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मारुति सुज़ुकी

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मारुति सुज़ुकी
कंपनी प्रकारJoint Venture
कारोबारी रूप
आई.एस.आई.एनINE585B01010 Edit this on Wikidata
उद्योगAutomotive
पूर्ववर्तीMaruti Udyog Limited
स्थापित1981; 44 वर्ष पूर्व (1981)[1]
स्थापकSanjay Gandhi
मुख्यालयNew Delhi, India[2][3]
सेवा क्षेत्र
India
प्रमुख लोग
उत्पादAutomobiles
उत्पादन पैदावार
वृद्धि 1,429,248 units (2016)[5]
आय58,612 करोड़ (US$8.56 अरब) (2016)[6]
शुद्ध आय
4,630.90 करोड़ (US$676.11 मिलियन) (2016)[6]
कर्मचारियों की संख्या
40,000 (2017)[7]
मूल कंपनी
वेबसाइटwww.marutisuzuki.com

मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड सामान्यत: मारुति और इसके पूर्व में मारुति उद्योग लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह संगठन भारत में मोटर निर्माता है। यह जापानी मोटरगाडी एवं मोटरसाईकिल निर्माता सुजुकी की एक सहायक कंपनी है।[10] नवंबर २०१२ तक, भारतीय यात्री कार बाज़ार में इस कंपनी की हिस्सेदारी ३७% की थी। मारुति सुजुकी प्रवेश स्तर से कारों की पुरी शृंखलाओं के निर्माता एवं विक्रेता रह चुके हैं। प्रवेश स्तर ऑल्टो से हैचबैक रिट्ज़, ए स्टार, स्विफ्ट, वैगन आर, ज़ेन और सेडान वर्ग में डिज़ायर, किज़ाषी (Kizashi) तथा 'सी' वर्ग में ईको, ओम्नी एवं अन्य आवश्यकताओं वाले कार जैसे सुजुकी अरटीगा और स्पोर्टस यूटिलिटी वाहन ग्रांड विटारा के लिये मारुति सुजुकी देश भर में प्रसिध्द है।[11] कंपनी का मुख्यालय नेलसन मंडेला रोड, नई दिल्ली में स्थित है।[12] फरवरी २०१२ के अंत तक कंपनी अपनी एक करोड़ कारें बेच चुकी है।[13]

शुरुआति दौर में, कंपनी की 18.28% हिस्सेदारी भारत सरकार के स्वामित्व में थी और जापान के सुजुकी के स्वामित्व में बाकी की हिस्स्दारी थी। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने जून २००३ में कंपनी की २५% हिस्सेदारी के लिये एक आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) आयोजित किया था। मई २००७ में, भारत सरकार ने अपनी सारी हिस्सेदारी भारतीय वित्तीय संस्थानों को बेच दी और अब वर्तमान समय में मारुति उद्योग में भारत सरकार की कोई हिस्सेदारी नहीं है।[14]

मारुति उद्योग लिमिटेड को फरवरी १९८१ में स्थपित किया, हालांकि मारुति ८०० के साथ १९८३ में वास्तविक उत्पादन शुरू किया गया, जो सुजुकी ऑल्टो केईआई (KEI) कार पर आधारित उस समय भारत में अकेला उपलब्ध आधुनिक कार था। कंपनी सालाना ५०,००० से अधिक कारों के निर्यात के साथ प्रतिवर्ष १०,००,००० कारों की घरेलू बिक्री भी करती है। इनके विनिर्माण सुविधाएँ हरियाणा के गुड़गाव और मानेसर में स्थित हैं। मारुति सुजुकी के गुड़गाव सुविधा में प्रतिवर्ष ९,००,००० ईकाइयों की स्थपित क्षमता है। मानेसर और गुड़गाव की सुविधाएँ सालाना १४,५०,००० ईकाइयों के उत्पादन करने की क्षमता रखती है।

कालक्रम

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मारुति का इतिहास 1970 में शुरु हुआ, जब निजी सीमित कंपनी "मारुति टेक्निकल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड (MTSPL) की शुरुआत १६ नवम्बर १९७० को हुई थी। इस कंपनी का घोषित उधेश्य "एक पूर्ण स्वदेशी मोटर कार" के डिज़ायन, निर्माण और अन्य भागों को एकत्रित करने के लिये तकनीकी जानकारी प्रदान करना था। जून १९७१ में, 'मारुति लिमिटेड' नामक कंपनी को 'कंपनीस एक्ट' के तहत सम्मिलित किया गया और संजय गांधी इसके पहले प्रबंध निर्देशक बने।[15] घोटालों की श्रंखला के बाद मारुति लिमिटेड 1977 में परिसमापन में चला गया था। जस्टिस ए सी गुप्ता की अध्यक्षता में जांच आयोग का संगठन हुआ जिसकी रिपोर्ट 1978 में सौंपी गई।[15] 1981 में, संजय गांधी की मृत्यु (23जून 1980)के लगभग एक वर्ष बाद भारतीय केंद्र सरकार ने मारुति लिमिटेड को क्षति से बचाने हेतु मारुति उद्योग लिमिटेड का सहयोग लिया जिसकी स्थापना उसी वर्ष हुई।[16]

सुजुकी का प्रवेश

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१९८२ में, मारुति उद्योग लिमिटेड और जापान की सुजुकी के बीच एक लाइसेंस और संयुक्त उद्यम समझौते (JVA) हस्ताक्षर किए गए। सबसे पहले मारुति सुजुकी मुख्य रूप से कारों का आयात करती थी। मारुति ने पहले दो साल में लगभग ४०,००० संपूर्ण रूप से निर्मित सुजुकी कारों का भारत में आयात किया। यह काफी स्थानीय निर्माताओं के लिये परेशानी की बात थी। १९८३ में, मारुति ८०० को भारतीय बाज़ार में लाया गया जो भारत की सबसे पहले किफायती कार थी। मारुति ८०० से मिलती जुलती इंजन के साथ मारुति वैन को बाज़ार में छोड़ा गया। १९८५ में, सुजुकी SJ410 पर आधारीत जिप्सी को सड़कों पर उतारा। १९८६ में, मारुति ऑल्टो को लाया गया। हंगरी को ५०० कार भेजने के साथ ही १९८७ में मारुती ने पश्चिम की ओर अपनी कारों का निर्यात शुरू किया।

१९९२ में, सुजुकी ने मारुति में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकार ५०% कर ली। और इस ५०-५० संयुक्त उद्यम समझौते के साथ १९९३ में मारुति ज़ेन, १९९४ में मारुति एस्टीम और १९९६ में मारुति ओम्नी जैसे कारों को भारतीय सड़कों पर उतारा गया। सन् २००० में आंतरिक और ग्राहक सेवाओं के लिए कॉल सेंटर शुरू करनेवाली मारुति भारत की पहली कंपनी थी। सन् २००३ में लायी गई सुजुकी ग्रांड विटारा के साथ फरवरी २०१२ में मारुति सुजुकी की लगभग एक करोड़ करें भारतीय सड़कों पर नज़र आ रही थीं।[13]

औद्योगिक संबंध

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१९८३ में अपनी स्थापना के बाद से, मारुति उद्योग लिमिटेड ने अपनी श्रम शक्ति के साथ कुछ समस्याओं का अनुभव किया था। भारतीय कर्मचरीयों ने जापानी कार्य संस्कृति और आधुनिक निर्माण की प्रक्रिया को स्वीकार किया था। १९९७ में, वहाँ स्वामित्व में एक परिवर्तन किया गया था और मारुति मुख्य रूप से सरकारी नियंत्रित हो गया। शीघ्र ही उसके बाद, संयुक्त मोर्चा सरकार और सुजुकी के बीच संघर्ष शुरू हो गया।[17]

फिर 2000 में, एक प्रमुख औद्योगिक संबंधों मुद्दा शुरू किया और मारुति के कर्मचारियों, अन्य बातों के अलावा उनकी मजदूरी, प्रोत्साहन और पेंशन के लिए प्रमुख संशोधन की मांग की और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों को उनके प्रोत्साहन से जुड़े भुगतान के लिए एक संशोधन प्रेस करने के लिए अक्टूबर 2000 में मंदी का इस्तेमाल किया गया। समानांतर में, चुनाव और राजग गठबंधन के नेतृत्व में एक नई केंद्रीय सरकार के बाद, भारत एक विनिवेश नीति अपनाई गयी। कई अन्य सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के साथ साथ, नए प्रशासन के एक सार्वजनिक पेशकश में मारुति सुजुकी में अपनी हिस्सेदारी का हिस्सा बेचने के लिए प्रस्ताव रखा गया।[18]

२००१ से संध और प्रबंधन के बीच गतिरोध के माध्यम से जारी रखा गया। प्रबंधन बढ़ती प्रतिस्पर्धा और कम मार्जिन का हवाला देते हुए संघ की मांग से इनकार कर दिया गया। केंद्रीय सरकार बनी रही और 2002 में मारुति का निजीकरण हो गया। सुजुकी मारुति उद्योग लिमिटेड के बहुमत के मालिक बन गए।[19]

उत्पाद और सेवाए

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वर्तमान गाडियां

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१) मारुति ८०० (१९८३ में शुरू) (अभी भी गुवाहाटी जैसे कुछ शहरों में वितरित किया जा रहा है) टाटा नैनो, मारुति ऑल्टो और मारुति ओमनी के साथ प्रतिस्पर्धी है। २) मारुति ओमनी (१९८४ शुरू) टाटा नैनो, टाटा वेंचर, मारुति ८०० और मारुति ईको के साथ प्रतिस्पर्धी है। ३) मारुति सुजुकी जिप्सी किंग (१९८५ का शुभारंभ) भारत की पहली indegenious वाहन और पहली कॉम्पैक्ट बचत, महिन्द्रा थार CRDe, टाटा सूमो ४x४ और सेना के गोरखा साथ प्रतिस्पर्धी है। ४) वैगन आर (१९९९ शुरू) निसान माइक्रा सक्रिय, मारुति ए स्टार और हुंडई आई १0 के साथ प्रतिस्पर्धी है। ५) स्विफ्ट (२००५ शुरु) टाटा विस्टा, हुंडई आई २०, स्कोडा फाबिया, वोक्सवैगन पोलो और टोयोटा इटियोस लिवा के साथ प्रतिस्पर्धी है। ६) एसएक्स 4 (२००७ शुरू) फोर्ड फिएस्टा, हुंडई वेरना, होंडा सिटी, स्कोडा रैपिड, वोक्सवैगन वेंटो, रेनॉल्ट स्काला और निसान सनी के साथ प्रतिस्पर्धी है। ७) स्विफ्ट डिजायर (२००८ शुरू) महिंद्रा वारीथो, टोयोटा इटियोस, फोर्ड क्लासिक, खिंचाव, होंडा विस्मित, शेवरलेट पाल, स्कोडा फाबिया और टाटा मांज़ा के साथ प्रतिस्पर्धी है। ८) ए स्टार (२००८ शुरू) शेवरले बीट, सक्रिय निसान माइक्रा और फोर्ड फिगो के साथ प्रतिस्पर्धी है। ९) रिट्ज (२००९ का शुभारंभ) मारुति स्विफ्ट, टाटा विस्टा, हुंडई ग्रैंड आई १0, होंडा चुस्ती, निसान माइक्रा, रेनॉल्ट पल्स और टोयोटा इटियोस लिवा के साथ प्रतिस्पर्धी है। १०) ईको (२०१० शुरू) टाटा वेंचर और टाटा विंगर प्लेटिनम के साथ प्रतिस्पर्धी है।

११) ऑल्टो के १० (२०१० शुरू), टाटा इंडिका, हिंदुस्तान मोटर्स राजदूत और शेवरले स्पार्क के साथ अर्थव्यवस्था वर्ग में प्रतिस्पर्धी है।

SuzukiAltok10
Maruti Suzuki Swift 4456

१२) मारुति एर्टीग (२०१२ शुरू), सात सीटों वाली एमपीवी अर ३ टोयोटा इनोवा, महिंद्रा जाइलो, अशोक लीलैंड सूई और टाटा सूमो ग्रांडे साथ प्रतियोगिता में, भारत में डिजाइन और विकसित किया है।[20][21]

Maruti Suzuki - ZEN ESTILO LXi - Kolkata 2012-02-27 9096

१३) मारुति ऑल्टो ८०० (२०१२ में शुरू) टाटा नैनो के साथ प्रतिस्पर्धी है। १४) मारुति स्टिंग्रए (२०१३ में शुरू) मारुति ए स्टार, शेवरले बीट और शेवरले सेल के साथ प्रतिस्पर्धी है। १५) मारुती स्विफ्ट हाइब्रिड हुई इंडोनेशिया में शोकेस [22] १६) मारुती Y1K की प्रोडक्शन शुरू [23]

आयातित गाडियां

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१) ग्रांड विटारा (२००७ शुरू) २) किज़शि (२०११ शुरू)

बंद हुई गाडियां

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१) जिप्सी ई (१९८५-२०००) २) ज़ेन (१९९३-२००६) जेन एस्टिलो द्वारा बदला गया। ३) एस्टीम (१९९४-२००८) स्विफ्ट डिजायर से बदला गया। ४) बैलेनो (१९९९-२००७) एसएक्स 4 सेडान द्वारा बदला गया। ५) बैलेनो Altura (१९९९९-२००३) ६) वर्सा (२००१-२०१०) ईको द्वारा बदला गया। ७) ग्रांड विटारा XL७ (२००३-२००७) कॉम्पैक्ट / विटारा द्वारा बदला गया। ८) मारुति ८०० (१९८३-२०१२) आल्टो ८०० से बदला गया। ९) ऑल्टो (२०००-२०१२) आल्टो ८०० से बदला गया। १०) जेन एस्टिलो (२००६-२०१३)

विनिर्माण सुविधाए

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इंडिया में मारुति सुजुकी के दो विनिर्माण की सुविधा है। दोनों विनिर्माण सुविधाओं सालाना 14,50,000 वाहनों की एक संयुक्त उत्पादन की क्षमता रकती है। सुजुकी मोटर कॉर्प के अध्यक्ष और सीईओ ओसामू सुजुकी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री की हाल ही में एक बैठक के दौरान अध्यक्ष अहमदाबाद के निकट मंडल में कार विनिर्माण संयंत्र पर काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। मारुति सुजुकी गुजरात में दूसरा संयंत्र स्थापित करने के लिए, 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है,

मारुति सुजुकी का इतिहास

मारुति सुजुकी की कहानी 1981 में शुरू हुई थी, जब भारत सरकार और सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने मिलकर मारुति उद्योग लिमिटेड की स्थापना की थी। कंपनी का मुख्य उद्देश्य था भारत में किफायती और भरोसेमंद कारें उपलब्ध कराना। 1983 में, मारुति 800 ने भारतीय सड़कों पर दस्तक दी और देखते ही देखते यह कार हर मध्यमवर्गीय परिवार की पहली पसंद बन गई।

मारुति सुजुकी की लोकप्रियता के कारण

मारुति सुजुकी की सफलता के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ मुख्य हैं:

किफायती दाम: मारुति सुजुकी की कारें अपनी किफायती कीमतों के लिए जानी जाती हैं। यह कंपनी हर वर्ग के लोगों की जरूरत को ध्यान में रखकर कारें बनाती है।

बेहतरीन माइलेज: मारुति सुजुकी की कारें अपने शानदार माइलेज के लिए भी प्रसिद्ध हैं। यह उन लोगों के लिए एक बड़ा प्लस पॉइंट है जो अपनी रोजमर्रा की यात्रा के खर्च को कम करना चाहते हैं।

आसान रखरखाव: मारुति सुजुकी की कारों का रखरखाव काफी आसान होता है और इनके पार्ट्स भी आसानी से उपलब्ध होते हैं। इससे ग्राहकों को कार को मेंटेन करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है।

विभिन्न मॉडल्स: मारुति सुजुकी के पास अलग-अलग सेगमेंट में कारों की एक विस्तृत श्रृंखला है। चाहे आपको एक छोटी हैचबैक चाहिए हो या एक बड़ी एसयूवी, मारुति सुजुकी के पास हर तरह की कार मौजूद है।

विश्वसनीयता: मारुति सुजुकी ने अपनी कारों की विश्वसनीयता और मजबूती के दम पर लोगों का भरोसा जीता है। यह कंपनी हमेशा से ही अपने ग्राहकों को बेहतरीन क्वालिटी की कारें देने के लिए प्रतिबद्ध रही है।

कुछ लोकप्रिय मारुति सुजुकी कारें

मारुति सुजुकी ऑल्टो: यह कार भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में से एक है और यह अपनी किफायती कीमत और अच्छे माइलेज के लिए जानी जाती है।

मारुति सुजुकी स्विफ्ट: यह एक स्टाइलिश और स्पोर्टी हैचबैक है जो युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है।

मारुति सुजुकी बलेनो: यह एक प्रीमियम हैचबैक है जो शानदार फीचर्स और आरामदायक ड्राइविंग अनुभव प्रदान करती है।

मारुति सुजुकी विटारा ब्रेज़ा: यह एक कॉम्पैक्ट एसयूवी है जो अपनी मजबूत बनावट और दमदार परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती है।

मारुति सुजुकी वैगनआर: यह एक फैमिली कार है जो अपने आरामदायक केबिन और अच्छे माइलेज के लिए जानी जाती है। भारत में अगर कोई कार निर्माता कंपनी सबसे ज़्यादा भरोसे और लोकप्रियता का प्रतीक है, तो वह है मारुति सुजुकी। यह कंपनी न सिर्फ भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर का प्रमुख हिस्सा है, बल्कि लाखों भारतीय परिवारों की पहली पसंद भी है। चलिए, जानें कि कैसे मारुति सुजुकी ने खुद को भारतीय सड़कों और दिलों में खास जगह दी।

इतिहास की झलक

मारुति सुजुकी की शुरुआत 1981 में हुई थी। उस समय कंपनी का नाम "मारुति उद्योग लिमिटेड" था। बाद में, जापानी कंपनी सुजुकी मोटर्स ने इसमें भागीदारी की और इसे "मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड" नाम दिया गया। 1983 में कंपनी की पहली कार "मारुति 800" लॉन्च हुई, जिसने भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में क्रांति ला दी। यह कार साधारण डिजाइन और किफायती दामों की वजह से मध्यम वर्ग के लिए पहली पसंद बन गई।

अहमियत और उपलब्धियां

मारुति सुजुकी का योगदान सिर्फ किफायती कारें देने तक सीमित नहीं है। उन्होंने भारतीय उपभोक्ताओं को बेहतरीन तकनीक, कम ईंधन खपत और उत्कृष्ट सर्विसिंग प्रदान की है। आज भारत में कंपनी की 40% से अधिक बाजार हिस्सेदारी है। यह उनकी ग्राहकों की अपेक्षाओं को समझने और उनके अनुरूप उत्पाद प्रदान करने की क्षमता को दर्शाता है।

मारुति सुजुकी ने जनवरी 2025 में 2.12 लाख कारें बेचीं, जो भारत में उनकी अब तक की सबसे उच्चतम मासिक बिक्री है। इस महीने में कुल 1,73,599 पैसेंजर वाहन भारत में बेचे गए, जबकि निर्यात बिक्री 27,100 यूनिट्स रही।

लोकप्रिय मॉडल्स

मारुति सुजुकी के कई मॉडल्स ने बाजार में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। इनमें से कुछ प्रमुख मॉडल्स हैं:

मारुति 800: भारतीय सड़कों की पहचान।

ऑल्टो: विश्वसनीयता और किफायत का अद्वितीय उदाहरण।

स्विफ्ट: स्टाइल, परफॉर्मेंस और माइलेज का संगम।

विटारा ब्रेजा: कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में अग्रणी।

इग्निस और बलेनो: युवाओं के लिए आधुनिक डिजाइन और तकनीक।

ग्राहक-केंद्रित अप्रोच

मारुति सुजुकी का ध्यान हमेशा ग्राहक के संतोष पर रहा है। उनकी हर कार आम भारतीय परिवार की आवश्यकताओं और बजट को ध्यान में रखकर डिज़ाइन की जाती है। कंपनी ने अपने सर्विस सेंटर नेटवर्क को पूरे देश में विस्तार दिया है, जिससे ग्राहकों को आसान और किफायती सर्विस मिलती है।

हरित पहल

पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए, मारुति सुजुकी ने हाल ही में अपनी इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों की श्रृंखला पर काम करना शुरू किया है। यह पहल पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और भारतीय बाजार की बदलती जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

मारुति सुजुकी का सफर: भारत की आत्मा

जब भी हम भारत की सड़कों पर चलते हैं, तो हम एक आम दृश्य देखते हैं - मारुति सुजुकी की कारें। यह ब्रांड न केवल हमारे ट्रांसपोर्ट का साधन है, बल्कि यह हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। आइए जानते हैं मारुति सुजुकी की रोचक कहानी।

शुरुआत मारुति सुजुकी की शुरुआत 1981 में हुई, जब इसे भारत सरकार और जापान की सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के बीच संयुक्त उद्यम के रूप में स्थापित किया गया। उस समय, भारत में एक विश्वसनीय, किफायती और इंधन-संवेदनशील कार की भारी जरूरत थी।

800: एक क्रांति 1983 में, कंपनी ने पहली बार मारुति 800 को लॉन्च किया, जिसने भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में क्रांति ला दी। इस कार ने लाखों भारतीयों का दिल जीत लिया और लंबे समय तक यह भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बनी रही।

नवाचार और विविधता मारुति सुजुकी ने हमेशा नवाचार को महत्व दिया है। वे समय-समय पर नई तकनीकों और डिजाइन को अपनाते रहे हैं। कंपनी ने ऑल्टो, स्विफ्ट, डिजायर, और ब्रेज़ा जैसे विभिन्न मॉडल्स पेश किए हैं, जो अपने-अपने सेगमेंट में बेहद लोकप्रिय हैं।

पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता मारुति सुजुकी न केवल कस्टमर्स की जरूरतों का ध्यान रखती है, बल्कि पर्यावरण के प्रति भी संवेदनशील है। उन्होंने ईको फ्रेंडली कार्स और हाइब्रिड टेक्नोलॉजी में निवेश किया है ताकि पर्यावरण पर कम से कम प्रभाव पड़े।

भविष्य की राह भविष्य की दृष्टि से, मारुति सुजुकी इलेक्ट्रिक और कनेक्टेड कार्स पर काम कर रही है। वे अपने कस्टमर्स के लिए बेहतरीन अनुभव देने के लिए AI और IoT जैसी तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।

मारुति सुजुकी की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे एक कंपनी समय के साथ बदलती है और अपने कस्टमर्स की आवश्यकताओं को पूरा करती है। यह ब्रांड सचमुच भारत की आत्मा का प्रतीक है।

निष्कर्ष

मारुति सुजुकी ने भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एक मजबूत पकड़ बनाई हुई है। यह कंपनी हमेशा से ही अपने ग्राहकों की जरूरतों को समझती आई है और उनके अनुसार कारें बनाती रही है। मारुति सुजुकी भारतीय लोगों के लिए एक विश्वसनीय और भरोसेमंद ब्रांड है, और यह भविष्य में भी अपनी इस छवि को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है,मारुति सुजुकी न सिर्फ एक कार निर्माता कंपनी है, बल्कि यह लाखों भारतीय परिवारों की उम्मीदों और सपनों की पूर्ति का माध्यम भी है। उनके भरोसेमंद उत्पाद, बेहतरीन सेवा और ग्राहकों के प्रति सम्मान उन्हें भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में अद्वितीय बनाते हैं। आने वाले वर्षों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे मारुति सुजुकी नई चुनौतियों को स्वीकार करते हुए खुद को और अधिक विकसित करती है।

[24][25]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
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  23. "मारुती जल्द ही भारत में लांच करेगी अपनी Y1K". Archived from the original on 11 सितंबर 2018. Retrieved 11 सितंबर 2018.
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