दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन

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मुख्यालयकाठमाण्डू
राजभाषा(एँ) अंग्रेजी
निवासी दक्षिण एशियाई
सदस्य देश
नेताओं
 -  महासचिव श्रीलंका एसाला रूवान वेराकून
स्थापना 8 दिसम्बर 1985
क्षेत्रफल
 -  कुल 5,099,611 km2 (सातवाँ)
 -  जल (%) 6.8
जनसंख्या
 -  2015 जनगणना 1,713,870,000[1] (प्रथम)
 -  घनत्व 336.1/km2
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) 2015 प्राक्कलन
 -  कुल US$9.9 ट्रिलियन [2] (तृतीय)
सकल घरेलू उत्पाद (सांकेतिक) 2015 प्राक्कलन
 -  कुल US$ 2.9 ट्रिलियन[2] (पाँचवाँ)
मुद्रा
समय मण्डल (यू॰टी॰सी॰+4:30 से +6)
दूरभाष कूट
इंटरनेट टीएलडी .asia
जालस्थल
www.saarc-sec.org

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। संगठन के सदस्य देशों की जनसंख्या (लगभग १.७ अरब) को देखा जाए तो यह किसी भी क्षेत्रीय संगठन की तुलना में अधिक प्रभावशाली है। इसकी स्थापना दिसम्बर १९८५ को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी। अप्रैल २००७ में संघ के १४वें शिखर सम्मेलन में अफ़गानिस्तान इसका आठवाँ सदस्य बन गया।

इतिहास[संपादित करें]

विभिन्न एशियाई क्षेत्रीय संगठनों के बीच संबंधों को दर्शाने वाला ऑयलर रेखाचित्र

1970 के दशक में बांग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान ने दक्षिण एशियाई देशों के एक व्यापार गुट के सृजन का प्रस्ताव किया। मई 1980 में दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग का विचार फिर रखा गया था। अप्रैल 1981 में सातों देश के विदेश सचिव कोलम्बो में पहली बार मिले। इनकी समिति ने क्षेत्रीय सहयोग के लिए पाँच व्यापक क्षेत्रों की पहचान की। सहयोग के नए क्षेत्रों में आने वाले वर्षों में जोड़े गए।

चार्टर में परिभाषित किए गए संगठन के उद्देश्य हैं:

  • दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जीवन की उनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए;
  • क्षेत्र में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास में तेजी लाने और सभी व्यक्तियों को स्वाभिमान के साथ रहने और अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने का अवसर प्रदान करने के लिए;
  • दक्षिण एशिया के देशों के बीच सामूहिक आत्म निर्भरता को बढ़ावा देना और मजबूती प्रदान करना,
  • आपसी विश्वास, एक दूसरे समस्याओं के प्रति समझ बढ़ाने के लिए;
  • आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सामाजिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सक्रिय सहयोग और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए;
  • अन्य विकासशील देशों के साथ सहयोग को मजबूत करने के लिए;
  • आपस में साझा हित के मामलों पर अन्तरराष्ट्रीय मंचों में सहयोग को मजबूत करने के लिए और
  • समान लक्ष्य और उद्देश्य के साथ अन्तरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के साथ सहयोग करने के लिए।

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग पर इस घोषणा को 1983 में नई दिल्ली में विदेश मन्त्रियों द्वारा अपनाया गया। बैठक के दौरान मन्त्रियों ने नौ सहमत क्षेत्रों, अर्थात्, कृषि, ग्रामीण विकास, दूरसंचार, मौसम, स्वास्थ्य और जनसंख्या क्रियाएँ में, परिवहन, डाक सेवा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और खेल, कला और संस्कृति में एकीकृत कार्ययोजना की शुरुआत की। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के प्रमुखों द्वारा उक्त चार्टर को औपचारिक रूप से स्वीकार किए जाने के साथ हुई।

13 नवम्बर 2005 को भारत के प्रयास से इस क्षेत्रीय समूह में अफ़गानिस्तान को शामिल किया गया और 3 अप्रैल 2007 को आठवाँ सदस्य बन गया। अप्रैल 2006 में, संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किए जाने का औपचारिक अनुरोध किया। यूरोपीय संघ में भी पर्यवेक्षक बनने में दिलचस्पी दिखाई और जुलाई 2006 में दक्षेस मन्त्रिपरिषद की बैठक में इस बात पर औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत किया। 2 अगस्त 2006 को दक्षेस देशों के विदेश मन्त्रियों ने सैद्धान्तिक रूप में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के लिए सहमत हुए। 4 मार्च 2007, ईरान ने पर्यवेक्षक का दर्जा प्रदान किए जाने अनुरोध किया। इसके बाद मॉरीशस ने संगठन में प्रवेश किया।

सचिवालय[संपादित करें]

संगठन का संचालन सदस्य देशों के मन्त्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए देशों के वर्णमाला क्रम की अनुसार की जाती है।[3]

सदस्य व प्रेक्षक देश[संपादित करें]

सार्क के वर्तमान सदस्य[संपादित करें]

प्रेक्षक देश[संपादित करें]

महासचिव[संपादित करें]

# नाम देश पद ग्रहण पद त्याग
1 अब्दुल अहसान  बांग्लादेश 16 जनवरी 1985 15 अक्टूबर 1989
2 कान्त किशोर भार्गव  भारत 17 अक्टूबर 1989 31 दिसम्बर 1991
3 इब्राहिम हुसैन ज़ाकिर  मालदीव 1 जनवरी 1992 31 दिसम्बर 1993
4 यादव कान्त सिलवाल  नेपाल 1 जनवरी 1994 31 दिसम्बर 1995
5 नईम यू॰ हुसैन  पाकिस्तान 1 जनवरी 1996 31 दिसम्बर 1998
6 निहाल रोड्रिगो  श्रीलंका 1 जनवरी 1999 10 जनवरी 2002
7 क्यू॰ ए॰ एम॰ ए॰ रहीम  बांग्लादेश 11 जनवरी 2002 28 फरवरी 2005
8 चेंकयाब दोरजी  भूटान 1 मार्च 2005 29 फरवरी 2008
9 शील कान्त शर्मा  भारत 1 मार्च 2008 28 फरवरी 2011
10 फातिमा धियाना सईद  मालदीव 1 मार्च 2011 11 मार्च 2012
11 अहमद सलीम  मालदीव 12 मार्च 2012 28 फरवरी 2014
12 अर्जुन बहादुर थापा  नेपाल 1 मार्च 2014 28 फरवरी 2017
13 अमजद हुसैन बी॰ सियाल  पाकिस्तान 1 मार्च 2017 1 मार्च 2020
14 एशला रुबाँन वेराकून श्रीलंका 1 मार्च 2020 वर्तमान

शिखर सम्मेलन[संपादित करें]

द्वितीय 16–17 नवम्बर 1986 भारत बेंगलूरू राजीव गाँधी
तृतीय 2–4 नवम्बर 1987 नेपाल काठमांडू मरिचमान सिंह श्रेष्ठ
चौथा 29–31 दिसम्बर 1988 पाकिस्तान इस्लामाबाद बेनज़ीर भुट्टो
पाँचवाँ 21–23 नवम्बर 1990 मालदीव माले मॉमून अब्दुल गय्यूम
छठा 21 दिसम्बर 1991 श्रीलंका कोलम्बो रणसिंहे प्रेमदासा
सातवाँ 10–11 अप्रैल 1993 बांग्लादेश ढाका खालिदा ज़िया
आठवाँ 2–4 मई 1995 भारत नई दिल्ली पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव
नौवाँ 12–14 मई 1997 मालदीव माले मॉमून अब्दुल गय्यूम
दसवाँ 29–31 जुलाई 1998 श्रीलंका कोलम्बो चन्द्रिका कुमारतुंगा
ग्यारहवाँ 4–6 जनवरी 2002 नेपाल काठमांडू शेर बहादुर देउवा
बारहवाँ 2–6 जनवरी 2004 पाकिस्तान इस्लामाबाद मीर ज़फ़रुल्लाह ख़ान जमाली
तेरहवाँ 12–13 नवम्बर 2005 बांग्लादेश ढाका खालिदा ज़िया
चौदहवाँ 3–4 अप्रैल 2007 भारत नई दिल्ली मनमोहन सिंह
पन्द्रहवाँ 1–3 अगस्त 2008 श्रीलंका कोलम्बो महिन्दा राजपक्षे
सोलहवाँ 28–29 अप्रैल 2010 भूटान थिम्फू जिग्मे थिनले
सत्रहवाँ 10–11 नवम्बर 2011[4] मालदीव अडडू मोहम्मद नशीद
अठारहवाँ 26–27 नवम्बर 2014[5] नेपाल काठमांडू सुशील कोइराला
उन्नीसवाँ 9–10 नवम्बर 2016 पाकिस्तान इस्लामाबाद रद्द
बीसवाँ निर्धारित होना शेष

19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन का आयोजन साल 2016 में पाकिस्तान में किया जाना था, लेकिन भारत समेत बांग्लादेश, भूटान और अफ़गानिस्तान ने इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। बांग्लादेश घरेलू परिस्थितियों का हवाला देते हुए इस सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ था, जिसके बाद ये सम्मेलन रद्द करना पड़ा था. 20वें दक्ष‍िण एशि‍याई क्षेत्रीय सहयोग संंगठन (SAARC) सम्मेलन का आयोजन पाकिस्तान में हो रहा है। इसके भी रद्द होने की सम्भावना है क्योंकि पाकिस्तान ने आतंकवाद को रोकने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए हैं, जब तक वह ऐसा नही करेगा भारत का दक्षेस सम्मेलन में शामिल होना मुश्किल रहेगा।

दक्षेस के वर्तमान नेता[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "World Urbanization Prospects — Population Division — United Nations". un.org. मूल से 18 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2018.
  2. "Report for Selected Countries and Subjects". imf.org. मूल से 2 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2018.
  3. "संग्रहीत प्रति". SAARC. मूल से 29 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 मई 2013. नामालूम प्राचल |title io= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  4. "Maldives holiday reviews — Travel Guides — Maldives Traveller". maldivestraveller.mv. मूल से 11 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जनवरी 2018.
  5. "Press Releases, 18th SAARC Summit Declaration, November 27, 2014". SAARC. मूल से 8 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 दिसम्बर 2015.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

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