"कुण्डली": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
→‎जातक के गुण: व्याकरण में सुधार
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के अनुसार हर जातक की [[कुण्डली]] में निम्नलिखित गुणों का उल्लेख मिलता है:-
जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के अनुसार हर जातक की [[कुण्डली]] में निम्नलिखित गुणों का उल्लेख मिलता है:-


#'''[[फलित ज्योतिष#राशि और उनके स्वभाव और स्वामी|राशी स्वामी]]''' - [[ग्रह|सूर्य, चंद्र, मंगल, बुद्ध, ब्रहस्पति, शुक्र व शनी]] में से कोई एक।
====[[फलित ज्योतिष#राशि और उनके स्वभाव और स्वामी|राशी स्वामी]]====
[[ग्रह|सूर्य, चंद्र, मंगल, बुद्ध, ब्रहस्पति, शुक्र व शनी]] में से कोई एक।
#'''[[फलित ज्योतिष#नक्षत्र|नक्षत्र स्वामी]]''' - [[ग्रह|सूर्य, चंद्र, मंगल, बुद्ध, ब्रहस्पति, शुक्र व शनी]] में से कोई एक।
====[[फलित ज्योतिष#नक्षत्र|नक्षत्र स्वामी]]====
[[ग्रह|सूर्य, चंद्र, मंगल, बुद्ध, ब्रहस्पति, शुक्र व शनी]] में से कोई एक।
====गण====
#'''गण''' - [[मनुष्य]], [[देव]] व [[राक्षस]] में से कोई एक।
#'''[[वर्ण (जन्म कुंडली)|वर्ण]]''' - [[ब्राह्मण]], [[क्षत्रिय]], [[वैश्य]] व [[शूद्र]] में से कोई एक।<ref name=dastr>[https://www.dainikastrology.com/varna-koota-milaan-in-kundali कुंडली में वर्ण कूट मिलान क्या होता है।] ''Dainik Astrology''.</ref>
[[मनुष्य]], [[देव]] व [[राक्षस]] में से कोई एक।
====[[वर्ण (जन्म कुंडली)|वर्ण]]====
[[ब्राह्मण]], [[क्षत्रिय]], [[वैश्य]] व [[शूद्र]] में से कोई एक।<ref name=dastr>[https://www.dainikastrology.com/varna-koota-milaan-in-kundali कुंडली में वर्ण कूट मिलान क्या होता है।] ''Dainik Astrology''.</ref>
#'''नाडी''' - आदि, मध्या, अन्तया में से कोई एक।
====नाडी====
आदि, मध्या, अन्तया में से कोई एक।
#'''नक्षत्र पाया''' - सोना, चांदी, तांबा इत्यादि।
====नक्षत्र पाया====
सोना, चांदी, तांबा इत्यादि।
====योनी====
#'''योनी''' - [[व्याघ्र]], [[मूषक]], [[गज]], [[वानर]], [[गाय|गऊ]], [[भैंस|महीश]], [[मृग]], [[श्वान]], [[नकुल]], [[सिंह]], [[अश्व]] इत्यादि।
[[व्याघ्र]], [[मूषक]], [[गज]], [[वानर]], [[गाय|गऊ]], [[भैंस|महीश]], [[मृग]], [[श्वान]], [[नकुल]], [[सिंह]], [[अश्व]] इत्यादि।


विवाह के लिए भी इन गुणों का मिलान किया जाता है।
विवाह के लिए भी इन गुणों का मिलान किया जाता है।

05:13, 18 अगस्त 2022 का अवतरण

जातक के जन्म के समय जो ग्रह स्थिति आसमान में होती है, उस स्थिति को कागज पर या किसी अन्य प्रकार से अंकित किये जाने वाले साधन से भविष्य में प्रयोग गणना के प्रति प्रयोग किये जाने हेतु जो आंकडे सुरक्षित रखे जाते हैं, वह कुन्डली या जन्म पत्री कहलाती है।

कुन्डली में सम्पूर्ण भचक्र को बारह भागों में विभाजित किया जाता है और जिस प्रकार से एक वृत के ३६० अंश होते हैं, उसी प्रकार से कुन्डली में भी ३६० अंशों को १२ भागों में विभाजित करने पर हर भाग के ३० अंश बनाकर एक राशि का नाम दिया जाता है। इस प्रकार ३६० अंशों को बारह राशियों में विभाजित किया जाता है, बारह राशियों को अलग भाषाओं में अलग अलग नाम दिये गये हैं, भारतीय संस्कृत और वेदों के अनुसार नाम इस प्रकार से है-मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ, मीन इन राशियों को भावों या भवनो का नाम भी दिया गया है जैसे पहले भाव को नम्बर से लिखने पर १ नम्बर मेष राशि के लिये प्रयोग किया गया है। शरीर को ही ब्रह्माण्ड मान कर प्रत्येक भावानुसार शरीर की व्याख्या की गई है, संसार के प्रत्येक जीव, वस्तु, के भी अलग अलग भावों व्याख्या करने का साधन बताया जाता है।

जातक के गुण

जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के अनुसार हर जातक की कुण्डली में निम्नलिखित गुणों का उल्लेख मिलता है:-

राशी स्वामी

सूर्य, चंद्र, मंगल, बुद्ध, ब्रहस्पति, शुक्र व शनी में से कोई एक।

नक्षत्र स्वामी

सूर्य, चंद्र, मंगल, बुद्ध, ब्रहस्पति, शुक्र व शनी में से कोई एक।

गण

मनुष्य, देवराक्षस में से कोई एक।

वर्ण

ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्यशूद्र में से कोई एक।[1]

नाडी

आदि, मध्या, अन्तया में से कोई एक।

नक्षत्र पाया

सोना, चांदी, तांबा इत्यादि।

योनी

व्याघ्र, मूषक, गज, वानर, गऊ, महीश, मृग, श्वान, नकुल, सिंह, अश्व इत्यादि।

विवाह के लिए भी इन गुणों का मिलान किया जाता है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

  1. जन्मकुंडली बनाए
  1. कुंडली में वर्ण कूट मिलान क्या होता है। Dainik Astrology.