लेकिन यदि मुझे उसके सम्पादनों में उस समय (जब उन्हें यह अधिकार दिया गया था) और आज के सम्पादनों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है तो मैं सम्बंधित सदस्य को कुछ भी कहने का अधिकार नहीं रखता। यदि हिन्दी विकिपीडिया की नियमावली मुझे ऐसा करने को कहती है तो मैं वो सब करने को तैयार हूँ जो नियमावली कहती है। यदि किसी सदस्य को हिन्दी नहीं आती है तो उसके प्रश्नों के उत्तर उसकी मातृ भाषा (यदि मुझे आती है तो) देने का प्रयास करुंगा लेकिन हिन्दी विकिपीडिया पर यदि कोई सदस्य जिसे हिन्दी अच्छे से आती है लेकिन केवल अपनी बात अन्य सदस्यों को दबाने के लिए अंग्रेज़ी में लिखता है तो मैं उन्हें उत्तर देना उचित नहीं समझता क्योंकि वो शायद कुछ सार्थक चर्चा नहीं चाहते बल्कि अपना दबदबा चाहते हैं। अंग्रेज़ी में लिखे सन्देशों को समझने के लिए मुझे पहले उन्हें हिन्दी में अनूदित करना पड़ता है और उसके बाद उसे समझना होता है। अब मैं उस सदस्य के लिए यह मेहनत नहीं कर सकता जिसे हिन्दी आती है। मेरा हिन्दी विकिपीडिया पर आने का उद्देश्य अंग्रेज़ी सीखना नहीं था बल्कि मेरी उन परेशानियों का बार-बार याद आना था जब मुझे अंग्रेज़ी बिलकुल भी नहीं आती थी और मैं इंटरनेट पर कुछ खोजता था तो सब कुछ अंग्रेज़ी में ही मिलता था। अब भी यदि आपके प्रश्नों का उत्तर आपको नहीं मिला है तो कृपया अपने प्रश्नों को सूची (बिन्दुवार) बनाकर लिखें जिससे उनके उत्तर भी इन-लाइन अथवा क्रम के अनुसार दे दूँ।☆★संजीव कुमार (✉✉) 13:14, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: aap kounse bhi gaon se ho mujhe kya.....aur agar koi autopatrol(usse kisi ne bhi auto patrol banaya ho) agar ab woh references aur citation nahi deta toh uske saat kya karna chahiye yeh aap rules dekh kar bolo.....Sushilmishra (वार्ता) 03:15, 5 जुलाई 2014 (UTC)
सुशील जी का पुनरीक्षक पद के लिए नामांकन
यह टिप्पणी विशेष रूप से मनोज जी के लिए है। मनोज जी आप केवल एक भी पृष्ठ ऐसा बता दो जहाँ सुशील जी ने एक पुनरीक्षक के अधिकार रखने वाल्य व्यक्ति के तुल्य कार्य किया हो। उन्होंने अन्य सदस्यों को उत्तेजित करने के लिए सभी प्रयास किये हैं। आप अन्य पुनरीक्षकों को देखो। मुज़्म्मिल जी भले ही पिछले वर्ष एक बार कुछ चर्चाओं में उत्तेजित हो गये थे लेकिन उनका शान्त व्यवहार देखो और उनका पुनरीक्षण का कार्य देखो। कार्य चाहे उन्होंने थोड़ा कम किया है लेकिन सकारात्मक दिशा और सोच के साथ किया है (मेरे स्वयं के विचार)। आप स्वयं के कार्य को देख लो और सुशील जी से उसकी तुलना करो, शायद जबाब मिल जाये। आप प्रतीक जी का कार्य भी देख सकते हो। केवल सकारात्मक और विवाद रहित कार्य रहा है उनका। आप ये सोचो कि मैंने शुभम जी को इसके लिए नामांकित किया था। प्रतीक जी का तुरन्त समर्थन किया था। जबकि इन तीनों सदस्यों में (जिन्हें स्वतः परीक्षित के लिए एक साथ मैंने ही नामांकित किया था) अन्तर क्या रह गया था? क्या आप उपर की टिप्पणी और नीचे की टिप्पणी पढ़कर भी समझोगे कि आपका नामांकन सही था?☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:20, 2 जुलाई 2014 (UTC)
सुशील जी के अन्य टैग
सुशील जी आजकल अधिकत्तर पृष्ठों पर अच्छी नियत के साथ चिप्पी नहीं लगाते। वो पृष्ठ को पढ़कर भी चिप्पियाँ नहीं लगाते। मैंने आजतक जिन पृष्ठों को अनुदित किया है उनमें वो सभी सन्दर्भ लगाये हैं जो अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर है। इसके अतिरिक्त यदि मुझे हिन्दी में कोई सामग्री मिली है तो वो सामग्री भी मैंने डाली है। फिर भी यदि कहीं सन्दर्भ नहीं मिलता है तो मैं देने को तैयार हूँ अन्यथा वो सामग्री उन पृष्ठों में से हटा दुंगा जिनमें ऐसे सन्दर्भ नहीं दे पा रहा। अनुनाद जी ने भी मुझसे वादा किया था कि वो माँगी गई जगह पर सन्दर्भ देंगे लेकिन मैं उनकी परेशानी समझ सकता हूँ। क्योंकि किसी व्यक्ति को उत्तर देना आसान है लेकिन किसी बुरी नियत के साथ काम करने वाले रोबोट को अच्छाई से सुधारने का कोई नियम नहीं है। उस रोबोट को वहाँ से हटा देना ही एक विकल्प हो जाता है। उनकी नियति का अन्दाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि अन्य सभी सदस्य योगदान देने और अपने पृष्ठों को सुन्दर बनाने के अतिरिक्त अन्य पृष्ठों में सुधार का प्रयास करते हैं। जैसे मेरे द्वारा निर्मित किसी पृष्ठ में अन्य कोई सदस्य सकारात्मक योगदान देता है तो मुझे अपार खुशी होती है और मैं चाहे विकिपीडिया पर सम्बंधित व्यक्ति को धन्यवाद न दूँ लेकिन दिल से धन्यवाद निकलता है और कई बार तो मेरे मुह से भी धन्यवाद शब्द निकल ही जाता है। यदि कोई नकारात्मक योगदान देता है तो भी कोशिश करता हूँ कि सम्बंधित व्यक्ति को कारण पुछ लूँ। लेकिन सुशील जी अपने द्वारा लगाये गये टैग को भविष्य में नहीं सम्भालते। उन्हें इससे कोई मतलब नहीं कि वो टैग हटे अथवा नहीं लेकिन उन्हें यह बहुत अच्छा लगता है कि हिन्दी विकिपीडिया के अधिकतर पृष्ठों पर उनकी खामियों के टैग लगे हों। इस तरह मुझे यह नियत अच्छी नहीं लगती और आशा करता हूँ कि सुशील जी इसमें सुधार का प्रयास करेंगे।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:20, 2 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: जी, मैं आपकी बातों से भी सहमत हूँ कि सुशील जी परिपक्व व्यवहार नहीं कर रहे। लेकिन मैं साथ ही ये भी देख रहा हूँ कि सुशील जी विकि की गुणवत्ता को लेकर काफी सजग हैं। जहाँ नकारात्मक व्यवहार को रोका जाना चाहिए, वहीं सकारात्मक शुभेच्छा का सम्मान भी किया जाना चाहिए। दोनों में संतुलन बैठाने के लिए मैं भी @Sushilmishra:जी से यही निवेदन करता हूँ कि आपकी उपरोक्त टिप्पणियों का जवाब दें। मैं आशा करता हूँ कि वे पूरी जिम्मेदारी से एसा करेंगे तथा मेरे द्वारा किए गए उनके नामांकन को उचित ठहरा पाएंगे। --☎मनोज खुराना वार्ता 06:21, 3 जुलाई 2014 (UTC)
- मनोज जी, आपने ये भी देखा है कि सुशील जी ने किसी भी सदस्य से विकिपीडिया की नियमावली के अनुरूप ढ़ंग से बात नहीं की है। उन्हें लगता है कि सभी सदस्य उन पर बेवजह आक्षेप लगाने पर तुले हैं। मैं यह नहीं कहता कि बहुमत वाले लोग सत्य होते हैं लेकिन समाज में चलती उन्हीं की है जिनके पास बहुमत होता है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:56, 3 जुलाई 2014 (UTC)
- इसके अतिरिक्त सुशील जी के अनुसार हमें अंग्रेज़ी विकिपीडिया की गुणवता से हिन्दी विकिपीडिया की गुणवता की तुलना करनी चाहिए। चूँकि मैंने अंग्रेज़ी विकिपीडिया के पृष्ठ Alternating series test को अनूदित किया था। अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर यह पृष्ठ वर्ष २००५ से बिना किसी टैग के है। इसी पृष्ठ में पिछले कई वर्षों से कोई टैग नहीं है और कोई परिवर्तन भी नहीं हुआ है। फिर उन्होंने किस आधार पर सुशील जी ने इसके हिन्दी अनुवाद की समीक्षा की? वो किस बात का सन्दर्भ चाहते हैं? क्या आप प्रत्यावर्ती श्रेणी परीक्षण नामक पृष्ठ पर लगे टैग के सन्दर्भ में मुझे सुशील जी का मन्तव्य समझा सकते हो? मुझे कारण चाहिए। यदि कहीं सन्दर्भ माँगा जाता है तो मैं दे देता हूँ लेकिन वो गणित विषय से सम्बंधित पृष्ठ है और गणित विषय के पृष्ठों पर जिस तरह के सन्दर्भ दिये जाते हैं वैसे सन्दर्भ उस पृष्ठ में और वैसी ही शब्दावली उस पृष्ठ में प्रयुक्त है। इसके बावजूद भी उन्होंने ऐसा क्यों किया? क्या आप उनसे आग्रह करोगे कि वो अंग्रेज़ी पृष्ठ पर भी यही माँग उठायें? उन्हें कृपया यह भी समझा दो कि यदि वो अंग्रेज़ी विकिपीडिया से इतनी ही तुलना चाहते हैं तो पहले सम्बंधित अंग्रेज़ी पृष्ठ की भी समीक्षा कर लें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 15:34, 3 जुलाई 2014 (UTC)
- मैं सहमत हूँ लेकिन मैं उपरोक्त टिप्पणियों पर सुशील जी के जवाब की प्रतीक्षा कर रहा हूं। --☎मनोज खुराना वार्ता 15:45, 3 जुलाई 2014 (UTC)
- कृपया सीमा तुलना परीक्षण (en:Limit comparison test), डीरिख्ले परीक्षण (en:Dirichlet's test) की भी समीक्षा कर लें। यदि सदस्य मानते हैं कि मैं विकि-नियमावली के अनुसार पृष्ठ नहीं बनाता तो मैं चाहुंका की मुझे अधिकार मुक्त कर दिया जाये जिससे मेरे द्वारा निर्मित प्रत्येक पृष्ठ की समीक्षा हो सके।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:07, 3 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार:@Manojkhurana: sanjeev ji aap khud bolre the ki aap college mai teacher hai toh maths mai aur physics mai theorem toh kabhi aapne dekha hoga, kya kissi theorem ko bina kissi proof ke mana jata hai kya.......usi tara mai un theory ka proof mangra hu ......agar apke pass hai toh waha attach karo nahi toh tag rahene do.........dusri baat jo yeh naya user hai @Amt000: badi baat kara tha waha ki kya sushil ji ko hindi nahi aati kya toh mai usse aur admin ko puchta hu ki kya usse nahi aati kya hindi tag mai seeda seeda likha hai ki kis waja se tag lagaya gaya hai lagta hai amt000 anpad hai ya unko kaam dekhta hai.......aur @हिंदुस्थान वासी: ji se yeh kahunga ki jis din mai kisi page mai english use karunga(jo ki kuch user karey hai) us din woh aapni chati peet peet kar ro sakte hai, abhi unse yeh kahunga ki jo topic hai uspe baat karo, agar kuch positive nahi bol sakte toh chup raho.......Sushilmishra (वार्ता) 09:36, 4 जुलाई 2014 (UTC)
Sushilmishra जी अगर आप चाहो हिंदुस्थान वासी जी के कंधे पर सर रखकर जी भर के रो सकते हैं।Amt000 (वार्ता) 10:09, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @Amt000: आपकी ये टिप्पणी हाज़िर-जवाबी के लिए तारीफ़ योग्य हैं।--पीयूष मौर्यावार्ता 13:03, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- संजीव कुमार जी, 'थिअरम' के बारे में सुशील मिश्रा जी ने कितनी ऊँची बात कही है!!! विकि पर कहीं कोई सूत्र प्रयोग करें तो वहीं तुरन्त उसका 'प्रूफ' भी देना न भूलें। मेरा एक पुराना मित्र आठवीं में गणित में तीन बार फेल हुआ। आजकल अमेरिका में टैक्सी चलाता है। उसके भी कुछ ऐसे ही विचार हैं। आपका क्या विचार है?---- अनुनाद सिंहवार्ता 10:33, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @Amt000: arey anpad hindi hindi bolra toh tu andha hai kya jo tujhe tag mai likhe so hindi ke cheez nahi padne ari hai....rone ki zarurat tujhe aayegi kyu ki lagta hai tujhe baat samaj nahi ari hai.....admin sanjeev kumar ne kha diya hai ki woh tag srif wohi hata sakte hai ab jab un mai likhi baat puri ho.....toh andhe anpad tag hata mat aur references aur inline citation de....nahi chup baithja......Sushilmishra (वार्ता) 10:41, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: tu jab bhi muh kholta toh pappu ki tara baat karta aacha tu MP ka hai na toh digdog singh ka asar hoga.....waise tera dost 8th fail hokar bhi usse USA ka visa mila toh talent dekh uska aur tera kya yaha pappu ki tara baat he nahi page bhi banara tu.....Sushilmishra (वार्ता) 10:48, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील मिश्रा जी, अपनी 'थिअरम' वाली बात का थोड़ा विस्तार से खुलासा करें। हो सकता है कि पप्पू के भी ज्ञान-चक्षु खुल जाँय।---- अनुनाद सिंहवार्ता 11:08, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: deekh yaar mai detail mai samja sakta par abhi mai travelling mai hu aur tab se operate kara hu....mujhe koi sokh nahi kissi se yaha ladai ka bas i want better results.....waise bhi tu hai digdog singh ke gaon ka toh tujhe kitna bhi bolo baat toh samaj aani nahi....agar aati toh tu tere har page mai reference/citation deta aur inline citation bhi par tu de nahi raha hai toh tujhe kitna aur kya koi samjai......Sushilmishra (वार्ता) 11:17, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील मिश्रा जी, हमें इतनी जल्दी नहीं है। एक दिन बाद खुलासा कर देना।---- अनुनाद सिंहवार्ता 11:40, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- yaar lagta hai tune yeh jawab badi jaldi diya ya galat jaga diya kyu ki timings kuch match nahi hore....Sushilmishra (वार्ता) 03:24, 5 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी हमेशा अंग्रेज़ी विकिपीडिया का गुणगान करते रहते हैं। उनसे मैंने उन पृष्ठों के सन्दर्भ में जानकारी माँगी है जिनमें अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर कम सन्दर्भ होते हुये भी टैग नहीं है बल्कि हिन्दी विकिपीडिया के अनूदित संस्करण पर उन्होंने टैग लगा दिया है। मैं चाहता हूँ कि वो सम्बंधित टैग अंग्रेज़ी विकिपीडिया के उन पृष्ठों पर भी डालें। उन्होंने न ही तो अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर ऐसा कुछ करने की कोशिश की है और न ही उनके पास इसका कोई उत्तर है। उन्होंने कह दिया कि प्रमेय की उपपत्ति दी जानी चाहिए लेकिन उन्होंने किसी भी पृष्ठ के वार्ता पृष्ठ पर इसके सम्बंध में कुछ नहीं लिखा। उनके कई टैग यह दर्शाते हैं कि अधिक जानकारी पृष्ठ के वार्ता पन्ने पर मिलेगी लेकिन वार्ता पृष्ठ अस्तित्व में ही नहीं है। उनके पास केवल अन्य सदस्यों के कार्य में बाधा पहुँचाने के अलावा अन्य कोई राह नहीं है। उन्हें कोई प्रश्न पुछना कुए में पत्थर फैंकने के समान है। वो ज्यादा ही उलझ जाते हैं तो गाली-गलोच पर उतर आते हैं। मनोज जी फिर भी उनके बचाव में उतरे हुये हैं समझ में नहीं आ रहा क्यों?☆★संजीव कुमार (✉✉) 11:27, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- aur sabhi hindi basha ke prof ke liye jo mujhse hindi bulwana chahte hai arey andho maine प्रबन्धन के पद के लिए नामांकन section mai issi chupal mai hindi mai kuch likha, kitno ne usse pada hai aur karwai ki hai?? Bade aate hai hindi ki fikar karne wale fake log.....Sushilmishra (वार्ता) 11:24, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra: जी, हालांकि अनुनाद सिंह जी हमेशा मुझसे उस समय से चिढ़ते आए हैं जब मैं केवल हिन्दुस्तानीलैंग्वेज था। बाद में जब मेरा चित्र और असली नाम सदस्यपृष्ठ से जुड़ गया तो उनका गुस्सा और बढ़ गया क्योंकि मैं photogenic नहीं हूँ। पर मैं फिर भी आपसे निवेदन करूँगा कि भाषा-शैली को एक सभ्य रूप में रखिए, भले ही आप किसी से असहमत हों।
- हाल ही में एक सदस्य ने दूतावास की पूरी सामग्री हटाकार राम जी पर एक निबंध जोड़ दिया था। मैंने इसे बरबरता का नाम देकर हटा तो दिया पर देखा कि सदस्य एक नया बंदा है। इसलिए सामग्री उसके प्रयोगपृष्ठ से जोड़ दी। फिर सदस्य को वार्तापृष्ठ पर सूचित किया किया कि यह ठीक नहीं था और यदि भविष्य में योगदान-सम्बंधि जानकारी चाहिए तो मुझसे सम्पर्क करें। इस तरह से मैं हमेशा ही से स्वयं को दूसरों से मित्र और शुभ चिंतक के रूप में मिलता आया हूँ, और उसके साथ विकि-नीतियों का भी ध्यान रख रहा हूँ। --मुज़म्मिल (वार्ता) 11:33, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- मुजम्मिल जी, आप भी शंका वाली बीमारी से ग्रस्त दिख रहे हैं। मैं आपसे क्यों चिढूँगा? और आपके फोटोजेनिक न होने से क्या फर्क पड़ता है? मैं तो यह मानता हूँ कि मनुष्य से सुन्दर चेहरा पशुओं का होता है। हाँ मुझे तब चिन्ता अवश्य होती है जब आपको बार-बार अपनी प्रोफाइल की मालिस करते देखता हूँ। क्या इस प्रोफाइल का कोई व्यावसायिक उपयोग हो सकता है?---- अनुनाद सिंहवार्ता 11:53, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: जी, मैं कॉमन्स पर काफ़ी सक्रिय रहा हूँ। वहाँ लोग जब चाहें तब अपनी प्रोफ़ाइल में बदलाव कर सकते हैं। और उनपर "प्रोफाइल की मालिस" का आरोप नहीं पड़ता, जैसे अपने सदस्यपृष्ठ पर एक प्रबंधक ने कई बार किया है, आप देख सकते हैं। --मुज़म्मिल (वार्ता) 12:12, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- दुखी मत होइए, अभी इसे छोड़ते हैं। विषयान्तर हो रहा है।---- अनुनाद सिंहवार्ता 12:24, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: जी, यह चर्चा उसी समय शुरू हुई जब किसी ने आपको पप्पू कहा और मैंने ऐसा न कहने को कहा। मैं दुःखी या चिन्तित नहीं हूँ, यदि आप मुझे बुरा भी कह दें तो क्या है, मैं तो रास्ते से चला ही जाऊँगा। --मुज़म्मिल (वार्ता) 12:46, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: जी, मैं कॉमन्स पर काफ़ी सक्रिय रहा हूँ। वहाँ लोग जब चाहें तब अपनी प्रोफ़ाइल में बदलाव कर सकते हैं। और उनपर "प्रोफाइल की मालिस" का आरोप नहीं पड़ता, जैसे अपने सदस्यपृष्ठ पर एक प्रबंधक ने कई बार किया है, आप देख सकते हैं। --मुज़म्मिल (वार्ता) 12:12, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @Hindustanilanguage: muzamil bhai aap dekho uss naye user ke talk page pe amt000 kya maine uske page par message nahi diya....aap khud dekho simple bhasa mai samjaya bhi....aurjo tag maine lagaya hai usmai saaf saaf likha hai ki kis waja se tag laga hai....woh bhi hindi mai.....uske bad yeh user uss tag ko nikalra hai aur yaha chupal message kya karta hai kimkya mujhe hindi nahi aati mai bolta hu ki arey andhe tujhe nahi aati kya jo tag mai kya likha pad nahi sakta......yaha yeh pure DU wale monopoly karna chahte, jo yeh bole woh correct.....agar mai aap ke samne woh controvertial page nahi lata tha na, toh hamare able admin log usse best page ka award dete jaisa kai reference lacking pages ko inlogo ne diya hai......aur inse hum kuch puchey toh jawab toh kabhi dete nahi ulta yeh istara ki bakwas shuru hoti......aap mere pichley 1 month ke edits dekho koi bhingalat hai toh mai abhi se wikipedia pe message karna band kar dunga......Sushilmishra (वार्ता) 11:54, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: maine har bar aap se yehi kaha hai ki english ki aachi cheezo ko lo....kyu ki english wiki mature hai hum jomraste se jare hai english wiki pahele hi ja chuki hai usse kuch sikho zaru nahi ki hum bhi woh galti karey jo already dusro ne ki hai balti humme unse bach kar protect hona hai.....par sanjeev saab aap toh aap hai topic se ya toh divert hote ya toh chod kar bhag jate.....kitna samjhane ki koshish ki maine par......Sushilmishra (वार्ता) 12:01, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: aur ek baat sher hu sher isliye akela 5 ko jawab dera hu naki koi lakadbaga jo jhund mai murda khori karu....isse pahele bhi jante ho akela 8 ko jawab diya.....sach agar aap bolre ho toh yeh 5 or 8 kya 2 lakh se akele lad sakte ho aur mai sach bolra hu isliye shayad khurana saab support kare mujhe....ankhee kholo sanjeev saab aur cheezo ku samjho......Sushilmishra (वार्ता) 12:10, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @Hindustanilanguage: muzamil saab relax hojao yeh sab in lakadbago ki chal hai topic se divert karne ki.....mai pahele yeh jhel chuka hu....aap sher bano aur mudde par rahene ki koshish karo.....kyu ki mujhe lagta hai maine aap ko proof kar diya hai ki reference/citations aur inline citations kitne zaruri hai....aap purane user hai aur mujhe lagta hai aap mera saat dege is cheez mai.....Sushilmishra (वार्ता) 12:23, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- देखो सुशील जी, समय, स्थिति और अपनी अवस्था को देखकर चलना पड़ता है। भारत में कई राज्य हैं और सबकी अलग-अलग स्थिति है। अब केरल में कैसी हरियाली है? क्या मैं वैसी हरियाली उनके तरिकों से राजस्थान में ला सकता हूँ? भारत का प्रधानमंत्री भारत की संप्रभुता के बारे में भी सोचता है और वैदेशिक सम्बंधों के बारे में भी लेकिन क्या कोई राज्य सरकार इन मुद्दों पर सोचेगी तो अपने राज्य का विकास कर पायेगी? अतः आपसे नम्र निवेदन है कि आप समय-स्थिति और स्थान की गम्भीरता को समझने का प्रयास करो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 11:57, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: yeh aapne kyu kaha samaj nahi aya......par mai itna kuch bakwas jhel chuka hu yaha pe starting se yaad nahi rugby union case, se le kar aaj ke galio tak aur har bar mujhe irritate karne wala ek he hai toh i am waiting or 1 trigger now to say something which i was holding.....aur mujhe lagta hai ki woh bolne ka mauka aaj shayad aye toh advance warning meri taraf se....Sushilmishra (वार्ता) 12:06, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- देखो सुशील जी, समय, स्थिति और अपनी अवस्था को देखकर चलना पड़ता है। भारत में कई राज्य हैं और सबकी अलग-अलग स्थिति है। अब केरल में कैसी हरियाली है? क्या मैं वैसी हरियाली उनके तरिकों से राजस्थान में ला सकता हूँ? भारत का प्रधानमंत्री भारत की संप्रभुता के बारे में भी सोचता है और वैदेशिक सम्बंधों के बारे में भी लेकिन क्या कोई राज्य सरकार इन मुद्दों पर सोचेगी तो अपने राज्य का विकास कर पायेगी? अतः आपसे नम्र निवेदन है कि आप समय-स्थिति और स्थान की गम्भीरता को समझने का प्रयास करो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 11:57, 6 जुलाई 2014 (UTC)
'थिअरम के प्रूफ' का रहस्योद्घाटन
सुशील मिश्रा जी, लगता है आप अब 'ड्राइव' नहीं कर रहें है और लिखने में आपको कोई समस्या नहीं है। अतः 'थिअरम वाली बात' पर जरा विस्तार से प्रकाश डालें।---- अनुनाद सिंहवार्ता 12:34, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: oye teri mai drive kara tha aur mujhe he nahi pata.....ab aap yeh proof karo ki maine kan kaha ki mai drive kara hu....Sushilmishra (वार्ता) 12:49, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- बहुत अच्छी बात है कि आप ड्राइव नहीं कर रहे हैं बल्कि ट्रवेल कर रहे हैं। इससे भी अच्छी बात है कि 'खूब' लिख पा रहे हैं। इसलिये कृपा करके रहस्योद्घाटन कर ही दीजिये।---- अनुनाद सिंहवार्ता 13:04, 4 जुलाई 2014 (UTC)
Sushilmishra जी को बकवास के अलावा और कुछ आता हैंAmt000 (वार्ता) 14:25, 4 जुलाई 2014 (UTC)
- @Amt000: कृपया किसी के बारे में उल्टे शब्द बोलने का प्रयास न करें अथवा ऐसे प्रयासों से बचें जिससे किसी के गलत दिशा में उत्तेजित होने की सम्भावना हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:24, 5 जुलाई 2014 (UTC)
- @Amt000: bhai saab bakwas toh aap kare ho kyu ki bar bar puri koshish mai ko ki mujhe irritate karke topic divert karna chahte ho.....zarur koi purane dimag kharab anpad user hai jo naye avatar mai yaha logo ko irritate karey.....Sushilmishra (वार्ता) 03:19, 5 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी, आपने आज नीचे कई चर्चायें आरम्भ कर दी लेकिन अनुनाद जी के इस उचित प्रश्न का उत्तर देना उचित नहीं समझा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:41, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: maine har swal ka jawab neechay kurana saab ne jo section start kiya usmai de diya hai agar aap bhi andhe hai toh mai kuch nahi kar sakta....agar aap se kaam nahi hota toh chod do apne post bas yehi kahunga aapse kyu ki mujhe lagta hai ki aap darte hai aur sakt kadam lene ke liye aap mai jigar nahi.....Sushilmishra (वार्ता) 13:01, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- हो सकता है आप सही हों। लेकिन मेरे कम्प्युटर पर प्रमेय (अंग्रेज़ी में theorem) सम्बंधी आपका कोई विस्तृत उत्तर नहीं दिखाई दे रहा। चूँकि मेरे कम्प्युटर पर यह स्वतः छुप जाता है ऐसा कुछ भी नहीं है और मैंने सभी चर्चाओं को ध्यान से पढ़कर ही ये टिप्पणियाँ लिखी हैं अतः ऐसी कोई सम्भावना नहीं है कि आपने इसका कहीं उत्तर दिया है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 13:19, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: sanjeev saab aap a for apple bolte hsi toh zaruri nahi mai bhi wohi bolu mai a for aeroplane bolta hu.....aap dhundiye aap ko miljayega aap ke sawal ka jawab.....Sushilmishra (वार्ता) 13:45, 6 जुलाई 2014 (UTC)
जिहाद अल-निकाह
ध्यान दें, जिहाद अल-निकाह के बारे में एक नई चर्चा शुरू हुई है। कृपया अपनी राय देने के लिए वार्ता:जिहाद अल-निकाह पर जाएँ। |
--मुज़म्मिल (वार्ता) 11:00, 4 जुलाई 2014 (UTC)
मदनलाल धींगड़ा को मदनलाल ढींगरा न कहा जाय
इस लेख के शीर्षक में एक बड़ी चूक है! यहाँ उनका सही सरनाम ढींगरा की बजाय धींगड़ा कर दिया जाए (वही सरनाम का सही उच्चारण है!) Hemant Shesh 11:16 am, आज (UTC+5.5)
- @Hemant Shesh: जी! इंटरनेट पर ढींगरा ज्यादा प्रचलित दिखाई दे रहा है (गूगल सर्च में देखें), हो सकता है ऐसा इसलिए हो कि अंग्रेजी वर्तनी को लोग गलत पढ़ते हों और हिंदी में लिखते समय भी यह गलती चली आती हो। आप कोई विश्वसनीय स्रोत बताएँ जहाँ इस बात की पुष्टि हो सके कि सही उच्चारण क्या है! उसके बाद इस पृष्ठ का स्थानांतरण आप भी कर सकते हैं, पुराने पृष्ठ से लिंक यथावत छोड़ते हुए। -- सत्यम् मिश्र (वार्ता) 06:10, 5 जुलाई 2014 (UTC)
- पंजाबी लोग तो ढ़ींगरा ही लिखते हैं। इसके अतिरिक्त मैं हेमन्त जी से विशेषतः एक प्रश्न कर रहा हूँ कि आपने बड़े व्यापक रूप से राजस्थान विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय में पुस्तक होने का सन्दर्भ दिया था। आज मैंने देखा कि उस पुस्तकालय में मात्र एक ही पुस्तक है जिसके लेखक हेमन्त शेष हैं। उस पुस्तक का शीर्षक "नींद में मोहन जोजड़ो" है जिसके प्रकाशक "शील प्रकाशक" हैं और यह १९८८ में प्रकाशित पुस्तक है। मैंने यह पुस्तक वहाँ के रिकॉर्ड में देखी थी बल्कि यह पुस्तक मैं पढ़ नहीं पाया क्योंकि यह मेरे देखने से पहले ही कोई ले गया। इसके अतिरिक्त आपकी कोई पुस्तक मुझे नहीं मिली। कृपया कोई अन्य उपलब्ध स्रोत बतायें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:22, 5 जुलाई 2014 (UTC)
- मेरे भी कई मित्र इसी सरनाम के हैं और मैंने भी ढींगरा ही सुना है। फिर भी मैंने मदनलाल धींगड़ा नाम से एक पृष्ठ बनाकर पुनर्निदेशित कर दिया है। --☎मनोज खुराना वार्ता 14:07, 5 जुलाई 2014 (UTC)
- खोजने पर 'ढींगड़ा', 'धींगड़ा', 'ढींगरा', 'धींगरा' - सभी वर्तनियाँ मिल रही हैं और जो संख्या में ज्यादा मिल रहीं हैं वे शायद सबसे सरल होने के कारण सबसे गलत भी हों। अतः इसकी और गहराई से छानबीन करके सही नाम ही लिखा जाय।---- अनुनाद सिंहवार्ता 14:54, 5 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: जी, पुनर्निर्देशन से लेख के टाइटिल की समस्या हल हो जायेगी लेकिन लेख के अन्दर भी दोनों वर्तनियाँ इस्तेमाल की गयीं हैं अतः कोई एकरूपता तो उनमें लानी ही पड़ेगी। --16:20, 5 जुलाई 2014 (UTC)
श्री हेमन्त शेष द्वारा रचित पुस्तकें
Dear Shri Sajivjee The publisher of NEEND MEIN MOEN-JO-DARO is not Sheel Prakashan but पंचशील प्रकाशन| The other publishers are-
Original Writings { Major BOOKS]: ‘जारी इतिहास के विरुद्ध’ (लम्बी कविता) – लोक-सम्पर्क प्रकाशन (1973) जयपुर ‘बेस्वाद हवाएं' (कवि-मोनोग्राफ) - राजस्थान साहित्य अकादमी (1981) उदयपुर ‘घर-बाहर’ (कविता संकलन) - शिल्पी प्रकाशन (1982) उदयपुर ‘कृपालसिंह शेखावत’(कलाकार-मोनोग्राफ) राजस्थान ललित कला अकादमी(1984) जयपुर ‘वृक्षों के स्वप्न’ (कविता संकलन) - शिल्पी प्रकाशन (1988) उदयपुर/जयपुर ‘नींद में मोहनजोदड़ो’ (कविता संकलन) - पंचशील प्रकाशन (1988) जयपुर ‘अशुद्ध सारंग’ (कविता संकलन) - पंचशील प्रकाशन (1992) जयपुर ‘कष्ट के लिए क्षमा’ (कविता संकलन) - संघी प्रकाशन (1995) जयपुर ‘रंग अगर रंग हैं’ (कविता संकलन) - बोहरा प्रकाशन (1995) जयपुर ‘कृपया अन्यथा न लें’ (लम्बी कविता) - संघी प्रकाशन (1998) जयपुर ‘आप को यह जान कर प्रसन्नता होगी’ (कविता संकलन) - नेशनल पब्लिशिंग हाउस (2001) दिल्ली ‘जगह जैसी जगह’ (कविता संकलन) - भारतीय ज्ञानपीठ (2007) नई दिल्ली ‘बहुत कुछ जैसा कुछ नहीं’ (कविता संकलन) - वाणी प्रकाशन (2008) नई दिल्ली ‘प्रपंच-सार-सुबोधिनी’ (कविता संग्रह)- बोधि प्रकाशन (2010) जयपुर ‘रात का पहाड़ ' ( कहानी-संग्रह) : वाग्देवी प्रकाशन (2012) बीकानेर 'खेद-योग-प्रदीप' (कविता संग्रह)- बोधि प्रकाशन (2012) जयपुर
सम्पादित एवं प्रकाशित पुस्तकें
‘सौन्दर्यशास्त्र के प्रश्न’ (कला एवं सौन्दर्यशास्त्र) - नेशनल पब्लिशिंग हाउस (2000) नई दिल्ली ‘कला-विमर्श’ (कला एवं साहित्य पर सम्वाद) - नेशनल पब्लिशिंग हाउस (2000) नई दिल्ली ‘भारतीय कला रूप’ (भारतीय कला) - नेशनल पब्लिशिंग हाउस (2000) नई दिल्ली ‘भारतीयता की धारणा’ (भारतीयता पर निबन्ध) - नेशनल पब्लिशिंग हाउस (2005) नई दिल्ली ‘भारतीय रंगमंच’ (भारतीय नाट्यशैलियों पर) - नेशनल पब्लिशिंग हाउस (2005) नई दिल्ली ‘जलती हुई नदी’ (कविता संकलन) - शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार (2006) बीकानेर ‘कलाओं की मूल्य-दृष्टि’(सौन्दर्यशास्त्र) - वाणी प्रकाशन (2008) नई दिल्ली Hemant Shesh 11:02, 5 जुलाई 2014 (UTC)
- @Hemant Shesh: मैंने केवल एक पुस्तक का विवरण दिया। चूँकि मैं उस पुस्तक को नहीं पढ़ पाया क्योंकि वो कोई अन्य व्यक्ति ले चुका है। मैंने पुस्तकालय के रिकॉर्ड में देखी वहाँ शील प्रकाशन लिखा हुआ था। शायद मैं ठीक से पढ़ नहीं पाया। इसके अलावा आपके द्वारा दी गई सूची में से एक भी पुस्तक उस पुस्तकालय में नहीं थी। अब कृपया अन्य पुस्तकालय बतायें जहाँ मैं ये पुस्तकें प्राप्त कर सकूँ। यदि आपके पास घर में ये पुस्तके हैं तो मैं समय निकालकर आपके घर भी आ सकता हूँ। एक बार सभी पुस्तकें देखने के बाद मैं उन्हें क्रय भी कर सकता हूँ।☆★संजीव कुमार (✉✉) 11:52, 5 जुलाई 2014 (UTC)
संजीव कुमारजी / आपने एक मामूली लेखक की पुरानी पुस्तकों में इतनी दिलचस्पी ली ये मेरे लिए सुभाग्य का कारण बना | आपका सदैव स्वागत है| आपसे भेंट कर प्रसन्नता होगी ! जीमेल पर तफसील से बाद में शीघ्र !Hemant Shesh 05:30, 6 जुलाई 2014 (UTC)
लेख का उचित शीर्षक क्या होना चाहिए?
स:अनुनाद सिंह जी मुस्तफा कमाल पाशा पृष्ठ को कमाल अतातुर्क पर अनुप्रेषित कर चुके हैं। व्याक्ति का नाम मुस्तफा कमाल पाशा ही है। अंग्रेज़ी में नाम en:Mustafa_Kemal_Atatürk है। मेरे विचार इसी के अनुरूप हमें मुस्तफा कमाल अतातुर्क शीर्षक रखना चाहिए। मैं और सदस्यों की राय जानना चाहूँगा। --मुज़म्मिल (वार्ता) 18:52, 5 जुलाई 2014 (UTC)
- मेरे विचार से लेख का नाम मुस्तफ़ा कमाल पाशा ही होना चाहिए, "अतातुर्क" तो एक उपाधि जिसका विकिपीडिया पर इस्तेमाल नहीं होता। अंग्रेज़ी विकि की तरह भी नाम रखा जा सकता हैं।--पीयूष मौर्यावार्ता 06:10, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- मुझे जहाँ तक लगता है दोनों नाम ठीक हैं और इनमें कोई भी लेख की टाइटिल रखा जा सकता है। उपाधि अगर काफ़ी प्रचलित है तो इसे नाम बनाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिये। उदाहरण के लिये देखें तो महात्मा गांधी और मोहनदास करमचन्द गाँधी दोनों रूप अलग अलग विकिपीडिया पर प्रचलित हैं (हिंदी और अंग्रेजी विकी में जहाँ यह महात्मा गांधी ही है; वहीं जर्मन, बंगला या एसपेरेंटो में पूरा नाम लिखा है)। जयादातर भाषाओँ की विकी में मुस्तफा कमाल अतातुर्क लिखा गया है और कुछ में कमाल अतातुर्क है जबकि मुस्तफा कमाल पाशा शायद ही किसी में है। मेरे विचार में कमाल अतातुर्क को बदलने की जरूरत नहीं है, आप चाहे तो मुस्तफा कमाल अतातुर्क के साथ एक पुनर्निर्देशन बना दें (मुस्तफा कमाल पाशा से तो बन ही गया होगा)! --सत्यम् मिश्र (वार्ता) 06:45, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- सत्यम् जी का तर्क उपयुक्त लग रहा है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:00, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- मुस्तफा कमाल अतातुर्क sahi hai kyu ki turkey mai unhe iss naam se bulaya jata hai jaise mohan das karamchand gandhi ko india mai mahatma gandhi popularly bulaya jata....Sushilmishra (वार्ता) 12:15, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- सत्यम् जी का तर्क उपयुक्त लग रहा है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:00, 6 जुलाई 2014 (UTC)
सुशील जी द्वारा उठाई गई समस्याएँ
- @Sushilmishra::सुशील जी, सबसे पहले कृपया संजीव जी की शिकायत को अटेंड करें। उन्होंने अपने लेखों पर लगाए गए टैग्स के बारे में स्पष्टीकरण दे दिया है। नियमानुसार वे स्वयं ये टैग नहीं हटाएंगे।उनके जवाब के बाद यदि आप टैग रखना चाहते हैं तो उनसे वार्ता पूरी करें, या फिर यदि आप उनके जवाब से संतुष्ट हैं तो टैग्स हटाएं।
- समस्त विकिपीडियाओं में से सिर्फ हिंदी एकमात्र एसा होगा जिसके मुखपृष्ठ पर इस समय फुटबॉल नहीं है। कम से कम "क्या आप जानते हैं " में कोई सुझाव दें। हमारा मुखपृष्ठ कई महीनों से बदला नहीं है। --☎मनोज खुराना वार्ता 06:01, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: unke har sawal ka jawab maine diya hai par yeh lo phir se
- हहेच चर्चा में सुशील जी की टिप्पणी--------iska jawab maine chupal pe bhi diya aur mere talk page pe bhi aur woh ki....kitne din yeh nominated of deletion ke tag lage rehege arey kuch toh action lo.....kuch page par 1 saal se hai.....is tara ke delay ko dekh kar hum inke work efficency ke baremai kya bole
- सुशील जी का पुनरीक्षक पद के लिए नामांकन-----iska jawab agar aap he inku dege toh aacha hoga.....aur inhone mujhe ek list di ki mai in users ke kaam ko dekhu aur maine na kha diya kyu ki yeh influencing of vote hoga.....aur maine jo yeh references aur citation ke mang ki hai yeh ek tara se reviewer ka he kaam hai par sanjeev ko yeh woh kaam nahi lagta
- सुशील जी के अन्य टैग-----yes iam asking for references and citations and also inline citation because some topics are controversial we need those.....aur agar hum references or citation deta hai toh ismai kya nuksan hai akhir yeh wikipedia ki policy hai......aur rahi baat anunad ki toh kab dege bhai woh references aur citations kai bar maine unhe yeh kaha par har bar woh yeh woh bakwas karte hai par references aur citations kabhi nahi dete.....aur sanjeev ko maine kai par kai proof diye yaha galat kaam hone ka aur aaj bhi unhe diya hai....par woh har bar nazarandaz karte hai aur jo log galat karey hai unhe nahi protect karey hai balki encourage karey hai.........mai sanjeev he nahi balki yaha ki sab admins ke kaam se ([[सदस्य वार्ता:Sushilmishra na khush hu......Sushilmishra (वार्ता) 08:22, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra:- आप एडमिन्स के काम से नाखुश हैं ये बात हमें समझ में आ रही है। लेकिन क्या आप को ये बात समझ में आ रही है कि संजीव के अलावा इस समय कोई एक्टिव एडमिन है ही नहीं? क्या आप को ये बात समझ आ रही है कि संजीव भी एक वॉलण्टियर है, उतना ही काम करेगा जितना उसका दिल होगा, जितना उसका दिमाग होगा? जिस तरह से आप बमबारी पर उतर आए हैं उससे माहौल खराब हो रहा है। अंग्रेज़ी विकि की क्वालिटी की बात आपकी ठीक है, यह भी ठीक है कि जो गलती वहाँ हुई उसे हम यहाँ रिपीट ना करें। लेकिन लाईफ साईकिल नाम की भी एक चीज़ होती है। वो आज एडल्ट्स के कपड़े पहनते हैं तो ये मतलब नहीं कि हम यहाँ बच्चों को उनके कपड़े पहना दें। वक्त आएगा तो ज़रूर पहना देंगे, आपकी बात ध्यान में रखेंगे। लेकिन इस समय आप जिस तरह जिद पर अड़े हैं मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूँ कि संजीव जी हतोत्साहित हो रहे होंगे। अरे यहाँ सदस्य ही नहीं है, रिव्यूअर और एडमिन की बात ही छोड़ दो। अनुनाद जी ने एक तिहाई हिंदी विकिपीडिया लिखा है, क्या हमें नहीं दिखता कि वो सन्दर्भ नहीं देते? किसी के घर में कोई बच्चा अपंग होता है तो उसे बाहर फेंक दिया जाता है क्या? जैसा भी हो, पालते है- कि अपना ही बच्चा है। क्या एक तिहाई हिंदी विकिपीडिया डिलीट कर दें? यदि क्वालिटी की बात करें तो हमें 90% हिंदी विकिपीडिया डिलीट करना पड़ेगा, कर दें और चलें सब अपने अपने घर?
- मुझे यहाँ एक साल होने को है, एक साल में हज़ार चर्चाएँ देखी हैं, एक बात समझ में आई है। बहस तब शुरु होती है जब हम चाहने लगते हैं कि दूसरा आदमी ठीक काम करे। अरे भई, दूसरा तो दूसरा ठहरा, उसके पास मेरे जितनी अकल नहीं है, होती तो वो मैं होता। संजीव में आप जितनी अक्ल होती तो वो सुशील मिश्रा होता। अनुनाद के पास मेरे जितनी अकल होती तो वो मनोज होता। बाकी सब बेवकूफ हैं, लेकिन अगर मैं सबको अकल देने चलूँ तो उनसे बड़ा बेवकूफ मैं हूँ। अनुनाद का सॉल्यूशन है कि मैं उसके लेखों में सन्दर्भ लगा दूँ बजाए उसे बाहर निकालने के। संजीव का सॉल्यूशन है कि सुशील उसका हाथ बँटाए ना कि उसकी बुराई करे या उसे भगाए। जो जितना दे सकता है दे, थोड़ा दे थोड़ा सही, अधूरा दे अधूरा सही। विकिपीडिया एसे ही बनता है भाई।
- इससे ज्यादा धैर्य मेरे में नहीं है और मैं नहीं चाहता कि सबका ध्यान यहाँ इस बहस में लगा रहे। सारी बहस का खात्मा करने के लिए मैं नीचे एक आखरी सुझाव दे रहा हूँ। मेरा सुझाव है कि संजीव को पदोन्नत करके प्रशासक बनाया जाए ताकि किसी को प्रबंधक बनाने हटाने का काम अपने हिंदी विकि पर ही हो सके। मुज़म्मिल, प्रतीक, दिनेश, सुशील, अनुनाद और जिसको भी थोड़ी समझ हो, उसे प्रबंधक बना दिया जाए, चाहे शुरु में ३-३ महीने के लिए अस्थायी ही सही, बाद में पक्का। मुझे समझ नहीं आता कि प्रबंधक बनने बनाने के लिए इतना ताम झाम है ही क्यों। यदि प्रशासक यहीं पर हो तो मेरे खयाल से ये डर नहीं रहेगा कि कोई प्रबंधक बनने के बाद नुकसान कर पाए। जिस जिस को ये सुझाव ठीक लगे तो नीचे अपना मत दे।--☎मनोज खुराना वार्ता 09:04, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: khurana saab maine kabhi nahi kaha ki page delete karo mera yeh kahna hai hum ne iss anunad ku koi bar bola hai kimreferences aur citation aur inline citation do par woh manne ko ready he nahi aur bulk mai pages bana raha hai.....aise mai kya karna chahite yeh ek policy violation hai ki nahi.....agar ghar mai koi baacha samjane par bhi baat nahi samajra hai aur galti pe galti kar raha hai toh kya karoge aap.....Sushilmishra (वार्ता) 09:39, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: पिछले वर्ष मयुर जी के नामांकन पर पूर्ण बहुमत मिलने के बाद आशीष जी यह प्रस्ताव मेटा विकि पर लेकर गये थे। वहाँ उसे बिना कारण बताये पुरालेख में डाल दिया गया था। मैंने इस सम्बंध में स्टीवर्ड्स से भी चर्चा की थी और मयुर जी से भी। मयुर जी ने मुझे सुझाव दिया था कि आपको अगले स्टीवर्ड चुनाव में ध्यान से मत देना होगा क्योंकि स्टीवर्ड हमारी विकि का फैसला नहीं सुन रहे हैं और वहाँ एक स्टीवर्ड ने मुझे बताया था कि आपकी विकि पर बहुत कम सदस्य हैं और बहुत कम प्रबन्धक हैं अतः इस अवस्था में आपको अधिक परिवर्तनों की आवश्यकता नहीं होती। इस स्थिति में आप यह कार्य स्टीवर्ड्स से करवा सकते हो। मैंने यह तर्क भी दिया था कि एक भी स्टीवर्ड हिन्दी भाषी नहीं है अतः हिन्दी विकिपीडिया के सदस्यों को वहाँ चर्चा करने में समस्या होती है लेकिन उन्होंने इस समस्या का कोई निदान मुझे नहीं दिया। मयुर जी के मतदान के विषय में भी इस बार के स्टीवर्ड्स चुनावों में केवल बिल जी और मेरे अलावा किसी भी अन्य हिन्दी विकिपीडिया के सक्रिय सदस्य ने भाग नहीं लिया। अतः मुझे नहीं लगता कि हमारी विकि को अभी प्रशासक की आवश्यकता है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:19, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra: आपसे कारण सहित अंतःसर्पी श्रेणी, प्रत्यावर्ती श्रेणी परीक्षण, सीमा तुलना परीक्षण और डीरिख्ले परीक्षण पर टिप्पणी माँगी गई थी। आपको उससे सम्बंधित कार्य दिया गया था। आपने उन पृष्ठों का पुनरीक्षण किया। मैंने आपको पुनरीक्षक बनाने के लिए कोई काम नहीं दिया था बल्कि मेरी थोड़ी सहायता करने का आग्रह किया था औ मैं चाहता था कि आपके उस कार्य के आधार पर मैं आपको पुनरीक्षक पद के लिए पदोन्नत करुँ और भविष्य के लिए मेरा एक सहायक प्राप्त करूँ। आपने मेरा आग्रह ठुकरा दिया अतः मैंने भी इस तरह के सहायक की आशा का त्याग कर दिया।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:49, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: khurana saab maine kabhi nahi kaha ki page delete karo mera yeh kahna hai hum ne iss anunad ku koi bar bola hai kimreferences aur citation aur inline citation do par woh manne ko ready he nahi aur bulk mai pages bana raha hai.....aise mai kya karna chahite yeh ek policy violation hai ki nahi.....agar ghar mai koi baacha samjane par bhi baat nahi samajra hai aur galti pe galti kar raha hai toh kya karoge aap.....Sushilmishra (वार्ता) 09:39, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: mujhe koi sokh nahi kisi post ka aur mujhe lalach nahi kisi post ki shayad aap mai ho isliye aap admin toh ban gaya par kaam nahi kar parey aur dusro se help mangre......i work alone better on wiki as you all have seen and i neither ask of others help nor i am a good helper.....so just avoid me......Sushilmishra (वार्ता) 12:57, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- मैं आपको यह नहीं कह रहा कि अपने आप को श्रेय मत दो। मैं यह भी नहीं कहता कि आप अपने आप को अन्य सदस्यों से बेहतर समझो। मैं वो करता हूँ जो मुझे ठीक लगता है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 13:04, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: ab aap ko kya sahi lagta mujhe kya pata.....agar aap dusro galtio ko bar bar nazarandaz karege toh usse sahi nahi usse pakshpat kahte hai.....par aap ko kya khana aap ko post ki garami aagayi hai lagta hai jo aap apni man mani karna chahte......Sushilmishra (वार्ता) 13:52, 6 जुलाई 2014 (UTC)
सुशील मिश्रा पर अपनी राय दें
मित्रो, मैं आप सब से जानना चाहता हूँ कि क्या आपलोग सुशील मिश्रा पर कुछ कार्यवाई चाहते हैं या नहीं? और यदि चाहते हैं तो क्या?
मैं संक्षेप में उनके बारे में अपने विचार रखता हूँ-
- गाली-गलौज वाली भाषा का इस्तेमाल (कुछ अतिउपयोगी सदस्य पहले ही इनके कारण विकि को 'नमस्कार' कह चुके हैं।)
- बिना सम्बन्धित विषय की जानकारी के टैग लगाना, स्पष्टीकारण पूछने पर उत्तर देने से भागना
- स्वयं कोई सकारात्मक कार्य न करना किन्तु दूसरों का समय बर्बाद करना
- बार-बार कहने पर भी हिन्दी में वार्ता न करना
मेरी माँग है कि, उन्हें
- चौपाल पर रोमन हिन्दी या अंग्रेजी में लिखे उनके सन्देशों को तुरन्त मिटा दिया जाय।
- उनको दूसरों के लेखों में परिवर्तन करने या टैग लगाने से प्रतिबन्धित रखा जाय।
अनुनाद सिंहवार्ता 08:45, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- सख्त विरोध। अनुनाद जी , मेरी प्रार्थना है कि मामले को व्यक्तिगत ना बनाएँ। कमियाँ सुशील मेम हैं तो आप में भी है मुझ में भी हैं। किस किस पर प्रतिबंध लगाएंगे हम लोग। सकारात्मक योगदान को देखें और नकारात्मकता का विरोध करें। पाप से घृणा करें पापी से नहीं। --☎मनोज खुराना वार्ता 09:06, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: जी क्या हिन्दी विकिपीडिया पर कोई नीति-नियम के अनुसार सन्देशों को मिटाने या टैग-प्रतिबंध का कोई प्रावधान है? --मुज़म्मिल (वार्ता) 09:41, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- क्यों नही? इनके संदेशों या टैग को 'कचरा' मानकर हटाया जा सकता है। यदि कोई नीति नहीं है और अधिकांश लोगों को आवश्यक लगे तो उसे बनाया जा सकता है।---- अनुनाद सिंहवार्ता 10:02, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- अर्थात नीति नहीं है। आप पहले इस बारे में प्रस्ताव रखिए। चर्चा के पश्चात शायद अधिकांश लोगों को आवश्यक लगे तो उसे बनाया जा सकता है, जैसाकि आपने कहा है।--मुज़म्मिल (वार्ता) 10:14, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- प्रबन्धकों को सोचना है कि इस बारे में वे क्या कर सकते हैं, क्या नहीं। कौन सी नीति है और कौन सी नहीं। समय आयेगा तो वे खुद लिखेंगे।---- अनुनाद सिंहवार्ता 10:34, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- क्यों नही? इनके संदेशों या टैग को 'कचरा' मानकर हटाया जा सकता है। यदि कोई नीति नहीं है और अधिकांश लोगों को आवश्यक लगे तो उसे बनाया जा सकता है।---- अनुनाद सिंहवार्ता 10:02, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: जी क्या हिन्दी विकिपीडिया पर कोई नीति-नियम के अनुसार सन्देशों को मिटाने या टैग-प्रतिबंध का कोई प्रावधान है? --मुज़म्मिल (वार्ता) 09:41, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- चूँकि आप किसी नीति के अंतरगत प्रस्ताव नहीं रख रहें हैं, इसलिए चर्चा यहीं समाप्त होती है। --मुज़म्मिल (वार्ता) 10:40, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: आप चाहे सुशील जी का कितना भी पक्ष लें। यदि नीचे किये गये गाली-गलोच का परिणाम (जिसको अभी मैंने और मुज़म्मिल जी ने मिटा दिया है तथा दृश्यता भी छिपा दी गई है) बिना किसी चर्चा के पूर्णतया प्रतिबन्ध है। इस सम्बंध में कोई नियमावली है अथवा नहीं मुझे नहीं पता लेकिन ऐसे कार्य के लिए इससे पहले भी मयुर जी ने राजीवमास को और बिल जी ने एक सदस्य को (जिसका अनुरोध मैंने किया था लेकिन सदस्य नया था अतः नाम याद नहीं है) सदा के लिए हिन्दी विकिपीडिया पर प्रतिबंधित किया था। मुझे गालियाँ देने के मामले में किसी भी विरोध से कोई समस्या नहीं है और बिना कोई चेतावनी दिये प्रतिबन्धित करना ही मेरा प्रथम कार्य होगा।
- @Hindustanilanguage: यह चर्चा आरम्भ करने का मतलब यह है कि चर्चा आरम्भ करने वाला सदस्य या तो जानता नहीं है कि विकिपीडिया पर ऐसी कोई नीति है अथवा नहीं अथवा यदि नहीं है तो इस चर्चा से उसका समाधान किया जाये। यदि नीति पहले से होती है (सदस्य को पता होता है) तो सम्बंधित सदस्य उस व्यक्ति को उस नीति के अनुरूप दण्डित करने का अनुरोध करता है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 11:02, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- सभी लोग ध्यान दें कि अभी मैने कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। मैं तो लोगों की राय जानना चाहता हूँ कि वे क्या सोचते हैं, वे क्या चाहते हैं।---- अनुनाद सिंहवार्ता 11:06, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: prastav nahi par ishara kar diya hai apne bots ko ki isko galia do aur wohi toh hora hai....tumhare group ke amt000 ko block karwaya toh bas start hogaye hai ki nahi.....Sushilmishra (वार्ता) 11:19, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी, आप अनुनाद जी को उत्तेजित करने का प्रयास कर रहे हो। ऐसा प्रयास विकिपीडिया नीतियों के अनुसार गलत माना जाता है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:21, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: woh mujhe ek saal se kare hai aur sabar kha kar hu....aur aaj toh haad hogayi hai....agar aap chahte hai mai yaha operate na karu toh muh pe bolo yeh lakadbago jaisa vaivhar nahi chahege isse aap mujhe aur mazbut karoge ladai mai thaharne ke liye.....Sushilmishra (वार्ता) 12:33, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी, यदि आप हिन्दी विकिपीडिया पर सकारात्मक योगदान नहीं देना चाहते तो जब चाहो बन्द कर दो, आपको कोई नहीं रोकेगा। यदि आप किसी को लकड़बघा कहते हो और किसी को कुछ और कह रहे हो, ऐसा यदि कहोगे तो आपको चर्चाओं से प्रतिबन्धित कर दिया जायेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:39, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: mujhe koi interest nahi hai.....tu jao tumhari wikipedia jao kachre mai.....par koi agar mujhe gali dega toh mai chup nahi rahunga......toh jo samaj ara woh karo.....Sushilmishra (वार्ता) 12:51, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- किसी आईपी से मिलने वाली गाली को आप बिना किसी सबूत के मेरे द्वारा अथवा अन्य किसी सदस्य द्वारा दी गई गाली घोषित नहीं कर सकते।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:54, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: yeh ip kab active hui aur kyu yeh zaruri hai.....isi tara ki incidents maine pahele bhi dekhe hai toh pakspat band karo aur dimag lagao admin saab....Sushilmishra (वार्ता) 13:55, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- मुझे नहीं पता। मुझे यदि किसी पर शक होता तो अब तक मेटा-विकि पर जाँच का अनुरोध डाल चुका होता। मेरे अधिकार क्षेत्र में जो कार्य था मैंने कर दिया। यदि आप यह जाँच करवाना चाहो तो करवाने के लिए स्वतंत्र हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:03, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: maine pahele kaha tha ki aap mai woh himmat nahi aur nahi jigar aur na interest ki aap woh karey toh ab kya bolu mai aap se......maine aap ko kai bar shuru mai he kaha tha ki inke against aap kuch bolo aur attack on toh wohi hua na......Sushilmishra (वार्ता) 14:22, 6 जुलाई 2014 (UTC)
Anunad ji par maine karwai ki mang shuru din se ki hai
Unke upar meri rai
- logo ko bar bar insult karna....aisa bahut se user hai jinpe un hone personal insults kiye hai
- wikipedia ke basic rule verification ka ulangan inhone bar bar kiya hai...inke banaye 99% pages mai yeh kabhi references ya citation ya inline citation nahi dete
- bar bar dusre users se ladai karna aur unko ladai ke liye lalkarna
Mai yeh demand karta hu ki
- anunad ko hindi wikipedia pe edit karne se 1 month ke liye ya zada ke liye block karna
- unke banaye sabhi pages ka audit karna aur jo wikipedia ke layak ho unhe wikipedia par rehne dena aur jo na ho unko kosish karke wikipedia ke layak banana aur agar woh koshish ke bad bhi layak na ho toh delete karna...
Sushilmishra (वार्ता) 09:51, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार और Manojkhurana: do min nahinlagege mujhe is anunad komuski bhasha mai baat karne mai jo usne upar type kiya apni id se log aur ke ip ka use kiya agar sanjeev mai abhi bhi dum hai toh karo is pe enquiry aur yaad rakho ek aur bar aya aisa kuch toh 2 min bas mujhe kholi ki bhasa use karne mai.....Sushilmishra (वार्ता) 10:14, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Hindustanilanguage: aap ko woh li es nahi hatana chahiye tha.....akir sab ko pata chalna tha ki akir yeh anunad kya hai 188.226.230.228 ko check karo agar yeh anunad match hui toh ban him now.....Sushilmishra (वार्ता) 10:21, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- आई॰पी॰ से लिखी गालियों की दृश्यता बदल दी गई है। यदि किसी भी सदस्य को इस तरह की जाँच करवानी है तो कृपया m:Steward_requests/Checkuser पर लिखें। यह जाँच करना मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। यदि किसी सदस्य को इस तरह गालियाँ देते पाया गया तो उसे तुरन्त प्रतिबन्धित कर दिया जायेगा। @Sushilmishra: सुशील जी, आपको अन्तिम चेतावनी दे रहा हूँ कि शक की बिनाह पर इस तरह का गाली-गलोच किया तो बिना किसी अन्य सदस्य से चर्चा किये आपको प्रतिबन्धित कर दिया जायेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 10:55, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- kya admin sanjeev kaha ka ip hai ye netherlands ka na aur ye 122.168.33.52 haryana ki na.....baat bol dero agar nahi chahte ki mai yaha rahu toh muh pe bolo yeh dandu harkat nahi chalti.....Sushilmishra (वार्ता) 10:51, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: sanjeev saab mai start se kahta tha ki agar aap iss ya is ke saat wale group kuch bole ki bad aap pe attack start hota....yeh ek simple example hai jo yaha yeh chala rahe hai......abhi dekh lo aap ka meesg hatake woh gali dere....yeh sab ip side aur proxy se hora hai....nahi aaj tak kabhi kisi ne netherland aur yeh naya ip 5.152.215.86 jo uk se hai...in jaga ke logo ne kabhi koi messg nahi kiya par aaj gali dene aagaye.....sahi hai bhai sahi hai.....Sushilmishra (वार्ता) 11:13, 6 जुलाई 2014 (UTC)
गालियाँ छिपाइये लेकिन कार्यवाई कीजिये
सुशील मिश्रा पर कोई समुचित कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? क्या अनुनाद सिंह के लिये उनकी गालियाँ अभी कम हैं? क्या प्रबन्धक मान रहे हैं कि अनुनाद सिंह ने सुशील मिश्रा को कोई गाली दी है? अनाम खातों को गाली देने के लिये प्रतिबन्धित किया गया, अच्छी बात है। लेकिन नाम वाले को क्या उससे भी बड़ा दण्ड नहीं देना चाहिये?---- अनुनाद सिंहवार्ता 11:30, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- अनुनाद जी, आपका कहना ठीक है। मुझे कार्यवाही करनी चाहिए थी लेकिन मैंने सोचा कि उन्होंने उन गालियों से उत्तेजित होकर समझा कि ये कार्य आपने किया है और अनजाने में उन्होंने आपको गालियाँ दे दी। मैं इसके लिए आपसे क्षमा चाहता हूँ। मैं नहीं चाहता कि अनजाने में उत्तेजित अवस्था में की गई गलती को बिना किसी पूर्व चेतावनी के प्रतिबन्धित किया जाये। भविष्य में यदि उन्होंने इस तरह की गालियाँ दी तो उन्हें उसी समय प्रतिबन्धित कर दिया जायेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:26, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- aap jo chahte the wohi hora hai na bhai saab gum naam users ke id se pahele aap ne mujhe gali di uske baad maine warning di toh aap ne phir wohi kiya toh maine palat war kiya jismai kahi bhi aap naam toh nahi liya gaya ha par aap ne jo gum naam id use kiya us mai aap ne mera naam le kar gali di....aur i can confirm ki woh ab phir aap karoge..........aisa kyu hota hai ki jaise hi aap pe maine rai mangi toh mere pe attack start hua......sanjeev jo admin hai mai toh unko roz kuch bolta hu par jab attack nahi hua.......aisa kyu hota hai ki srif jab koi bhi aap ko kuch bolta hai toh uspe unknown ids pe se attack start hota hai........aisa kyu hota hai ki aap har bar logo ko gali dete hai aur jab koi aap ko deta hai toh aap innocent bante hai........aisa kyu hota hai ki digdog singh ka asar aap mai aara hai......Sushilmishra (वार्ता) 11:44, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- arey bahut der hogayi koi gali nahi ayi....acha hide ip mai din mai 4 bar ip change hota aur proxy koi connect nahi hora shayad........kitni ajeeb baat hai dosto ki netherlands or uk se kabhi kisi ne na toh koi major page banaya hai na koi major edit kiya hai aur in ip address se toh kabhi nahi par aaj gali dene ki liye uk aur netherland ke logo ne nahi hindi sikhli aur bade dhyan se message bhi post kiya......Sushilmishra (वार्ता) 11:50, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी, यदि आप गालियाँ सुनने को इतने ही उत्सुक हो तो ऑनलाइन खोज लो। अन्यथा आपने तो स्वयं ने भी गालियाँ लिखी हैं, कृपया किसी उपकरण में उन्हें रिकॉर्ड करके सुन लो। यदि ऐसा उपकरण आपके पास नहीं है तो कृपया अपने हाथ से किसी स्थान पर लिख लें और उन्हें बार-बार, इतनी बार पढ़ें कि आपका मन खुश हो जाये लेकिन कृपया यह कार्य विकिपीडिया के किसी भी पृष्ठ (अपने परीक्षण पृष्ठ/प्रयोग पृष्ठ/सदस्य पृष्ठ सहित) पर न लिखें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 12:31, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- arey bahut der hogayi koi gali nahi ayi....acha hide ip mai din mai 4 bar ip change hota aur proxy koi connect nahi hora shayad........kitni ajeeb baat hai dosto ki netherlands or uk se kabhi kisi ne na toh koi major page banaya hai na koi major edit kiya hai aur in ip address se toh kabhi nahi par aaj gali dene ki liye uk aur netherland ke logo ne nahi hindi sikhli aur bade dhyan se message bhi post kiya......Sushilmishra (वार्ता) 11:50, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: kya sanjeev saab aap aisa he karte ho kya.....aur aap ko mafi mangne ki zarurat nahi kyu ki yeh wohi karey hai kyu ki maine observe kiya hai archive mai ki koi bhi unko kuch bolta hai toh aisa un users ke saat hota hai aur age bhi hoga.....aur zara observe karo aap woh abji active nahi toh gali nahi hahaha....bhai saab aankhe kholo abhi bhi time hai.... waise toh maine sonch liye hai ki ab kachre mai jane do hindi wikipedia mujhe kuch lena dena nahi hai.....toh enough is enough.......tumhari wikipedia tum ko mubarak....aur har koi bahut bolra tha ki mai gali deta hu toh aaj ke pahele ek proof de do.....and i got two words for you all suckers......f@#k off.....hahaha....Sushilmishra (वार्ता) 14:01, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- गालियों के सन्दर्भ में एक उपयोगी पता है: http://alternative-dictionaries.net/dictionary/Hindi/ यदि कोई इच्छुक हो तो परियोजना का हिस्सा बनकर वहाँ पर योगदान भी कर सकता है। --मुज़म्मिल (वार्ता) 12:56, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Hindustanilanguage: muzamil saab aap hyderabad se hai toh hyderabadio ku yeh dictionaryo ki zarurat nahi rahti malum na hyderabadia khud ba khud naye galia banare yaaroo...hahaha...par sahi hai yeh.....Sushilmishra (वार्ता) 14:01, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- वैसे जब ये सब वाक्य हुआ मैं सक्रिय नहीं था और मैंने कुछ नहीं देखा पर मुझे लगता ये गाली देने वाला Amt000 हो सकता हैं जिसको आज तीन दिन के लिए प्रतिबंधित किया गया हैं। क्योंकि उसका पहले सुशील जी के साथ संपादन युद्ध हो चुका हैं और वो सुशील जी को उपर "अलग" तरीके से जवाब दे चुका। शायद वो अपनी भड़ास निकाल रहा हो। (वैसे अभी इतिहास में एक आई०पी संपादन दृश्यमान हैं जिसमें गालियाँ हैं)--पीयूष मौर्यावार्ता 16:48, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- piyush bhai ismai villan koi bhi ho gali toh sach bole wale ko he padi na aur phir hamare kabil admin sanjeev ne end mai kha diya ki nahi amt000 ko unhone bahut jaldi ban kiya toh maine sonch liya hai ki kachre mai jaye aapki hindi wikipedia mujhe ab farak nahi padta......kyu ki jo jhund mai shikar karta hai woh sher nahi lakadbaga hota hai.....sahi hai na sanjeev saab....Sushilmishra (वार्ता) 17:22, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra::आप भी ऊपर कुछ गलत शब्दों का प्रयोग कर चुके हैं। मेरा निवेदन है कि कृपया उन्हें वापिस लें। ऐसे शब्दों के इस्तेमाल के बाद बहस की गुंजाईश नहीं रह जाती, चाहे आप की बात कितनी भी ठीक क्यों ना हो।--☎मनोज खुराना वार्ता 04:42, 7 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: mujhe nahi lagta ki maine kuch galat kaha hai jo sahi hai wohi maine bola hai.....aur bahas toh jab he end hogayi thi jab ek user ne mere upar personal attack karne upar ek section banaya toh aage iss par baat karna bekar hai aur iss hindi wikipedia ko kachrey mai jane se rokna bhi bekar hai.....toh aap ka chupal aur discussion aap ko mubarak.....par yaad rakhna agar kisi lakadbage ne mere upar yaha baat ki toh response uss waisa he milega ab se.....Sushilmishra (वार्ता) 06:02, 7 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra:: suckers......f@#k off... जैसे शब्दों की अपेक्षा आप जैसे सदस्यों से नहीं की जाती। कृपया इन्हें वापिस लें। यदि आपको ये गलत नहीं लगते तो बताएँ। @संजीव कुमार: जी से निवेदन है कि उन ip की भी जाँच कराएँ जिनमें अपशब्दों का प्रयोग हुआ है। --☎मनोज खुराना वार्ता 06:14, 7 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: nahi khurana saab maine kuch galat nahi kaha(ha lagta hai @# ki jaga uc likhna tha) yeh baat toh saal bhar pahele mujhe bolni chahiye thi jab rugby union par bahas hui thi...toh ha shayad delay bhi hua....par jo bhi kaha hai woh sahi hai.....banduk ki goli aur aadmi ki nazar rukai nahi rukti....Sushilmishra (वार्ता) 06:24, 7 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील मिश्रा जी के उपरोक्त जवाब के बाद मैं व्यक्तिगत तौर पर उनका बहिष्कार करता हूँ। उनका पुनरीक्षक के लिए किया गया नामाँकन वापिस लेता हूँ तथा उनके द्वारा किए गए प्रबंधक के लिए मेरे नामाँकन को भी अस्वीकार करता हूँ। साथ ही मैं इस बहस में आगे भाग लेने की अपनी असमर्थता व्यक्त करता हूँ। --☎मनोज खुराना वार्ता 06:34, 7 जुलाई 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: thank you khurana saab mujhe bhi koi interest nahi tha reviewer bane mai.....aur bahais shuru ki admin sanjeev ne kyu ki mujhe reviewer ke liye nominate kiya gaya.....jisse kuch references aur citation na dene walo ke pasina nikal gaya......toh ab bas mere se dur raho do dont trouble me by nominating for junk posts.....guy hindi wikipedia is heading towards disaster......Sushilmishra (वार्ता) 06:57, 7 जुलाई 2014 (UTC)
Sustainable के लिये हिन्दी शब्द
पर्यावरण, भूगोल और संसाधन प्रबंधन से जुड़े अंग्रेजी शब्द Sustainable के लिये हिन्दी में क्या शब्द इस्तेमाल किया जाए? अकेले Sustainable development के लिये हिन्दी में प्रचलित शब्द हैं - सतत विकास, धारणीय विकास, संधारणीय विकास, संपोषित विकास, पोषणीय विकास, टिकाऊ विकास इत्यादि। अंग्रेजी विकी के कुछ लेखों के लिये हिन्दी लेखों की टाइटिल में भी एकरूपता नहीं है जैसे Sustainable agriculture = टिकाऊ कृषि, Sustainable development = टिकाऊ विकास, aur Sustainability = संधारणीयता इत्यादि। इन लेखों की टाइटिल और अन्दर की सामग्री में इस संकल्पना के लिये शब्द के उपयोग में एकरूपता की आवश्यकता है। आप सभी की क्या राय है?? --सत्यम् मिश्र (वार्ता) 12:53, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा निर्धारित शब्द प्रयोग करना चाहिये (यदि उपलध हो)। मैने देखा कि
- sustainable संधारणीय
- sustainable agriculture संधारणीय कृषि
- sustainable development संधारणीय विकास
- sustainable ecosystem संधारणीय पारितंत्र
- sustainable energy संधारणीय ऊर्जा
- sustainable forest ecosystem संधारणीय वन पारितंत्र
- तथा ऐसे ही बहुत से अंग्रेजी शब्दों के तुल्य हिन्दी शब्द वहाँ उपलब्ध है। लेख का शीर्षक निर्धारित 'मानक शब्द' ही रखना चाहिये। व्यवहार में प्रचलित अन्य शब्दों को लेख में शुरू में ही लिखा जाना चाहिये और इनको मानक शब्द पर पुनर्निर्देशित किया जाना चाहिये। अंग्रेजी और अन्य भाषाओं वाले भी यह करते हैं।---- अनुनाद सिंहवार्ता 13:52, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- जैसा अनुनाद जी ने कहा, तकनीकी शब्दावली आयोग पर इस शब्द के लिए एकरूपता है और उसी एकरूपता के अनुसार हमें सभी पृष्ठों के शीर्षक में सुधार करना चाहिए। सत्यम् जी, आप इन पृष्ठों को स्थानान्तरित करके आगे यह सुधार कर सकते हो। यदि कहीं समस्या हो तो सहायता प्राप्त कर सकते हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:10, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार:जी, @अनुनाद सिंह: जी ! आप दोनों लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद ! --16:33, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- जैसा अनुनाद जी ने कहा, तकनीकी शब्दावली आयोग पर इस शब्द के लिए एकरूपता है और उसी एकरूपता के अनुसार हमें सभी पृष्ठों के शीर्षक में सुधार करना चाहिए। सत्यम् जी, आप इन पृष्ठों को स्थानान्तरित करके आगे यह सुधार कर सकते हो। यदि कहीं समस्या हो तो सहायता प्राप्त कर सकते हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:10, 6 जुलाई 2014 (UTC)
Jeeteshvaishya और Jeeteshroxx
इस इतिहास और इस जैसे सम्पादनों से पता चलता है हमारे यहाँ कठपुतली खातों का नया दौर शुरू होने जा रहा है। --मुज़म्मिल (वार्ता) 18:40, 6 जुलाई 2014 (UTC)
- इन दोनों सदस्यों के कार्यों पर मैंने भी संज्ञान लिया है। थोड़ा धैर्य रखें कुछ संपादन के पश्चात स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।--माला चौबेवार्ता 05:32, 7 जुलाई 2014 (UTC)
- माला जी ने ठीक कहा है। उन दोनों सदस्य नामों से एक जैसे सम्पादन भले ही हुये हैं लेकिन उन्होंने अभी थोड़े बहुत सम्पादन किये हैं जिनपर केवल पुनरीक्षक और प्रबन्धक नज़र रख सकते हैं। यदि वो मतदान में दो अलग-अलग सदस्यों के रूप में भाग लेते हैं अथवा अन्य किसी तरह का उत्पात मचाते हैं तो उनकी जाँच एवं उपयुक्त कार्यवाही की जायेगी।☆★संजीव कुमार (✉✉) 07:55, 7 जुलाई 2014 (UTC)
- ये दोनों सदस्य नये हैं। इनसे कोई गलती हो रही हो तो समझाना चाहिये और ठीक करना चाहिये। हो सकता है कि दोनों नाम एक ही हो और ये भी सम्भव है कि दोनों अलग-अलग हों। ये भी हो हो सकता हो उनको कठपुतली के बारे में ही पता न हो। कुछ भी हो अभी उन्हें सहायता की जरूरत है, प्यार की जरूरत है। ---- अनुनाद सिंहवार्ता 08:09, 7 जुलाई 2014 (UTC)
गालियाँ देने वाली आईपी के लिए कठपुतली जाँच
मैंने स्टीवर्ड्स की सलाह के अनुसार गाली देने वाले आईपी पतों की कठपुतली जाँच का अनुरोध किया है। यदि किसी भी सदस्य को उसमें किसी तरह की कोई आपत्ति हो अथवा कोई और सुझाव हो तो आपका स्वागत है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 18:33, 7 जुलाई 2014 (UTC)
- यहाँ मैं देख रहा हूँ कि मुज़म्मिल जी और सुशील जी ने अलग-अलग टिप्पणियाँ लिखकर उन्हें पुनः यहाँ से हटा दिया है। चूँकि मुझे जितनी अंग्रेज़ी आती है उसके अनुसार मैंने मेरी बात रख दी है। अब यदि आपको अपनी टिप्पणी देनी है तो जरुर वहाँ लिखें। मैं जानता हूँ कि वो गालियाँ देने वाला सदस्य मैं नहीं था अतः मैं ऐसी जाँच नहीं करवा सकता और मैं मेरा नाम वहाँ लिखकर जाँच को बिना चर्चा के ठण्डे बस्ते में नहीं डालना चाहता। यदि आप चाहते हो कि मैं मेरा नाम भी उस सूची में जोड़ूँ तो कृपया यहाँ एक साधारण चर्चा आरम्भ करें जिसमें मेरा वहाँ नाम जोड़ने के विकल्प पर समर्थन और विरोध हो। यदि पाँच सदस्य भी इसके समर्थन में अपना मत डालते हैं तो मैं मेरा नाम बिना किसी देरी के वहाँ जोड़ दुंगा। मेरा आप लोगों से भी अनुरोध है कि आप अपनी बात वहाँ लिख सकते हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 06:26, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- अब Amt000 का क्या होगा? --मुज़म्मिल (वार्ता) 07:56, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- मुझे तो लगता है इसे सदा के लिए प्रतिबन्धित कर देना चाहिए। अन्य सदस्यों की राय जानना चाहता हूँ।☆★संजीव कुमार (✉✉) 10:38, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- समर्थन --मुज़म्मिल (वार्ता) 11:09, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- अब Amt000 का क्या होगा? --मुज़म्मिल (वार्ता) 07:56, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- सदस्य Amt000 अग्निपरीक्षा में खरा उतरा है। उसके ऊपर मढ़ा गया गाली देने का आरोप किसी भी तरह सिद्ध नहीं हुआ है। हमारे अन्दर नैतिक बल हो तो हमें उससे माफी मांगनी चाहिये कि हमने उसे गलत समझा। उसे प्रतिबन्धित करने का तो कोई आधार ही नहीं है। इसके अलावा वह नया सदस्य है और मुझे कुछ-कुछ अनाडी लगता है। उसे तकनीकी सहयोग देने की जरूरत है, ऐसा मेरा आकलन है।
- इसके अलावा, क्या यह अजीब नहीं लग रहा कि जिस पर गाली देने की आशंका थी (जो असिद्ध हो गयी), उसे प्रतिबन्धित करने की बात की जाय और जिसने खुलेआम गाली दी (जिसमें कोई सन्देह ही नही है) उसको 'गलतफहमी में की गयी गलती' मान लिया जाय?
- यह केस 'चोर मचाये शोर' का तो नहीं है?---- अनुनाद सिंहवार्ता 12:40, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- अनुनाद जी, आप Amt000 जी की किस अग्निपरीक्षा की बात कर रहे हो? मेटाविकि पर उन्होंने इस सदस्य को दोषी बताया है। हाँ वो पूरा कारण नहीं बता रहे हैं लेकिन जितना हम कर सकते हैं उसके अनुसार Amt000 जी को दोषी पाया गया है। मैंने किसी में कुछ गलत नहीं समझा और वहाँ सभी सदस्यों के नाम लिखे थे। सुशील जी ने एक वर्ष से भी अधिक समय का अनुभव रखते हुये गालियाँ दी। उन्होंने इस जाँच को उचित नहीं समझा, अतः मैं आपकी इस बात से सहमत हूँ कि जो सजा Amt000 को मिलती है उसी के भागी सुशील जी भी हैं। चूँकि सुशील जी ने मना करने के बाद भी गालियाँ जारी रखी हैं और मनोज जी के अनुरोध के बाद भी उन्होंने अपना कार्य जारी रखा। अतः मुझे नहीं लगता कोई भी इस बात का विरोध कर रहा हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 13:04, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- संजीव कुमार जी, जब मैने लिखा था उसके बाद आपने और स्टीवर्ट ने कुछ नया लिखा है। मैने उसे पढा। हमने स्टीवर्ड से एक आईपी खाते के कठपुतली होने के बारे में पूछा था जिसका उसने नकारात्मक जवाब दिया है। स्टीवर्ड यह कहकर कि 'मैं कन्फर्म करता हूँ कि गाली Amt000 ने ही दी है' अपनी ही बात को काट रहा है और अपने अधिकारक्षेत्र का उल्लंघन भी कर रहा है। उसने अपने पहले ही वाक्य में बड़े ही स्पष्टता से लिख दिया है कि उक्त आईपी खाते को किसी भी सदस्य से सम्बन्धित नहीं किया जा सकता। (इसमें Amt000 भी सम्मिलित है)।---- अनुनाद सिंहवार्ता 13:29, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- अनुनाद जी, स्टीवर्ड ने वहाँ लिखने से पहले मुझे एक ईमेल भेजी थी जिसके अनुसार Amt000 के ही वह आईपी होने के सबूत उनके पास हैं। मैंने उन्हें ईमेल भी लिखा लेकिन उन्होंने अभी तक इसका उत्तर नहीं दिया है। अन्यथा मैं अब तक प्रतीक्षा भी नहीं करता और यहाँ यह चर्चा भी आरम्भ नहीं करता। लेकिन क्या आप समान अपराध के लिए समान सजा का समर्थन नहीं करते? मैं गाली देने वाले सभी सदस्यों के प्रतिबन्ध का प्रस्ताव रख रहा हूँ। ☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:07, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- संजीव कुमार जी, जब मैने लिखा था उसके बाद आपने और स्टीवर्ट ने कुछ नया लिखा है। मैने उसे पढा। हमने स्टीवर्ड से एक आईपी खाते के कठपुतली होने के बारे में पूछा था जिसका उसने नकारात्मक जवाब दिया है। स्टीवर्ड यह कहकर कि 'मैं कन्फर्म करता हूँ कि गाली Amt000 ने ही दी है' अपनी ही बात को काट रहा है और अपने अधिकारक्षेत्र का उल्लंघन भी कर रहा है। उसने अपने पहले ही वाक्य में बड़े ही स्पष्टता से लिख दिया है कि उक्त आईपी खाते को किसी भी सदस्य से सम्बन्धित नहीं किया जा सकता। (इसमें Amt000 भी सम्मिलित है)।---- अनुनाद सिंहवार्ता 13:29, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: You don't need and I can't release the evidence. I can confirm that Amt000 is responsible for the abuse. QuiteUnusual (talk) 11:04, 8 July 2014 (UTC) itna proof bas nahi kya ya phir filmy style aur saboot aur saboot.....bakwas hai yeh sab.....aur rahi baat mere gali dene ki toh maine kab kaha ki maine nahi di gali maine toh sher ki tara meri id use karke gali di hai aur woh bhi usse di jisne pahele mujhe di thi.....na ki kuch lakadbago ki tara jo chup kar hamla karey the, mujhe uksane ke liye unlogo ne plan kiya aur maine wohi kiya jaisa unka plan tha....taki yeh log jo bar bar mujh par gali dena ka ilzam lagare the(jo ki aaj se pahele maine kabhi nahi di) woh logo ko hatyar milgaya.....yeh kuch aur nahi bas kuch users ki sonchi samgi chal hai.....agar aap mai naitik bal hai toh mere se maafi wikipedia ko mangni chahiye aur jald se jald doshi par karwai karni chahiye...(ek aur cheez mujhe toh gali dene wale ne mera naam lekar gali di hai par maine toh kisi user ka naam lekar gali nahi di toh kisi bhi user ka bp badne ka karan he nahi).....saat he mai yeh kahunga ki doshi ka bacho karne walo ko bhi saza deni chahiye chahe woh koi bhi kyu na ho.....Sushilmishra (वार्ता) 14:11, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी, आपका इस चर्चा में भाग लेने का कोई औचित्य नहीं है। आप अपनी ही कही बातें भूल चुके हो। आपने एक निर्दोष सदस्य को 10:42, 6 जुलाई 2014 (UTC) के अवतरण में सदस्य अंग्रेज़ी में स्पष्ट नाम लिखकर इसका विवरण किया है। आपने न ही तो आईपी को गाली दी और न ही किसी अज्ञात सदस्य को। चूँकि गाली देना अपने आप में ही एक गलती के रूप में माना जाता है और आपने एक सदस्य को उसका नाम लेकर गालियाँ दी। अतः आपकी इस चर्चा में भाग लेने का कोई अर्थ नहीं है। यदि आप चाहो तो आपको आपके द्वारा लिखी गई सामग्री ज्यों कि त्यों ईमेल कर सकता हूँ।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:22, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: mujhe yaad nahi ki maine kisi ka naam le kar gali di.....agar di bhi hogi toh woh mujhe gali de ne ke baad he reaction tha.....physics padate hai aap newton ka third law yaad nahi... aur mai yeh phir kahunga saat he mai yeh kahunga ki doshi ka bacho karne walo ko bhi saza deni chahiye chahe woh koi bhi kyu na ho.....Sushilmishra (वार्ता) 14:35, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी, कृपया यहाँ न ही तो फिजिक्स (भौतिकी) के उदाहरण देने की आवश्यकता है और न ही किसी ओर जगह के। आपको अंग्रेज़ी तो अच्छी आती ही है, अपने प्रश्न के उत्तर में आप ट्वलव एंग्री मैन (१९५७) नामक फ़िल्म देख लो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:49, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- संजीव कुमार जी, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि स्टीवर्ड आपको प्रायवेट मेल क्यों भेज रहे हैं। क्या ऐसे मेल को किसी निष्कर्ष या कार्यवाही के लिये वैध माना जा सकता है? मुझे लगता है नहीं।
- मैं 'समाज दोष के लिये समान सजा' के सिद्धान्त को पूरी तरह मानता हूँ। लेकिन तथ्यों के प्रकाश में देखा जाय कि अब दोषी कौन सिद्ध हो रहा है और निर्दोष कौन? ---- अनुनाद सिंहवार्ता 15:02, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: bhai saab hum earth pe rehte hai toh yaha har cheez physics ke rules se govern hoti hai....ha event horizon ka kuch bol nahi sakte....toh jab tak hum earth pe hai toh hum physics ka example dekte hai.....aur woh movie bakwas hai yaar i suggest aap en:Gone with the Wind ya en:Citizen Kane ya meri fav en:The Good, the Bad and the Ugly yeh movies deekho yeh hai kuch classics.....aur ho sake toh yeh upar wale mammu ko chup hone ko bolo kuch bhi bakwas bolte rehta aisa lagta ki yeh bas bolna bolke bolta.....saat he mai yeh kahunga ki doshi ka bacho karne walo ko bhi saza deni chahiye chahe woh koi bhi kyu naho......Sushilmishra (वार्ता) 15:18, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: स्टीवर्ड की नीजि ईमेल के बारे में मैंने पहले ही लिखा था कि यह मेटा विकि पर टिप्पणी आने से पहले की थी। उसके बाद अन्य कोई प्राइवेट वार्तालाप नहीं हुआ। चूँकि जाँच भी पूर्णतया सच हो यह आवश्यक नहीं लेकिन क्या स्टीवर्ड्स की Amt000 के साथ कोई दुश्मनी है? वो Amt000 के विरुद्ध ही क्यों बोले?
- @Sushilmishra: मैं आपके द्वारा सुझाई गई अधिकत्तर फ़िल्में देख चुका हूँ। अब यह आपके अधिकार क्षेत्र में नहीं है कि कौनसी फ़िल्म बकवास है और कौनसी अच्छी। मैंने आपके प्रश्न के उत्तर में कहा था बल्कि आपने बिना किसी कारण ही कई फ़िल्मों का सुझाव दे दिया। आप भौतिकी के नियमों की बात कर रहे हो लेकिन क्या आप भौतिक विज्ञान के ज्ञाता हो? शायद नहीं। इस अवस्था में आप वो नियम यहाँ लागू नहीं कर सकते जिनकी आपको जानकारी नहीं है। मुझे एक बार मेरी सहकर्मी ने कहा था कि क्वांटम भौतिकी के अनुसार मैं यदि बहुत सी टक्करें करूँ तो सामने वाली दीवार को बिना तोड़े पार कर सकती हूँ। मेरा उस समय उनके लिए भी यही शब्द था कि कृपया प्रयास आरम्भ करो और आपके लिए भी यही कहुँगा कि आप भी वैसा ही कोई प्रयास करो। अतः आपके द्वारा सुझाया गया भौतिकी का नियम आपकी इच्छा के अनुरूप लागू नहीं होता। मैं इन नियमों को भली-भाँति जानता हूँ और आपसे उनका अर्थ निकलवाने की मुझे आवश्यकता नहीं है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 15:41, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: arey bhai bakwas movie ko bakwas he bolege, aap agar humshakal ko hit bolege toh nahi chalega, woh movie toh torcher hai....ab pata nahi mere kis question par aapne woh movie suggest ki par ha maine yeh movies aap ko kuch classic english entertainment deekhne ke liye suggest ki thi.....waise quantum physics ki jankari mere kaam mai zaruri hai basic haad tak....aur jo aap theory ki baat kare ho woh possible hai par atomic state par, par large scale par bas ek theory hai kyu ki energy requirement bahut padegi, toh practically impossible hai large scale pe.....aur agar aap theory jante hai toh use kyu nahi karte......saat he mai yeh kahunga ki doshi ka bacho karne walo ko bhi saza deni chahiye chahe woh koi bhi kyu naho......Sushilmishra (वार्ता) 16:19, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- @अनुनाद सिंह: जी:
- स:संजीव कुमार जी प्रबंधक है, उस नाते दायित्व और विश्वस्नीयता के मामले में विकि-संस्कृति के अनुसार वह आपसे या मुझसे अधिक महत्व रखते हैं। क्या आपको इसपर आपत्ति है?
- शिकायत संजीव जी ने की, यदि कोई विशेष बात हो तो उनसे कही जायगी या किसी और से?
- प्रतिबंध लगाना है या नहीं, और अगर है तो किस/ किन पर, इसकी प्रक्रिया संजीव जी ही तय कर सकते हैं। --मुज़म्मिल (वार्ता) 17:41, 8 जुलाई 2014 (UTC)
- मुज़म्मिल जी, संजीव कुमार ने सदस्यों की राय मांगी है। इसलिये मैने राय दिया है। यदि वे नहीं मागते तो भी अपनी बात को समुचित तरीके से रखने का अधिकार सबको है। यह तो हुई मेरी बात। किन्तु कृपया यह बताने का कष्ट करें की आपने क्या सोचकर ऊपर अपनी राय दे डाली है?---- अनुनाद सिंहवार्ता 06:42, 9 जुलाई 2014 (UTC)
Amt000 का प्रतिबंध आज खत्म होने जा रहा हैं और वो ज़रूर सक्रिय हो जाएगा क्योंकि वो अपने वार्ता पृष्ठ पर सम्पादन कर रहा हैं। मुझे लगता हैं हमें उसके सम्पादन देखने चाहिए और उससे इस बारे में सवाल-तलब करना चाहिए।--पीयूष मौर्यावार्ता 06:07, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- अच्छी बात है कि Amt000 पर प्रतिबन्ध आज समाप्त होगा और हिन्दी विकि पर वह योगदान करना शुरू करेंगे । उनको सम्पादन करने दीजिये और हो सके तो उसका सहयोग कीजिये।---- अनुनाद सिंहवार्ता 06:42, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra: आपकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि आप किसी अन्य की भावनाओं और उनके कार्य को समझने का प्रयास करना भी अपना अपमान मानते हैं। आप एक फ़िल्म को बकवास कहते हैं क्योंकि वो आपके सिद्धान्तों के खिलाप थी। आप आईएमडीबी रेटिंग देखोगे तो पावोगे कि "12 एंग्री मैन" की रेटिंग 8.9 है जबकि आपके द्वारा नाम ली गई फ़िल्में बिना कारण के हैं और उनकी रेटिंग "गुड बैड अगली" को छोड़कर कोई भी "12 एंग्री मैन" से अच्छी नहीं है। अब अच्छा होगा आप हमें लक्ष्य से भटकाने का प्रयास न करें।
- @हिंदुस्थान वासी: हमने Amt000 को जीवनभर के लिए प्रतिबन्धित नहीं किया था। हाँ उनके योगदानों पर नज़र रखी जायेगी।
- @अनुनाद सिंह: आपका कथन ठीक है कि हमें नये सदस्यों का सहयोग करना चाहिए। लेकिन मेटा विकि पर उन्होंने गालियों के लिए जिम्मेदार Amt000 को ही माना है। चूँकि Amt000 को पृष्ठों में सम्पादन से प्रतिबन्धित किया था। यदि वो इस कार्य में अपनी सफाई पेस करना चाहते हैं तो उनका भी स्वागत है।
- @Hindustanilanguage: आपने चर्चा को सकारात्मक दिशा में ले जाने का अच्छा प्रयास किया है जिसके लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ लेकिन अन्य सदस्यों की राय भी तो महत्व रखती है। मैं जैसे सुशील जी को कह रहा था वैसे ही आपको भी "12 एंग्री मैन" नामक फ़िल्म का उदाहरण देकर कहना चाहूँगा कि कई बार हम जल्दबाजी में और बिना चर्चा के एक गलत निर्णय ले सकते हैं। अतः उसमें सुधार का एक ही उचित तरिका होता है और वह है सद्भाव के साथ की गई चर्चा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 07:56, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: ek user ko chod ke zadatar user aap se strict action ki umeed karey hai.....agar abhi aap ne abhi kuch nahi kiya toh yeh aap ke upar ek bada sawal hoga or hindi wikipedia ke rules ka mazak hoga.....saat he mai yeh kahunga ki doshi ka bacho karne walo ko bhi saza deni chahiye chahe woh koi bhi kyu naho......Sushilmishra (वार्ता) 08:04, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: bina kissi provation ke attack ek pagal he kar sakta hai....toh kya reason hoga bolo aap.....uss user ko pahele yaha sab ke samne safai deni chahiye aur agar unski safai manzur hoti hai toh usse maafi mangni chahiye uske baad he usse pages edit karne dena chahiye.....aur aap ke baremai toh maine pahele he kaha tha ki aap mai jigar nahi hai toh.....aur movie ki rating se agar hum movie ho acha bolne lage toh ek hindi movie ayi thi tiffin box rating ke hisab se toh yeh hindi cinema ki sab se badi hit honi chahiye aur rating ke hisaab se naseerudin shah or farooq sheikh sabse bade actor, par sach kya hai hum ko pata hai....Sushilmishra (वार्ता) 08:04, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: agar aap ne kuch kiya nahi iss baat pe toh aap ek bar phir jhute sabit hoge.....kyu ki aap ne steward se kaha According to our policy the user who abused will got blocked on hiwiki forever.☆★Sanjeev Kumar (talk) 18:31, 7 July 2014 (UTC) aur jab steward ne doshi ka naam diya toh aap rules ki andeekhi karey hai aur aapne ko jhuta bhi sabit karey hai......lagta hai yaha har user ke liye alag alag rule hai.....lagta hai doshi admin ka sagewala hai isliye woh uspe rules ke anusar karwai nahi karey hai....lagta hai admin kaam ke layak nahi hai.....Sushilmishra (वार्ता) 08:12, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी, आपसे मैंने यहाँ सलाह देने को नहीं कहा और न ही मुझे आपकी सलाह की जरुरत है। मैंने स्टीवर्ड को क्या कहा इससे आपको कोई मतलब नहीं है। आप मुझे बार-बार उत्तेजित करने का प्रयास कर रहे हो और इसी प्रयास के परिणामस्वरूप मैं आपको प्रतिबन्धित कर सकता हूँ। आपको बचाने के प्रयास में मुझे सब कदम उठाने पड़े लेकिन अभी आपको प्रतिबन्धित करना ही सर्वप्रथम कदम मुझे उठाना पड़ेगा। आप किसकी पैरवी कर रहे हो। आपके द्वारा लिखे हुये शब्दों को पढ़ना भी अपने आप में एक चुनोती है क्योंकि हिन्दी से अंग्रेज़ी में लिप्यंतरण करते समय ch को 'च', chh को 'छ', 'd' के लिए ड, ड़ या द आदि लिखे जाते हैं और इसके तहत आप अभी भी गालियाँ लिखने से बाज नहीं आ रहे हो। आपने विभिन्न अंग्रेज़ी शब्द भी लिखे हैं जो मेरे शब्दकोश में उपलब्ध नहीं हैं और मैंने कई शब्दकोश उठाये लेकिन उनका अर्थ प्राप्त करने में असफल रहा जैसे: provation। फ़िल्मों के बारे में यदि चर्चा करनी है तो अपने वार्ता पन्ने पर कीजिये।☆★संजीव कुमार (✉✉) 08:21, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: ban hahaha aap abhi bhi nahi samjhe, mai aapne aap ko khud ban kar chuka hu.....maine ussi waqt aapne aap ko ban kiya jab aap ne yaha chupal pe bakwas shuru ki......peechaley 1 week mai kya contribution hai mera check karo aap....aur rahi baat aap ko provocate karne ki woh jo sach hai wohi maine bola hai....aap badi rules ki baat karey the starting mai kyu ki aap ko laga ki steward doshi kisi aur ko kahege par jab doshi aap ka adami nikala toh aap pareshan hogaye aur instead of doshi par action lena aap yaha bekar ki bakwas shuru karey aur badme doshi ko protect karey hai.....aur aap ko koi kya advice de aapke pale koi baat pade toh na....ankho pe aapne pati jo band rakhi hai.....saat he mai yeh kahunga ki doshi ka bacho karne walo ko bhi saza deni chahiye chahe woh koi bhi kyu na hoSushilmishra (वार्ता) 08:38, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी ज़रा इसे देखिए। कहीं ये आप तो नहीं कर रहे हैं।--पीयूष मौर्यावार्ता 10:36, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: samaj nahi aya ki aap ki bareme bol rahe hai....thoda detail bole toh i can comment....Sushilmishra (वार्ता) 10:53, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: aap se mai kuch question karna chahunga aur saat he jo link diya aapne usse use karke kuch point rakhna chahta hu.....shayad aap ko bakwas lage par bolna toh hai.....
- paheli cheez upar aur kai dusri jaga humare admin sanjeev ne, reviewer khurana saheb ne aur ek lakadbage ne chati peet peet kar janch aur karwai ki mang ki thi......steward ne bata diya ki doshi koun hai.....inhe pata chala ki doshi inka adami hai bas sab chup.....sab lage doshi ko bachane....iske baad kya hum admin aur reviewer pe bharosa kar sakte hai kya....mai toh nahi kar sakta...
- lakadbaga bar bar rota hai ki mai gali deta hu....yeh baat chupal pe usne kahi 08:45, 6 जुलाई 2014 (UTC) jab ki maine usdin ke pahele aur uss time pahele kabhi koi gali nahi di.....agar di hai toh proof samne rakho...
- lakadbage ne ek karwai ki thi jaha rugby union jo ki ek sport hai uska naam badalne ki koshish ki uske hisab se rugby union ko rugby sangh bolna chahiye maine kaha yeh galat hai kyu ki agar hum aisa kare toh football ko pair gandhe bola chahiye, rugby league jo ek aur sport hai usse rugby guth aur new york ko naya york bolna chahiye.....ismai meri baat sahi mani gayi admin bill dwara....uske baad se usne aur uske supporters ne mere pe personal attack shuru kiya....
- admin sanjeev chahte hai ki mai reviewer ka kuch kaam karu jissi dekh kar woh mujhe vote dege....maine kaha nahi aisa galat hai....toh woh bura maan gaye aur aagaye yaha chupal mai...
- agar lakadbage ko hum pages mai references lagane ko bolte hai toh kya galat hai....wikipedia ki policy isse sahi manti hai....toh inhe kya dikat hai...
- agar mai yaha admin ko dusre wikipedia ke achi cheezo ko apnane ko kahata hu toh kya galat hai.....hum kyu woh galti karey jo dusro ne pahele he kardi hai....dusro ki galtio se seekhna kyu nahi chahte...
- khurana saab bolte hai bar bar ki hindi wiki pe user he nahi aur utne pages he nahi toh hum quality ka kya kare....mai bolta hu ki agar aap quality nahi dege toh user kyu ayega aap ke pass....
- maine jab iss lakadbage ka virod kiya toh iss lakadbage ke supporter ne mere har page pe wikify ka tag lagadiya maine pucha kyu toh ussne kaha ki mai bakwas kara hu....ab kya kyu puchna bakwas hai?....aaj woh user ek admin hai aur openly mujhe kai bar ban karne ki dhamki de chuka hai....kyu?kyu ki mai sawal karta hu?....
- agar aisa he raha toh aap wait karna ek din aap bhi inke target hoge....kyu ki iss lakadbage ne bahuto pe attack kiya hai specially jab isse admin nahi banaya gaya jab.....iss pe bahut complains hai par koi action nahi....
- iss ne wiki ke basic rules kabhi follow nahi kiye.....phir bhi iss pe koi karwai nahi kyu? Kyu ki hamare admin kahte hai ki yeh purana hai.....purana hai toh kya hum abhi bhi dada ki scooter chalaye ya abhi bhi typewriter use kare...
Sushilmishra (वार्ता) 11:44, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- Sushilmishra जी, यदि आपने अब भी लकड़बघा अथवा इससे मिलते जुलते नाम हिन्दी-विकिसमुदाय के सदस्यों के लिए काम में लेना नहीं छोड़ा तो आपको तुरन्त प्रतिबन्धित कर दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त यदि अपने-आप को प्रतिबन्धित करवाना चाहते हो तो किसी भी प्रबन्धक से इसके लिए अनुरोध कर सकते हो जैसा पिछले वर्ष लवी सिंघल नामक सदस्य ने किया था। आपके अनुरोध पर आपको प्रतिबन्धित कर दिया जायेगा। यदि आप मुझे प्रतिबन्धित करवाना चाहते हो तो कृपया स्टीवर्ड्स से इसके लिए अनुरोध करो क्योंकि वर्तमान में उनके अलावा अन्य कोई मुझे हिन्दी विकिपीडिया पर प्रतिबन्धित नहीं कर सकता।☆★संजीव कुमार (✉✉) 13:23, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील मिश्रा जी आपने नाम के स्वरूप बिल्कुल भी "सुशील" नहीं हैं :D (केवल मज़ाक अन्यथा न ले)। वैसे मैंने गीदड़ और शेर की तुलना तो कई बार सुनी हैं पर सुशील जी ने लकड़बग्घा और शेर की तुलना भी सिखा दी।--पीयूष मौर्यावार्ता 15:25, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: aap ko koi kuch nahi kar sakta isliye toh aap apni maan mani chalare.....aap bolte toh badi badi hai par aap mai jigar nahi.....chalo bhai mai lakadbaga nahi bolunga toh kya mai en:Chupacabra bol sakta hu??.....Sushilmishra (वार्ता) 15:58, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: arey bhai saab zaruri nahi na koi aapne naam ki tara ho ab agar kisi ka naam suraj ho toh uski toh vat lagjayegi....waise aap ku bata du kuch civilization mai geedad ko bahadur bola jata kyu ki woh uski maand ki raksha ke liye bade bade sher se bhidjata(isliye toh duniya ke sab se chalak terrorist carlos ko carlos-the jackal kaha jata).....par lakadbaga toh chor, busdil aur mauka parast he rehta....(waise bhai saab aap ne geedad ka link galat dita hai).....Sushilmishra (वार्ता) 15:58, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: lagta hai aap ko aapki baat yaad dilani padegi मुझे तो लगता है इसे सदा के लिए प्रतिबन्धित कर देना चाहिए। अन्य सदस्यों की राय जानना चाहता हूँ।☆★संजीव कुमार (✉✉) 10:38, 8 जुलाई 2014 (UTC) maximum users ne apna faisla diya hai lagta hai....ek ko chod ke sab ban ka samarthan karey hai(aur aap ka vote iss line main saaf saaf dekhra hai)....toh kis cheez ka intezar hai honhar admin sanjeev saab.....action lo ya nahi toh seede seede bolo ki aap bas yaha time pass karey....kyu ki saboot hai....vote hai....aur jitni baat honi thi bas hogayi....zada delay aachi baat nahi.....bahut huyi bakwas ab action lo ya nahi toh bol do ki aap doshi ke saat ho aur yeh sab time pass drama hai.....aapne upar kaha आपको बचाने के प्रयास में मुझे सब कदम उठाने पड़े aap yaha kise bachaney ki koshish karey hai saaf saaf dekhra hai.....aapne upar saat he yeh bhi likha hai आप किसकी पैरवी कर रहे हो। mai toh sach aur insaf ki pairavi kara hu par aap kiski karey ho yeh nahi samaj ara.....agar yeh aap ko provocation lagra hai toh wohi samjho aap.....par mai ek he bolunga ab bahut hui bakwas ya toh doshi ko ban karo ya seeda seeda bolo ki aap uska saat dere ho aur yaha time pass drama karey....kal 12 noon UTC/GMT tak ka time hai kyu ki ab bahut delay time pass hogaya......Sushilmishra (वार्ता) 21:05, 9 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी:@Hindustanilanguage:@Manojkhurana: bahut delay aur drama aur time pass hogaya hai....samne steward ki baat hai saboot ke tor pe.....aap logo ka vote hai....wiki ke rule hai.....phir insaf mai deri kyu.....kyu iss case ka mazak banra hai.....kya yeh mere saat hua isliye admin doshi ko saza nahi dere....kya admin ko laga ki doshi mai rahunga isliye unhone janch karwai par jab koi aur nikala toh yeh time pass karey.....i demand justice now.....either hindi wiki ban that user or declare that they are supporting guilty user and end this pathetic discussion......Sushilmishra (वार्ता) 21:30, 9 जुलाई 2014 (UTC)
सुशील जी, शायद समस्या के नए पहलू हैं जिनको ग़ौर से तय करना होगा:
- Quite Unusual जी से कुछ और स्पष्टिकरण माँगा गया है, उसके लिए प्रतीक्षा की जा रही है।
- Amt000 जी को दोषी मान भी लें तो साथ में आपने भी बुरा-भला कहा है। विशेष रूप से चेतावनी के पश्चात भी वही रवय्या जारी रखा। फिर अनुनाद जी सही हैं या गलत यह अलग विषय है, आपने उनको और संजीव जी को तक गाली दी है (उनके वार्ता पृष्ठ पर) - इस बात को क्या नज़र अंदाज़ किया जा सकता है। यदि संजीव जी आप पर कोई क़दम उठाते हैं यहाँ कोई Conflict of Interest की भी बात हो सकती है।
- जो नियम एक व्यक्ति के लिए हो, उसे गंभीर चर्चा और विवाद की स्थिति में क्या एक से अधिक लोगों पर लागू किया जा सकता है, यह भी सोचने का विषय है। --मुज़म्मिल (वार्ता) 23:47, 9 जुलाई 2014 (UTC)
गालियाँ देने के लिये अब कार्यवाई कीजिये
गालियाँ देने के मामले में बहुत चर्चा हो चुकी। अब मनोज खुराना जी, मुजम्मिल जी, पीयूष जी, आप और मैं सभी ने कह दिया है कि श्री सुशील मिश्रा ने अपशब्दों का प्रयोग किया है और उसके लिये दोषी है। इसमें भी कोई सन्देह नहीं कि वे गलती से नहीं, ऐसा भलीभांति सोच-विचार कर किये हैं। अब कार्यवाही आपको करनी है।
जहाँ तक Amt000 का सवाल है यह सिद्ध नहीं हुआ है कि गाली देने वाले आईपी से उनका कोई सम्बन्ध है। इन पर भी कार्यवाही हो, लेकिन ठोस आधार बताकर।---- अनुनाद सिंहवार्ता 03:17, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- यहाँ मैं बता दूँ जैसा कि मैंने उपर लिखा हैं कि जब ये सब गाली वाली घटना हुई तो मैं विकिपीडिया पर सक्रिय नहीं था और मैंने कुछ भी नहीं देखा जब तक उन सम्पादनों की दृश्यता नहीं मिटा दी गई। पर ऐसा मुझे लगता हैं कि जिसने भी ये शुरु किया था वो सुशील जी से बहुत खिन्न था और जो बहुत दिनों से इनकी चर्चाएँ देख रहा था, इसलिए मुझे लगा कि ये Amt000 हो सकता हैं। और जांच में Amt000 को दोषी ठहराया गया हैं और उसने अभी तक अपनी सफ़ाई में कुछ भी नहीं कहा हैं, मेरे ख्याल से उससे हमें इस बारे में सीधे चर्चा करनी चाहिए। कल मैंने उससे कहा था कि यहाँ पर तुम्हारे उपर चर्चा चल रही हैं उसमें जवाब दो पर उसने ऐसा नहीं किया, ये भी थोड़ी संदेह की बात हैं।--पीयूष मौर्यावार्ता 07:05, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @Hindustanilanguage: bhai saab yeh sab drama hai bas
- You don't need and I can't release the evidence. I can confirm that Amt000 is responsible for the abuse. QuiteUnusual (talk) 11:04, 8 July 2014 (UTC) yeh steward ki last line hai jo aap bhi check kar sakte...yeh bas pareshan hai ki inka admi doshi hai.....
- maine kabhi nahi kaha ki maine uss din gali nahi di....arey mere me himmat hai ki mai meri id use karke gali diya woh bhi usko jo mujhe gali aur provocate kara....mai na ki doshi ki tara ip use karke kisi ko bina karan gali diya....aur nah hi besharam ki tara doshi ko protect kara hu....
- bhai yeh charcha kisi niyam par nahi balki mujhe irritate karne ke liye chalri, mujhe provocate karne chalri, doshi ko bachane ke liye chalri....
- bhai saab yeh kuch aur nahi bas ek user ki pahele din se koshish hai mujhe ban karwane ki yeh user yeh koshish undin se kara jab rugby union pe baat hui.....uske pass ek hi muddha hai ki mai gali deta hu jab ki 6 जुलाई 2014 ke pahele maine aisa kuch nahi kiya hai.....toh aap samjo ki yeh kya hora hai....koun doshi hai....koun chalbas hai....koun kise protect kara hai....
Sushilmishra (वार्ता) 07:19, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: yeh puri baat cheet hi sandhe janak hai.....aur ek user ka saaf doshi ko bar bar hero banana bhi sandhe janak hai.....Sushilmishra (वार्ता) 07:37, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- पीयूष मौर्या जी, Amt000 से अब पूछने का कोई औचित्य ही नहीं है। यदि पूछना ही था तो चेकयूजर जाँच के पहले पूछा जा सकता था। आप इस विषय पर उनकी प्रतिक्रिया की जो बात कर रहे हैं उसका कोई अर्थ नहीं है। नया सदस्य है। अच्छे-अच्छे लेख बना रहा है। उसको थोड़ा सा प्रोत्साहन मिला तो हिन्दी विकी के लिए बहुत उपयोगी होगा।---- अनुनाद सिंहवार्ता 07:57, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- ये बात तो सच हैं कि नए लोगों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए, अगर मुझे नहीं मिला होता तो मैं यहाँ आज सक्रिय नहीं होता पर Amt000 के लेखों को मैं कहीं से "अच्छे" तो नहीं कहूँगा (हाँ उनके विषय उल्लेखनीय हैं)। और उनका व्यवहार जिसमें वो अपने बनाए गए लेखों को अपनी निजी संपत्ति समझते हैं और सम्पादन युद्ध करते हैं वो भी कोई "अच्छी" बात नहीं हैं। अगर उनकी प्रतिक्रिया का अब अर्थ नहीं हैं तो फ़िर तो हमें जांच के साथ ही चलना चाहिए जिसमें उन्हें दो बार दोषी बताया गया हैं।--पीयूष मौर्यावार्ता 08:17, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- पीयूष मौर्या जी, Amt000 से अब पूछने का कोई औचित्य ही नहीं है। यदि पूछना ही था तो चेकयूजर जाँच के पहले पूछा जा सकता था। आप इस विषय पर उनकी प्रतिक्रिया की जो बात कर रहे हैं उसका कोई अर्थ नहीं है। नया सदस्य है। अच्छे-अच्छे लेख बना रहा है। उसको थोड़ा सा प्रोत्साहन मिला तो हिन्दी विकी के लिए बहुत उपयोगी होगा।---- अनुनाद सिंहवार्ता 07:57, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- sahi hai unse kuch puchna bematlab hai kyu ki steward ne saaf saaf keh diya hai ki woh hi or srif wohi doshi hai toh kuch aur baat baachi he nahi.....yeh user edit warring karta hai (meri warning toh chodo mai toh bekar hu par honhar admin sanjeev saab aur piyush ji ke warning ke baad bhi yeh edit warring kara tha) jo ki fir ek policy ulangan hai.....toh ek nahi do karan hai......saat he iske banaye pages bahut controversial hai unmai utne reference nahi jisse hum isse neutral point of view ka maane.....Sushilmishra (वार्ता) 08:28, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: पीयूष जी, स्टीवर्ड चेकयूजर जाँच करके यदि हरे रंग में 'कन्फर्म्ड' लिखता तो यह माना जाता कि उस आईपी को इस्तेमाल करके इस सदस्य ने गाली दी। किन्तु दुख की बात है कि उस गाली देने वाली आईपी को किसी नामित सदस्य से सम्बन्धित नहीं किया जा सका। Amt000 से आपने एक सन्दर्भ माँगा और उसने आठ-दस दे दिये। आपको खुश हो जाना चाहिये था किन्तु पता नहीं आप क्या चाहते थे। आप भी बालहठ लगा बैठे। ---- अनुनाद सिंहवार्ता 12:27, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- अनुदान जी, मैं इस जांच के बारे में और कुछ नहीं कह सकता, स्टीवर्ड उसे ही गाली देने वाला बता रहा हैं और कोई उसकी दुश्मनी तो हैं नहीं Amt000 के साथ जो वो झूठ बोलेगा। और आपको बता दूँ मैंने उससे कोई सन्दर्भ नहीं माँगा था वो दस सन्दर्भ उसने पहले ही डाल रखे थे। मैंने उस लेख की विवादित विषयवस्तु को देखकर उद्धरणहीन का टैग लगाया था जिसका मतलब होता कि उस लेख में इनलाइन सन्दर्भ नहीं थे। ज़रा उस लेख का उस समय की एक लाइन पढ़िए-"यह संगठन हर कत्लेआम के बाद केक काटकर खुशी मनाता है। चूंकि संगठन का बजट अरबों डॉलर का है इसलिए इसके लड़ाकों को पैसे की तनिक भी चिंता नहीं होती है"। विकिपीडिया सनसनी फैलाने के लिए नहीं हैं जैसा इस लाइन में दिखाया जा रहा हैं। इससे पहले तो वो सुशील जी के सम्पादन दसियों बार पूर्ववत कर चुका था। मैंने सुशील जी की तरह सम्पादन युद्ध करने की बजाए उसे समझाने के लिए वार्ता पृष्ठ पर उसे पिंग कर समझाना चाहा और उसके वार्ता पर संदेश भी छोड़ा जिसे उसने नज़रअंदाज़ कर मिटा दिया। उसके बाद का टैग मैंने सिर्फ़ URL होने की वजह से लगाया था। संजीव जी के समझाने के बावज़ूद वो फ़िर पूर्ववत करने में जुट गया।--पीयूष मौर्यावार्ता 13:31, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: स्टिवर्ड ने अपनी बात लिख दी है जो सबके सामने है। इस जाँच में यह नहीं पूछा गया था कि गालियाँ किसने दीं। यह जाँच यह बताने के लिये करायी गयी थी कि गाली देने वाले पते किस रजिस्टर्ड सदस्य के थे। उसमें स्टीवर्ड ने असमर्थता व्यक्त की है अतः बात वहीं समाप्त हो जाती है। उसके आगे लिखी चीज अर्थहीन है। आपको तो पता होगा कि इसी हिन्दी पर एक स्टिवर्ड ने एक केस में किसी को कठपुतली घोषित की जबकि दूसरे ने बाद में इसके उलटा निर्णय दे दिया था। अब Amt000 द्वारा दिये गये सन्दर्भ पर आते हैं। मैने उसके कुछ सन्दर्भों को पढा था और मुझे यही लगा कि जो कुछ वहाँ लिखा था वह सन्दर्भों से मेल खाता था। वहाँ यह भी मामला उठाया गया कि क्या सन्दर्भों को विश्वसनीय माना जा सकता है? इस समस्या का हल इतना आसान नहीं है कि आपके/हमारे कहने से बीबीसी/रेडियो ईरान को एक झटके में 'अविश्वसनीय' घोषित कर दिया जाय। हिन्दी विकि पर नया लेख बनाने वालों की बहुत कमी है। सन्दर्भ का टैग लगाकर लेख की क्वालिटी बढ़ाने वाले तो बहुत हैं। इसलिये पीयूष जी नये सदस्यों से हमे बड़ी सावधानी से पेश आना चाहिये। उनकी कठिनाइयों को बिना उनके कहे ही समझने का प्रयास करना चाहिये और बिना उनके द्वारा सहायता मांगे ही उनको सहायता देनी चाहिये। ---- अनुनाद सिंहवार्ता 14:18, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- आपकी बात भी ठीक लग रही हैं कि स्टिवर्ड ने उन आई पी पतों को किसी पंजीकृत सदस्य के खाते का होने की पुष्टि नहीं की हैं। मुझे Amt000 के द्वारा बनाए गए लेखों में सन्दर्भों से कोई परेशानी नहीं हैं पर उसके द्वारा सनसनी वाली बातें लिखना जिसका उदाहरण मैंने आपको दिया हैं उससे हैं। ऐसे कई विषय मिल जाएंगे इन "विश्वसनीय" साइटों पर जो सनसनी फैलाने के लिए होते हैं, अब इनपर तो हम लेख नहीं बनाएँगे और ज्यो-का त्यो लिख देंगे।।--पीयूष मौर्यावार्ता 14:58, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- एक छोटा सा गूगल खोज करिये और आप जिसे सनसनी कह रहे हैं वह मिल जायेगा। रही बात स्रोतों की विश्वसनीयता और अविश्वसनीयता की। तो मैने कह ही दिया कि यह निर्णय करना इतना आसान नहीं है। यह विषय ही बिलकुल नया है। इसलिये इसके बारे में बहुत सी चीजें ज्ञात नहीं है, बहुत सी चीजें गलत पता हैं। इसके अलावा वहाँ 'कार्य चल रहा है' इसका भी टैग था। दो-चार दिन का मौका देने के बाद और लेख आकार लेने के बाद उसकी क्वालिटी पर प्रश्नचिह्न लगाना अधिक उपयुक्त होता। ---- अनुनाद सिंहवार्ता 15:15, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: स्टिवर्ड ने अपनी बात लिख दी है जो सबके सामने है। इस जाँच में यह नहीं पूछा गया था कि गालियाँ किसने दीं। यह जाँच यह बताने के लिये करायी गयी थी कि गाली देने वाले पते किस रजिस्टर्ड सदस्य के थे। उसमें स्टीवर्ड ने असमर्थता व्यक्त की है अतः बात वहीं समाप्त हो जाती है। उसके आगे लिखी चीज अर्थहीन है। आपको तो पता होगा कि इसी हिन्दी पर एक स्टिवर्ड ने एक केस में किसी को कठपुतली घोषित की जबकि दूसरे ने बाद में इसके उलटा निर्णय दे दिया था। अब Amt000 द्वारा दिये गये सन्दर्भ पर आते हैं। मैने उसके कुछ सन्दर्भों को पढा था और मुझे यही लगा कि जो कुछ वहाँ लिखा था वह सन्दर्भों से मेल खाता था। वहाँ यह भी मामला उठाया गया कि क्या सन्दर्भों को विश्वसनीय माना जा सकता है? इस समस्या का हल इतना आसान नहीं है कि आपके/हमारे कहने से बीबीसी/रेडियो ईरान को एक झटके में 'अविश्वसनीय' घोषित कर दिया जाय। हिन्दी विकि पर नया लेख बनाने वालों की बहुत कमी है। सन्दर्भ का टैग लगाकर लेख की क्वालिटी बढ़ाने वाले तो बहुत हैं। इसलिये पीयूष जी नये सदस्यों से हमे बड़ी सावधानी से पेश आना चाहिये। उनकी कठिनाइयों को बिना उनके कहे ही समझने का प्रयास करना चाहिये और बिना उनके द्वारा सहायता मांगे ही उनको सहायता देनी चाहिये। ---- अनुनाद सिंहवार्ता 14:18, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- अनुदान जी, मैं इस जांच के बारे में और कुछ नहीं कह सकता, स्टीवर्ड उसे ही गाली देने वाला बता रहा हैं और कोई उसकी दुश्मनी तो हैं नहीं Amt000 के साथ जो वो झूठ बोलेगा। और आपको बता दूँ मैंने उससे कोई सन्दर्भ नहीं माँगा था वो दस सन्दर्भ उसने पहले ही डाल रखे थे। मैंने उस लेख की विवादित विषयवस्तु को देखकर उद्धरणहीन का टैग लगाया था जिसका मतलब होता कि उस लेख में इनलाइन सन्दर्भ नहीं थे। ज़रा उस लेख का उस समय की एक लाइन पढ़िए-"यह संगठन हर कत्लेआम के बाद केक काटकर खुशी मनाता है। चूंकि संगठन का बजट अरबों डॉलर का है इसलिए इसके लड़ाकों को पैसे की तनिक भी चिंता नहीं होती है"। विकिपीडिया सनसनी फैलाने के लिए नहीं हैं जैसा इस लाइन में दिखाया जा रहा हैं। इससे पहले तो वो सुशील जी के सम्पादन दसियों बार पूर्ववत कर चुका था। मैंने सुशील जी की तरह सम्पादन युद्ध करने की बजाए उसे समझाने के लिए वार्ता पृष्ठ पर उसे पिंग कर समझाना चाहा और उसके वार्ता पर संदेश भी छोड़ा जिसे उसने नज़रअंदाज़ कर मिटा दिया। उसके बाद का टैग मैंने सिर्फ़ URL होने की वजह से लगाया था। संजीव जी के समझाने के बावज़ूद वो फ़िर पूर्ववत करने में जुट गया।--पीयूष मौर्यावार्ता 13:31, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: पीयूष जी, स्टीवर्ड चेकयूजर जाँच करके यदि हरे रंग में 'कन्फर्म्ड' लिखता तो यह माना जाता कि उस आईपी को इस्तेमाल करके इस सदस्य ने गाली दी। किन्तु दुख की बात है कि उस गाली देने वाली आईपी को किसी नामित सदस्य से सम्बन्धित नहीं किया जा सका। Amt000 से आपने एक सन्दर्भ माँगा और उसने आठ-दस दे दिये। आपको खुश हो जाना चाहिये था किन्तु पता नहीं आप क्या चाहते थे। आप भी बालहठ लगा बैठे। ---- अनुनाद सिंहवार्ता 12:27, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: yeh puri baat cheet hi sandhe janak hai.....aur ek user ka saaf doshi ko bar bar hero banana bhi sandhe janak hai.....Sushilmishra (वार्ता) 07:37, 10 जुलाई 2014 (UTC)
मुझे इन सन्दर्भों के विश्वसनीय होने के उपर कुछ नहीं कहना, वो मैं जब कहूँगा जब इसकी ज़रूरत होगी। "ऐसे सनसनी" वाले वाक्य तो मिल ही जायेंगे पर इन्हे विकिपीडिया पर नहीं डालना चाहिए, विकिपीडिया हर मिली हुई जानकारी डालने के लिए नहीं हैं, उदाहराण- मैंने पढ़ा कि अनुष्का शर्मा से मिलने विराट कोहली विदेश गए तो क्या मैं इस जानकारी को इनके लेखों में डाल दूँ? आखिर ये जानकारी एक "विश्वसनीय" स्रोत से हैं। और 'कार्य चल रहा है' का टैग उसने जब लगाया था जब संजीव जी ने उसे मेरा टैग वाला सम्पादन पूर्ववत न करने को कहा था।--पीयूष मौर्यावार्ता 15:43, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी और संजीव कुमार: ek aur jhut uspe kaam jari ka tag piyush ji ke karwai ke baad he lagaye gaye the...yeh tag 06:54, 5 July 2014 ko lagaya gaya tha.....आईएसआईएस page 09:29, 19 June 2014 ko bana, maine uspe tag lagaya 02:38, 1 July 2014 ko, usse pahele uspe aakhri edit 13:16, 26 June 2014 ko kiya gaya tha.....toh yaha saaf saaf jhut deekhra hai.....aap isse check kar sakte ho......09:17, 1 July 2014 se lekar 06:53, 5 July 2014 tak yeh user repeatedly tag nikal ra tha bina koi naya matter page dale.....jab ki tag mai saaf hindi mai likha tha ki tag kyu hai....phir bhi woh nikalra tha.....Sushilmishra (वार्ता) 15:33, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- However, other technical evidence confirms Amt000 is the source of the abuse. QuiteUnusual (talk) 07:35, 8 July 2014 (UTC)
- You don't need and I can't release the evidence. I can confirm that Amt000 is responsible for the abuse. QuiteUnusual (talk) 11:04, 8 July 2014 (UTC)
- isse dekhne ke baad bhi agar koi nasamaj ki tara batey karta hai toh uska dimagi santulan theek nahi.....doshi ka saat aur baachao karne wale ko bhi saza milni chahiye
- agar references neutral point of view ke na ho toh usse bhi wikipedia ke policy ulangan mana jata hai.
- pahele ek page mai iss user ne dawa kiya ki ek fatwa hai jab usse challenge kiya gaya toh usne yeh line hata di....yeh kuch aur nahi bas controversy aur sansani failane ki koshish hai....
Sushilmishra (वार्ता) 13:02, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: aap kiss edit warring kimbaat karey ho bhai saab.....maine tag lagaye pahele usne tag hataye phir.....pahele maine uske talk page pe messg choda jo ki usne mita diya hai....woh phir bhi meri baat nahi mana uss beech aap ne bhi wohi tag uspe lagaye par usne phir nikal diye uss time 02:47, 5 जुलाई 2014 (UTC) maine aap ko inform kiya aap ke talk page peki zara nazar dalo hokya raha hai wah....toh aapne bola ki page ke talk page pe mai usse samjata hu.....aur baat itni badi ki aap ne sanjeev saab ko recomend kiya ki isse ban karo.....sahi hai na.....Sushilmishra (वार्ता) 13:57, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @Sushilmishra: सुशील जी बार-बार किसी के सम्पादन पूर्ववत करना सम्पादन युद्ध ही होता हैं, मुझे तो ऐसा ही लगता हैं और आपने तो दसियों बार से ज़्यादा उसके सम्पादन पूर्ववत करते थे (और उसने आपके)। आपके टैग अलग और मेरा टैग अलग थे। आपने साँचा:स्रोत कम और कई जगह साँचा:उद्धरण आवश्यक लगाए थे तो मैंने साँचा:उद्धरणहीन लगाया था। और आपके बताने से पहले ही मुझे पता चल गया था कि उसने मेरा टैग पूर्ववत कर दिया (अधिसूचना सुविधा से)। हाँ मैंने ही संजीव जी उसे प्रतिबंध लगाने को कहा था क्योंकि वो नहीं मान रहा था।--पीयूष मौर्यावार्ता 14:13, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: aap kiss edit warring kimbaat karey ho bhai saab.....maine tag lagaye pahele usne tag hataye phir.....pahele maine uske talk page pe messg choda jo ki usne mita diya hai....woh phir bhi meri baat nahi mana uss beech aap ne bhi wohi tag uspe lagaye par usne phir nikal diye uss time 02:47, 5 जुलाई 2014 (UTC) maine aap ko inform kiya aap ke talk page peki zara nazar dalo hokya raha hai wah....toh aapne bola ki page ke talk page pe mai usse samjata hu.....aur baat itni badi ki aap ne sanjeev saab ko recomend kiya ki isse ban karo.....sahi hai na.....Sushilmishra (वार्ता) 13:57, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @हिंदुस्थान वासी: chodo yaar mujhe aap se koi bair nahi kyu ki aap aacha kaam karey ho....mai aap ko detail mai explain kar sakta hu par abhi wo zaruri nahi kyu ki hum mudde se alag hojayege....Sushilmishra (वार्ता) 14:23, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी, आप बार-बार Amt000 को मेरा आदमी कह रहे हो। क्या आधार है इसका। कठपुतली जाँच करवा लो मेरी और Amt000 की। यहाँ मैं कोई व्यवसाय नहीं कर रहा जो कुछ मेरे आदमी हैं और कुछ पराये हैं। मैंने तो आपसे भी उसी तरह व्यवहार किया था जैसे अन्य सदस्यों के साथ। फिर आप मेरे आदमी कैसे नहीं हो? मैंने तो आपका पक्ष लेने की बहुत कोशिश की थी लेकिन आप मेरे आदमी बनकर रहना ही नहीं चाहते, इसमें मेरा क्या कसूर? यहाँ हिन्दी विकिपीडिया पर कार्य करने वाला मेरा आदमी है क्योंकि मैं भी हिन्दी से प्यार करता हूँ और यहाँ काम करने वाले अन्य सदस्य भी।☆★संजीव कुमार (✉✉) 13:46, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: maine pahele kaha tha ki drama band aur action lo doshi pe aur bhai saab agar aap mere pakshmai hote toh abhi tak uss user ko aur uska samarthan karne walo ko ban kar chuke hote.....waisa kuch hota maine abhi tak dekha nahi.....ha yeh zarur maine dekha ki aap doshi ka paksh lere ho aur saat he aap ne जिहाद अल-निकाह ke talk page mai aap bahut dukhi the ki aap ne usse ban kiya toh iss sab ko dekh kar mai toh kya koi bhi normal aadmi yehi bolega ki doshi aap ka admi hai shayad isliye aap aisa karey.....Sushilmishra (वार्ता) 14:07, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- हाँ, आपने ये ठीक कहा कि मैं किसी को भी प्रतिबन्धित करते हुये दुःखी होता हूँ क्योंकि मैं केवल उस अवस्था में ही प्रतिबन्धित करता हूँ जब मेरे पास अन्य कोई रास्ता नहीं रह जाता और यह भी तय मानो कि आप भी केवल इसिलिए बचे हुये हो क्योंकि मुझे आपको प्रतिबन्धित करने में भावी दुःख का ऐहसास होता है। शायद आप कभी भी मेरे इस दुःख को नहीं समझ पावोगे।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:14, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: mudda yeh hai ki kyu doshi ko aur uska samarthan karne walo ko abhi tak saza kyu nshi mili.....aur rahi mujhe ban karne ki baat toh kyu ban karege aap mujhe kyu ki mai references mangta hu, kyu ki mai sawal karta hu, kyu ki maine usse gali di jisne mere ghar walo ko gali di......shayad aap ke ghar walo ko agar koi gali de toh aapmchup rehte hoge mai nahi.....toh ab aap muddhe par raho aur jald se jald doshi par aur uska samarthan karne walo par karwai karo....Sushilmishra (वार्ता) 14:30, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- आपने खुले आम गालियाँ देकर हिन्दी विकिपीडिया का माहौल खराब किया है। मैं सन्दर्भ माँगने पर हमेशा सन्दर्भ देने का प्रयास करता हूँ और आपने मेरे द्वारा जिस भी पृष्ठ में सन्दर्भ माँगे हैं उसमें अंग्रेज़ी विकिपीडिया के पृष्ठ से अधिक सन्दर्भ ही दिये हैं।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:35, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: maine kan kaha ki maine nahi kiya.....par doshi ne mujhe khule aam gali de kar mera dimag kharab kiya hai....mujhe mental agony di hai.....yaad dila du ki aap akele nahi hai hindi wikipedia pe page banane wale aur bhi hai.....kuch log hai yaha jo references/citation dena aapni insult samajte hai.....Sushilmishra (वार्ता) 14:45, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- सुशील जी, आप अन्य सदस्यों को समझने का या तो कभी प्रयास नहीं करते या सबकुछ समझकर नासमझ होने का अभिनय करते हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 15:22, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: yeh kya jo maine aap ko dialog mara wohi mujhe.....chodo sab yeh bolo ki aap karwai karne wale ho doshi pe ya nahi lets end it now here.....Sushilmishra (वार्ता) 15:44, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- मुझे नहीं लगता कि आप किसी पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही अथवा कहीं भी किसी तरह का कार्य करने दोगे।☆★संजीव कुमार (✉✉) 15:50, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: aapke dil mai doshi ko saza dena he nahi hai.....aap ya toh mamla dabana chahte....ya toh aap mujhe ban karna chahte.....aapko pura time maine diya phir bhi aap.....chodo yaar jab inke saat hoga na jab mai haasunga in besharmo ke muh pe.....Sushilmishra (वार्ता) 15:58, 10 जुलाई 2014 (UTC)
अद्यतन अनुरोध
माननीय सदस्यों से प्रार्थना है कि दिए गए लिंक की सहायता से भारतीय अर्थव्यवस्था के आँकड़े अद्यतन करने में हाथ बंटाएँ।
--☎मनोज खुराना वार्ता 16:50, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- यह सामयिक विषय उठाने के लिये साधुवाद।---- अनुनाद सिंहवार्ता 04:01, 11 जुलाई 2014 (UTC)
सहायता
मुझे हिंदी विकी से सहायता की अपेक्षा है। मैं भोजपुरी विकिपीडिया से आया हूँ। मेरी adminship expired हो चुकी है, मुझे आप से यह सहायता चाहता हूँ की आप कुछ टेम्पलेट भोजपुरी विकिपीडिया पर export कर देतें ताकि हम कुछ लेखों में टेम्पलेट का प्रयोग कर सकते। हमें सबसे अधिक template:infobox country, infobox settlement कि जरुरत है ताकि हम इनका प्रयोग जिला, राज्य, नगर, देश आदि में लगा सकें। हमने टेम्पलेट copy करने की कोशिश की मगर एक टेम्पलेट में कई टेम्पलेट attach है और हम पूरा पूरा copy न कर सकें, नातिजतन टेम्पलेट ऐसा दिख रहा है जिसमें border नहीं है, तो background color नहीं है। कहीं an unexpected error आदि समस्या है। क्या आप कुछ महत्वपूर्ण टेम्पलेट विकिपीडिया में import कर हमारी सहायता कर सकते हैं। धन्यवाद, गणेश कुमार (वार्ता) 17:08, 10 जुलाई 2014 (UTC)
- गणेश जी, इसका सबसे सरल तरिका तो प्रबन्धन अधिकार वापस लेकर साँचों को आयात करना ही है। लेकिन यदि आप साँचों की कड़ियाँ मुझे दें तो मैं ये सम्पादन करके सम्बंधित सुधार में आपका सहयोग कर सकता हूँ।☆★संजीव कुमार (✉✉) 17:32, 10 जुलाई 2014 (UTC)
साँचा:सदस्यनाम प्रतिबंध
ध्यान दें, अभिजीत गुप्ता के बारे में एक नई चर्चा शुरू हुई है। कृपया अपनी राय देने के लिए वार्ता:अभिजीत गुप्ता पर जाएँ। |
☆★संजीव कुमार (✉✉) 07:47, 13 जुलाई 2014 (UTC)
bharat suta
नमस्कार, अनुनाद जी ने मेरे कविता लिखने पर आपत्ति की, जो कि मुझे बहुत बुरा लगा।कई बार पाठक कविता ढूँढते हैं, इसलिए मैंने ऐसे लोगों की सुविधा हेतु कविता लिखी थी, परंतु अनुनाद जी ने मुझे टोक दिया और कविता लिखने को मना किया।उनकी सलाह मानकर मैंने आज माउंट सिन्हा पर लिखा तो उसी वक़्त अनुनाद जी को भी उसी विषय पर लिखना याद आ गया।किसी नए सदस्य के साथ ऐसा करना कहाँ तक सही है?ऐसे अनुभव पाकर कौन अधिक दिन यहाँ टिक पाएगा?bharat suta
- अरे अब कहाँ गया अनुनाद जी का नया सदस्य प्रेम? क्या वो सिर्फ़ कुछ सदस्य को लिए हैं।--पीयूष मौर्यावार्ता 15:04, 13 जुलाई 2014 (UTC)
- आपका इशारा शायद उन टिप्पणियों से है जो अनुनाद जी ने समय-समय पर Amt000 जी, Jeeteshvaishya जी और Jeeteshroxx जी के लिए कही हैं। --मुज़म्मिल (वार्ता) 15:15, 13 जुलाई 2014 (UTC)
- जी ठीक समझा आपने, इसके अलावा वो Amt000 के लिए मुझसे व्यक्ति-केन्द्रित कुतर्क वाली भी चर्चा कर चुके हैं।--पीयूष मौर्यावार्ता 15:21, 13 जुलाई 2014 (UTC)
- आपका इशारा शायद उन टिप्पणियों से है जो अनुनाद जी ने समय-समय पर Amt000 जी, Jeeteshvaishya जी और Jeeteshroxx जी के लिए कही हैं। --मुज़म्मिल (वार्ता) 15:15, 13 जुलाई 2014 (UTC)
धन्यवाद पीयूष जी, आपके लेख अच्छे होते हैं।आपका सदस्य पन्ना पढकर खुशी हुई।bharat suta
- धन्यवाद स:Bharat Suta जी, आप चर्चा करते वक्त चार टिल्ड डालकर हस्ताक्षर कर सकते हैं जिससे आपका नाम भी मेरी तरह आएगा।--पीयूष मौर्यावार्ता 15:52, 13 जुलाई 2014 (UTC)
- स:Bharat Suta जी, चूँकि आप नए हैं, मैं आपसे निवेदन करूँगा कि कृपया एक बार हिन्दी विकिपीडिया पर सम्पादन से जुड़े वीडियोज़ देख लीजिए। इससे आपको मदद मिलेगी। --मुज़म्मिल (वार्ता) 17:36, 13 जुलाई 2014 (UTC)
- पीयूष जी, मैं नहीं चाहता कि आप विवाद में फंसो। अतः आपसे अनुरोध करता हूँ कि विवादास्पद कथन लिखने से बचो। कुछ सदस्यों का उद्देश्य माहौल को खराब करना है और वो इसका ही प्रयास करते हैं।
- स्वाति जी, आप हिन्दी विकिपीडिया पर योगदान देकर इसे सुन्दर बनाने में सहयोग करो यह हमारा सौभाग्य होगा लेकिन आपको बता देना चाहूँगा कि किसी भी कविता को ज्यों का त्यों कॉपी करना कॉपीराइट उल्लंघन की श्रेणी में आता है अतः उसे हटाया जाता है। यदि कोई कविता अपने आप में प्रसिद्ध है तो आप उस कविता पर विकिपीडिया पृष्ठ निर्मित कर सकते हो। विकिपीडिया पृष्ठ में आप उस कविता का विवरण, उसका भावार्थ तथा उसके रस छंद का विवरण दे सकतीं हो। साथ में ध्यान रहे कि किसी भी पृष्ठ की विश्वसनीयता के लिए सन्दर्भ जोड़ना आवश्यक है। सन्दर्भ के रूप में आप विश्वसनीय प्रकाशक द्वारा प्रकासित पुस्तक, अथवा किसी विश्वसनीय संस्था का जालस्थल (वेबसाइट) अथवा कोई भी विश्वसनीय तथ्य दे सकते हो। सम्पादन सम्बंधी किसी भी समस्या के लिए आप यहाँ चौपाल पर अथवा वार्ता पृष्ठ पर सम्पर्क कर सकते हो।☆★संजीव कुमार (✉✉) 18:02, 13 जुलाई 2014 (UTC)
- स:Bharat Suta जी, चूँकि आप नए हैं, मैं आपसे निवेदन करूँगा कि कृपया एक बार हिन्दी विकिपीडिया पर सम्पादन से जुड़े वीडियोज़ देख लीजिए। इससे आपको मदद मिलेगी। --मुज़म्मिल (वार्ता) 17:36, 13 जुलाई 2014 (UTC)
- पीयूष जी और मुजम्मिल जी, आप दोनों एक दूसरे की लिखी बातों को नहीं समझ पाये और मैं आप दोनों की लिखी बातों को। ऐसी हालत में ऐसा ही होता है। ---- अनुनाद सिंहवार्ता 06:15, 14 जुलाई 2014 (UTC)
धन्यवाद पीयूष, मुज़म्मिल और संजीव जी।आपकी सलाह अच्छी लगी।आप लोगों ने भी सलाह दी, परंतु बात कहने का ढँग होता है।इसी तरह अनुनाद जी समझाते तो बुरा नहीं लगता।स्वाति (वार्ता) 07:13, 14 जुलाई 2014 (UTC)
कृपया मुझे बताएँ कि पंजाबी के लिए क्या अलग से अकाउंट बनाना पडेगा?मैंने पंजाबी के लेख में सुधार किया परंतु वहाँ मेरा नाम लाल रंग में लिखा दिखता है।--स्वाति (वार्ता) 16:53, 16 जुलाई 2014 (UTC)
- स्वाति जी, वहाँ आपका नाम इसलिए लाल दिख रहा हैं क्योंकि वहाँ आपने अपना सदस्य पृष्ठ निर्मित नहीं किया होगा।--पीयूष मौर्यावार्ता 17:12, 16 जुलाई 2014 (UTC)
- धन्यवाद पीयूष जी, मैंने सदस्य पृष्ठ निर्मित कर लिया है।--स्वाति (वार्ता) 04:38, 17 जुलाई 2014 (UTC)
चर्चा के दौरान स्पंद
विकिपीडिया के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि किसी सदस्य के वार्ता पृष्ठ पर सन्देश लिखते समय उस सदस्य को पिंग (स्पंदित) न करें जिसके वार्ता पृष्ठ पर आप सन्देश लिख रहे हो क्योंकि उस अवस्था में पिंग किये बिना ही सदस्य के पास अधिसूचना पहूँच जाती है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:13, 17 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: which rule of wikipedia is it against?? Please explain??...Sushilmishra (वार्ता) 14:20, 17 जुलाई 2014 (UTC)
- मैंने अनुरोध किया है, मना नहीं। ऐसा कोई नियम नहीं है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 14:22, 17 जुलाई 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: if there is no such rules, then you want Wikipedia to create a new rule just because you are requesting? Mr. Admin Sanjeev Kumar there are already hundreds of rules here on Wikipedia which are not being followed here on Hindi Wikipedia of which you are an admin(mostly for bizzare reasons), you being an admin 1st enforce those rules (stop waiting for others to inform you about Wikipedia policy violations), before coming out with your requests/proposals/suggestions.....Sushilmishra (वार्ता) 22:30, 17 जुलाई 2014 (UTC)