"सिरवेल महादेव": अवतरणों में अंतर
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'''सिरवेल महादेव''' [[मध्य प्रदेश]] के [[खरगोन ज़िला|खारगोन जिला]] में स्थित एक स्थान है।खरगोन से 55 कि॰मी॰ दूर इस स्थान के बारे मे मान्यता है कि रावण ने महादेव शिव को अपने दसों सर यहीं अर्पण किये थे। इसीलिये यह नाम पड़ा है। यह स्थान महाराष्ट्र की सीमा से बहुत ही पास है। महाशिवरात्रि पर म.प्र. एवं महाराष्ट्र से अनेक श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं |
'''सिरवेल महादेव''' [[मध्य प्रदेश]] के [[खरगोन ज़िला|खारगोन जिला]] में स्थित एक स्थान है।खरगोन से 55 कि॰मी॰ दूर इस स्थान के बारे मे मान्यता है कि रावण ने महादेव शिव को अपने दसों सर यहीं अर्पण किये थे। इसीलिये यह नाम पड़ा है। यह स्थान महाराष्ट्र की सीमा से बहुत ही पास है। महाशिवरात्रि पर म.प्र. एवं महाराष्ट्र से अनेक श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं |
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{{मध्य प्रदेश पर्यटन}} |
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यहाँ का झरना और रस्ते में आने वाले पूल और उनसे गुजरता हुआ पानी काफी आकर्षण का कारन है, यहाँ बरसात के मौसम में जान बहुत ही आत्मीय सुख का अनुभव करता है. |
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बरसात के मौसम में नदी में उतर के फोटो खिचवाना एक अलग ही एहसास को जगाता है जो अपने पहले कभी महसूस नहीं किया होगा. |
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रस्ते में बहुत सरे ऐसे पूल भी आते है जो बहुत घेरे है और उनमे उतर के नहाना बड़ा ही खतनाक हो सकता है, परन्तु सावधानी से रहना अपनी स्वयं की जिमेदारी है. वैसे ये बहुत ही खूबसूरत है, आप यकीन मानिये आप एक बार घूम के आएंगे तो नेक्स्ट टाइम की प्लानिंग के बारे में सोचने लग जायेंगे। वैसे आप अपनी परिवार के साथ यहाँ पे वीकेंड ट्रिप का प्लान कर सकते है!{{मध्य प्रदेश पर्यटन}} |
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[[श्रेणी:खरगोन]] |
[[श्रेणी:खरगोन]] |
07:44, 30 अक्टूबर 2020 का अवतरण
सिरवेल महादेव मध्य प्रदेश के खारगोन जिला में स्थित एक स्थान है।खरगोन से 55 कि॰मी॰ दूर इस स्थान के बारे मे मान्यता है कि रावण ने महादेव शिव को अपने दसों सर यहीं अर्पण किये थे। इसीलिये यह नाम पड़ा है। यह स्थान महाराष्ट्र की सीमा से बहुत ही पास है। महाशिवरात्रि पर म.प्र. एवं महाराष्ट्र से अनेक श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं