ग्वालियर ज़िला

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ग्वालियर ज़िला
Gwalior district
मानचित्र जिसमें ग्वालियर ज़िला Gwalior district हाइलाइटेड है
सूचना
राजधानी : ग्वालियर
क्षेत्रफल : 4,560 किमी²
जनसंख्या(2011):
 • घनत्व :
20,32,036
 450/किमी²
उपविभागों के नाम: ब्लॉक
उपविभागों की संख्या: 6
मुख्य भाषा(एँ): हिन्दी


ग्वालियर जिला
ग्वालियर जिले में नीलगाय

ग्वालियर ज़िला भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय ग्वालियर है।[1][2]

इतिहास व प्रशासन[संपादित करें]

यह जिले का नाम इस जिले पर अवस्थित एक प्रसिद्ध किला के नाम के अपभ्रंश होकर नामाकरण हुए स्थान के नाम पे रखा गया था। इस प्रसिद्ध किला का नाम किला अवस्थित पहाडी के नाम से लिया गया था। इस समतल शिखरयुक्त पहाड को गोपाचल, गोपगिरि, गोप पर्वत या गोपाद्रि कहा जाता था।[3] यह नाम अपभ्रंश होकर ग्वालियर शब्द का निर्माण हुआ है।

यह जिला ग्वालियर के राजस्व संभाग के अन्तर्गत है।[3] यह जिला ग्वालियर राज्य के उत्तरी भाग में २५ ० ३४’ उ० और २६० २१’ उ० अक्षांश तथा ७७० ४०’ पू० और ७८० ५४’ पू० देशांश के बीच स्थित है।[3] यह जिला २००२ वर्गमील क्षेत्र में फैला हुआ है, जो मध्य प्रदेश राज्य के कुल क्षेत्रफल का करिब १.१ प्रतिशत है।[3] ग्वालियर सन १९४८ से १९५६ तक मध्य भारत की राजधानी रहा लेकिन जब मध्य भारत मध्य प्रदेश में जुड़ा तब इसे जिले का स्वरुप दिया गय

भूगोल[संपादित करें]

यह जिल्ला उत्तर में मुरैना जिले से पश्चिचम में शिवपुरी, पूर्व में भिंड तथा दक्षिण में दतिया जिले से धिरा हुआ हैं।[3] ग्वालियर जिले में तीन तहसील हैं-ग्वालियर (गिर्द), डबरा तथा भितरवार। इस जिले में चार विकास-खण्ड हैं भितरवार, घाटीगाँव (बरई), मुरार तथा डबरा । इस जिला में तीन नगर पंचायत है बिलौआ, पिछोर एवं आंतरी। इस जिला में दो नगरपालिका डबरा व भितरवार एंव ग्वालियर नगरनिगम अवस्थित है। इस जिले में कुल 300 ग्राम पंचायत, 660 ग्राम है जिनमें से 598 आबाद ग्राम है व 62 वीरान है।[3]

इस जिल के क्षेत्रफल इस प्रकार है[3]

जिला /तहसील विकासखंड भौगोलिक क्षेत्रफल वर्ग कि.मी. आबाद ग्राम ग्राम पंचायत जनपद पंचायत मण्डल पंचायत
ग्वालियर 4565 566 298 04 01
गिर्द (तहसील) 2690 262 138 02 01
घाटीगाँव (विकासखंड) 1678 114 60 01 00
मुरार (विकासखंड) 857 148 78 01 00
पिछोर (तहसील) 975 150 79 01 00
डबरा (विकास खंड) 960 150 79 01 00
भितरवार (तहसील) 900 154 81 01 00
भितरवार (विकासखंड) 853 154 81 01 00

अर्थतन्त्र[संपादित करें]

स्थानीय कच्चा पदार्थ[संपादित करें]

ग्वालियर क्षेत्र में विशेषतः बलुआ, पत्थर, मिट्टी, गेरू, कांच बनाने की बालु, कपड़ा, चमड़ा आदि ऊपलब्ध है।[3]

जनसंख्या[संपादित करें]

सन 2001 की जनगणना के अनुसार ग्वालियर जिले की जनसंख्या 1629881 है।[3]

मंदिर[संपादित करें]

ग्वालियर जिले के मंदिरों में गोलेश्वर महादेव, धूमेश्वर महादेव, मंशापूर्ण हनुमान, खेडापति माता का मंदिर प्रसिद्ध हैं। गान्धीनगर कोलोनी के पास खेडापति हनुमान का बहुत प्राचीन मन्दिर भी है।

मंशापूर्ण हनुमान[संपादित करें]

ग्वालियर के सैंकड़ों प्राचीन मंदिरों में से, मंशा पूरण हनुमान जी का मंदिर भी एक है। यह मंदिर लगभग ४०० साल पुराना है। यह मंदिर दियादाह धर्मशाला पुराने थाने के पास भितरवार में स्थित है।

गोलेश्वर महादेव[संपादित करें]

गोलेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिbhhhhर भितरवार तहसील में है यह नए बस स्थानक के पास है यहाँ की मान्यता है कि यदि भितरवार में पानी बरसता है तो सभी भितरवार वासियों द्वारा पार्वती नदी (जो की मंदिर के पास ही कुछ दूरी पर प्रवाहित होती है) से पानी लाकर मंदिर के शिवलिंग को पूर्ण रूप से पानी में डुबोया जाता है मंदिर के गर्भगृह को चारों और से मिट्टी से बंद कर दिया जाता है जिससे पानी बाहर न निकल पाए सभी लोग अपने सिर पर , कन्धों पर घड़ों में पानी भरकर लाते हैं और मंदिर को भरते हैं जब पूरा शिवलिंग पानी में डूब जाता है तो अपने आप जल वृष्टि होने लगती है।

धूमेश्वर[संपादित करें]

यह मन्दिर सिंध नदी के तट पर स्थित है। यह ग्राम रायचौरा पंचायत पवाया में स्तिथ है। इस मंदिर पर कई यज्ञ हो चुके है।

खेडापति माता[संपादित करें]

खेड़ापति माता का मंदिर भितरवार का प्रसिद्ध मंदिर है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
  2. "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293
  3. "ग्वालिय‍र जिला का एनआइसि का जालस्थल". मूल से 19 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2010.