श्री माधोपुर
श्रीमाधोपुर
SHRIMADHOPUR | |
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SHRIMADHOPUR | |
निर्देशांक: 27°28′N 75°36′E / 27.47°N 75.60°Eनिर्देशांक: 27°28′N 75°36′E / 27.47°N 75.60°E | |
देश | ![]() |
प्रान्त | राजस्थान |
ज़िला | सीकर |
संस्थापक | खुशाली राम बोहरा |
नाम स्रोत | सवाई माधो सिंह |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 31,366 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, मारवाड़ी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 332715 |
वाहन पंजीकरण | RJ-23 |
वेबसाइट | www |
श्रीमाधोपुर (Shrimadhopur) भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले में स्थित एक नगर व नगरपालिका है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है। इसकी स्थापना 18 अप्रैल 1790 को हुई और इसका नाम सवाई माधो सिंह पर रखा गया। यह अपने मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध हुआ था।[1][2]यह जाट बहुलय क्षेत्र है,**श्रीमाधोपुर: राजस्थान का एक छुपा हुआ खजाना**
राजस्थान, जिसे "राजाओं की भूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने ऐतिहासिक किलों, रेगिस्तानी रेत के टीलों और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इस राज्य के कुछ ऐसे छोटे शहर भी हैं, जो अपने आप में एक अलग ही पहचान रखते हैं। ऐसा ही एक शहर है **श्रीमाधोपुर**, जो राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। यह शहर अपने ऐतिहासिक महत्व, धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। आइए, आज हम श्रीमाधोपुर की एक छोटी सी यात्रा पर निकलते हैं और इसके बारे में और जानते हैं।
- श्रीमाधोपुर का इतिहास
श्रीमाधोपुर का इतिहास काफी समृद्ध और गौरवशाली रहा है। इस शहर की स्थापना 18वीं शताब्दी में राव माधो सिंह ने की थी, जो झुंझुनू के शासक थे। उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम "श्रीमाधोपुर" पड़ा। यह शहर अपने समय में एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था और यहां के बाजारों में दूर-दूर से व्यापारी आया करते थे।
- धार्मिक स्थल
श्रीमाधोपुर अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जो न केवल आस्था का केंद्र हैं, बल्कि स्थापत्य कला के बेहतरीन नमूने भी हैं।
1. **श्री माधोराजपुरा मंदिर**: यह मंदिर शहर के मुख्य आकर्षणों में से एक है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और इसकी वास्तुकला देखने लायक है। मंदिर के आसपास का शांत वातावरण भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
2. **हनुमान मंदिर**: श्रीमाधोपुर में स्थित यह हनुमान मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है। यहां हर मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
3. **जैन मंदिर**: शहर में कई जैन मंदिर भी हैं, जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन मंदिरों की सुंदरता और शांति आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।
- प्राकृतिक सौंदर्य
श्रीमाधोपुर न केवल अपने ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां के आसपास के ग्रामीण इलाके, हरे-भरे खेत और शांत वातावरण शहर की भागदौड़ से दूर एक शांतिपूर्ण समय बिताने के लिए आदर्श हैं।
- कैसे पहुंचे श्रीमाधोपुर?
श्रीमाधोपुर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है और यहां पहुंचना काफी आसान है। यह शहर सीकर से लगभग 50 किलोमीटर और जयपुर से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन सीकर और जयपुर हैं, जबकि निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में स्थित है।
- कब जाएं?
श्रीमाधोपुर जाने का सबसे अच्छा समय **अक्टूबर से मार्च** तक का है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और आप यहां के दर्शनीय स्थलों का भरपूर आनंद ले सकते हैं।
- निष्कर्ष
श्रीमाधोपुर राजस्थान का एक ऐसा शहर है, जो अपने ऐतिहासिक महत्व, धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अगर आप राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को करीब से जानना चाहते हैं, तो श्रीमाधोपुर आपके लिए एक आदर्श स्थान है। तो अगली बार जब आप राजस्थान की यात्रा की योजना बनाएं, तो श्रीमाधोपुर को अपनी सूची में जरूर शामिल करें।
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उम्मीद है कि यह ब्लॉग आपको श्रीमाधोपुर के बारे में जानने में मदद करेगा। अगर आपने इस शहर की यात्रा की है, तो अपने अनुभव हमारे साथ जरूर साझा करें!
विवरण
[संपादित करें]इस शहर को जयपुर के राजा मान सिंह जी के दिवान साहब श्री कुशाली राम जी बोहरा द्वारा बसाया गया था। इस शहर की बसावट जयपुर शहर के समान है। इस शहर में अनगिनत मंदिर बावडिया, कुए, धर्मशालाए है।
श्रीमाधोपुर में 35 वार्ड है । यह शहर जयपुर और झुंझुनू के बीच स्थित है। यह अपनी अनाज मण्डी, मार्बल उधोग ,जौ व्यापार , बर्तन व्यापार , हवेलियों और कपड़ा व खादी व्यापार की दृष्टी से अति महत्वपूर्ण है। श्रीमाधोपुर तहसील सीकर जिले की सबसे बड़ी तहसील है । इस शहर की बसावट जयपुर शहर के समान है । इस शहर में प्राचीन काल में निर्मित कई दर्शनीय स्थल है। यह बहुत तेजी से विकसित होता हुआ शहर है । पिलानी-जयपुर न्यू एक्सप्रेसवे श्रीमाधोपुर से होकर गुजरता है । निकट के ही कई कस्बे जैसे खंडेला, रींगस, नीम का थाना, अजीतगढ, मऊ, मूंडरू, खेजरोली , पलसाना और कई गावों के लाखों लोग रोजगार और अन्य सुविधाओं के लिए श्रीमाधोपुर शहर पर आश्रित हैं।
भौगोलिक स्थिति
[संपादित करें]श्रीमाधोपुर उत्तरी अक्षांश 27°28′ एवं पूर्वी देशान्तर 75°36′ पर स्थित है। श्रीमाधोपुर राष्ट्रीय राजमार्ग ११ से 12 किमी दूरी पर स्थित है। नजदिकी रेलवे स्टेशन श्रीमाधोपुर है और नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर का सांगानेर हवाई अड्डा है। यह राजकीय राजधानी नगर जयपुर से 75 किमी दूरी पर स्थित है और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 217 किमी दूरी पर स्थित है।
जनसांख्यिकी
[संपादित करें]2011 की जनगणना के अनुसार श्रीमाधोपुर तहसील की कुल जनसंख्या 5,83,564 है। श्रीमाधोपुर शहर की जनसंख्या 31366 है । जिसमे पुरुष 53% एवं महिलाएँ 47% हैं। श्री माधोपुर की साक्षरता दर 87% है जो राष्ट्रीय औसत 59.5% से अधिक है जिसमें पुरुष साक्षरता 91% एवं महिला साक्षरता 76% है। श्रीमाधोपुर में कुल जनसंख्या का 16% लोग 6 वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं। श्रीमाधोपुर तहसील, राज्य का दसवां सबसे बड़ा तहसील है। श्रीमाधोपुर शहर में 35 वार्ड हैं जिनमे से वार्ड नंबर 22,24,01 सबसे बड़े है।[3]
तहसील के मुख्य कस्बे
[संपादित करें]- मूंडरू - यह छोटा सा कस्बा अजीतगढ़ और मऊ गांव के करीब है। यह कस्बा SH 37 पर स्थित है।
- अजीतगढ़ - यह छोटा सा कस्बा नीम का थाना और जयपुर के बीच में आता है। यह कस्बा SH 37 पर पड़ता है।
परिवहन
[संपादित करें]शहर को राजस्थान सरकार के तत्कालीन मंत्री दीपेन्द्र सिंह शेखावत के प्रयासों द्वारा RSRTC डिपो बनाया गया था । पिलानी और जयपुर के बीच स्थित होने के कारण शहर से कई लोक परिवहन बसें निकलती है । शहर का रेलवे स्टेशन भी जिले के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनो में से एक है। शहर मे औटो रिक्शा परिवहन का अहम साधन है। शहर से RSRTC की बसें जयपुर, नई दिल्ली, चंडीगढ़, झुंझुनू, हरिद्वार, इंदौर, सीकर, जोधपुर, अजमेर, कोटा के लिये जाती है , अन्य शहरों व कस्बों के लिये लोक परिवहन बसें उपलब्ध है। श्रीमाधोपुर शहर से राजस्थान के हर शहर व कस्बे के लिए डायरेक्ट बसें उपलब्ध है ।
शिक्षा
[संपादित करें]शहर में अनेक सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षा संस्थान है जोकि आरबीएसई तथा सीबीएसई व पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय सीकर से मान्यता प्राप्त है शहर में एक राजकीय संस्कृत कॉलेज तथा एक राजकीय महिला कॉलेज स्थित है. पड़ोस के गांव होल्याकाबास में स्थापित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को ग्रामवासियों एवं राजकीय सहयोग से तत्कालीन प्रधानाचार्य विनोद कुमार शर्मा ने नई ऊँचाइयां दीं.
औधोगिक क्षेत्र
[संपादित करें]शहर के जालपाली इलाके में RIICO में मार्बल, ग्रेनाइट,स्टील,लोहे,सीमेंट की कई फैक्ट्रीयाँ है। शहर का औधोगिक क्षेत्र काफी बड़े इलाके में फैला है । श्रीमाधोपुर शहर से लगभग 10 किमी दूर स्थित तत्कालीन राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री दीपेन्द्र सिंह शेखावत के प्रयासों द्वारा मऊ गांव तक औधोगिक क्षेत्र को बढाया गया है । इस शहर मे बहुत सी बड़ी-बड़ी फैक्ट्री हैं। यह शहर सीमेंट , मार्बल , कोटास्टोन , लोहा इत्यादी के लिये बहुत प्रसिद्ध है ।
शहर में मनोरंजन के साधन
[संपादित करें]पार्क
[संपादित करें]- नगर पालिका पार्क (कोर्ट रोड़)
- रेलवे स्टेशन पार्क (रेलवे स्टेशन)
- नेहरू पार्क
कर्षि फार्म
[संपादित करें]- श्रीमाधोपुर के बाहरी इलाके में कुछ कर्षि फार्म भी है जिनमे प्रमुख
- मंगलम कर्षि फार्म जो कि नाडा की जोहरी के पास पड़ता है
- सैनी कर्षि फार्म
- एम डी टीसी कर्षि फार्म प्रमुख हैं
- इनमे से मंगलम कर्षि फार्म का संचालन हांसपुर के निवासी ताराचंद सैनी के द्वारा किया जा रहा है
स्टेडियम
[संपादित करें]- श्रीमाधोपुर शहर क्रिकेट स्टेडियम (कचियागढ़ कॉलोनी) तत्कालीन राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री दीपेन्द्र सिंह शेखावत के प्रयासों से दो करोड़ की लागत से स्थापित, परंतु अब देखरेख के अभाव में अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है.
- स्पोर्ट्स थ्रोन क्रिकेट अकेडमी एण्ड स्टेडियम (श्रीमाधोपुर)
- बालाजी स्टेडियम खेल गॉव डेरावाली कोटड़ी (श्रीमाधोपुर) पूर्व सैनिक बिरजू सिंह सामोता द्वारा स्थापित एवं संचालित , ग्रामवासियों के सहयोग से विकसित
खेल
[संपादित करें]- राधेश्याम बिजारनियां बास्केटबॉल अकेडमी
- टाईक्वांडो अकेडमी
- कराटे अकेडमी
अन्य
[संपादित करें]- सिंगिंग अकेडमी
- डांस अकेडमी
- गुरुकृपा म्यूज़िक अकेडमी
व कई अन्य डांस,सिंगिंग अकेडमी
सिनेमा हॉल
[संपादित करें]शहर में एक मीनाक्षी सिनेमा हॉल था जो अब बंद हो गया है।
मॉल
[संपादित करें]- मंगलम प्लाजा
- श्री श्याम प्लाजा
- राम करण प्लाजा
- पार्वती प्लाजा
पर्यटन स्थल
[संपादित करें]शहर में मुख्य रूप से हवेली और मंदिर मुख्य पर्यटन स्थल है । शहर में कई मन्दिर बहुत प्राचीन है जो शहर की स्थापना के समय बनवाए गये थे। इन में कुछ मुख्य मंदिर है-
- प्राचीन बावड़ी
- प्राचीन जैन मंदिर
- श्री गोपीनाथ मंदिर
- पोलादास हनुमान मंदिर
- पंजाबी मंदिर
- प्राचीन शिव मंदिर (चौपाड़ बाज़ार)
- जानकी मंदिर
- गणेश मन्दिर
- प्राचीन बालाजी मंदिर (चौपड़ बाज़ार)
तहसील में मुख्य पर्यटन स्थल
[संपादित करें]- अविनाशी धाम (सांवलपुरा तंवरान) में ध्वजाबंद जी महाराज का मंदिर है। यहां हर वर्ष धुलंडी से दूसरे दिन बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है।
- अजीतगढ़- यह एक नगरपालिका क्षेत्र है। यहां चौकोर एवम विशालकाय पत्थरों से बनी आकर्षक पहाड़ी है जिस पर पच्चीस पापड़ा मंदिर है तथा इस पहाड़ी के नीचे हाथीदेह-बुर्जा की ढाणी रोड़ पर श्री सांई मंदिर स्थित है। अजीतगढ़ कृषि उपकरणों के लिए भारतवर्ष में जाना जाता है जिनमें मुख्यतः थ्रेसर, हल, बिजाई मशीन इत्यादि हैं।
- मूंडरू - यहां प्राचीन श्री श्याम मंदिर है। यहां एक कछुए जैसे आकार की पहाड़ी है जिस पर हनुमान मंदिर अवस्थित है।
- जालपाली धाम - यह लोगों की आस्था का केंद्र है।
- जांट बाबाजी - यहां जांट (खेजड़ी) के पेड़ की पूजा की जाती है तथा छोटे बच्चों के जात-जडूले उतारे जाते हैं।
- सुराणी धाम - यहां उत्तर भारत का प्रसिद्ध सूर्यमंदिर है जहां बाबा फकड़नाथ जी महाराज का आश्रम है।
- मनसा माता मन्दिर - यह अरनियाँ गाँव के कृषि विज्ञान केन्द्र के पास मूंडरु-रींगस-खाटूश्यामजी रोड पर बना अति प्राचीन भव्य मन्दिर है, जहाँ धर्म-कर्म की मनसा से आये श्रद्धालुओं की इच्छाऐं मनसा माँ पूर्ण करती हैँ। वर्ष में चैत्र और अश्विन माह की नवमी को विशाल मेले का आयोजन होता है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
- ↑ "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990
- ↑ "भारत की जनगणना २००१: २००१ की जनगणना के आँकड़े, महानगर, नगर और ग्राम सहित (अनंतिम)". भारतीय जनगणना आयोग. अभिगमन तिथि 2007-09-03.