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लुंबिनी

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लुंबिनी भगवान बुद्ध का जन्म स्थल है। यह नेपाल में स्थित है। युनेस्को तथा विश्व के सभी बौद्ध सम्प्रदाय (महायान, बज्रयान, थेरवाद आदि) के अनुसार यह स्थान आज नेपाल के कपिलवस्तु में है जहाँ पर युनेस्को के आधिकारिक स्मारक, सभी बुद्ध धर्म के सम्प्रदायों ने अपने संस्कृति अनुसार के मन्दिर, गुम्बा, विहार आदि निर्माण किया है। इस स्थान पर सम्राट अशोक द्वारा स्थापित अशोक स्तम्भ में ब्राह्मी लिपि कि प्राकृत भाषा में बुद्ध का जन्म स्थान होने का वर्णन किया हुआ शिलापत्र अवस्थित है।

सम्राट अशोक का साम्राज्य , 260 ईशापूर्व । लुंबिनी सम्राट अशोक के अधिकार छेत्र में
लुम्बिनी स्तम्भलेख
स्तम्भ की खुदाई, और उसके आधार के पास ब्राह्मी लिपि में अंकित सन्देश
सामग्रीपॉलिश किया हुआ बलुआ पत्थर
आकारHeight: Width:
कालतीसरी शताब्दी ईसापूर्व
खोज27°28′11″N 83°16′32″E / 27.469650°N 83.275595°E / 27.469650; 83.275595निर्देशांक: 27°28′11″N 83°16′32″E / 27.469650°N 83.275595°E / 27.469650; 83.275595
स्थानलुम्बिनी, नेपाल
अवस्थितिलुम्बिनी, नेपाल
लुम्बिनीस्तम्भ is located in दक्षिण एशिया
लुम्बिनीस्तम्भ
लुम्बिनी
स्तम्भ
लुम्बिनीस्तम्भ is located in नेपाल
लुम्बिनीस्तम्भ
लुम्बिनी
स्तम्भ

रुम्मिनदेई स्तम्भलेख या लुम्बिनी स्तम्भलेख (Lumbini pillar inscription) नेपाल के लुम्बिनी में स्थित एक अशोक स्तम्भ पर ब्राह्मी लिपि में अंकित सन्देश है जिसकी खोज दिसम्बर १८९६ में अलोइस एन्टन फुहरर (Alois Anton Führer) ने की थी।[1] इसी क्षेत्र में पास में ही एक दूसरा प्रसिद्ध अभिलेख मिला है जो इसी विषय से सम्बन्धित है। (देखें, निगाली सागर)


१९०१ में लुम्बिनी स्तम्भ का पश्चिम से लिया गया छायाचित्र
लुम्बिनी स्तम्भ के भग्नावशेष ; १९०१ में उस स्थल की अनुप्रस्थ काट[2]
रुम्मिनदेई स्तम्भ पर अंकित लेख
अनुवाद
(हिंदी)
Transliteration
(मूल ब्राह्मी लिपि में)
लेख
(प्राकृत , ब्राह्मी लिपि में)
  1. देवताओं के प्रिय प्रियदर्शी राजा ने (अपने) राज्याभिषेक के 20 वर्ष बाद स्वयं आकर इस स्थान की पूजा की,
  2. क्योंकि यहाँ शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म हुआ था।
  3. यहाँ पत्थर की एक दीवार बनवाई गई और पत्थर का एक स्तंभ खड़ा किया गया।
  4. बुद्ध भगवान यहाँ जनमे थे, इसलिए लुम्बिनी ग्राम को कर से मुक्त कर दिया गया और
  5. (पैदावार का) आठवां भाग भी (जो राजा का हक था) उसी ग्राम को दे दिया गया है।
रुम्मिनदेई शिलालेख, लुम्बिनी,नेपाल[3]

साँचा:Script/Brahmi
देवानांपियेन पियदसिना लाजिन वीसति-वसाभिसितेन
साँचा:Script/Brahmi
अतन आगाच महीयिते हिद बुधे जाते सक्यमुनि ति
साँचा:Script/Brahmi
सिला विगडभी चा कालापित सिला-थभे च उसपापिते
साँचा:Script/Brahmi
हिद भगवं जाते ति लुँइनि-गामे उबलिके कटे
साँचा:Script/Brahmi
अठ-भागिये च

1896 में खोज के समय लुंबिनी रुम्मिनदेई स्तंभ, शिलालेख के स्थान के साथ, जो जमीन के स्तर से लगभग 1 मीटर नीचे छिपा हुआ था।[5][6]

खोज के पश्चात

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स्तम्भ की वर्तमान स्थिति वहीं है जहाँ इसे पाया गया था। किन्तु अंकित सन्देश अब आँख के ऊँचाई पर आ गया है क्योंकि स्तम्भ के आधार की मिट्टी हटा दी गयी है।
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चित्र दीर्घा

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सन्दर्भ सामग्री

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  1. Smith, Vincent A. (1897). "The Birthplace of Gautama Buddha". The Journal of the Royal Asiatic Society of Great Britain and Ireland: 615–621. जेस्टोर 25207888.
  2. Mukherji, P. C.; Smith, Vincent Arthur (1901). A report on a tour of exploration of the antiquities in the Tarai, Nepal the region of Kapilavastu;. Calcutta, Office of the superintendent of government printing, India. p. Plate XIII.
  3. Hultzsch, E. (1925). Inscriptions of Asoka Archived 2019-10-25 at the वेबैक मशीन. Oxford: Clarendon Press, pp. 164-165
  4. Hultzsch, E. (1925). Inscriptions of Asoka. New Edition by E. Hultzsch (Sanskrit भाषा में). p. 164. 25 अक्तूबर 2019 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 27 अप्रैल 2020.{{cite book}}: CS1 maint: unrecognized language (link)
  5. "British Library Online". 8 जून 2018 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 27 अप्रैल 2020.
  6. "डॉ. फ्यूहरर निग्लिवा से रुम्मिनदेई गए जहां एक और प्रियादासिन अशोक के स्तंभ की खोज की गई है... और सतह से लगभग 3 फीट नीचे एक शिलालेख, नेपालियों द्वारा खोजा गया था। in Calcutta, Maha Bodhi Society (1921). The Maha-Bodhi (अंग्रेज़ी भाषा में). p. 226.
    अशोक के अभिलेख
    (Ruled 269232 BCE)
    अशोक का
    शासन काल
    अभिलेख का प्रकार
    (और अवस्थिति)
    भौगोलिक अवस्थिति
    वर्ष 8 कलिंग युद्ध का अंत और " धम्म" अपनाना
    वर्ष 10[1] Minor Rock Edicts Related events:
    Visit to the Bodhi tree in Bodh Gaya
    Construction of the Mahabodhi Temple and Diamond throne in Bodh Gaya
    Predication throughout India.
    Dissenssions in the Sangha
    Third Buddhist Council
    In Indian language: Sohgaura inscription
    Erection of the Pillars of Ashoka
    Kandahar Bilingual Rock Inscription
    (in Greek and Aramaic, Kandahar)
    Minor Rock Edicts in Aramaic:
    Laghman Inscription, Taxila inscription
    वर्ष 11 और उसके पश्चात् Minor Rock Edicts (n°1, n°2 and n°3)
    (Panguraria, Maski, Palkigundu and Gavimath, Bahapur/Srinivaspuri, Bairat, Ahraura, Gujarra, Sasaram, Rajula Mandagiri, Yerragudi, Udegolam, Nittur, Brahmagiri, Siddapur, Jatinga-Rameshwara)
    वर्ष 12 और उसके पश्चात्[1] Barabar Caves inscriptions Major Rock Edicts
    Minor Pillar Edicts Major Rock Edicts in Greek: Edicts n°12-13 (Kandahar)

    Major Rock Edicts in Indian language:
    Edicts No.1 ~ No.14
    (in Kharoshthi script: Shahbazgarhi, Mansehra Edicts
    (in Brahmi script: Kalsi, Girnar, Sopara, Sannati, Yerragudi, Delhi Edicts)
    Major Rock Edicts 1-10, 14, Separate Edicts 1&2:
    (Dhauli, Jaugada)
    Schism Edict, Queen's Edict
    (Sarnath Sanchi Allahabad)
    Rummindei Edict, Nigali Sagar Edict
    वर्ष 26, 27
    और उसके पश्चात्[1]
    Major Pillar Edicts
    In Indian language:
    Major Pillar Edicts No.1 ~ No.7
    (Allahabad pillar Delhi pillar Topra Kalan Rampurva Lauria Nandangarh Lauriya-Araraj Amaravati)

    Derived inscriptions in Aramaic, on rock:
    Kandahar, Edict No.7[2][3] and Pul-i-Darunteh, Edict No.5 or No.7[4]

    1. 1 2 3 Yailenko,Les maximes delphiques d'Aï Khanoum et la formation de la doctrine du dhamma d'Asoka, 1990, p. 243.
    2. Inscriptions of Asoka de D.C. Sircar p. 30
    3. Handbuch der Orientalistik de Kurt A. Behrendt p. 39
    4. Handbuch der Orientalistik de Kurt A. Behrendt p. 39

    बाहरी कड़ियाँ

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    27°28′02″N 83°16′30″E / 27.46716°N 83.27491°E / 27.46716; 83.27491