सामग्री पर जाएँ

जम्मू-बारामूला रेलमार्ग

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
श्रीनगर
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन (USBRL)
Head station
बारामुला
Stop on track
सोपोर
Stop on track
१५हमरे
Stop on track
२३पत्तन
Stop on track
३१मज्होम
Station on track
४६बडगाम
Station on track
५७श्रीनगर
Stop on track
६३पाम्पोर
Unknown BSicon "hKRZWae"
झेलम पुल
Stop on track
६९काकापुरा
Stop on track
७९अवन्तिपुरा
Stop on track
८६पंचगाम
Stop on track
९३बिजबेहारा
Station on track
१००अनंतनाग
Stop on track
१०७सदूर
Station on track
११२क़ाज़ीगुंड
Unknown BSicon "tSTR"
पीर पंजाल रेल सुरंग (११ किमी.)
Stop on track
१३०बनिहाल
Unknown BSicon "exHST"
चारील
Unknown BSicon "exHST"
रेपोर
Unknown BSicon "exHST"
लोले
Unknown BSicon "exHST"
कोहली
Unknown BSicon "tSTR"
संगल्दन सुरंग (७ किमी.)
Unknown BSicon "exHST"
संगल्दन
Unknown BSicon "exHST"
बरल्ला
Unknown BSicon "exHST"
सुरुकोट
Unknown BSicon "exHST"
बक्कल
Unknown BSicon "exhKRZWae"
चनाब पुल
Unknown BSicon "exHST"
सलाल
Unknown BSicon "exhKRZWae"
अंजी खाद पुल
Unknown BSicon "exBHF"
रियासी
Station on track
२६०कटरा
Station on track
२८५उधमपुर
Station on track
२९४रामनगर
Unknown BSicon "hKRZWae"
तवी पुल
Stop on track
३१६मानवाल
Stop on track
३२४संगर
Stop on track
३२८बल्जता
End station
३३८जम्मू तवी

मार्ग पर स्थित प्रमुख स्थलों को
दर्शाता हुआ जम्मू-बारामूला रेलमार्ग का मानचित्र।

जम्मू-बारामूला रेलमार्ग भारत में निर्मित की जा रही एक रेलमार्ग है जो कि देश के बाकी के हिस्से को जम्मू एवं कश्मीर राज्य के साथ मिलाएगी। रेलवे जम्मू से शुरू होता है और, जब पूरी की, 345 किलोमीटर (214 मील) कश्मीर घाटी के पश्चिमोत्तर किनारे पर बारामूला के शहर के लिए यात्रा करेंगे। परियोजना की अनुमानित लागत के बारे में 60 अरब भारतीय रुपये (अमेरिका 1.3 अरब डॉलर) है।

जम्मू-बारामूला रेलमार्ग के आरंभ हो जाने से जम्मू तवी रेलवे स्टेशन का महत्त्व दोहरा हो गया है। कश्मीर घाटी को जाने वाली सभी रेलगाड़ियां इस स्टेशन से होकर ही जाती हैं। जम्मू-बारामूला रेलमार्ग परियोजन का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसका ट्रैक उधमपुर तक पहुंच चुका है। जम्मू तवी की कई गाड़ियां उधमपुर तक विस्तृत की जा चुकी है और आगे कटरा तक विस्तार की जायेगी। जुलाई 2014 में उधमपुर-कटरा रेलमार्ग के कार्य पूरे हो जाने से जम्मू रेलमार्ग कटरा तक विस्तृत हो गई। जालंधर- पठानकोट रेलमार्ग का दोहरीकरण हो चुका है और का विद्युतिकरण कार्य २०१३ तक पूरा होना नियोजित है। एक नई पीर-पंजाल रेल सुरंग (जिसे बनिहाल काज़ीगुंडसुरंग भी कहते हैं) तैयार हो चुकी है और प्रचालन में भी दी जा चुकी है। इसके द्वारा बनिहाल की बिचलेरी घाटी को कश्मीर घाटी के काज़ीगुंड क्षेत्र से जोड़ गया है। सुरंग की खुदाई का कार्य २०११ तक पूरा हो चुका था और इसमें रेलमार्ग स्थापन अगले वर्ष पूरा हो गया। उसी वर्ष अर्थात २०१२ के अंत तक परीक्षण रेल भी आरंभ हो गयी थी एवं जून २०१३ के अंत तक यहाँ यात्री गाड़ियाँ भी चलने लगीं।[1][2]

इस रेल कड़ी के साथ पीर-पंजाल रेल सुरंग का उद्घाटन २३ जून २०१३ को हुआ था। इस कड़ी के द्वारा बनिहाल और काज़ीगुंड के बीच की दूरी १७ कि.मी कम हो गई है। यह सुरंग भारत में सबसे लंबी[2] और एशिया की तीसरी लंबी रेलवे सुरंग है। इस सुरंग का निर्माण समुद्र सतह से ५७७० फ़ीट (१७६० मी.) की औसत ऊंचाई पर और वर्तमान सड़क मार्ग की सुरंग से १४४० फ़ीट (४४० मी.) नीचे हुआ है। इसका निर्माण हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने इरकॉन के उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के एक भाग के लिये किया है। इस रेल कड़ी के तैयार हो जाने से यातायात में काफ़ी सुविधा हो गयी है, विशेषकर सर्दियों के मौसम में जब भीषण ठंड और हिमपात के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग की सुरंग कई बार बंद करनी पड़ जाती है। २०१८ तक इस परियोजना की उधमपुर-बनिहाल कड़ी भी पूरी हो जायेगी और पूरा जम्मू-श्रीनगर मार्ग रेल-मार्ग द्वारा सुलभ हो जायेगा। तब तक लोगों को बनिहाल तक सड़क द्वारा जाना पड़ता है और वहां से श्रीनगर की रेल मिलती है। 

इन्हें भी देखें

[संपादित करें]

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. "बनिहाल - काज़ीगुंड रेल लिंक". मैप्स ऑफ़ इण्डिया. मूल से 28 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २९ अगस्त २०१३.
  2. http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=22854 Archived 2014-04-13 at the वेबैक मशीन जम्‍मू-कश्‍मीर में बनिहाल-काजीगुंड रेल मार्ग को राष्‍ट्र को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री का संदेश

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]