महार
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विशेष निवासक्षेत्र | |
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महाराष्ट्र के सभी क्षेत्रों में | |
भाषाएँ | |
मराठी, विदर्भी | |
धर्म | |
हिंदू, बौद्ध |
महार एक प्रमुख सामाजिक समूह है। महार सप्तऋषि कश्यप के वंश है जो महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगड, उत्तरप्रदेश, बिहार और दक्षिण भारतीय राज्यो में रहते हैं। महार पहले मराठों के लिए भी युद्ध लड़े थे। महारो ने 1818 में पेसवाओ के खिलाफ अंग्रेजो के तरफ से भी जंग लड़ा था। जिसमे 28000 हजार पेसवाओं को केवल 500 महारो ने हराया था। पहले महारो ने अंग्रेजो के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए पेशवा से हाथ मिलाना चाहा, पर पेशवा महारो को जलील कर मना कर दिया। जिसके कारण क्रोध में आकर महारो ने अंग्रेजो का साथ दिया।[1][2][3]
इन्हे भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ Fred Clothey (2007). Religion in India: A Historical Introduction. Psychology Press. पृ॰ 213. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-415-94023-8. मूल से 1 जनवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2019.
- ↑ Jaffrelot, Christophe (2005). "The 'Solution' of Conversion". Dr Ambedkar and Untouchability: Analysing and Fighting Caste. Orient Blackswan Publisher. पपृ॰ 119–131. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8178241560.
- ↑ Zelliott, Eleanor (1978). "Religion and Legitimation in the Mahar Movement". प्रकाशित Smith, Bardwell L. (संपा॰). Religion and the Legitimation of Power in South Asia. Leiden: Brill. पपृ॰ 88–90. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9004056742.