दरी फ़ारसी

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दरी या दरी फ़ारसी (دری‎) अफ़ग़ानिस्तान में प्रचलित आधुनिक फ़ारसी का एक रूप है। पश्तो के साथ-साथ यह अफ़ग़ानिस्तान की दो संवैधानिक राजभाषाओं में से एक है। यह अफ़ग़ानिस्तान के लगभग ५०% लोगों की मातृभाषा है और देश की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। अफ़ग़ानिस्तान में अलग-अलग भाषाएँ बोलने वाले समुदायों के बीच में भी इसका सम्पर्क भाषा के रूप में इस्तेमाल होता है। ईरानी फ़ारसी और दरी फ़ारसी बोलने वाले एक दुसरे को आसानी से समझ पाते हैं और इनमें सिर्फ़ लहजे और कुछ शब्दों का अंतर है। बहुत से भाषावैज्ञानिकों के अनुसार दरी में पुरानी फ़ारसी के बहुत से ऐसे तत्व सुरक्षित हैं जो आधुनिक ईरानी फ़ारसी में खो गये हैं।[1]

ईरानी भाषाविद् ज़ाना वाहिदियन के अनुसार, अफगानिस्तान में लगभग हर कोई भाषा के रूप में दारी का उपयोग करने का कारण समझ सकता है और बोल सकता है कि अफगानिस्तान ने अपनी राजधानी को कंधार से काबुल में 18 वीं शताब्दी में स्थानांतरित कर दिया था।

उच्चारण[संपादित करें]

दरी में शब्दों का उच्चारण अक्सर ईरानी फ़ारसी से अलग और हिन्दी-उर्दू से मिलता-जुलता होता है -

  • شیر‎ - शेर (दरी) - शीर (ईरानी फ़ारसी)
  • قربانی‎ - क़ुरबानी (दरी) - ग़ोरबानी (ईरानी फ़ारसी)
  • زور‎ - ज़ोर (दरी) - ज़ूर (ईरानी फ़ारसी)
  • نوروز‎ - नउरोज़ (दरी) - नोउरूज़ (बोलचाल में नोरूज़) (ईरानी फ़ारसी)

इनमें दरी का उच्चारण क्लासिकल फ़ारसी जैसा माना जाता है और ईरानी फ़ारसी का बदला हुआ।[2]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

संदर्भ[संपादित करें]