प्रल्हाद निराजी

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प्रल्हाद नीरजी, जिन्हें प्रल्हाद पंत के नाम से जाना जाता है, छत्रपति राजाराम प्रथम के शासनकाल के दौरान मराठा साम्राज्य के पंत प्रतिनिधि थे। वह पंत प्रतिनिधि के पद पर प्रथम आसीन व्यक्ति थे। उन्हें वफादारी, कूटनीति और असाधारण बलिदान के माध्यम से मराठा साम्राज्य को मजबूत करने में उनके शानदार योगदान के लिए याद किया जाता है। [1]

प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]

प्रल्हाद निराजी न्यायाधीश निराजी रावजी के पुत्र थे। [2]उसका जन्म महाराष्ट्र में १६४० के दशक या १६५० के दशक के आस-पास हुआ था।

आजीविका[संपादित करें]

छत्रपति संभाजी की मृत्यु के बाद अष्ट प्रधान मंडल टुकड़े-टुकड़े हो गया। राजाराम के अधीन मराठा साम्राज्य के इन महत्वपूर्ण दिनों के दौरान यह प्रह्लाद नीरजी ही थे, जो सामने आए और मराठा राजनीति में काफी प्रभाव डाला। लेकिन उस समय के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति थे रामचन्द्र पंत अमात्य, जिनके पिता अब्बाजी सोनदेव शिवाजी के सेनापति थे। [3]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. Bond 2006, पृ॰ 773.
  2. Ranade 2017, पृ॰ contents.
  3. Chitnis 2003, पृ॰ 134.

ग्रन्थसूची[संपादित करें]

  • Bond, J.W (2006). Indian States: A Biographical, Historical, and Administrative Survey. Asian Educational Services. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788120619654.
  • Ranade, Mahadeo Govind (2017). Rise of Maratha Power. Publications Division Ministry of Information & Broadcasting. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788123025117.
  • Chitnis, Krishnaji Nageshrao (2003). Medieval Indian History. Atlantic Publishers & Dist. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788171560622.