संगीत नाटक अकादमी
![]() रवीन्द्र भवन, नई दिल्ली, जहाँ संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी और साहित्य अकादमी स्थित हैं। | |
स्थापना | ३१ मई १९५२ |
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प्रकार | स्वायत्त संस्था |
मुख्यालय | रवीन्द्र भवन, फिरोजशाह रोड, नई दिल्ली, भारत |
सभापति |
शेखर सेन |
पैतृक संगठन |
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार |
जालस्थल |
sangeetnatak |
संगीत नाटक अकादमी भारत की प्रदर्शन कलाओं की राष्ट्रीय अकादमी है, जो भारत सरकार द्वारा संगीत, नृत्य, नाटक और लोक कला के संरक्षण, प्रचार और विकास के लिए स्थापित की गई है। यह संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली के रवीन्द्र भवन में है।[1]
इतिहास
[संपादित करें]संगीत नाटक अकादमी की स्थापना ३१ मई १९५२ को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव द्वारा हुई। [2]१९६१ में इसे सोसाइटीज पंजीकरण अधिनियम, १८६० के तहत पुनर्गठित किया गया। इसने भारतीय संस्कृति की प्रदर्शन कलाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई है।
उद्देश्य
[संपादित करें]अकादमी का उद्देश्य भारतीय संस्कृति में निहित प्रदर्शन कलाओं का संरक्षण और प्रोत्साहन है। इसके प्रमुख कार्य हैं: शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य और नाटक का विकास।
- अनुसंधान, अभिलेखन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन।
- सांस्कृतिक उत्सवों, कार्यशालाओं और विचार-गोष्ठियों का आयोजन।
- कला संस्थाओं को अनुदान और प्रकाशनों को सहायता।
संगठन
[संपादित करें]अकादमी की सर्वोच्च संस्था महापरिषद् है, जिसमें ४८ सदस्य हैं, जिनमें भारत सरकार, राज्य सरकार, ललित कला अकादमी और साहित्य अकादमी के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह १५-सदस्यीय कार्यकारिणी समिति का चुनाव करती है। सभापति की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, और वर्तमान सभापति शेखर सेन हैं। सचिव की नियुक्ति कार्यकारिणी द्वारा होती है।[3]
पुरस्कार
[संपादित करें]अकादमी प्रदर्शन कला में उत्कृष्टता के लिए निम्नलिखित पुरस्कार प्रदान करती है:
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार: विशिष्ट योगदान के लिए।
- संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप: जीवनकाल उपलब्धियों के लिए सर्वोच्च सम्मान।
- उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ युवा पुरस्कार: युवा कलाकारों के लिए।
ये पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
प्रभाव
[संपादित करें]संगीत नाटक अकादमी ने भारतीय संस्कृति की विरासत को संरक्षित करने और विश्व स्तर पर प्रदर्शन कलाओं को प्रचारित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके पुरस्कार और आयोजन कला जगत में अत्यंत प्रतिष्ठित हैं।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "दिल्ली का रबिन्द्र भवन और चिड़ियाघर किसने बनवाया?". Navbharat Times. 14 February 2019. अभिगमन तिथि: 29 April 2025.
- ↑ "संगीत नाटक अकादमी". Indian Culture. Ministry of Culture, Government of India. अभिगमन तिथि: 29 April 2025.
- ↑ "Shekhar Sen named chairman of Sangeet Natak Akademi". The Hindu. 11 July 2024. अभिगमन तिथि: 29 April 2025.