होली पुरा गाँव, बाह (आगरा)
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होली पुरा | |||
— गाँव — | |||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||
देश | भारत | ||
राज्य | उत्तर प्रदेश | ||
ज़िला | आगरा | ||
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, अवधी, ब्रजभाषा, उर्दु, अंग्रेज़ी | ||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: http://agra.nic.in |
निर्देशांक: 27°11′N 78°01′E / 27.18°N 78.02°E
होली पुरा बाह, आगरा, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है। 1700 वि0 में होलीसिंह पांड़े खिरिया से अपने दादा बुचईसिंह का खजाना दादी जी के बतलाने पर लेकर आये तथा अपने पिता भोगचन्द के संरक्षण में बौहरे का काम (लैंने दैंने साहूकारी) भदावर के गांवों में चलाया। 1710 वि0 में होली सिंह को महाराज बदनसिंह भदौरिया से भूमि मिली जहाँ इन्होने ने प्राचीन गांव की जगह अपने नाम का होलीपुरा बसाया। 1715 वि0 में यहाँ होली बाबा ने विशाल हवेली कुआँ आदि बनवाये।
काकोरी कांड के महानायक पं. रामप्रसाद बिस्मिल (जिनके बाबा तंवरघारः अंबाह के थे) ने भदावर राज्य के होलीपुरा में फरारी के दिनों में मवेशी चराते हुए मनकी तरंग और कैथराईन-जैसी कृतियों का सृजन किया था।
भदौरिया १७:०८, २२ दिसम्बर २०१० (UTC)
भूगोल[संपादित करें]
जनसांख्यिकी[संपादित करें]
यातायात[संपादित करें]
आदर्श स्थल[संपादित करें]
शिक्षा[संपादित करें]
दामोदर इंटर कालेज होलीपुरा - पुरानी वास्तुकला से बना ये कालेज काफ़ी बड़े परिसर में फैला हुआ है
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]