हावड़ा-चेन्नई मुख्य रेलमार्ग
हावड़ा-चेन्नई मुख्य रेलमार्ग | |
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![]() हावड़ा-चेन्नई रेलवे मार्ग | |
अवलोकन | |
स्थिति | संचालित |
स्वामित्व | भारतीय रेलवे |
स्थान | पश्चिम बंगाल, ओडिशा आंध्र प्रदेश तमिलनाडु |
प्रारंभ/समापन | |
सेवा | |
संचालक | दक्षिणपूर्व रेलवे, पूर्वी तटीय रेलवे, दक्षिण मध्य रेलवे, दक्षिण रेलवे |
इतिहास | |
प्रारंभ | 1901 |
तकनीकी | |
लाइन/रेखा लंबाई | 1,661 कि॰मी॰ (1,032 मील) |
ट्रैक संख्या | 2 |
रेल गेज | 1,676 मि॰मी॰ (5 फीट 6 इंच) ब्रॉड गेज |
विद्युतीकरण | 2005 with 25 kV शिरोपरि लाइन |
संचालन गति | 130 किमी/घ तक (खड़गपुर-विजयवाड़ा के लिये) और 160 किमी/घ तक (हावड़ा-खड़गपुर और विजयवाड़ा-चेन्नई खंड के लिये) |
हावड़ा-चेन्नई मुख्य रेलमार्ग भारत के पूर्वी तटीय मैदानों में चेन्नई और कोलकाता को जोड़ने वाली एक रेलवे मार्ग है। यह 1,661 किलोमीटर (1,032 मील) की दूरी तय करती हुई, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों से गुजरती हैं।
खंड
[संपादित करें]1,661 कि॰मी॰ (1,032 मील) लंबी ट्रंक रेलमार्ग को अधिक विस्तार के लिये इसे खंडों में बांटा गया हैं:
- हावड़ा-खड़गपुर खंड
- खड़गपुर-खुर्दा रोड खंड
- खुर्दा रोड-विशाखापट्टनम खंड (लगभग 430 किमी)
- दुव्वाड़ा-विजयवाड़ा खंड (लगभग 350 किमी) (अनकापल्ली दक्षिण से) पूर्व तटीय रेलवे ज़ोन
- विजयवाड़ा-गुडूर खंड (लगभग 310 किमी) पूर्व तटीय रेलवे ज़ोन
- गुडुर-चेन्नई खंड (लगभग 140 किमी ( गुडुर जंक्शन को छोड़कर) दक्षिणी रेलवे जोन
भूगोल
[संपादित करें]हावड़ा-चेन्नई मुख्य रेलमार्ग महानदी, गोदावरी और कृष्णा जैसी प्रमुख नदियों को पार करते हुए पूर्वी तटीय मैदानों को पार करती है। पूर्वी घाटों और बंगाल की खाड़ी की बीच स्थित तटीय मैदान आबादी के उच्च घनत्व के साथ उपजाऊ कृषि भूमि हैं।[1][2]
इतिहास
[संपादित करें]हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेलमार्ग भारत का पहला ट्रंक मार्ग था जो दो महानगरों को जोड़ता था। इसे 1866 में चालू किया गया था।[3] दूसरा ट्रंक रूट हावड़ा-इलाहाबाद-मुंबई रेलमार्ग था, जिसे 1870 में चालू किया गया था।[4] हावड़ा-नागपुर-मुंबई रेलमार्ग को देश में तीसरे ट्रंक मार्ग के रूप में 1900 में चालू किया गया। और इसके बाद 1901 में हावड़ा-चेन्नई मुख्य रेलमार्ग चालू किया गया। [5]
विद्युतीकरण
[संपादित करें]हावड़ा-चेन्नई मेल 1965 में डीजल इंजन (WDM-1) द्वारा चलने वाली दक्षिण पूर्व रेलवे की पहली ट्रेन थी।[6]
2005 तक हावड़ा-चेन्नई मार्ग पूरी तरह से विद्युतीकृत हो चुका है।[7]
गतिसीमा
[संपादित करें]नई दिल्ली से चेन्नई सेंट्रल रेलमार्ग (ग्रांड ट्रंक मार्ग), जिसमें से विजयवाड़ा-चेन्नई खंड एक हिस्सा है, और हावड़ा-नागपुर-मुंबई रेलमार्ग, जिनमें से हावड़ा-खड़गपुर खंड एक हिस्सा है, को "ग्रुप ए" के रूप में वर्गीकृत किया गया है, इस मार्ग में ट्रेन 160 किमी/घंटा तक की गति से चल सकती हैं। खड़गपुर-विजयवाड़ा सेक्टर को ग्रुप बी मार्ग के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जहां ट्रेन 130 किमी/घंटा तक की गति पर चल सकती है।[8]
यात्री यातायात
[संपादित करें]इस मार्ग पर हावड़ा, खड़गपुर, बालासोर, कटक, भुवनेश्वर, ब्रह्मपुर, विजयनगरम, विशाखापट्टनम, राजमुंदरी, एलुरु, विजयवाड़ा, नेल्लोर, गुडूर और चेन्नई सेंट्रल भारतीय रेलवे के शीर्ष सौ बुकिंग स्टेशनों में से हैं।[9]
स्वर्णिम चतुर्भुज
[संपादित करें]हावड़ा-चेन्नई मुख्य रेलमार्ग स्वर्णिम चतुर्भुज का एक हिस्सा है। चार प्रमुख महानगरों (नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) को जोड़ने वाले मार्ग, उनके विकर्णों के साथ, जिन्हें स्वर्णिम चतुर्भुज के रूप में जाना जाता है, लगभग आधा माल और लगभग आधा यात्री यातायात ले जाते हैं, हालांकि यह कुल रेलमार्ग का केवल 16 प्रतिशत ही हैं।[10]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Coastal Plains of India". Country facts – the world at your finger tips. Archived from the original on 30 मई 2013. Retrieved 2013-01-17.
- ↑ "The Coastal Plains of India". Zahie.com. Archived from the original on 18 सितंबर 2019. Retrieved 2013-01-17.
- ↑ "IR History: Early Days – I". Chronology of railways in India, Part 2 (1832 - 1865). Archived from the original on 7 मार्च 2005. Retrieved 27 October 2012.
- ↑ "IR History: Early Days – II". Chronology of railways in India, Part 2 (1870 - 1899). Archived from the original on 26 जुलाई 2016. Retrieved 27 October 2012.
- ↑ "Major Events in the Formation of S.E. Railway". South Eastern Railway. Archived from the original on 1 April 2013. Retrieved 19 February 2012.
- ↑ "IR History: Part - IV (1947 - 1970)". IRFCA. Archived from the original on 21 जून 2019. Retrieved 2012-11-21.
- ↑ "IR History Part VII (2000-present)". IRFCA. Archived from the original on 15 अक्तूबर 2013. Retrieved 2013-01-23.
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(help) - ↑ "Chapter II – The Maintenance of Permanent Way". Archived from the original on 3 December 2013. Retrieved 2013-01-02.
- ↑ "Indian Railways Passenger Reservation Enquiry". Availability in trains for Top 100 Booking Stations of Indian Railways. IRFCA. Archived from the original on 10 May 2014. Retrieved 2012-12-30.
- ↑ "Geography – Railway Zones". Major routes. IRFCA. Archived from the original on 19 अगस्त 2007. Retrieved 5 March 2013.