अतिशयोक्ति अलंकार
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अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार है इसका उदाहरण है:
- पड़ी अचानक नदी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार ।
- राजा ने सोचा इस बार, तब तक चेतक था उस पार ।।
(2) :हनुमान की पूछं मे लगन न पाई आग ।
- लंका सारी जल गई गए निसाचर भाग ।
बालों को खोल कर मत चला करो दिन में रास्ता भूल जाएगा सूरज !
आगे नदियां पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार। राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार।
हनुमान की पूंछ में, लगन न पाई आग। लंका सिगरी जल गई गए, गए निशाचर भाग।
वह शर इधर गांडीव गुड़ से भिन्न जैसे ही हुआ। धड़ से जयद्रथ का इधर सिर छिन वैसे ही हुआ।