लीची

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लीची
लीची के पके पलों से लदी डाली
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
अश्रेणीत: सपुष्पक
अश्रेणीत: युडिकॉट​
अश्रेणीत: Rosids
गण: Sapindales
कुल: Sapindaceae
उपकुल: Sapindoideae
वंश: Litchi
Sonn.
जाति: L. chinensis
द्विपद नाम
Litchi chinensis
Sonn.
लीची (खाद्य भाग)
पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस)
उर्जा 70 किलो कैलोरी   280 kJ
कार्बोहाइड्रेट     16.5 g
- आहारीय रेशा  1.3 g  
वसा {{{fat}}}
प्रोटीन {{{protein}}}
विटामिन C  72 mg 120%
कैल्शियम  5 mg 1%
मैगनीशियम  10 mg 3% 
फॉस्फोरस  31 mg 4%
खाद्य भाग पूर्ण भार का 60% होया है
प्रतिशत एक वयस्क हेतु अमेरिकी
सिफारिशों के सापेक्ष हैं.
स्रोत: USDA Nutrient database

लीची एक फल के रूप में जाना जाता है, जिसे वैज्ञानिक नाम (Litchi chinensis) से बुलाते हैं, जीनस लीची का एकमात्र सदस्य है। इसका परिवार है सोपबैरी। यह ऊष्णकटिबन्धीय फल है, जिसका मूल निवास चीन है। यह सामान्यतः मैडागास्कर,नेपाल, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, दक्षिण ताइवान, उत्तरी वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका में पायी जाती है।

सैमसिंग के फूल, दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल, भारत

इसका मध्यम ऊंचाई का सदाबहार पेड़ होता है, जो कि 15-20 मीटर तक होता है, ऑल्टर्नेट पाइनेट पत्तियां, लगभग 15-25 सें.मी. लम्बी होती हैं। नव पल्लव उजले ताम्रवर्णी होते हैं और पूरे आकार तक आते हुए हरे होते जाते हैं। पुष्प छोटे हरित-श्वेत या पीत-श्वेत वर्ण के होते हैं, जो कि 30 सें.मी. लम्बी पैनिकल पर लगते हैं। इसका फल ड्रूप प्रकार का होता है, 3-4 से.मी. और 3 से.मी व्यास का। इसका छिलका गुलाबी-लाल से मैरून तक दाने दार होता है, जो कि अखाद्य और सरलता से हट जाता है। इसके अंदर एक मीठे, दूधिया श्वेत गूदे वाली, विटामिन- सी बहुल, कुछ-कुछ छिले अंगूर सी, मोटी पर्त इसके एकल, भूरे, चिकने मेवा जैसे बीज को ढंके होती है। यह बीज 2X1.5 नाप का ओवल आकार का होता है और अखाद्य होता है। इसके फल [[जुलाई ]] से अक्टूबर में फ़ूल के लगभग तीन मास बाद पकते हैं। इसकी दो उप-जातियां हैं:-

  • लीची चिनेन्सिस, उपजाति:chinensis, : चीन, इंडोनेशिया, लाओस, कम्बोडिया में। पत्तियां 4-8|
  • लीची चिनेन्सिस, उपजाति: फिलीपिनेन्सिस: फिलीपींस, इंडोनेशिया, पत्तियां 3-4l

इतिहास[संपादित करें]

लीची की खेती दक्षिणी चीन के क्षेत्र में 1059 ईस्वी, मलेशिया और उत्तरी वियतनाम में शुरू हुई थी। [1] चीन के अनौपचारिक रिकॉर्ड लीची के उल्लेख को 2000 ईसा पूर्व तक ले जाते हैं। [2] दक्षिणी चीन के कुछ हिस्सों और हाइनान द्वीप पर जंगली पेड़ अभी भी उगते हैं। चीनी इंपीरियल कोर्ट में इस फल का उपयोग स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में किया जाता था। [3]

खेती और प्रयोग[संपादित करें]

एक छिली हुई लीची

दक्षिण चीन में यह बहुतायत में उगायीं जातीं हैं, इसके साथ ही दक्षिण-पूर्व एशिया खासकर थाईलैंड, लाऔस, कम्बोडिय वियतनाम बांग्लादेश, पाकिस्तान, भारत, दक्षिणी जापान, ताईवान में। और अब तो यह कैलिफ़ोर्निया, हवाई और फ्लोरिडा में भी उगायी जाने लगी है। देहरादून में कुछ बहुत से स्वादिष्ट फलों की खेती होती है। इनमें प्रमुख है- लीची। लीची की खेती देहरादून में १८९० से ही प्रचलित है। हालांकि शुरुआत में लीची की खेती यहां के लोगों में उतनी लोकप्रिय नहीं थी। पर १९४० के बाद इसकी लोकप्रियता जोर पकड़ने लगी। इसके बाद तो देहरादून के हर बगीचे में कम से कम दर्जन भर लीची के पेड़ तो होते ही थे। १९७० के करीब देहरादून लीची का प्रमुख उत्पादक बन गया। देहरादून के विकास नगर, नारायणपुर, वसंत विहार, रायपुर, कालूगढ़, राजपुर रोड और डालनवाला क्षेत्र में लगभग ६५०० हेक्टेयर भूमि पर इस स्वादिष्ट फल की खेती होती है। लेकिन अब लीची की खेती में भारी कमी आई है। अब लीची की खेती सिर्फ ३०७० हेक्टेयर भूमि पर ही होती है।

लीची का अंकुरित होता बीज, अपनी मुख्य जड़ सहित (लगभग तीन मास पुराना)
चित्र:Lychee seed.jpg
एक सामान्य बीज (बायें) और एक छोटा बीज

लीची वियतनाम, चीनी और दक्षिण एशियाई बाजारों में ताज़ी बिकतीं हैं और विश्व भर के सुपरमार्किटों में भी। इसके प्रशीतन में रखने पर भी इसका स्वाद नहीं बदलता है, हां रंग कुछ भूरेपन पर आ जाता है।

विषाक्तन[संपादित करें]

1962 में, यह पाया गया कि लीची के बीजों में (मिथाइलीनसाइक्लोप्रोपाइलग्लाइसिन (MCPG) नामक एक रसायन होता है, जो जानवरों के अध्ययन में अधोमधुरक्तता का कारण बनता है।[4] 1990 के दशक के अंत के बाद से, इंसेफेलोपैथी (चमकी बुखार) का अस्पष्टीकृत प्रकोप दिखाई दिया है, जिसने मई से जून तक लीची की फसल के मौसम के दौरान भारत और उत्तरी वियतनाम में केवल बच्चों को प्रभावित किया है।[5]

लीची के विभिन्न भाषाओं में नाम[संपादित करें]

लीची नाम चीनी मूल से 荔枝,

लीची भिन्न भषाओं में
Language Original script Romanisation IPA transcription
Mandarin चीनी: 荔枝 pinyin: lìzhī
Wade-Giles: li4chih1
[ li˥˩ ʈʂʐ̩˥˥ ]
Cantonese चीनी: 荔枝 साँचा:Cantonese-j
साँचा:Zh-cy
[ lɐi˨ tsiː˥˧ ]
Hokkien/Taiwanese चीनी: 荔枝 Pe̍h-ōe-jī: nāi-chi [ nai˧˧ tɕi˥˥ ]
Japanese Katakana: ライチー、ライチ、レイシ
Kanji: 茘枝
Hepburn: raichii, raichi, reishi
Kunrei-shiki: raitî, raiti, reisi
[ɺ̠ajtɕiː], [ɺ̠ajtɕi], [ɺ̠ejɕi]
Korean Hangul: 여지 MR: yŏchi
Rev.: yeoji
Yale: yeci
SK: [jʌ.tɕi]
NK: [jʌ.zi]
Vietnamese vải, lệ chi Hanoi: [ vɐːj˧˩˧ ], [ l̺ɜj˧˨ ci˧˧ ]
Saigon: [ jɐːj˧˩˧ ], [ l̻ʲɜj˧˨ ci˧˧ ]
Thai Thai: ลิ้นจี่ RTGS: linchi
ISO 11940: lîncī̀
[lín.tɕìː]
Tagalog lichias, lichia
Ref. spelling: litsias
Similar native fruit: alupag-amo
[lɪˈtʃi.ə], [lɪˈtʃi.əs], [ɐˈlu.pəɡ ˈamo]
Malay laici [ˈlaɪ̯.tʃi]
Hindustani Devanāgarī: लीची
Urdu: لیچی
IAST: līcī [liːtʃiː]


चित्र दीर्घा[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Lychee". hort.purdue.edu. अभिगमन तिथि 2022-01-24.
  2. Schaffer, Bruce; Andersen, Peter C. (1994-08-19). Handbook of Environmental Physiology of Fruit Crops (अंग्रेज़ी में). CRC Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8493-0179-7.
  3. Bishop, Kevin (1997). China's Imperial Way: Retracing an Historical Trade and Communications Route from Beijing to Hong Kong (अंग्रेज़ी में). China Books. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-962-217-511-2.
  4. Gray, D. O.; Fowden, L. (1962-03). "α-(Methylenecyclopropyl)glycine from Litchi seeds". Biochemical Journal. 82 (3): 385–389. PMID 13901296. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0264-6021. पी॰एम॰सी॰ 1243468. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  5. "7. LYCHEE PRODUCTION IN INDIA". www.fao.org. अभिगमन तिथि 2022-01-24.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]


बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]