भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना(अंग्रेज़ी: Indian Navy) भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि ५६०० वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है। ५५,००० नौसैनिकों से लैस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना भारतीय सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाते हुए विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास में भी सम्मिलित होती है। पिछले कुछ वर्षों से लागातार आधुनिकीकरण के अपने प्रयास से यह विश्व की एक प्रमुख शक्ति बनने की भारत की महत्त्वाकांक्षा को सफल बनाने की दिशा में है।
जून २०१६ से एडमिरल सुनील लांबा भारत के नौसेनाध्यक्ष हैं। 31 मई 2019 से भारत के वर्तमान नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह है।
भारत
भारतीय नौसेना सन् 1612 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी की युद्धकारिणी सेना के रूप में इंडियन मेरीन संगठित की गई। 1685 ई. में इसका नामकरण "बंबई मेरीन" हुआ, जो 1830 ई. तक चला। 8 सितंबर 1934 ई. को भारतीय विधानपरिषद् ने भारतीय नौसेना अनुशासन अधिनियम पारित किया और रॉयल इंडियन नेवी का प्रादुर्भाव हुआ। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय नौसेना का विस्तार हुआ और अधिकारी तथा सैनिकों की संख्या 2,000 से बढ़कर 30,000 हो गई एवं बेड़े में आधुनिक जहाजों की संख्या बढ़ने लगी।
स्वतंत्रता पश्चात्[संपादित करें]
स्वतंत्रताप्राप्ति के समय भारत की नौसेना नाम मात्र की थी। विभाजन की शर्तों के अनुसार लगभग एक तिहाई सेना पाकिस्तान को चली गई। कुछ अतिशय महत्व के नौसैनिक संस्थान भी पाकिस्तान के हो गए। भारत सरकार ने नौसेना के विस्तार की तत्काल योजना बनाई और एक वर्ष बीतने के पहले ही ग्रेट ब्रिटेन से 7, 030 टन का क्रूजर " दिल्ली" खरीदा। इसके बाद ध्वंसक " राजपूत", " राणा", " रणजीत", " गोदावरी", " गंगा" और " गोमती" खरीदे गए। इसके बाद आठ हजार टन का क्रूजर खरीदा गया। इसका नामकरण " मैसूर" हुआ। 1964 ई. तक भारतीय बेड़े में वायुयानवाहक, " विक्रांत" (नौसेना का ध्वजपोत), क्रूजर "दिल्ली" एवं "मैसूर" दो ध्वंसक स्क्वाड्रन तथा अनेक फ्रिगेट स्कवाड्रन थे, जिनमें कुछ अति आधुनिक पनडुब्बीनाशक तथा वायुयाननाशक फ्रिगेट सम्मिलित किए जा चुके थे। " ब्रह्मपुत्र", " व्यास", " बेतवा ", " खुखरी," " कृपाण", " तलवार" तथा " त्रिशूल" नए फ्रिगेट हैं, जिनका निर्माण विशेष रीति से हुआ है। " कावेरी", " कृष्ण" और " तीर" पुराने फ्रिगेट हैं जिनका उपयोग प्रशिक्षण देने में होता है। "कोंकण", "कारवार", "काकीनाडा" "कणानूर", "कडलूर", "बसीन" तथा "बिमलीपट्टम" से सुंरग हटानेवाले तीन स्क्वाड्रन तैयार किए गए हैं। छोटे नौसैनिक जहाजों के नवनिर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है और तीन सागरमुख प्रतिरक्षा नौकाएँ, "अजय", "अक्षय" तथा "अभय" और एक नौबंध "ध्रुवक" तैयार हो चुके हैं। कोचीन, लोणावला, तथा जामनगर में भारतीय नौसेना के प्रशिक्षण संस्थान हैं। आई एन एस अरिहन्त भारत की नाभिकीय उर्जा पनडुब्बी है।
२१वीं सदी / आधुनिक भारत[संपादित करें]
- आई एन एस विक्रमादित्य - नवंबर 2013 में शामिल।
संगठन[संपादित करें]
नेतृत्व[संपादित करें]
वर्तमानजुन 2019 में एडमिरल कर्मबीरसिंह भारत के नौसेनाध्यक्ष हैं।
बेड़ा[संपादित करें]
भारतीय नौसेना के बेड़े में निम्न पोत शामिल हैं[5]-
प्रकार | पोत के नाम | ||
---|---|---|---|
विमान वाहक | |||
विध्वंसक/विनाशक | |||
फ्रिगेट |
|
||
कॉर्वेट |
|
||
पनडुब्बियाँ |
|
||
परमाणु पनडुब्बियाँ | |||
उभयचर युद्ध पोत |
|
||
गश्त यान/छोटे युद्धक जहाज |
|
||
माईनस्वीपर |
|
||
सहायक पोत |
|
||
ट्रेनिंग/शोध | तीर, तरंगिनी, सुदर्शिनी, म्हादे, सागरध्वनि |
चित्र दीर्घा[संपादित करें]
भारत एवं अमेरीका की एक संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान आई एन एस विराट अन्य युद्ध पोतो से साथ
रैंक और प्रतीक चिन्ह[संपादित करें]
समकक्ष NATO कोड |
OF-10 | OF-9 | OF-8 | OF-7 | OF-6 | OF-5 | OF-4 | OF-3 | OF-2 | OF-1 | OF(D) & Student officer | |||||||||||||||||||||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
![]() (Edit) |
![]() ![]() |
![]() ![]() |
![]() ![]() |
![]() ![]() |
![]() ![]() |
![]() ![]() |
![]() ![]() |
![]() ![]() |
![]() ![]() |
![]() ![]() |
||||||||||||||||||||||||||
एडमिरल ऑफ़ द फ्लीट1 | एडमिरल2 | वाइस एडमिरल | रियर एडमिरल | कमोडोर | कैप्टन (भारतीय नौसेना ) | कमांडर | लेफ्टिनेंट कमांडर | लेफ्टिनेंट | सब-लेफ्टिनेंट |
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- भारतीय नौसेना का जालघर
- Maritime Heritage of India (By Indian Navy)
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अप्रैल 2018.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अगस्त 2014.