"चंद्रयान-3": अवतरणों में अंतर

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08:24, 14 जुलाई 2023 का अवतरण

चंद्रयान-3
चन्द्रयान-3 का एकीकृत मॉड्यूल
चन्द्रयान-3 का एकीकृत मॉड्यूल
मिशन प्रकार चन्द्र लैंडर तथा रोवर
संचालक (ऑपरेटर) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
वेबसाइट hindizoom.com/chandrayaan-3-launch-live/%203
मिशन अवधि विक्रम लैंडर: <15 दिन
प्रज्ञान रोवर: <15 दिन
अंतरिक्ष यान के गुण
बस चंद्रयान
निर्माता भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो)
पेलोड वजन प्रोपल्शन मॉड्यूल: 2148 किग्रा
लैंडर मॉड्यूल (विक्रम): 26 किग्रा के (प्रज्ञान) रोवर सहित 1752 किग्रा
कुल: 3900 किलोग्राम
ऊर्जा प्रोपल्शन मॉड्यूल: 758 W
लैंडर मॉड्यूल: 738 W
रोवर: 50 W
मिशन का आरंभ
प्रक्षेपण तिथि 14 जुलाई 2023 14:35 IST, (9:05 UTC)[1]
रॉकेट LVM3 M4
प्रक्षेपण स्थल सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र
ठेकेदार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
----
भारतीय चन्द्रयान अभियान(इसरो)
← चंद्रयान-2 चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन (LUPEX) →

चंद्रयान-3 चांद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा तैयार किया गया तीसरा चंद्र मिशन है। [2] इसमें चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर होगा, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा।[3] [4]

ये मिशन चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है, क्योंकि पिछला मिशन सफलता पूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अंतिम समय में मार्गदर्शन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण सॉफ्ट लैंडिंग के प्रयास में विफल हो गया था, सॉफ्ट लैन्डिंग का पुनः सफल प्रयास करने हेतु इस नए चंद्र मिशन को प्रस्तावित किया गया था। [5]

चंद्रयान-3 का लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 बजे निर्धारित किया गया है।[6]

इतिहास

चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की काबिलियत प्रदर्शित करने के लिए चंद्रयान कार्यक्रम के दूसरे चरण में, इसरो ने एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर से युक्त लॉन्च वाहन मार्क -3 (एलवीएम 3) नामक लॉन्च वाहन पर चंद्रयान-2 लॉन्च किया। प्रज्ञान रोवर को तैनात करने के लिए लैंडर को सितंबर, 2019 को चंद्र सतह पर टचडाउन करना था। [7] [8]

इससे पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक मिशन पर जापान के साथ सहयोग के बारे में रिपोर्टें सामने आई थीं, जहां भारत लैंडर प्रदान करता जबकि जापान लॉन्चर और रोवर दोनों प्रदान करने वाला था। मिशन में साइट सैंपलिंग और चांद पर रात के समय सर्वाइव करने की टेक्नोलॉजी शामिल करने की भी संभावनाएं थीं। [9] [10]

विक्रम लैंडर की बाद की विफलता के कारण 2025 के लिए जापान के साथ साझेदारी में प्रस्तावित चंद्र ध्रुवीय खोजबीन मिशन (LUPEX) के लिए आवश्यक लैंडिंग क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक और मिशन (चंद्रयान-3) करने का प्रस्ताव दिया गया। [11] मिशन के महत्वपूर्ण फ्लाइट ऑपरेशन के दौरान, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) द्वारा संचालित यूरोपीय अंतरिक्ष ट्रैकिंग (एस्ट्रैक) एक अनुबंध के अंतर्गत इस मिशन को सपोर्ट प्रदान करेगी। [12]

उद्देश्य

इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए तीन मुख्य उद्देश्य निर्धारित किए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराना।
  2. चंद्रमा पर रोवर की विचरण क्षमताओं का अवलोकन और प्रदर्शन।
  3. चंद्रमा की संरचना को बेहतर ढंग से समझने और उसके विज्ञान को अभ्यास में लाने के लिए चंद्रमा की सतह पर उपलब्ध रासायनिक और प्राकृतिक तत्वों, मिट्टी, पानी आदि पर वैज्ञानिक प्रयोग करना। [13]

बनावट

चंद्रयान-3 एकीकृत मॉड्यूल का दृश्य

प्रोपल्शन मॉड्यूल

चंद्रयान 3 प्रोपल्शन मॉड्यूल, जिसका उपयोग रिले उपग्रह के रूप में किया जाएगा

इसका प्रोपल्शन मॉड्यूल, संचार रिले उपग्रह की तरह व्यवहार करेगा। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर युक्त ढांचे को तब तक अंतरिक्ष में धकेलता रहेगा जब तक कि अंतरिक्ष यान 100 किमी ऊंचाई वाली चंद्र कक्षा में न पहुँच जाए। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर के अलावा, चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय (स्पेक्ट्रल) और पोलारिमेट्रिक माप का अध्ययन करने के लिए SHAPE (Spectro-polarimetry of Habitable Planet Earth) नामक एक पेलोड भी ले जा रहा है। [4] [3]

लैंडर

चंद्रयान-3 का लैंडर

चंद्रयान-2 के विक्रम के विपरीत, जिसमें पांच 800 न्यूटन इंजन थे और पांचवां एक निश्चित थ्रस्ट के साथ केंद्रीय रूप से लगाया गया था। चंद्रयान-3 के लैंडर में केवल चार थ्रॉटल-सक्षम इंजन होंगे, [14] इसके अतिरिक्त, चंद्रयान-3 लैंडर लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर (एलडीवी) से लैस होगा। [15] चंद्रयान-2 की तुलना में इम्पैक्ट लेग्स को मजबूत बनाया गया है और उपकरण की खराबी का सामना करने के लिए एक से अधिक उपाय किए गए हैं। [16]

लैंडर पर तापीय चालकता और तापमान को मापने के लिए Chandra’s Surface Thermophysical Experiment (ChaSTE, चेस्ट), लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीयता को मापने के लिए Instrument for Lunar Seismic Activity (ILSA) व प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने के लिए Langmuir Probe (LP) नामक भारतीय पेलोड शामिल हैं। इसके अतिरिक्त नासा से एक निष्क्रिय लेजर रिट्रोरिफ्लेक्टर ऐरे को चंद्र लेजर रेंजिंग अध्ययनों के लिए इसमें समायोजित किया गया है।[17]

रोवर

चंद्रयान-3 का रोवर

प्रज्ञान रोवर लैंडिंग साइट के आसपास तत्व संरचना का पता लगाने के लिए अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) नामक पेलोड से युक्त है।[17]

अनुदान

दिसंबर 2019 में, यह बताया गया कि इसरो ने परियोजना की प्रारंभिक फंडिंग के लिए 75 करोड़ (US$10.95 मिलियन) का अनुरोध किया था, जिसमें से 60 करोड़ (US$8.76 मिलियन) मशीनरी, उपकरण और अन्य पूंजीगत व्यय की पूर्ति के लिए होगा, जबकि शेष 15 करोड़ (US$2.19 मिलियन) राजस्व व्यय मद में मांगा गया है। [18]

परियोजना के अस्तित्व की पुष्टि करते हुए, इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि लागत लगभग 615 करोड़ (US$89.79 मिलियन) होगी। [19]  

चंद्रयान-3 का एनीमेशन
       चंद्रयान-3 ·        पृथ्वी ·        चंद्रमा

इन्हें भी देखें

संदर्भ

  1. "ISRO to launch moon mission Chandrayaan-3 on July 14. Check details". Hindustan Times. 2023-07-06. अभिगमन तिथि 2023-07-06.
  2. "Press Meet - Briefing by Dr. K. Sivan, Chairman, ISRO". isro.gov.in. 2020-01-01. मूल से 5 October 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-01-03.
  3. "Chandrayaan-3 to cost Rs 615 crore, launch could stretch to 2021". 2 January 2020. अभिगमन तिथि 3 January 2020.
  4. "NASA - NSSDCA - Spacecraft - Details".
  5. Guptan, Mahesh (2019-11-16). "How did Chandrayaan 2 fail? ISRO finally has the answer". The Week. अभिगमन तिथि 2020-01-03.
  6. "Chandrayaan-3 Rocket Transport: रॉकेट जहां जोड़ा जाता है, वहां से कैसे पहुंचता है लॉन्च पैड तक?". आज तक. 7 जुलाई 2023. अभिगमन तिथि 11 जुलाई 2023.
  7. Singh, Surendra (5 August 2018). "Chandrayaan-2 launch put off: India, Israel in lunar race for 4th position". The Times of India. अभिगमन तिथि 15 August 2018.
  8. Shenoy, Jaideep (28 February 2016). "ISRO chief signals India's readiness for Chandrayaan II mission". The Times of India. अभिगमन तिथि 2020-01-03.
  9. "India's next Moon shot will be bigger, in pact with Japan". 2019-07-07. अभिगमन तिथि 2020-01-03. For our next mission — Chandrayaan-3 — which will be accomplished in collaboration with JAXA (Japanese Space Agency), we will invite other countries too to participate with their payloads.
  10. "Episode 82: JAXA and International Collaboration with Professor Fujimoto Masaki". Astro talk UK. 2019-01-04. अभिगमन तिथि 2020-01-03.
  11. ISRO Will Embark on Chandrayaan-3 by November 2020 for Another Landing Attempt The Wire, 14 November 2019
  12. "ESA and Indian space agency ISRO agree on future cooperation". www.esa.int (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-04-16.
  13. https://chandrayaan3.org/what-is-chandrayaan-3-mission-all-about/
  14. Kumar, Chethan (15 September 2020). "Chandrayaan-3: No 5th engine on lander". मूल से 15 September 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-09-15.
  15. Kumar, Chethan (19 November 2019). "Chandrayaan-3 plans indicate failures in Chandrayaan-2". The Times of India. मूल से 21 November 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 September 2020.
  16. Sharma, Shaurya (2022-10-21). "Chandrayaan-3 To Be More Robust, Have Contingency Systems Onboard, Says ISRO Chief". News18 (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-10-22.
  17. "Chandrayaan-3 Details". www.isro.gov.in. अभिगमन तिथि 11 जुलाई 2023.
  18. Kumar, Chethan (2019-12-08). "ISRO seeks 75 crore more from Centre for Chandrayaan-3". The Times of India. अभिगमन तिथि 2019-12-08.
  19. "Chandrayaan-3 to cost Rs 615 crore, launch could stretch to 2021". 2020-01-02. अभिगमन तिथि 2020-01-03.

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