विजय कुमार मलहोत्रा
विजय कुमार मलहोत्रा | |
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जन्म |
3 दिसम्बर 1931 लाहौर |
नागरिकता | भारत, ब्रिटिश राज, भारतीय अधिराज्य |
शिक्षा | हंसराज कॉलेज |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
विजय कुमार मलहोत्रा (जन्म: ३ दिसम्बर १९३१ लाहौर) भारत के एक राजनेता तथा शिक्षाविद हैं। वे लोक सभा सांसद, खेलकूद प्रशासक व शिक्षा जगत से सम्बद्ध प्रोफेसर हैं। लोग उन्हें प्रोफेसर विजय कुमार मलहोत्रा के नाम से भी जानते हैं। उन्होंने दिल्ली सदर व दक्षिणी दिल्ली से क्रमाश: ९वीं व १४वीं लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया। कई संसदीय समितियों के सदस्य से लेकर अध्यक्ष रह चुके श्री मलहोत्रा आजकल ग्रेटर कैलाश नई दिल्ली से दिल्ली विधान सभा के सदस्य हैं। उनकी गणना भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों में की जाती है।
जीवन परिचय
[संपादित करें]प्रो॰ विजय कुमार मलहोत्रा का जन्म ३ दिसम्बर १९३१ को ब्रिटिश भारत में पंजाब प्रान्त के एतिहासिक शहर लाहौर में हुआ था। १९४७ में भारत-विभाजन के बाद यह शहर पाकिस्तान चला गया। उनके पिता का नाम श्री खजान चन्द और माता का श्रीमती सुशीला देवी था। उनकी शिक्षा दीक्षा डी॰ए॰वी॰ कॉलेज लाहौर, पंजाब विश्वविद्यालय तथा हंसराज कॉलेज दिल्ली से हुई। वे हिन्दी साहित्य से एम॰ए॰ तथा पी॰एच॰डी॰ हैं। उनका विवाह ९ मई १९६० को श्रीमती कृष्णा मलहोत्रा से हुआ। पति-पत्नी के सन्तुलित परिवार में एक बेटा व एक बेटी है।
राजनीतिक जीवन
[संपादित करें]मलहोत्रा जी का राजनीतिक जीवन बहुत लम्बा रहा है। सन १९६७ में दिल्ली नगर निगम के महापौर से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण पडाव आये जिनमें १९७७ की तत्कालीन जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, १९८० से १९८४ तक भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष तथा भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल के उपनेता से लेकर अखिल भारतीय तीरन्दाजी संघ व भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष पद के प्रमुख दायित्वों का निर्वहन उन्होंने कुशलतापूर्वक किया है।
दिल्ली विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता
[संपादित करें]२६ सितम्बर २००८ को भारतीय जनता पार्टी ने मलहोत्रा जी को मुख्यमन्त्री के पद का प्रत्याशी घोषित करते हुए दिल्ली विधान सभा का चुनाव लडा[1]। इस आम चुनाव में मलहोत्रा जी तो ग्रेटर कैलाश नई दिल्ली विधान सभा क्षेत्र से विजयी हुए परन्तु उनकी पार्टी बहुमत नहीं जुटा सकी। उस समय वे लोकसभा के सांसद भी थे। मलहोत्रा जी ने दिल्ली की जनता की सेवा में स्वयं को समर्पित करते हुए सांसद के उच्चतर पद से त्यागपत्र दे दिया और विधान सभा की सीट बरकरार रखी। अब वे दिल्ली विधान सभा मे प्रतिपक्ष के नेता की भूमिका निभा रहे हैं[2]।
साहित्यिक योगदान
[संपादित करें]राजनीति और खेल के साथ-साथ मलहोत्रा जी का हिन्दी साहित्य से भी लगाव रहा है। उन्होंने हिन्दी में पी॰एच॰डी॰ तो की ही, साथ ही प्रोफेसर के रूप में अध्यापन-कार्य भी किया। किन्तु इसके अतिरिक्त उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं। उनकी चर्चित पुस्तकें हैं:
- हिन्दुत्व: षड्यन्त्रों के घेरे में
- कमल : शास्वत सांस्कृतिक प्रतीक
- Lotus: an Eternal Cultural Symbol (अंग्रेजी में)
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ http://www.hindustantimes.com/StoryPage/StoryPage.aspx?sectionName=&id=258510bb-a15c-4351-866c-0cf222cb6685&&Headline=VK+Malhotra+is+BJP%e2%80%99s+CM+candidate&strParent=strParentID[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 12 दिसंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 फ़रवरी 2012.