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नागा खाना

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नागा व्यंजन (Naga cuisine) भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र और म्यान्मार के कचिन, सगाइंग में नागा लोगों का पारम्परिक भोजन है। नागा लोगों के प्रत्येक जातीय समूह अपनी अलग एवं अद्वितीय शैली में व्यंजन तैयार करते हैं। इनमें मुख्य रूप से चावल, मांस और पत्तेदार सब्जियाँ काम में ली जाती हैं। नागाओं द्वारा काम में लिया जाने वाला मांस अक्सर धुयें में पकाकर, सुखाकर अथवा किण्वन के बाद काम में लिया जाता है। नागा व्यंजन काफी हद तक दक्षिण एशियाई देशों म्यान्मार और थाइलैण्ड जैसे देशों के व्यंजनों से समानता रखते हैं।

संक्षिप्त विवरण

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नागाओं के विभिन्न जातिय समूह अपने अलग व्यंजन रखते हैं लेकिन अक्सर व्यंजनों का आदान-प्रदान करते हैं। नागा व्यंजनों में विशेष रूप से चावल, मांस का व्यंजन, एक या दो उबली हुई सब्जियाँ (पत्ते सहित) और चटनी/अचार (तथु) शामिल होते हैं।

नागा आहार में चावल कार्बोहाइड्रेट का मुख्य स्रोत है और इस क्षेत्र में चावल की अनेक मूल्यवान किस्में पैदा होती हैं, लेकिन इस क्षेत्र में अन्य राज्यों से भी चावल का आयात किया जाता है।

सूखा/धुयें में पकाया हुआ मांस नागा व्यंजनों में एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है और इसका किसानों/चारागाहों व शिकारियों के लिए व्यावहारिक महत्व है। धुयें में पके मांस को अक्सर व्यक्तिगत परिवारों के लिए खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूरे वर्ष के लिए रखा जाता है। नागा लोग उबले हुए खाद्य जैविक पत्ते और जंगली चारा पसंद करते हैं जो कई नागा क्षेत्रों के आहार का एक बड़ा हिस्सा है।

नागा भोजन मसालेदार होता है और नागालैंड में मिर्च की कई अलग-अलग किस्में हैं। सबसे उल्लेखनीय नागा मोरीच और भूत जोलोकिया हैं। नागा व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाने वाला अदरक मसालेदार, सुगंधित होता है और आम अदरक से अलग होता है। मांस व्यंजन पकाने में लहसुन और अदरक के पत्तों का भी उपयोग किया जाता है। सिचुयान मिर्च भी नागाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक लोकप्रिय मसाला है।

एखुनी के साथ धुयें में पकाया सुवर का मांस
  • एखुनी (एक्सोन), यह एक किण्वित सोयाबीन उत्पाद है जिसे अक्सर धुयें में पकाये सुवर के मांस और बीफ़ के साथ परोसा जाता है। यह एक सुमी नागा व्यंजन है।
  • अनिशी किण्वित टारो के पत्तों से बनी पैटी होती है जिसे आग पर पकाया जाता है या धूप में सुखाया जाता है। यह आओ लोग का एक स्वादिष्ट व्यंजन है।
  • किण्वित बांस के अकुंरण बांस के पेड़ की कोमल टहनियों से बनाई जाती हैं जिन्हें अक्सर मछली और सुवर के मांस के साथ परोसा जाता है। इसे स्थानीय रूप से बस्टेंगा के नाम से जाना जाता है। इसे सबसे ज़्यादा लोथा नागा द्वारा तैयार किया जाता है।
  • गल्हो अथवा ज़ावो एक आम अंगामी/चखेसांग नागा व्यंजन है, जो चावल, सब्जियों और विभिन्न मांस के मिश्रण से बना एक मिश्रित चावल का व्यंजन है।[1]
  • धुयें में पकाया मांस तैयार करने के लिए रसोईघर की दीवार पर या आग के ऊपर धुयें में 1 दिन से लेकर 2 सप्ताह या उससे अधिक समय तक लटकाकर तैयार किया जाता है।
  • योंगजैक वृक्ष की लम्बी फलियां हैं जिन्हें अक्सर कोयले पर भूनकर खाया जाता है और अक्सर गुच्छों में इनका व्यापार किया जाता है।[2]
  • थुथसे चिपचिपे चावल से बना एक किण्वित पेय है। यह अंगामी और चाखेसांग नागाओं का पारंपरिक पेय है।
  • ज़ूथो चावल से बना एक किण्वित पेय है। थुथसे की उलना में इसका स्वाद थोड़ा फीका होता है।

सन्दर्भ

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  1. kesangunuo (2017-07-30). "Recipe of Galho – Yummy Rice Dish from Nagaland - Roots and Leisure". rootsandleisure.com (अमेरिकी अंग्रेज़ी भाषा में). अभिगमन तिथि: 2025-04-09.
  2. "7 Special Dishes Of Nagaland That Everyone Needs to Try". NDTV Food (अंग्रेज़ी भाषा में). 2017-12-08. अभिगमन तिथि: 2025-04-09.

बाहरी कड़ियाँ

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