असंगति अलंकार
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अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार।
असंगति - कारण और कार्य में संगति न होने पर असंगति अलंकार होता है । जैसे -
हृदय घाव मेरे पीर रघुवीरै ।
घाव तो लक्ष्मण के हृदय में है , पर पीड़ा राम को है , अत: असंगति अलंकार है ।
2- उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति।