"टंगस्टन": अवतरणों में अंतर

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12:12, 6 सितंबर 2012 का अवतरण

टंग्स्टन (Tungsten) अथवा वोल्फ्राम (Wolfram) आवर्त सारणी के छठे अंतर्वर्ती समूह (transition group) का तत्व है। प्राकृतिक अवस्था में इसके पाँच स्थायी समस्थानिक पाए जाते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 180, 182, 183, 184 तथा 186 हैं। इनके अतिरिक्त 181, 185 तथा 187 द्रव्यमान संख्याओं के रेडियधर्मी समस्थानिक कृत्रिम साधनों द्वारा निर्मित हुए हैं।

18वी शताब्दी तक टंग्स्टन के अयस्क टिन के ही यौगिक माने जाते थे। सन् 1781 में शेले (Scheele) नामक वैज्ञानिक ने यह सिद्ध किया कि इसके अयस्क में नवीन अम्ल वर्तमान है, जिसे उसने टंग्स्टिक अम्ल कहा। इसके बाद धातु द्वारा इस अम्ल के निर्माण की भी पुष्टि हुई। इस तत्व के दो मुख्य अयस्क हैं : शीलाइट (Scheelite) और वोल्फ्रमाइट (Wolframite)। शीलाइट अयस्क में प्रधानत:- कैल्सियम टंग्स्टेट, (Ca WO4), रहता है और वोल्फ्रेमाइट में लौह तथा मैंगनीज टंग्स्टेट, (FeWO4. Mn WO4), का संमिश्रण रहता है। टंग्स्टन के मुख्य उत्पादक बर्मा, चीन, जापान, बोलिविया, संयुक्त राज्य अमेरिका और आस्ट्रेलिया हैं।

टंग्स्टन अयस्क को सांद्रित कर सोडियम कार्बोनेट, (Na2CO3), से मिलाकर परावर्तन भ्राष्ट्र में लगभग 1,0000 सें0 तक गरम करते हैं। इस क्रिया द्वारा सोडियम टंग्स्टेट, (Na2WO4), बनता है ओर लौह, मैंगनीज आदि अपने कार्वोनेटों में परिणत हो जाते हैं। सोडियम टंग्स्टेट गरम पानी में विलेय है और इस प्रकार सम्मिश्रण से अलग हो सकता है। तत्पश्चात उबलते हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, हाक्लो (HCl),की क्रिया द्वारा टंग्स्टिक अम्ल अवक्षेपित हो जाता है, जिसे सुखाकर दहन करने पर पीले रंग का टंग्स्टन ऑक्साइड, (WO2), मिलता है। हाइड्रोजन द्वारा ऑक्साइड के अवकरण से टंग्स्टन धातु तैयार होती है।

गुणधर्म

टंग्स्टन घूमिल श्वेत रंग की धातु है। इसके भौतिक गुण निर्माण की विधि पर निर्भर करते हैं। कुछ भौतिक गुणाधर्म निम्नलिखित हैं :

संकेत (W),

परमाणु संख्या 74

परमाणु भार 183.85

गलनांक (M.P.) 3,380 सें0

कथनांक (B.P.) 5,930 सें

घनत्व 19.32 ग्राम पति घन सेंमी0

परमाणुव्यास 2.28 एंगस्ट्राम

टंग्स्टन धातु हवा में गरम करने पर अप्रभावित रहती है। खनिज अम्लों तथा अम्लराज का उसपर कोई प्रभाव नहीं होता। केवल सांद्र नाइट्रिक अम्ल एवं हाइड्रोफलोरिक अम्ल के मिश्रण में टंग्स्टन विलेय है। क्षार के विलय द्वारा उस पर कोई अभिक्रिया नहीं होती, परंतु संगलित क्षार में वह विलेय है।

टंग्स्टन में बहुसंयोजकता का गुण है। उसके योगिक 3,4,5, एवं 6 संयोजकता में प्राप्य हैं। इसके अतिरिक्त टंग्स्टन के अनेक सवर्गीय यौगिक (co ordination compounds), मिलते हैं।

उपयोग

बिजली के बल्बों के तंतुओं में टंग्स्टन का बहुत उपयोग होता है। दूसरी धातुओं में मिलाने पर उनकी कठोरता बढ़ जाती है, जिस कारण टंग्स्टन का उपयोग काटने के औजार, शल्यचिकित्सा के यंत्र आदि की मिश्रधातुओं में होता है, क्योंकि ये मिश्रधातुएँ अम्ल, क्षार आदि से प्रभावित नहीं होतीं। एक्सरे उपकरण, थर्मायनिक वाल्ब, बिजली के जोड़ आदि में टंग्स्टन का उपयोग हो रहा है। टंग्स्टन मिश्रित इस्पात बहुत से विशेष कार्यों में उपयोगी सिद्ध हुआ है। इस कारण इस्पात उद्योग में इसका उपयोग बहुतायत से होता है। टंग्स्टन इस्पात के पुर्ज़े बहुत कठोर, टिकाऊ तथा न घिसनेवाले होते हैं।

समूह → १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ १७ १८
↓ आवर्त

/

H


He

Li

Be


B

C

N

O

F
१०
Ne
११
Na
१२
Mg

१३
Al
१४
Si
१५
P
१६
S
१७
Cl
१८
Ar
१९
K
२०
Ca
२१
Sc
२२
Ti
२३
V
२४
Cr
२५
Mn
२६
Fe
२७
Co
२८
Ni
२९
Cu
३०
Zn
३१
Ga
३२
Ge
३३
As
३४
Se
३५
Br
३६
Kr
३७
Rb
३८
Sr
३९
Y
४०
Zr
४१
Nb
४२
Mo
४३
Tc
४४
Ru
४५
Rh
४६
Pd
४७
Ag
४८
Cd
४९
In
५०
Sn
५१
Sb
५२
Te
५३
I
५४
Xe
५५
Cs
५६
Ba
*
७२
Hf
७३
Ta
७४
W
७५
Re
७६
Os
७७
Ir
७८
Pt
७९
Au
८०
Hg
८१
Tl
८२
Pb
८३
Bi
८४
Po
८५
At
८६
Rn
८७
Fr
८८
Ra
**
१०४
Rf
१०५
Db
१०६
Sg
१०७
Bh
१०८
Hs
१०९
Mt
११०
Ds
१११
Rg
११२
Cn
११३
Nh
११४
Fl
११५
Mc
११६
Lv
११७
Ts
११८
Og
११९
Uue
१२०
Ubn
***

* लैन्थनाइड ५७
La
५८
Ce
५९
Pr
६०
Nd
६१
Pm
६२
Sm
६३
Eu
६४
Gd
६५
Tb
६६
Dy
६७
Ho
६८
Er
६९
Tm
७०
Yb
७१
Lu
** ऐक्टिनाइड ८९
Ac
९०
Th
९१
Pa
९२
U
९३
Np
९४
Pu
९५
Am
९६
Cm
९७
Bk
९८
Cf
९९
Es
१००
Fm
१०१
Md
१०२
No
१०३
Lr
*** महालैन्थनाइड १२१
Ubu
१२२
Ubb
१२३
Ubt
१२४
Ubq
१२५
Ubp
१२६
Ubh
१२७
Ubs
१२८
Ubo
१२९
Ube
१३०
Utn
१३१
Utu
१३२
Utb
१३३
Utt
१३४
Utq
१३५
Utp
१३६
Uth
१३७
Uts
१३८
Uto

आवर्त सारणी के इस प्रचलित प्रबन्ध में लैन्थनाइड और ऐक्टिनाइड को अन्य धातुओं से अलग रखा गया है। विस्तृत और अति-विस्तृत आवर्त सारणीओं में एफ़-खण्ड और जी-खण्ड धातुओं को भी एक साथ प्रबन्धित किया जाता है।

परमाणु क्रमांक का वर्ण २७३.१५K (०°C/३२°F) तथा १ परमाणु दाब पर तत्त्व की अवस्था को दर्शाते हैं।
काला = ठोस हरा = द्रव लाल = गैस
किनारे (बॉर्डर) प्राकृतिक उपस्थिति दर्शाते हैं
आदि तत्त्व रेडियो-क्षय से प्राप्त कृत्रिम तत्त्व अनान्वेषित

बाहरी कड़ियाँ