ज्योतिर्मयी देवी
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ज्योतिर्मयी देवी জ্যোতির্ময়ী দেবী | |
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जन्म |
23 जनवरी 1896 जयपुर |
मृत्यु |
1988 कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
जातीयता | बंगाली हिंदू |
व्यवसाय | लेखिका |
धार्मिक मान्यता | हिन्दू धर्म |
माता-पिता | अबिनाश चंद्र सेन, सरला देवी |
ज्योतिर्मयी देवी (बांग्ला: জ্যোতির্ময়ী দেবী) (1896–1988) बांग्ला भाषा की भारतीय लेखिका थी। उन्होने अपने बचपन के दिनों में राजस्थान की तथा भारत के विभाजन के समय बांग्लादेश की महिलाओं के बारे में मुख्य रूप से लिखा। वे अपनी कहानियों के लिए तथा सामाजिक टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं। उनकी किताबें कोलकाता में विभिन्न दुकानों के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी उपलब्ध हैं। इनकी कहानी "डैनी" पश्चिम बंगाल की माध्यमिक शिक्षा के बंगाली पाठ्यक्रम का हिस्सा है। उनकी कृतियों का अनुवाद बांग्ला लेखिका बर्निता बागची ने किया है।[1]
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सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ देवी, ज्योतिर्मय (1999). Jyotirmoyee Devi, The Impermanence of Lies (Calcutta: Bhatkal and Sen, 1999) Introduction by Mahasweta Devi [दि इंपर्माइनेंस ऑफ लाइज] (अंग्रेज़ी में).