भारत रत्न
भारत रत्न | ||
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सम्मान की जानकारी | ||
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प्रकार | नागरिक | |
श्रेणी | सम्मान | |
स्थापना वर्ष | 1954 | |
अंतिम अलंकरण | 2019 | |
कुल अलंकरण | 48 | |
अलंकरणकर्ता | भारत सरकार | |
विवरण | एक पीपल के पत्ते पर सूर्य की प्लैटिनम छवि के संग देवनागरी लिपि में खुदा हुआ भारत रत्न | |
प्रथम अलंकृत | सर्वपल्ली राधाकृष्णन | |
अंतिम अलंकृत | नानाजी देशमुख(मरणोपरांत) भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) प्रणव मुखर्जी | |
सम्मान श्रेणी | ||
कोई नहीं ← भारत रत्न → पद्म विभूषण |
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।[1][2][3] यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता।[4] [5] प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 14 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है।[6]
उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं।
श्री सचिन तेंदुलकर जी एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन को भारत रत्न प्राप्त हुआ है और वह भारत रत्न प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी हैं इसके पश्चात भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को भी प्राप्त हुआ है यह उनको भारत को समर्पित अत्यंत प्रभावशाली राजनीतिक जीवन के लिए दिया गया है
पदक[संपादित करें]
मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन ३५ मिमि गोलाकार स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ़ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो था। फिर इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है "भारत रत्न" और यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।
भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पहली गायिका श्रीमती एम। एस। सुब्बुलक्ष्मी हैं जिसको सन् 1998 में दिया गया। आमतौर पर भारत में जन्मे नागरिकों को ही भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है, लेकिन मदर टेरेसा और दो गैर-भारतीयों, पाकिस्तान के राष्ट्रीय खान अब्दुल गफ्फार खान और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को प्रदान किया गया है। 25 जनवरी 2019 को, सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुख (मरणोपरांत), गायक-संगीत निर्देशक भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) और भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पुरस्कार देने की घोषणा की।
1992 में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को भारत रत्न से मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था। लेकिन उनकी मृत्यु विवादित होने के कारण पुरस्कार के मरणोपरान्त स्वरूप को लेकर प्रश्न उठाया गया था। इसीलिए भारत सरकार ने यह सम्मान वापस ले लिया। उक्त सम्मान वापस लिये जाने का यह एकमेव उदाहरण है।
भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री श्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को जब भारत रत्न देने की बात आयी तो उन्होंने जोर देकर मना कर दिया, कारण कि जो लोग इसकी चयन समिति में रहे हों, उनको यह सम्मान नहीं दिया जाना चाहिये। बाद में १९92 में उन्हें मरणोपरांत दिया गया।[7]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ पायली, मूलमट्टोम वार्के (१९७१). द कॉन्स्टीट्यूशन ऑफ इण्डिया. नई दिल्ली: एस चांद एण्ड कंपनी लि. पपृ॰ ११४. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-219-2203-8.
- ↑ महाजन, विद्दाधर (१९७१). द कॉन्स्टीट्यूशन ऑफ इण्डिया. लखनऊ, उत्तर प्रदेश: ईस्टर्न बुक कंपनी. पृ॰ 169.
- ↑ होएबर्ग, डेल; इन्दु रामचन्दानी (२०००). स्टूडेन्ट्स ब्रिटैनिका इण्डिया. नई दिल्ली: ब्रिटैनिका विश्वकोश (भारत). भाग.३, पृ.१९८. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-85229-760-2.
- ↑ बसु, दुर्गा दास (1988). Shorter Constitution of India. नई दिल्ली: प्रेन्टिस हॉल ऑफ़ इंडिया.
- ↑ बसु, दुर्गा दास (1993). Introduction to the Constitution of India. नई दिल्ली: प्रेन्टिस हॉल ऑफ़ इंडिया.
- ↑ "भारत रत्न सम्मान". भारत सरकार. मूल से 23 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 जून 2016.
- ↑ वे जिन्होंने भारत रत्न लेने से मना कर दिया Archived 29 मार्च 2016 at the वेबैक मशीन. द टाइम्स ऑफ इंडिया, २० जनवरी, २००८