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परमाणु ऊर्जा विभाग (भारत)

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परमाणु ऊर्जा विभाग
चित्र:सूरज से मिली ऊर्जा
एजेंसी अवलोकन
गठन 3 अगस्त 1954; 70 वर्ष पूर्व (1954-08-03)
अधिकारक्षेत्रा भारत गणराज्य
मुख्यालय मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत[1]
कर्मचारी गोपनीय
वार्षिक बजट 12,461 करोड़ (US$1.82 अरब)[2] (2017-18 est.)
उत्तरदायी मंत्री नरेंद्र मोदी, भारत का प्रधानमंत्री
डॉ. जितेंद्र सिंह, राज्य मंत्री for प्रधानमंत्री कार्यालय
एजेंसी कार्यपालक डॉ. के.एन.व्यास, Secretary (Atomic Energy) and Chairman, Atomic Energy Commission
मातृ एजेंसी प्रधानमंत्री कार्यालय
वेबसाइट
www.dae.gov.in

परमाणु ऊर्जा विभाग (पऊवि) की स्थापना राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से दिनांक 3 अगस्त 1954 को की गई थी। भारत का परमाणु ऊर्जा विभाग (पऊवि) एक महत्वपूर्ण विभाग है जो सीधे प्रधानमंत्री के आधीन है। इसका मुख्यालय मुंबई में है।

यह विभाग नाभिकीय विद्युत ऊर्जा की प्रौद्योगिकी के विकास, विकिरण प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों (कृषि, चिकित्सा, उद्योग, मूलभूत अनुसन्धान आदि) में उपयोग, मूलभूत अनुसंधान में संलग्न है। इस विभाग के अन्तर्गत ५ अनुसन्धान केन्द्र, ३ औद्योगिक संगठन, ५ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, तथा ३ सेवा संगठन हैं। इसके अलावा इसके अन्दर दो बोर्ड भी हैं जो नाभिकीय क्षेत्र एवं इससे सम्बन्धित क्षेत्रों में मूलभूत अनुसन्धान को प्रोत्साहित करते हैं एवं उसके लिए फण्ड प्रदान करते हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग ८ संस्थानों को भी सहायता देता है जो अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हैं।

कार्यक्षेत्र

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परमाणु ऊर्जा विभाग की स्थापना का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, अधिक संपदा के सृजन और अपने नागरिकों को बेहतर गुणवत्ता का जीवन स्तर उपलब्ध कराने के माध्यम से भारत को और शक्ति संपन्न बनाना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यह भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर, नाभिकीय और विकिरण प्रौद्योगिकियों एवं उनके अनुप्रयोगों के विकास और विस्तार के माध्यम से अपने लोगों को पर्याप्त, सुरक्षित एवं पौष्टिक भोजन और बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराने में योगदान के द्वारा अर्जित किया जाना है।  

पऊवि नाभिकीय विद्युत/अनुसंधान रिएक्टरों के अभिकल्पन, निर्माण एवं प्रचालन तथा सहायक नाभिकीय ईंधन चक्र प्रौद्योगिकियों (नाभिकीय खनिजों का अन्वेषण, खनन एवं प्रसंस्करण, भारी पानी का उत्पादन, नाभिकीय ईंधन संविरचन, ईंधन पुनर्संस्करण तथा नाभिकीय अपशिष्ट प्रबंधन आदि) के विकास के कार्य में लगा हुआ है। यह भारत की संपन्नता में योगदान देने वाली प्रगत प्रौद्योगिकियों का भी विकास कर रहा है। विभाग बेहतर फसल किस्में, कीटों के नियंत्रण/उन्मूलन के लिए तकनीकें, जिनके माध्यम से फसल सुरक्षा हो रही है, फसल कटने के बाद के लिए विकिरण आधारित प्रौद्योगिकियों, रोगों विशेषकर कैंसर के निदान और चिकित्सा के लिए विकिरण आधारित प्रौद्योगिकियों, सुरक्षित पेयजल के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास के साथ-साथ बेहतर पर्यावरण और औद्योगिक प्रगति के कार्य में भी लगा हुआ है।

पऊवि के प्रमुख कार्यक्षेत्र ये हैं :

  • (४) नाभिकीय ऊर्जा तथा नाभिकीय विज्ञान के संबद्ध अग्रणी क्षेत्रों में मूलभूत अनुसंधान करना, विश्वविद्यालयों तथा शैक्षणिक संस्थानों के साथ आपसी व्यवहार करना, परमाणु ऊर्जा विभाग के कार्यक्रम से संबंधित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को सहायता देना और अनुसंधान के संबद्ध प्रगत क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सहकार को बढ़ावा देना, तथा
  • (५) भारत की सुरक्षा में योगदान देना।


नियामक बोर्ड और संगठन

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अनुसन्धान तथा विकास संस्थान

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सार्वजनिक संस्थान

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औद्योगिक संस्थाएं

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विश्वविद्यालय

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सहायता-प्राप्त संस्थान

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इन्हें भी देखें

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बाहरी कडियाँ

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  1. "Department of Atomic Energy, Government of India". Dae.gov.in. 2009-11-03. Archived from the original on 1 अक्तूबर 2018. Retrieved 2011-02-16. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  2. "Department of Atomic Energy" (PDF). वित्त मंत्रालय, भारत सरकार. Archived from the original (PDF) on 28 जनवरी 2018. {{cite web}}: Cite has empty unknown parameter: |dead-url= (help)