"महमूद": अवतरणों में अंतर

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== कैरियर ==
== कैरियर ==
अभिनेता के तौर पर काम से पेहले वे छोटे मोटे काम करते थे, वाहन चलाने का काम भी करते थे। उस ज़माने में [[मीना कुमारी]] को [[टेबल टेनिस]] सिखाने के लिये उन्हे नौकरी पर रक्खा गया था। बादमें उन्होने मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की। शादी करने और पिता बनने के बाद ज़्यादा पैसे कमाने के लिये उन्होने अभिनय करने का निश्चय किया। शुरुआत में उन्होने "''[[दो बिघा ज़मीन]]''" और "''[[प्यासा]]''" जैसी फ़िल्मों में छोटे मोटे पात्र निभायें। महमूद को फिल्मों में पहला बड़ा ब्रेक फिल्म परवरिश (1958) में मिला था। इसमें उन्होंने फिल्म के नायक राजकपूर के भाई का किरदार निभाया था। बाद में उन्होंने फिल्म गुमनाम में एक दक्षिण भारतीय रसोइए का कालजई किरदार अदा किया। उसके बाद उन्होंने प्यार किए जा, प्यार ही प्यार, ससुराल, लव इन टोक्यो और जिद्दी जैसी हिट फिल्में दीं। बाद में उन्होंने कुछ फिल्मों में मुख्य भूमिका भी निभाई लेकिन दर्शकों ने उन्हें एक कॉमेडियन के तौर पर ज्यादा पसंद किया।
अभिनेता के तौर पर काम से पेहले वे छोटे मोटे काम करते थे, वाहन चलाने का काम भी करते थे। उस ज़माने में [[मीना कुमारी]] को [[टेबल टेनिस]] सिखाने के लिये उन्हे नौकरी पर रक्खा गया था। बादमें उन्होने मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की। शादी करने और पिता बनने के बाद ज़्यादा पैसे कमाने के लिये उन्होने अभिनय करने का निश्चय किया। शुरुआत में उन्होने "''[[दो बिघा ज़मीन]]''" और "''[[प्यासा]]''" जैसी फ़िल्मों में छोटे मोटे पात्र निभायें। महमूद को फ़िल्मों में पहला बड़ा ब्रेक फ़िल्म परवरिश (1958) में मिला था। इसमें उन्होंने फ़िल्म के नायक राजकपूर के भाई का किरदार निभाया था। बाद में उन्होंने फ़िल्म गुमनाम में एक दक्षिण भारतीय रसोइए का कालजई किरदार अदा किया। उसके बाद उन्होंने प्यार किए जा, प्यार ही प्यार, ससुराल, लव इन टोक्यो और जिद्दी जैसी हिट फ़िल्में दीं। बाद में उन्होंने कुछ फ़िल्मों में मुख्य भूमिका भी निभाई लेकिन दर्शकों ने उन्हें एक कॉमेडियन के तौर पर ज्यादा पसंद किया।


महमूद ने बाद में अपना स्वयं का प्रोडक्शन हाउस खोला। उनकी पहली होम प्रोडक्शन फिल्म छोटे नवाब थी। बाद में उन्होंने बतौर निर्देशक सस्पेंस-कॉमेडी फिल्म भूत बंगला बनाई। उसके बाद उनकी फिल्म पड़ोसन 60 के दशक की जबर्दस्त हिट साबित हुई। पड़ोसन को हिंदी सिने जगत की श्रेष्ठ हास्य फिल्मों में गिना जाता है। अपनी अनेक फिल्मों में वह नायक के किरदार पर भारी नजर आए।
महमूद ने बाद में अपना स्वयं का प्रोडक्शन हाउस खोला। उनकी पहली होम प्रोडक्शन फ़िल्म छोटे नवाब थी। बाद में उन्होंने बतौर निर्देशक सस्पेंस-कॉमेडी फ़िल्म भूत बंगला बनाई। उसके बाद उनकी फ़िल्म पड़ोसन 60 के दशक की जबर्दस्त हिट साबित हुई। पड़ोसन को हिंदी सिने जगत की श्रेष्ठ हास्य फ़िल्मों में गिना जाता है। अपनी अनेक फ़िल्मों में वह नायक के किरदार पर भारी नजर आए।


अभिनेता, निर्देशक, कथाकार और निर्माता के रूप में काम करने वाले महमूद ने शाहरुख खान को लेकर वर्ष 1996 में अपनी आखिरी फिल्म दुश्मन दुनिया का बनाई लेकिन वह बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही।
अभिनेता, निर्देशक, कथाकार और निर्माता के रूप में काम करने वाले महमूद ने शाहरुख खान को लेकर वर्ष 1996 में अपनी आखिरी फ़िल्म दुश्मन दुनिया का बनाई लेकिन वह बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही।


== प्रमुख फिल्में ==
== प्रमुख फिल्में ==
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* "''जोहर मेहमूद इन होंग कोंग''"
* "''जोहर मेहमूद इन होंग कोंग''"


उनके कुछ यादगार गाने थे "''एक चतुर नार''" "''पडोसन''" से, "''आओ ट्विस्ट करें''" "''भूत बंगला''" से, "''ये दो दिवाने दिल के''" "''जोहर मेहमूद इन गोवा''" से, "''हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं''" "''गुमनाम''" से।
उनके कुछ यादगार गाने थे "''एक चतुर नार''" "''पडोसन''" से, "''आओ ट्विस्ट करें''" "''भूत बंगला''" से, "''ये दो दिवाने दिल के''" "''जोहर मेहमूद इन गोवा''" से, "''हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं''" "''गुमनाम''" से।


== व्यक्तिगत जीवन ==
== व्यक्तिगत जीवन ==
महमूद का जन्म 29 सितम्बर 1932 को मुम्बई में हुआ था। अपने माता-पिता की आठ में से दूसरे नम्बर की संतान महमूद ने शुरुआत में बाल कलाकार के तौर पर कुछ फिल्मों में काम किया था।
महमूद का जन्म 29 सितम्बर 1932 को मुम्बई में हुआ था। अपने माता-पिता की आठ में से दूसरे नम्बर की संतान महमूद ने शुरुआत में बाल कलाकार के तौर पर कुछ फ़िल्मों में काम किया था।


उनकी भाषा में हैदराबादी जुबान का पुट दर्शकों को बेहद पसंद आया और उनकी संवाद अदायगी और अभिनय के लाजवाब अंदाज ने जल्द ही करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बना लिया। महमूद ने जिस वक्त फिल्मों को गम्भीरता से लेना शुरू किया तब भारतीय फिल्मों पर किशोर कुमार की कॉमेडी का जादू छाया था।
उनकी भाषा में हैदराबादी जुबान का पुट दर्शकों को बेहद पसंद आया और उनकी संवाद अदायगी और अभिनय के लाजवाब अंदाज ने जल्द ही करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बना लिया। महमूद ने जिस वक्त फ़िल्मों को गम्भीरता से लेना शुरू किया तब भारतीय फ़िल्मों पर किशोर कुमार की कॉमेडी का जादू छाया था।


लेखक मनमोहन मेलविले ने अपने एक लेख में महमूद और किशोर के दिलचस्प किस्से को बयान किया है। इसमें कहा गया है कि महमूद ने अपने कॅरियर के सुनहरे दौर से गुजर रहे किशोर से अपनी किसी फिल्म में भूमिका देने की गुजारिश की थी लेकिन महमूद की प्रतिभा से पूरी तरह वाकिफ किशोर ने कहा था कि वह ऐसे किसी व्यक्ति को मौका कैसे दे सकते, जो भविष्य में उन्हें चुनौती देने का माद्दा रखता हो। इस पर महमूद ने बड़े दिलचस्प जवाब में कहा एक दिन मैं भी बड़ा फिल्मकार बन जाउूंगा और आपको अपनी फिल्म में भूमिका दे दूंगा। महमूद अपनी बात के पक्के साबित हुए और आगे चलकर अपनी होम प्रोडक्शन फिल्म पड़ोसन में किशोर को रोल दिया। इन दोनों महान कलाकारों की जुगलबंदी से यह फिल्म बॉलीवुड की सबसे विलक्षण कॉमेडी फिल्म बनकर उभरी।
लेखक मनमोहन मेलविले ने अपने एक लेख में महमूद और किशोर के दिलचस्प किस्से को बयान किया है। इसमें कहा गया है कि महमूद ने अपने कॅरियर के सुनहरे दौर से गुजर रहे किशोर से अपनी किसी फ़िल्म में भूमिका देने की गुजारिश की थी लेकिन महमूद की प्रतिभा से पूरी तरह वाकिफ किशोर ने कहा था कि वह ऐसे किसी व्यक्ति को मौका कैसे दे सकते, जो भविष्य में उन्हें चुनौती देने का माद्दा रखता हो। इस पर महमूद ने बड़े दिलचस्प जवाब में कहा एक दिन मैं भी बड़ा फ़िल्मकार बन जाउूंगा और आपको अपनी फ़िल्म में भूमिका दे दूंगा। महमूद अपनी बात के पक्के साबित हुए और आगे चलकर अपनी होम प्रोडक्शन फ़िल्म पड़ोसन में किशोर को रोल दिया। इन दोनों महान कलाकारों की जुगलबंदी से यह फ़िल्म बॉलीवुड की सबसे विलक्षण कॉमेडी फ़िल्म बनकर उभरी।


अपने जीवन के आखिरी दिनों में महमूद का स्वास्थ्य खराब हो गया। वह इलाज के लिए अमेरिका गए जहां 23 जुलाई 2004 को उनका निधन हो गया।
अपने जीवन के आखिरी दिनों में महमूद का स्वास्थ्य खराब हो गया। वह इलाज के लिए अमेरिका गए जहां 23 जुलाई 2004 को उनका निधन हो गया।
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{{फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार}}
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[[श्रेणी:बॉलीवुड]]
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[[श्रेणी:हिन्दी अभिनेता]]
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16:54, 30 नवम्बर 2017 का अवतरण

महमूद अली
जन्म 29 सितम्बर 1932
भारत Mumbai, British India
मौत 23 जुलाई 2004(2004-07-23) (उम्र 71)
संयुक्त राज्य Dunmore, Pennsylvania, US
पेशा कलाकार
जीवनसाथी मधु (तलाक)
नान्सी क्रोल अका ट्रेसी अली (ताहिरा)
बच्चे मसूद अली
मक़्सूद महमूद अली (लक्की अली)
मक़्दूम अली
मासूम अली
मन्ज़ूर अली
मन्सूर अली
जिन्नी अली
माता-पिता मुम्ताज़ अली
लतीफ़ुन्निसा अली

महमूद अली (१९३२-जुलाई २३, २००४) (आम तौर पर महमूद) एक भारतीय अभिनेता और फ़िल्म निर्देशक थे। हिन्दी फ़िल्मों में उनके हास्य कलाकार के तौर पर किये गये अदभुत अभिनय के लिये वे जाने और सराहे गये है। तीन दशक लम्बे चले उनके करीयर में उन्होने 300 से ज़्यादा हिन्दी फ़िल्मों में काम किया। महमूद अभिनेता और नृत्य कलाकार मुम्ताज़ अली के नौ बच्चों में से एक थे। जुलाई २३, २००४ को अमरीका में पेनसिल्वेनिया शहर में नींद में ही गुज़र गये। वे बरसों से ह्रदयरोग से पीडीत थे। पिछले बरसों में उनकी सेहत बहुत खराब रेहती थी।

कैरियर

अभिनेता के तौर पर काम से पेहले वे छोटे मोटे काम करते थे, वाहन चलाने का काम भी करते थे। उस ज़माने में मीना कुमारी को टेबल टेनिस सिखाने के लिये उन्हे नौकरी पर रक्खा गया था। बादमें उन्होने मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की। शादी करने और पिता बनने के बाद ज़्यादा पैसे कमाने के लिये उन्होने अभिनय करने का निश्चय किया। शुरुआत में उन्होने "दो बिघा ज़मीन" और "प्यासा" जैसी फ़िल्मों में छोटे मोटे पात्र निभायें। महमूद को फ़िल्मों में पहला बड़ा ब्रेक फ़िल्म परवरिश (1958) में मिला था। इसमें उन्होंने फ़िल्म के नायक राजकपूर के भाई का किरदार निभाया था। बाद में उन्होंने फ़िल्म गुमनाम में एक दक्षिण भारतीय रसोइए का कालजई किरदार अदा किया। उसके बाद उन्होंने प्यार किए जा, प्यार ही प्यार, ससुराल, लव इन टोक्यो और जिद्दी जैसी हिट फ़िल्में दीं। बाद में उन्होंने कुछ फ़िल्मों में मुख्य भूमिका भी निभाई लेकिन दर्शकों ने उन्हें एक कॉमेडियन के तौर पर ज्यादा पसंद किया।

महमूद ने बाद में अपना स्वयं का प्रोडक्शन हाउस खोला। उनकी पहली होम प्रोडक्शन फ़िल्म छोटे नवाब थी। बाद में उन्होंने बतौर निर्देशक सस्पेंस-कॉमेडी फ़िल्म भूत बंगला बनाई। उसके बाद उनकी फ़िल्म पड़ोसन 60 के दशक की जबर्दस्त हिट साबित हुई। पड़ोसन को हिंदी सिने जगत की श्रेष्ठ हास्य फ़िल्मों में गिना जाता है। अपनी अनेक फ़िल्मों में वह नायक के किरदार पर भारी नजर आए।

अभिनेता, निर्देशक, कथाकार और निर्माता के रूप में काम करने वाले महमूद ने शाहरुख खान को लेकर वर्ष 1996 में अपनी आखिरी फ़िल्म दुश्मन दुनिया का बनाई लेकिन वह बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही।

प्रमुख फिल्में

उनकी कुछ प्रमुख फ़िल्में थीं - पड़ोसन, गुमनाम, प्यार किए जा, भूत बंगला, बॉम्बे टू गोवा, सबसे बड़ा रूपैया, पत्थर के सनम, अनोखी अदा, नीला आकाश, नील कमल, कुँवारा बाप आदि.

आई एस जौहर के साथ उनकी जोड़ी काफ़ी मशहूर हुई थी और दोनों ने जौहर महमूद इन गोवा और जौहर महमूद इन हाँगकाँग के नाम से फ़िल्में भी कीं.

निर्देशक के रूप में महमूद की अंतिम फ़िल्म थी दुश्मन दुनिया का. १९९६ में बनी इस फ़िल्म में उन्होंने अपने बेटे मंज़ूर अली को पर्दे पर उतारा था।

वर्ष फ़िल्म चरित्र टिप्पणी
1980 ख़ंजर जगत
1978 देस परदेस अनवर
1975 सलाखें अब्दुल रहमान
1974 कुँवारा बाप
1966 पति पत्नी

उनके कुछ यादगार गाने थे "एक चतुर नार" "पडोसन" से, "आओ ट्विस्ट करें" "भूत बंगला" से, "ये दो दिवाने दिल के" "जोहर मेहमूद इन गोवा" से, "हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं" "गुमनाम" से।

व्यक्तिगत जीवन

महमूद का जन्म 29 सितम्बर 1932 को मुम्बई में हुआ था। अपने माता-पिता की आठ में से दूसरे नम्बर की संतान महमूद ने शुरुआत में बाल कलाकार के तौर पर कुछ फ़िल्मों में काम किया था।

उनकी भाषा में हैदराबादी जुबान का पुट दर्शकों को बेहद पसंद आया और उनकी संवाद अदायगी और अभिनय के लाजवाब अंदाज ने जल्द ही करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बना लिया। महमूद ने जिस वक्त फ़िल्मों को गम्भीरता से लेना शुरू किया तब भारतीय फ़िल्मों पर किशोर कुमार की कॉमेडी का जादू छाया था।

लेखक मनमोहन मेलविले ने अपने एक लेख में महमूद और किशोर के दिलचस्प किस्से को बयान किया है। इसमें कहा गया है कि महमूद ने अपने कॅरियर के सुनहरे दौर से गुजर रहे किशोर से अपनी किसी फ़िल्म में भूमिका देने की गुजारिश की थी लेकिन महमूद की प्रतिभा से पूरी तरह वाकिफ किशोर ने कहा था कि वह ऐसे किसी व्यक्ति को मौका कैसे दे सकते, जो भविष्य में उन्हें चुनौती देने का माद्दा रखता हो। इस पर महमूद ने बड़े दिलचस्प जवाब में कहा एक दिन मैं भी बड़ा फ़िल्मकार बन जाउूंगा और आपको अपनी फ़िल्म में भूमिका दे दूंगा। महमूद अपनी बात के पक्के साबित हुए और आगे चलकर अपनी होम प्रोडक्शन फ़िल्म पड़ोसन में किशोर को रोल दिया। इन दोनों महान कलाकारों की जुगलबंदी से यह फ़िल्म बॉलीवुड की सबसे विलक्षण कॉमेडी फ़िल्म बनकर उभरी।

अपने जीवन के आखिरी दिनों में महमूद का स्वास्थ्य खराब हो गया। वह इलाज के लिए अमेरिका गए जहां 23 जुलाई 2004 को उनका निधन हो गया।

महमूद ने अभिनेत्री मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की थी।

आठ संतानों के पिता महमूद के दूसरे बेटे मक़सूद लकी अली जाने-माने गायक और अभिनेता हैं।

नामांकन और पुरस्कार