कमला सुरय्या
कमला सुरय्या (कमला दास के रूप में भी जानी जाती है) | |
---|---|
![]() | |
जन्म | 31 मार्च 1934 पुन्नायुर्कुलम, मालाबार जिला, मद्रास प्रैज़िडन्सी, ब्रिटिश राज |
मृत्यु | मई 31, 2009 पुणे, महाराष्ट्र, भारत | (उम्र 75 वर्ष)
दूसरा नाम | माधवी कुटटी |
पेशा | कवियित्री, उपन्यासकार, कथाकार |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विधा | काव्य, उपन्यास, लघु कथा, संस्मरण |
उपाधि | एज्हुथच्छन पुरस्कार, वयलार पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, आसन विश्व पुरस्कार, एशियाई काव्य पुरस्कार, केंट पुरस्कार। |
जीवनसाथी | के॰ माधव दास |
बच्चे |
|
रिश्तेदार |
|
कमला सुरय्या पूर्व नाम कमला दास (अँग्रेजी: Kamala Surayya, मलयालम: കമല സുറയ്യ, 31 मार्च 1934- 31 मई 2009) अँग्रेजी वो मलयालम भाषा की भारतीय लेखिका थीं। वे मलयालम भाषा में माधवी कुटटी के नाम से लिखती थीं। उन्हें उनकी आत्मकथा ‘माई स्टोरी’ से अत्यधिक प्रसिद्धि मिली। एक कम उम्र के मुस्लिम लड़के से 65 वर्ष की उम्र में निकाह किया।[1]
प्रारंभिक जीवन
[संपादित करें]31 मार्च 1934 को केरल के त्रिचूर जिले के पुन्नायुर्कुलम, (पूर्व में मालाबार जिला, मद्रास प्रैज़िडन्सी, ब्रिटिश राज) में जन्मी कमला की बहुत ही कम उम्र में शादी हो गई थी। उस वक्त उनकी उम्र मात्र 15 साल की थी।
साहित्यिक जीवन
[संपादित करें]वे मात्र 15 साल की उम्र से कवितायें लिखने लगी थीं। उनकी माँ बालमणि अम्मा एक बहुत अच्छी कवयित्री थीं और उनके लेखन का कमला दास पर खासा असर पड़ा। यही कारण है कि उन्होंने कविताएँ लिखना शुरू किया। लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उन्हें लिखने के लिए तब तक जागना पड़ता था जब तक कि पूरा परिवार सो न जाए। परिवार के सो जाने के बाद वे रसोई घर में अपना लेखन जारी रखतीं और सुबह तक लिखती रहतीं। इससे उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ा और यही कारण है कि वे बीमार रहने लगीं। वे उस समय विवादों में आईं जब उन्होंने अपने आत्मकथात्मक लेखन को माय स्टोरी नाम से संग्रहित किया जो हिंदी में "मेरी कहानी"[1] के नाम से प्रकाशित हुई। यह किताब इतनी विवादास्पद हुई और इतनी पढ़ी गई कि उसका पंद्रह विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुआ। इसी की बदौलत उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली।[2]
कमला की अंग्रेजी में ‘द सिरेंस’, ‘समर इन कलकत्ता’, ‘दि डिसेंडेंट्स’, ‘दि ओल्डी हाउस एंड अदर पोएम्स ’, ‘अल्फाेबेट्स ऑफ लस्ट’’, ‘दि अन्ना‘मलाई पोएम्सल’ और ‘पद्मावती द हारलॉट एंड अदर स्टोरीज’ आदि बारह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। मलयालम में ‘पक्षीयिदू मानम’, ‘नरिचीरुकल पारक्कुम्बोल’, ‘पलायन’, ‘नेपायसम’, ‘चंदना मरंगलम’ और ‘थानुप्पू’ समेत पंद्रह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।[3]
प्रमुख कृतियाँ
[संपादित करें]- The Sirens [दि साइरंस] (1964)
- Summer in Calcutta [समर इन कलकत्ता](1965)
- The Descendants [दि डेस्केंडेंट्स] (1967)
- The Old Playhouse and Other Poems [दि ओल्ड प्लेहाउस एंड अदर पोएम्स](1973)
- Collected Poems Vol. 1 [कॉलेकटेड पोएम्स वाल्यूम एक](1984)
- The Anamalai Poems [दि अनमलाई पोएम्स](1985)
- Only the Soul Knows How to Sing [ओनली दि सोल नोज हाऊ टू सिंग](1996)
- Yaa Allah [या अल्लाह] (2001) 8.My grandmother's house (मेरी दादी का मकान)(1965)
पुरस्कार/सम्मान
[संपादित करें]‘..मुङो नहीं दरकार छलनामय घरेलू सुखों,
गुड-नाइट चुंबनों या साप्ताहिक खतों की
जो, ‘माय डियरेस्ट’ संबोधन से शुरू होते हैं
उन ववाहिक कस्मों का खोखलापन
और डबलबैड का अकेलापन भी मैं जन चुकी हू,
जिस पर लेटा मेरा संगी स्वप्न देखता है
किसी और का/ जो उसकी बीबी से कहीं बड़ी छिनाल है।.’
पुस्तक: 'दि अनमलाई पोएम्स' से[4]
- वर्ष 1984 में 'नोबेल पुरस्कार' के लिए नामांकित। (1984)[f 1]
- अवार्ड ऑफ एशियन पेन एंथोलोजी (1964)
- 'केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार' 1969 ('कोल्ड' के लिए)
- 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' (1985)
- 'एशियन पोएट्री पुरस्कार'(1998)
- 'केन्ट पुरस्कार' (1999)
- 'एशियन वर्ल्डस पुरस्कार' (2000)
- 'वयलॉर पुरस्कार' (2001)[5]
- 'डी. लिट' की मानद उपाधि कालीकट विश्वविद्यालय द्वारा (2006)[6]
- 'मुट्टाथु वरक़े अवार्ड' (2006)[7]
- 'एज्हुथाचन पुरस्कार' (2009)
इस्लाम धर्म मेंं जाने का कारण?
[संपादित करें]कमला दास ने 11 दिसंबर, 1999 में 65 साल की उम्र में इस्लाम धर्म को अपना कर कमला सुरैया हो गईं थी. उन्होंन कहा थाः
"मुझे दाह संस्कार की हिंदू प्रक्रिया पसंद नहीं है. मैं नहीं चाहती मेरे शरीर को जलाया जाए. यह एक छोटी वजह हो सकती है. लेकिन मेरा इस्लामिक जीवनशैली के प्रति खास लगाव रहा है. मैंने दो नाबीना (अंधे) मुस्लिम बच्चों इरशाद अहम और इम्तियाज अहमद को गोद लिया है. वे मुझे इस्लाम के करीब लाए हैं[8]..."
मृत्यु
[संपादित करें]उनकी मृत्यु पुणे में दिनांक 31 मई 2009 को 75 वर्ष की उम्र में हुई।[9]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ "Kamla "Meri Kahani" ऑन archive".
{{cite journal}}
: Cite journal requires|journal=
(help) - ↑ "अभिव्यक्ति के खतरे उठाने वाली कमला दास (लेखक: रवींद्र व्यास)". वेब दुनिया हिन्दी. Archived from the original on 3 अप्रैल 2013. Retrieved 2 मई 2014.
- ↑ "strangertime: an anthology of Indian Poetry in English" [स्ट्रेंजरटाइम: अंग्रेजी में भारतीय कविता का एक संकलन] (in अंग्रेज़ी). Pritish Nandy (ed). Archived from the original on 10 अगस्त 2011. Retrieved 2 मई 2014.
- ↑ मृणाल पाण्डे. "अधूरी कामनाओं के वन में भटकती एक कवियित्री". लाइव हिंदुस्तान. Archived from the original (वेब फीचर) on 28 जुलाई 2014. Retrieved 19 जुलाई 2014.
- ↑ "The रीडिफ Interview/ Kamala Suraiya" [रेडिफ साक्षात्कार / कमला सुरैया] (in अंग्रेज़ी). रीडिफ.कॉम. 19 जुलाई 2000. Archived from the original on 17 जून 2013. Retrieved 2 मई 2014.
- ↑ "होनरेरी डिग्री से कालीकट विश्वविद्यालय" (PDF). Archived from the original (PDF) on 7 नवंबर 2013. Retrieved 19 जुलाई 2014.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "साहित्यिक पुरस्कार - ऑन फोरमेशन और पब्लिक रिलेशन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट". Archived from the original on 24 मई 2007. Retrieved 19 जुलाई 2014.
- ↑ "Google Doodle Kamala Das: 'मैं नहीं चाहती मेरे शरीर को जलाया जाए". https://khabar.ndtv.com/. Archived from the original on 1 फ़रवरी 2018. Retrieved 15 मई 2020.
{{cite web}}
: External link in
(help)|website=
- ↑ "PM mourns Kamala Das's death, praises her sensitive poems" [प्रधानमंत्री ने कमला दास की मृत्यु पर शोक व्यक्त कराते हुये उनकी संवेदनशील कविताओं की प्रशंसा की] (in अंग्रेज़ी). चेन्नई, भारत: दि हिन्दू. 31 मई 2009. Archived from the original on 6 जून 2009. Retrieved 2 मई 2014.
{{cite news}}
: Italic or bold markup not allowed in:|publisher=
(help)
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Eroticism and feminism in Das' writings(अंग्रेज़ी में)
![]() |
कमला सुरय्या से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
सन्दर्भ त्रुटि: "f" नामक सन्दर्भ-समूह के लिए <ref>
टैग मौजूद हैं, परन्तु समूह के लिए कोई <references group="f"/>
टैग नहीं मिला। यह भी संभव है कि कोई समाप्ति </ref>
टैग गायब है।
- Pages using the JsonConfig extension
- CS1 errors: missing periodical
- CS1 अंग्रेज़ी-language sources (en)
- CS1 errors: dates
- CS1 errors: external links
- CS1 errors: markup
- 1934 में जन्मे लोग
- २००९ में निधन
- अंग्रेजी साहित्यकार
- मलयालम साहित्यकार
- साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत
- केरल के लोग
- भारतीय महिला साहित्यकार
- भारतीय लेखक
- भारतीय साहित्यकार
- इस्लाम में परिवर्तित लोगों की सूची
- मुस्लिम लेखिका
- हिन्दू धर्म से इस्लाम में धर्मान्तरित