रोल
रोल | |||||||
— गाँव — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | भारत | ||||||
राज्य | राजस्थान | ||||||
तहसील | जायल | ||||||
सरपंच | मनफूलसिंह डिडेल | ||||||
जनसंख्या | 6,735 (2011 के अनुसार [update]) | ||||||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• 318 मीटर (1,043 फी॰) | ||||||
विभिन्न कोड
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निर्देशांक: 27°10′00″N 73°56′00″E / 27.1667°N 73.9333°E
रोल, रोहल शरीफ़ रोल काज़िया भारत के राजस्थान राज्य के अंतर्गत नागौर जिले की जायल तहसील का एक गाँव है।
स्थान
[संपादित करें]रोल गाँव नागौर से पूर्व दिशा में 20 किलोमीटर की दूरी पर नागौर-डीडवाना राज्य राजमार्ग संख्या- 19 पर स्थित है।
इतिहास
[संपादित करें]रोल के बारे में कहा जाता है कि यह गाँव 500 साल पहले स्थापित किया गया था। उस समय मुस्लिम बोलबाला था। गाँव में एक बड़ी दरगाह है जहाँ मुसलमानों का हर साल एक उर्स मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमे सब जाति के दर्शणार्थी भाग लेते हैं। डॉ॰ ज़ियाउ-द्दीन अब्दुल-हय्य देसाई ने अपनी पुस्तक पश्चिम भारत के अरबी, फारसी एवं उर्दू शिलालेख में भारत के पश्चिम राज्यों के 2,000 से अधिक शिलालेख की एक व्यापक सूची प्रदान करता है। इस पुस्तक में क्रम संख्या- 249[1] मे रोहल शरीफ दर्शाया है जो कि नागौर जिले में मौजूद रोल गाँव ही है।
जनसांख्यिकी
[संपादित करें]भारत की जनगणना -2011 के अनुसार रोल की आबादी 7,359 है। पुरुष जनसंख्या 3,799 है, जबकि महीला आबादी 3,560 है[2].
व्यवसाय
[संपादित करें]कस्बे के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और सरकारी / निजी नौकरियां है। कुछ ग्रामीण सरकारी सेवाओं और बहुत से लोग असम, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों में निजी नौकरी कर रहे हैं।
भूगोल
[संपादित करें]रोल गाँव 27°06′N 73°33′E / 27.10°N 73.55°E.[3] पर स्थित है तथा समुंद्रतल से 318 मीटर (1043 फुट) की औसत ऊंचाई पर स्थित है।
मस्जिद और मन्दिर
[संपादित करें]गाँव में शाही मस्जिद सहित कई मस्जिदें हैं। कहा जाता है कि मुहम्मद का जुब्बा मुबारक है, जिसे रूस के बुखारा से काजी हमीदुद्दीन नागौरी द्वारा लाया गया पवित्र अवशेष माना जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों से भक्त इस अवसर को मनाने के लिए क़ाज़ी साहब के यहाँ जमा होते हैं। गाँव में एक वार्षिक उर्स मेला (उर्स मेला) आयोजित किया जाता है। [२]
अन्य मस्जिदों में शामिल हैं
चीले वाली मस्जिद,
आइशा सिद्दीका मस्जिद,
छिम्पा वाली मस्जिद,
उपरलाबास मस्जिद, और
पीर पहाड़ी।
इस गाँव में हनुमान मंदिर, रंगनाथ मंदिर, चारभुजा मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, शीतला माता, झावर मंदिर आदि भी हैं। जीर्णोद्धार के दौरान मिले शिलालेखों के अनुसार, चारभुजा मंदिर एलओवी के माहेश्वरी समुदाय द्वारा निर्मित किया गया था, जहाँ 1281 सम्वत यानी 700 में स्थित था।
परिवहन
[संपादित करें]रोल गाँव राज्य परिवहन सेवा और निजी बस सेवा लिंक की उपस्थिति के साथ सड़क नेटवर्क के माध्यम से आसपास के गांवों जैसे कि नागौर, मुंडवा, जायल, डेह, कुचेरा, गोठ-मांगलोद से जुड़ा है।
Rol रेलवे लाइन के माध्यम से आस-पास के शहरों से जुड़ा हुआ है, लगभग स्टेशन मारवाड़ मुंडवा (MDW) है, लगभग 16.5 Km और नागौर (NGO) लगभग 22.5 Km के लगभग है।
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "डॉ॰ ज़ेड. ए. देसाइ लिखित पुस्तक पश्चिम भारत के अरबी, फारसी एवं उर्दू शिलालेख, ISBN 81-7574-051-5, संस्करण: 1 संस्करण स्थान: नई दिल्ली, 1999". मूल से 16 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जून 2011.
- ↑ रोल सेंससइंडिया पर
- ↑ "फ़ाल्लिंग रैन जिनोमिक्स, रोल". मूल से 5 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जून 2011.