खगड़िया
खगड़िया Khagaria | |
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निर्देशांक: 25°30′07″N 86°28′12″E / 25.502°N 86.470°Eनिर्देशांक: 25°30′07″N 86°28′12″E / 25.502°N 86.470°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | मिथिला,बिहार |
ज़िला | खगड़िया ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 49,406 |
भाषा | |
• प्रचलित | मैथिली, हिन्दी |
खगड़िया (Khagaria) भारत के बिहार राज्य के मिथिला प्रांत के खगड़िया ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है और बूढ़ी गण्डक नदी के किनारे बसा हुआ है।[1][2]
विवरण
[संपादित करें]खगड़िया में केले, मक्का और मिरची की खेती प्रचुर मात्रा में होती है। गंगा, कोसी तथा गंडक यहाँ की मुख्य नदियाँ हैं। यह बिहार के महत्वपूर्ण जिलों में से एक है। कात्यायनी, और अजगैबिनाथ महादेव यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल है। शैक्षणिक संस्थानों में, मुंगेर विश्वविद्यालय से संबद्ध कोशी महाविद्यालय कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय की उच्च शिक्षा के लिए तो अलौली प्रखंड अंतर्गत रौन गांव स्थित आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय प्रमुख है। इसका जिला मुख्यालय खगाड़िया शहर है। यह जिला सात नदियों गंगा, कमला बालन, कोशी, बूढ़ी गंडक,करहा, काली कोशी और बागमती से घिरा हुआ है। इसके अलावा, यह जिला सहरसा जिले के उत्तर, मुंगेर और बेगुसराय जिले के दक्षिण, भागलपुर और मधेपुरा जिले के पूर्व तथा बेगुसराय और समस्तीपुर जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है। इस जगह को फरकिया के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि पांच शताब्दी पूर्व मुगल शासक के राजा अकबर ने अपने मंत्री तोडरमल को यह निर्देश दिया कि वह सम्पूर्ण साम्राज्य का एक मानचित्र तैयार करें। लेकिन मंत्री इस क्षेत्र का मानचित्र तैयार करने में सफल नहीं हो सका क्योंकि यह जगह कठिन मैदानों, नदियों और सघन जंगलों से घिरी हुई थी। यहीं वजह है कि इस जगह को फरकिया नाम दिया गया था। वर्तमान समय में यहां फराकियांचल टाइम्स नामक साप्ताहिक अखबार भी निकलता है। MP Board 12th Blueprint 2023 Archived 2022-12-09 at the वेबैक मशीन Bihar Board 12th Model Paper 2023 Archived 2022-12-09 at the वेबैक मशीन MP Board 10th Blueprint 2023 Archived 2022-12-09 at the वेबैक मशीन प्रमुख व्यक्ति स्वर्गीय रामसेवक सिंह स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के लड़ाई में कई बार जेल भी गए। ऐसे महान क्रांतिकारी बिहार के पुण्य भूमि में खगड़िया का रामनगर नामक ग्राम कोसी नदी के किनारे पर बसा है। यह जगह फरकिया का मशहूर है। ये धरती आज भी केला के बहुत प्रशिद्ध है।बहुत से गांव में भदास फ़सलो के उपजाऊ के दृष्टिकोण से जाना जाता है।
अर्थव्यवस्था
[संपादित करें]2018 में खगड़िया में प्रिस्टाइन मेगा फूड पार्क शुरू किया गया।[3][4][5]
प्रमुख आकर्षण
[संपादित करें]कात्यायनी मंदिर
[संपादित करें]जिला मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर कात्यायनी स्थान है। इस जगह पर मां कात्यायनी का मंदिर है। इसके साथ ही भगवान राम, लक्ष्मण और मां जानकी का मंदिर भी है। प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार काफी संख्या में भक्त मंदिर में पूजा के लिए आते हैं। माना जाता है कि इस क्षेत्र में मां कात्यायनी की पूजा दो रूपों में होती है। पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि कात्यायन ने कौशिक नदी, जिसे वर्तमान में कोशी के नाम से जाना जाता है, तट पर तपस्या की थी। तपस्या से प्रसन्न होकर मां दुर्गा ने ऋषि की कन्या के रूप में जन्म लेना स्वीकार लिया। इसके बाद से उन्हें कत्यायनी के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, ऐसा कहा जाता है कि लगभग 300 वर्ष पूर्व यह जगह सघन जंगलों से घिरी हुई थी। एक बार भक्त श्रीपत महाराज ने मां कत्यायनी को स्वप्न में देखा और उनके दिशानिर्देश से इस जगह पर मंदिर का निर्माण करवाया था।
सन्हौली दुर्गास्थान
[संपादित करें]खगड़िया शहर से सटे सन्हौली दुर्गास्थान में दशकों से मां दुर्गा विराजमान हैं ।[6] बड़ी संख्या में श्रद्धालु शक्तिपीठ मानकर यहां पूजा-अर्चना करते हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों के अलावा आसाम, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के श्रद्धालु भी मनोकामना पूरा होने पर यहां माता के दरबार में माथा टेकने व चढ़ावा चढ़ाने आते हैं।
गायत्री शक्तिपीठ
[संपादित करें]खगड़िया जिले के बूढ़ी गंडक बाँध से सटे इस मंदिर में अनेकों क्षेत्र से भक्त पूजा अर्चना, शादी विवाह हेतु तथा दर्शन करने आते है। यहाँ मंदिर प्रांगण में योगाभ्यास किया जाता है,कुछ सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता सेवा हेतु मौजूद होते हैं। यहां प्रत्येक रविवार को प्रज्ञा युवा प्रकोष्ठ के द्वारा साप्ताहिक व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया जाता है।
रामविलास पासवान का जन्म स्थल
[संपादित करें]समकालीन भारतीय राजनीति के प्रमुख हस्ताक्षर श्री रामविलास पासवान जी का जन्म खगड़िया जिला अन्तर्गत अलौली प्रखण्ड के शहरबन्नी गाँव में हुआ था। यह जिले का मुख्य आकर्षण का केंद्र है।
श्यामलाल नेशनल हाई स्कूल
[संपादित करें]इस हाई स्कूल की स्थापना 1910 ई॰ में हुई थी। स्कूल की स्थापना के लिए श्री श्यामलाल ने पर्याप्त भूमि दान की थी। इस स्कूल के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्वतंत्रता आंदोलन के समय यह स्थान क्रांतिकारियों के मिलने का प्रमुख स्थल रहा था।
अजगैबिनाथ महादेव
[संपादित करें]यह जगह भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में स्थित है। यह स्थान खगड़िया जिले अगुनिघाट के बहुत ही समीप है। यहां स्थित भगवान शिव का मंदिर ऊंचे पर्वत पर है। काफी संख्या में भक्त मंदिर में दर्शनों के लिए आते हैं। इस मंदिर की विशेषता है कि यह मंदिर गंगा नदी के तट पर है। जिस कारण भक्त गंगा नदी में स्नान करने के पश्चात् ही मंदिर में भगवान शिव के दर्शनों के लिए जाते हैं। यहां सावन के महीने में लाखों की तादाद में शिव भक्त आते हैं और जल भर के देवघर जल चढ़ाने जाते हैं सहरसा से आने वाले यात्री महेशखूंट जमालपुर मरैया होते हुए अगवानी जाते हैं और रास्ते में मरैया उन शिव भक्तों के लिए मरैया वासी उनसे भक्तों का काफी ख्याल रखते हैं तथा आदर सत्कार करते हैं और नींबू पानी गर्म पानी का व्यवस्था करते हैं I
आवागमन
[संपादित करें]- वायु मार्ग
यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
- रेल मार्ग
खगड़िया रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग
सड़क मार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से खगड़िया आसानी से पहुंचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से खगड़िया पहुंच सकते हैं।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Bihar Tourism: Retrospect and Prospect," Udai Prakash Sinha and Swargesh Kumar, Concept Publishing Company, 2012, ISBN 9788180697999
- ↑ "Revenue Administration in India: A Case Study of Bihar," G. P. Singh, Mittal Publications, 1993, ISBN 9788170993810
- ↑ "3,000 to get work in Khagaria food park'". मूल से 28 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 दिसंबर 2018.
- ↑ "Mega Food Park in Patna not ready, union minister walks out". मूल से 22 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 दिसंबर 2018.
- ↑ "Minister lays stone of mega food park in Khagaria". मूल से 9 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 दिसंबर 2018.
- ↑ roshan, abhishek. "सन्हौली दुर्गास्थान में दशकों से मां दुर्गा विराजमान हैं". http://atulyabihar.com/goddess-durga-temple-in-khagaria/. मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जून 2018.
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में बाहरी कड़ी (मदद)