जलेबी

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जलेबी।

जलेबी भारतीय उपमहाद्वीप व मध्यपूर्व का एक लोकप्रिय व्यञ्जन है। यह कुण्डलाकार होती है और इसका स्वाद मीठा होता है। इस मिठाई की धूम भारतीय उपमहाद्वीप से आरम्भ होकर पश्चिमी देश स्पेन तक जाती है। इस बीच भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, ईरान के साथ समस्त अरब देेेशों में भी यह जानी-पहचानी है। सामान्य रूप से तो जलेबी सादी ही बनाई व अधिमान की जाती है, पर छेनाखोया जलेबी को भी लोग बड़़े चाव से खाते हैं। जलेबी भारत की राष्ट्रीय मिठाई हैं।[उद्धरण चाहिए]

इतिहास

कुछ लोगों का मानना है कि जलेबी मूल रूप से अरबी शब्द है और इस मिठाई का असली नाम है जलाबिया। यूं जलेबी को विशुद्ध भारतीय मिठाई मानने वाले भी हैं। शरदचंद्र पेंढारकर (बनजारे बहुरूपिये शब्द) में जलेबी का प्राचीन भारतीय नाम कुंडलिका बताते हैं। वे रघुनाथकृत ‘भोज कुतूहल’ नामक ग्रंथ का हवाला भी देते हैं जिसमें इस व्यंजन के बनाने की विधि का उल्लेख है। भारतीय मूल पर जोर देने वाले इसे ‘जल-वल्लिका’ कहते हैं। रस से परिपूर्ण होने की वजह से इसे यह नाम मिला और फिर इसका रूप जलेबी हो गया। फारसी और अरबी में इसकी शक्ल बदल कर हो गई जलाबिया। उत्तर पश्चिमी भारत और पाकिस्तान में जहां इसे जलेबी कहा जाता है वहीं महाराष्ट्र में इसे जिलबी कहा जाता है और बंगाल में इसका उच्चारण जिलपी करते हैं। जाहिर है बांग्लादेश में भी यही नाम चलता होगा।

व्यंजन विधि

बैंगलोर में एक हलवाई जलेबी बनाते हुए

आवश्यक सामग्री- मैदा — 200 ग्राम या 2 कटोरी, ईस्ट— आधा चम्मच, पानी — 2 कटोरी, घी — तलने के लिये

विधि- ईस्ट के दाने गुनगुने पानी में 10-12 मिनट के लिए भिगो दें, इसको पानी में घोल लें। एक बर्तन में मैदा और ईस्ट का घोल डालें, पानी डाल कर मैदा को घोलें, घोल अधिक गाढ़ा या पतला न हो। इस घोल को करीब 12 घंटे (घण्टे) के लिये ढककर रख दें। 12 घंटे (घण्टे) के अन्दर इस घोल में खमीर उठ आएगा और यह जलेबी के लिए तैयार हो जाएगा। जलेबी बनाने के लिये पहले इसकी चाशनी तैयार करें। उसके बाद जलेबी तल कर चाशनी में डालें। चाशनी बनाने की विधि नीचे दी गई है। जलेबी बनाने के लिये कढ़ाई ज्यादा चौड़ी और कम गहरी होती है। कढ़ाई में घी गरम करें। जलेबी बनाने के लिये एक विशेष प्रकार का कपड़ा या डिब्बा बाजार में मिलता है। जलेबी बनाने के लिये दूध की थैली से निकली प्लास्टिक का उपयोग भी कर सकते हैं।[1]

खमीर उठे मैदे के मिश्रण को अच्छी तरह से फेंट लें। इसे जलेबी बनाने वाले डिब्बे या थैली में भरकर इसकी धार हाथ को गोल गोल चलाते हुये कढ़ाई में डालें। कुरकुरी होने तक सेंकें। सिंकी हुई जलेबियाँ कढ़ाई से निकाल कर चाशनी में डालें। ५ मिनिट बाद चाशनी से निकाल कर प्लेट में रखें। इसी तरह सारी जलेबियाँ तैयार कर लें।

चाशनी के लिये आवश्यक सामग्री- चीनी — 400 ग्राम (4 कटोरी), पानी — 200 ग्राम, (2 कटोरी), दूध — 1 बड़ा चम्मच (वैकल्पिक), केसर — एक चुटकी (वैकल्पिक)

विधि- एक बर्तन में चीनी और पानी मिला कर गरम होने के लिये रखें। पानी में उबाल आने के बाद उसमें दूध डाल दें और जो गन्दे से झाग आयें उसे एक कलछी से प्लेट में निकाल दें। चाशनी बिलकुल पारदर्शक बनती है। अब इस चाशनी में केसर की पत्तियाँ डाल दें। करीब 8-10 मिनट उबालें।[2]

जलेबी पाकिस्तान का एक पुराना और पारंपरिक भोजन है। लोग धार्मिक और शादी के त्योहारों पर इसका आनंद लेते हैं।

सन्दर्भ

  1. "देसी घी की गर्म और कुरकुरी केसर जलेबी खाएं". hindi.news18. मूल से 1 मई 2020 को पुरालेखित.
  2. "जलेबी की व्यंजन विधि". निशामधूलिका.कॉम. मूल (एचटीएमएल) से 30 जनवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 जनवरी 2008.