तिरुचिरापल्ली की घेराबंदी (१७४१)
दिखावट
तिरुचिरापल्ली की घेराबंदी | |||||||
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योद्धा | |||||||
मराठा साम्राज्य | आरकाट राज्य | ||||||
सेनानायक | |||||||
रघुजी भोंसले | चंदा साहिब (युद्ध-बन्दी) | ||||||
शक्ति/क्षमता | |||||||
40,000[1] - 50,000[2] | 5000 - 10,000 |
तिरुचिरापल्ली की घेराबंदी 1741 में मराठा साम्राज्य और आरकाट राज्य के बीच हुई थी। रघुजी भोंसले के नेतृत्व में मराठा सेना ने 26 मार्च 1741 को चंदा साहिब को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया और शहर पर अधिकार कर लिया।[2][3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ N S Ramaswami (1984). Political History of Carnatic under the Narwabs. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780836412628.
- ↑ अ आ Jaswant Lal Mehta (2005). Advanced Study in the History of Modern India 1707-1813. Sterling Publishers Private Limited. पृ॰ 206. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781932705546.
- ↑ Mackenna, P. J. (1851). Ancient and modern India. J. Madden. पृ॰ 98.