सुपौल
सुपौल | |||||||
— जिला — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | ![]() | ||||||
राज्य | बिहार | ||||||
जिलाधीक्षक | |||||||
पुलिस अधीक्षक | |||||||
जनसंख्या • घनत्व |
22,28,397 (आशा जनगणना पंजी) (2011 के अनुसार [update]) • 920/वर्ग कि.मी. | ||||||
क्षेत्रफल | 2410 वर्ग कि.मी. कि.मी² | ||||||
विभिन्न कोड
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निर्देशांक: 25°56′N 86°15′E / 25.93°N 86.25°E सुपौल बिहार का एक जिला है। सुपौल जिला वर्तमान सहरसा जिले से 14 मार्च 1991 में विभाजित होकर अस्तित्व में आया।सहरसा फारबिसगंज रेलखंड पर सुपौल स्थित है। सांस्कृतिक रूप से यह काफी समृद्ध जिला है नेपाल से करीब होने के कारण यह सामरिक रूप से काफी महत्त्वपूर्ण है। क्षेत्रफल के अनुसार यह कोसी प्रमंडल का सबसे बड़ा जिला है, वीरपुर,त्रिवेणीगंज,निर्मली,सुपौल आदि इसके अनुमंडल है। पर्यटन स्थलों में गणपतगंज का विष्णु मंदिर,धरहारा का महादेव मंदिर,वीरपुर में कोसी बैराज,हुलास का दुर्गा महादेव मंदिर तिनटोलिया का दुर्गा स्थान,प्रतापगंज दुर्गा स्थान आदि प्रमुख हैं।धान,गेहूं,मूंग,पटसन आदि की पैदावार ज्यादा की जाती है। लोकगायिका शारदा सिन्हा एवं स्व. पंडित ललित नारायण मिश्र विशिष्ट व्यक्तित्व के रूप में मशहूर हैं।यहीं के बायसी ग्राम के उदित नारायण वाँलीवुड के संगित जगत में छाए हुए हैं।
सुपौल प्राचीन काल में मिथिला राज्य का हिस्सा था। बाद में मगध तथा मुगल सम्राटों ने भी राज किया। ब्रिटिश काल में सुपौल के प्रशासनिक और सामरिक महत्व देखते हुए 1870 में इसे अनुमंडल का दर्जा दिया गया। अनुमंडल बनने के करीब 121 वर्षों के बाद सुपौल को 1991 में जिला बनाया गया। यह जिला अब विकाश की नई नई बुलंदीयों को छुता जा रहा है।यहाँ का litrecy rate तेजी से बढता जा रहा है।यह जिला खुले में सौच से मुक्त हो चुका है।सुपौल का सबसे विकसित गाँव सिरीपुर है।