जलसा (इंग्लिश: Sitting_in_salah) इस्लाम में नमाज़[1] में बैठ कर जो उपासना में पढ़ा और किया जाता है उसे नमाज़ का जलसा कहते हैं। शाब्दिक अर्थ है बैठक। इसे क़ायदा नमाज़ भी कहते हैं।
विवरण:
नमाज़ में एक से अधिक बार बैठना होता है इस लिए जलसा को बहुवचन में जलूस (जुुुलूूूस) या क़ायदा ए नमाज़[2]पहला और दूसरा भी कहते हैं।