"चमार": अवतरणों में अंतर

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'''चमार''' एक मूल निवासी भारतीय [[जाति]] है पहले यह एक [[क्षत्रिय]] जाती मानी जाती थी [[चावार्क]] राजवंश से इसका इतिहास भी मिलता है , संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर और आरएसएस नामक संगठन की किताब चमार जाती का गौरवशाली इतिहास के लेखक सोनकर ने भी ने भी इस जाती को चंवर वंशी क्षत्रिय ही माना है जिसके सदस्य परम्परागत रूप से [[चमड़ा|चमड़े]] और चिकत्सा से सम्बन्धित व्यवसाय से जुड़े रहे हैं। सम्पूर्ण [[भारत]] में बहुतायत में पायी जाने वाली तथा [[पाकिस्तान]] और [[नेपाल]] में भी अधिक संख्या में पायी जाने वाली जाति है , जिनका मुख्य व्यवसाय, चमडे का व्यापार करना है। प्राचीन इतिहास के अनुसार पूर्व में इस जाती के लोग चिकित्सा के कार्य में भी पारंगत थे इनको तमाम जड़ी बूटियों की तथा शल्य क्रिया की जानकारी थी और इनके घरो की स्त्री भी चिकित्सकीय कार्य में दक्ष होती है विशेषकर प्रजनन की प्रक्रिया में इन्हें महारथ हासिल होती थी एक तरह से कहा जा सकता है की इस जाती का चिकित्सा के क्षेत्र में भी दखल और योगदान था ! चमार का अर्थ होता चमड़ी मांस और रक्त का बना मानव शरीर इसलिए देखा जाए तो हर व्यक्ति जन्म से चमार ही होता है !
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==सामाजिक स्थिति==
==सामाजिक स्थिति==

17:40, 10 फ़रवरी 2017 का अवतरण

चमार
Leather-bottle makers (Presumably members of the ‘Chamaar’ caste), Tashrih al-aqvam (1825)
विशेष निवासक्षेत्र
भारत • पाकिस्तान
भाषाएँ
पंजाबीउर्दुहिन्दी
सम्बन्धित सजातीय समूह
other Ramdasia Ravidassia Julaha
चमार जाती के मुख्य आदर्श - डॉ॰ बी आर आंबेडकर
चमार जाती के मुख्य मार्गदर्शक मान्यवर कांशीराम जी
चित्र:Jagjivan Ram.jpg
भारत के पूर्व उप प्रधानमन्त्री और चमार जाती के महान नेता
चमार जाती के मुख्य धम्म आदर्श - गौतम बुद्ध
चित्र:दिव्या भारती.jpg
दिव्या भारती चमार जाती में जन्मी महान अभिनेत्री - दिव्या भारती

चमार एक अस्पृश्य समाज या दलित जाति है, जो आधुनिक भारत में अनुसूचित जातिओं के श्रेणी में आती है।

यह एक मूल निवासी भारतीय जाति है पहले यह एक क्षत्रिय जाती मानी जाती थी चावार्क राजवंश से इसका इतिहास भी मिलता है , संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर और आरएसएस नामक संगठन की किताब चमार जाती का गौरवशाली इतिहास के लेखक सोनकर ने भी ने भी इस जाती को चंवर वंशी क्षत्रिय ही माना है जिसके सदस्य परम्परागत रूप से चमड़े और चिकत्सा से सम्बन्धित व्यवसाय से जुड़े रहे हैं। सम्पूर्ण भारत में बहुतायत में पायी जाने वाली तथा पाकिस्तान और नेपाल में भी अधिक संख्या में पायी जाने वाली जाति है , जिनका मुख्य व्यवसाय, चमडे का व्यापार करना है। प्राचीन इतिहास के अनुसार पूर्व में इस जाती के लोग चिकित्सा के कार्य में भी पारंगत थे इनको तमाम जड़ी बूटियों की तथा शल्य क्रिया की जानकारी थी और इनके घरो की स्त्री भी चिकित्सकीय कार्य में दक्ष होती है विशेषकर प्रजनन की प्रक्रिया में इन्हें महारथ हासिल होती थी एक तरह से कहा जा सकता है की इस जाती का चिकित्सा के क्षेत्र में भी दखल और योगदान था ! चमार का अर्थ होता चमड़ी मांस और रक्त का बना मानव शरीर इसलिए देखा जाए तो हर व्यक्ति जन्म से चमार ही होता है !

सामाजिक स्थिति

भारत में सभी सुसंगठित पंचायतों से 150 से अधिक चमार जाती की उपजातियों की पहचान होती है, जिनमे जाटव, दुसाध , ततवा, मोची, जाटव , महार , पासी , रैदास , नोनिया , रामदासिया आदि कई जातीय है। चूंकि उनका कार्य उन्हें चमड़े से निर्मित वस्तुओ का व्यापार करने था लेकिन अब शिक्षा के कारण और तीव्र बुद्धि के बल पर इन्होने शासन प्रशासन हर जगह मजबूत स्थिति बनाई है। आज भी भारत में ब्राह्मण के बाद सर्वाधिक IAS , IPS और PCS चमार जाती से है , मध्य काल में चमार एक अपवित्र जाति के रूप में पहचान के कलंक से पीड़ित हुये हैं। सामान्यत: उनका निवास हिन्दू जाति के गावों में होता है। प्रत्येक बस्ती का एक मुखिया (प्रधान) होता है और बड़े शहरों में प्रधान की अध्यक्षता में ऐसे एक से अधिक समुदाय होते हैं। आज भी कई लोग चमड़े के व्यापार व अन्य परंपरागत व्यवसाय कराते हैं और बहुत से लोग खेतिहर मजदूर हैं।[1][2][3] इस जाती को भारतीय संविधान द्वारा अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा गया है।

रीति रिवाज

इस जाति के लोग सामाजिक होते है। अस्पृश्यता या छुआ छुत नहीं मानते है और अपने धार्मिक अनुष्ठान स्वंम करते है, इस जाति में विधवा को उसी उपजाति के किसी विधुर से पुनर्विवाह की अनुमति है। इस जाति का एक बड़ा हिस्सा भगवान् गौतम बुद्ध और सन्त रविदास की शिक्षा का पालन करता है और उनका उद्देश्य अपनी सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाने के लिए अपने रीति-रिवाजों का शुद्धिकरण करना है। बाबा साहब डाक्टर भीम राव आंबेडकर इन के मुख्य आदर्श है जिनके बताये मार्गानुसार ये लोग खुद भी बौद्ध भी कहते है। [4]

जनसांख्यिकी

उत्तर प्रदेश में आगरा , मेरठ , कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद आदि शहरों में ये बहुत मजबूत स्थिति में है। 2001 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में चमारों की लगभग 16 प्रतिशत आबादी शामिल है।[5] पंजाब में 14% और हरियाणा में लगभग 12% जनसंख्या में चमार है।[6]

2001 तक भारत में राज्यवार चमारों की आबादी का विवरण
राज्य जनसंख्या राज्यवर जनसंख्या का औसत अन्य विवरण
पश्चिम बंगाल [7] 999,756 1.25%
बिहार [8] 4,090,070 5%
दिल्ली [9] 893,384 6.45%
चंडीगढ़ [10] 48,159 9.3%
चंडीगढ़ [11] 1,659,303 8%
गुजरात [12] 1,041,886 2%
हरियाणा [13] 2,079,132 11.84%

हरियाणा के जींद, पानीपत, करनाल, सोनीपत, रोहतक, कैथल, हिसार जिले में सबसे ज्यादा चमार और काफी हद तक गुड़गांव, फरीदाबाद में भी, इनमें से ज़्यादातर रविदासिया संप्रदाय का पालन करने वाले जाटव चमार हैं।

हिमाचल प्रदेश [14] 414,669 8.8% चमार कोरी के बाद राज्य में दूसरा सबसे बड़ा अनुसूचित जाति हैं। चमार मुख्य रूप से निम्नलिखित जिलों में पाए जाते हैं: कांगड़ा, मंडी और ऊना.
जम्मू और कश्मीर [15] 488,257 4.82%
झारखंड [16] 837,333 3.1%
मध्यप्रदेश [17] 4,498,165 7.5%
महाराष्ट्र [18] 1,234,874 17.28% चमार यहाँ पर म्हार के नाम से जाने जाते है इन्ही के नाम पर महाराष्ट्र का नाम पड़ा है
पंजाब [19] 2,800,000 11.9% पंजाब में यह इस जाती के लोग राजनीतिक और सामाजिक रूप से अत्यंत प्रभावशाली हैं। इनकी जनसंख्या लगभग 2.8 करोड़ है जो मुख्य आवादी का 12 प्रतिशत है। यदि दलितों की कुल संख्या को मिला दिया जाये तो यह 27 प्रतिशत के आसपास है। पंजाब में यह जाती कई समूहों में बंटा है, जैसे अधर्म, रविदासी, रामदासिया और चमार।
राजस्थान [20] 5,457,047 9.7% राजस्थान में चमार ही पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों के आसपास के जिलों में पहचाना जा सकता है। बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरु, झुंझुनू, अलवर, भरतपुर और धौलपुर में बसे हुए "चमार" "चमार के रूप में जाने जाते हैं तथा भरतपुर, धौलपुर और अलवर के कुछ हिस्सों में' जाटव ,"रायगर" और "मोची"[21] [22] के रूप में।
उत्तर प्रदेश [23] 19,803,106 16% ज़्यादातर चमार पश्चिमी उत्तरप्रदेश में जाटव के रूप में जाने जाते हैं। इस राज्य में चमारों की एक राजनीतिक पार्टी है जिसे बहुजन समाज पार्टी कहते हैं। इस पार्टी से 1990 के बाद मायावती चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री निर्वाचित हुई है।
उत्तराखंड [24] 444,535 5%

महत्वपूर्ण व्यक्ति

इसे भी देखें

सन्दर्भ

  1. Chuadhry, Muhammed (1999). "justice in practice: legal anthropology in a Pakistan village". Oxford university press. पृ॰ 3. अभिगमन तिथि जुलाई 05, 2013. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "Pakistan's caste system: the untouchable's struggle". अभिगमन तिथि जुलाई 05, 2013. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  3. "Pakistan certainly has a caste system". New York Times. अभिगमन तिथि जुलाई 05, 2013. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  4. [भारत ज्ञानकोश, खंड-2, प्रकाशक : पापयुलर प्रकाशन मुंबई, पृष्ठ संख्या-149, आई एस बी एन 81-7154-993-4]
  5. "Uttar Pradesh data highlights: the Scheduled Castes, Census of India 2001" (PDF).
  6. "Uttar Pradesh data highlights: the Scheduled Castes" (PDF).
  7. "West Bengal — DATA HIGHLIGHTS: THE SCHEDULED CASTES — Census of India 2001" (PDF). अभिगमन तिथि 5 जुलाई 2013. नामालूम प्राचल |deadurl= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  8. http://www.censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_bihar.pdf
  9. http://www.censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_delhi.pdf
  10. http://censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_chandigarh.pdf
  11. http://censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_chhattisgarh.pdf
  12. [1]
  13. http://www.censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_haryana.pdf
  14. http://www.censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_himachal.pdf
  15. http://censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_jk.pdf
  16. http://censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_jharkhand.pdf
  17. http://censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_madhya_pradesh.pdf
  18. http://censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_maha.pdf
  19. http://www.censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_punjab.pdf
  20. http://www.censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_rajasthan.pdf
  21. Singh (1998). "India's Communities A-Z (People of India Series, Volumes 4,5,6)". Oxford University Press. पाठ "Kumar Suresh" की उपेक्षा की गयी (मदद); गायब अथवा खाली |url= (मदद); |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)
  22. Rawat, Shyam (2010). Studies in Social Protest. VEDAMS. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8131603318.
  23. http://www.censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_up.pdf
  24. http://www.censusindia.gov.in/Tables_Published/SCST/dh_sc_uttaranchal.pdf
  25. "I will be the best PM and Mayawati is my chosen heir". Indian Express. 2 मई 2003. ...I am a chamar from Punjab...
  26. "I will be the best PM and Mayawati is my chosen heir". Indian Express. 2 मई 2003. ...Jagjivan Ram, a chamar leader...
  27. "A Chamar will be my successor: Mayawati". द हिन्दू.
  28. "Amar Singh Chamkila". अभिगमन तिथि 05 जुलाई 2013. नामालूम प्राचल |deadurl= की उपेक्षा की गयी (मदद); |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  29. "Amarinder disregarded events organised by state unit, says Kaypee". अभिगमन तिथि 05 जुलाई 2013. नामालूम प्राचल |deadurl= की उपेक्षा की गयी (मदद); |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  30. "Congress's dalit card turning against established dalit leaders of Doaba region". अभिगमन तिथि 05 जुलाई 2013. नामालूम प्राचल |deadurl= की उपेक्षा की गयी (मदद); |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  31. "Tytler's party list calls India's Speaker a Chamar". अभिगमन तिथि 05 जुलाई 2013. नामालूम प्राचल |deadurl= की उपेक्षा की गयी (मदद); |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  32. "Cong's doublespeak on caste". अभिगमन तिथि 05 जुलाई 2013. नामालूम प्राचल |deadurl= की उपेक्षा की गयी (मदद); |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)

बाहरी कड़ियाँ