वार्ता:चमार

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लेखन संबंधी नीतियाँ

चमार का अर्थ है की जो चमडे का काम करता हो

सुधार अपेक्षित[संपादित करें]

  1. लेख में कई स्थानों पर विकिपीडिया विश्वकोष की दृष्टि से अनावश्यक विशेषणों का प्रयोग हुआ है, जैसे एक से अधिक बार डॉ., महान अभिनेत्री, बाबासाहब, महान नेता, भगवान, आदि जिनकी आवश्यकता नहीं है। डॉ उपाधि भी मात्र अधिकतम एक बार प्रयोग कर सकते हैं।
  2. इस जाति के लोग सामाजिक होते है।  :- इस प्रकार के वाक्य ये जताते हैं कि किसी जाति या समूह में ये जन्मजात गुण होता है, जबकि ये एक मानवीय गुण है तथा किसी में भी उपस्थित हो या नहीं हो सकता है। इसका अर्थ ये नहीं होना चाहिये कि क्या अन्य अधिकांश जातियों के लोग असामाजिक हुआ करते हैं?
  3. आदि शहरों में ये बहुत मजबूत स्थिति में है।: क्या ये कोई सेना आदि है जो मजबूत स्थिति बतायी जा रही है? साधारण भाषा जैसे -- इन राज्यों में इस समूह या जाति के लोग बहुतायत में पाये जाते हैं। -- इसे लिखा जाना चाहिये।
  4. मेरे विचार से यहां गौतम बुद्ध जी के चित्र का औचित्य समझ नहीं आया। हालांकि इन चित्रों को दीर्घा में व्यवस्थित रूप में विशेषण यथासंभव रूप से हटा कर लगा दिया है, किन्तु इस चित्र विशेष की आवश्यकता ???
  5. आज भी भारत में ब्राह्मण के बाद सर्वाधिक IAS , IPS और PCS चमार जाति से है आज भी ??? भारतीय सेवाओं में किसी जाति विशेष के लोगों की संख्या की परस्पर तुलना शायद विश्वकोषीय सामग्री नहीं होगी।
उपरोक्त बिन्दुओं पर सम्मति/राय/सुधार आदि अपेक्षित हैं। -- आशीष भटनागरवार्ता 05:31, 11 फ़रवरी 2017 (UTC)[उत्तर दें]
 समर्थन सुधार में मेरा भी सहयोग रहेगा। दूसरे भी एसे बहुत से लेख है और बन रहे है। काम में दूसरे सदस्यों का सहयोग भी इच्छनिय है।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 06:30, 11 फ़रवरी 2017 (UTC)[उत्तर दें]
अंबेडकर जी के नाम में बार-बार बाबा बाबासाहब जोड़ने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि विश्वकोष में एक बार ये अवश्य आना चाहिये कि उन्हें लोग बाबासाहब कहा करते थे, किन्तु उनका मुख्य नाम तो मात्र भीमराव ही था, व हमें किसी के मूल नाम से छेड़छाड़ करने की न तो आवश्यकता है, न अनुमत ही है। यह संदेश जी को समझना चाहिये।
ऐसे ही किसी के नाम में श्री या जी भी नहीं जोड़ना चाहिये। यह सम्मान का विषय नहीं अपितु विकिपीडिया के विष्वकोषीय सिद्धांत का विषय है। विकिपीडिया के लिये महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर या नाथुराम गौड़से में कोई अंतर नहीं होना चाहिये, वैसे ही जैसे विष, अमृत या औषधि के लेखों में कोई अंतर नहीं होना चाहिये। इसी समान पृथ्वी/आकाश, स्वर्ग/नर्क, मित्र/शत्रु, रूस/संयुक्त राज्य/पाकिस्तान, आदि भी उदाहरणार्थ हैं। --आशीष भटनागरवार्ता 06:47, 11 फ़रवरी 2017 (UTC)[उत्तर दें]

चमार समूह के आदर्श व्यक्तिओं में गौतम बुद्ध, संत रविदास और डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर इनके नाम आते है। और संत रविदास की तरह गौतम बुद्ध और डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर चमार जाति से नहीं है। चमार जाति के प्रसिद्ध व्यक्तिओं में संत रविदास, कांशीराम, जगजीवन राम, मायावती, दिव्या भारती आदी के नाम आते है। संदेश हिवाळे (वार्ता) 10:47, 11 फ़रवरी 2017 (UTC)[उत्तर दें]

संविधान निर्माता बाबा साहब को लेखक चमार बनाने के पीछे क्यों पड़े हैं मुझे समझ नही आ रहा है बाबा साहब महार जाति से थे न कि चमार। अर्जुन सिंह वाल्मीकि (वार्ता) 11:31, 11 मई 2023 (UTC)[उत्तर दें]
संदेश हिवाळे जी आप कृपया इंग्लिश विकिपीडिया में B. R. Ambedkar का लेख पढ़े| इससे आंबेडकर का वास्तविक ज्ञान और कैसे लेख लिखा जाये यह आप को पता लग जायेगा

-- ए० एल० मिश्र (वार्ता) 11:23, 11 फ़रवरी 2017 (UTC)[उत्तर दें]

  • अंग्रेजी विकिपीडिया में नियमो का पालन तथा लेख का यथा शीघ्र परीक्षण होता है। लेख के नियमानुसार न होने पर लेख हटा दिया जाता है -- ए० एल० मिश्र (वार्ता) 11:23, 11 फ़रवरी 2017 (UTC)[उत्तर दें]
  • सुझाव *
  • अंग्रेजी विकिपीडिया में नाम के पूर्व विशेषण लिखने का नियम नहीं है
  • लेख में उप नाम का उल्लेख हो सकता है.
  • उपाधियाँ शिक्षा के शीर्षक के अन्तर्गत होनी चाहिए ,नाम के पहले नहीं जैसे डॉक्टर आदि। .
  • बार -बार पूरे नाम के स्थान पर अंतिम नाम का उल्लेख करें।
  • आप जिस उपाधि या अन्य तथ्य का उल्लेख करें उसे सन्दर्भ देकर पुष्टि भी करें
  • लेख में किसी भी तथ्य की बार -बार पुनरावृत्ति न करें।-- ए० एल० मिश्र (वार्ता) 11:55, 11 फ़रवरी 2017 (UTC)[उत्तर दें]
अंग्रेज़ी विकि क्या ये तो विकिपीडिया और सही कहें तो विश्वकोश की ही नीति है कि कोई विशेषण बार बार प्रयोग नहीं किया जाता है। शिक्षण से संबंधी उपाधियां शिक्षा उपशीर्षक के अन्तर्गत दें, अन्य लोकप्रिय उपाधियां भी एक बार उपनाम के विवरण के समय दे दें, या कोई विशेष उपाधि किसी विशेष प्रसंग से जुड़ी हो, तो उसे वहां ही दें। इसके अलावा चौथे बिन्दु का भी ध्यान रखा जाना चाहिये, अर्थात बार बार व हर बार बाबासाहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर, इतना बड़ा नाम लिखा जाये तो पढ़ने में भी कठिन व खिजाने वाला लगता है। इसीलिये साहित्य में आप सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है, व विश्वकोश/विकिपीडिया में अंतिम नाम जैसे आम्बेडकर ही प्रयोग किया जाता है, न कि पूरा नाम, या डॉ.आम्बेडकर, या श्री आम्बेडकर, वरन मात्र आम्बेडकर। बल्कि बाल्यकाल के जीवनी अंश में तो भीमराव भी प्रयोग कर सकते हैं। ये अच्छे साहित्य के अंग होते हैं। सबको ज्ञात होता है कि विश्वकोश में शब्दकोश की ही भांति कोई सम्मान या अपमान नहीं देखा जाता है। मिश्र जी के प्रत्येक बिन्दु की सराहना तो मैं क्या करूंगा, किन्तु सम्मानपूर्वक समर्थन (व पालन भी) करूंगा, व आशा करता हूं कि अन्य सदस्य भी प्रेरणा लेंगे।आशीष भटनागरवार्ता 13:29, 11 फ़रवरी 2017 (UTC)[उत्तर दें]