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गुड फ़्राइडे

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शुभ शुक्रवार[1], गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं। यह त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों द्वारा कैलवरी में ईसा मसीह को शूली पर चढ़ाने के कारण हुई मृत्यु के उपलक्ष्य में मनाया है। यह त्यौहार पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है, जो ईस्टर सन्डे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को आता है और इसका पालन पाश्कल ट्रीडम के अंश के तौर पर किया जाता है और यह अक्सर यहूदियों के पासोवर के साथ पड़ता है।

सन्हेद्रिन ट्रायल ऑफ़ जेसुस के आध्यात्मिक विवरणों के अनुसार यीशू का क्रुसिफिकेशन संभवतः किसी शुक्रवार को किया गया था। दो भिन्न वर्गों के अनुसार गुड फ्राइडे का अनुमानित वर्ष AD 33 है, जबकि आइजक न्यूटन ने बाइबिल और जूलियन कैलेंडर के बीच के अन्तर और चांद के आकार के आधार पर गणना की है कि वह वर्ष मूलतः AD 34 है।[2][3][4][5][6][7]

बाइबिल की गणना

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"द जुडास किस" गुस्तेव डोर द्वारा, 1866.

सुसमाचार के अनुसार, यीशू को मंदिर के प्रहरियों ने गेथ्सेमाने गार्डन में उनके शिष्य यहूदा इस्करियोती की अगुवाई में गिरफ्तार किया। यहूदा ने (चांदी के 30 टुकड़ों) के बदले यीशू से विश्वासघात किया और मंदिर के प्रहरियों से कहा कि वह जिसे चुम्बन लेगा उसे ही उन्हें गिरफ्तार करना है। यीशू को गिरफ्तार कर अन्नास के घर लाया गया, जो तत्कालीन उच्च पुरोहित काइयाफस का ससुर था। वहाँ उनसे पूछताछ की गयी किन्तु उसका कोई खास नतीजा नहीं निकला जिसके बाद उन्हें उच्च पुरोहित काइयाफस के पास भेज दिया गया, जहां सैन्हेद्रिन इकट्ठे थे (John 18:1-24).


कई गवाहों ने यीशू के खिलाफ विरोधाभासी बयान दिये जिसका यीशू ने कुछ भी जवाब नहीं दिया.अंत में उच्च पुरोहित ने यीशू को कहा कि वह पवित्र शपथ लेकर उत्तर देने का आदेश देते हुए कहा - "मैं, तुम्हें ईश्वर के नाम का वास्ता देकर तुम्हें आदेश देता हूं कि तुम हमें बताओं कि क्या तुम्ही एकमात्र अभिषिक्त व्यक्ति, परमेश्वर के पुत्र हो?" यीशू ने सकारात्मक उत्तर देते हुए कहा कि "तुमने कहा है और समय आने पर तुम देखोगे कि स्वर्ग के बादलों के बीच मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान की दाहिनी ओर बैठा है।"उच्च पुरोहित ने यीशू को ईश्वर की निंदा का दोषी ठहराया और सर्व सम्मति से यीशू के मामले में सैन्हेद्रिन की सुनवाई में यीशू को मौत की सज़ा सुनायी (Matthew 26:57-66).पीटर ने भी पूछताछ के दौरान यीशू को पहचानने से तीन बार इनकार किया। यीशू पहले से ही जानते थे कि पीटर उन्हें तीन बार पहचानने से इनकार करेगा. उनकी दोनों सुनवाइयों के सम्बंध में यीशू की सैन्हेद्रिन सुनवाई का लेख देखें, जिनमें से एक रात में हुई थी तथा दूसरी सुबह और इस तरह समय के अन्तर के कारण गुड फ्राइडे का दिन प्रभावित होता है।


क्रॉस के ढंग दर्शाते हुए भारतीय रोमन कैथोलिक द्वारा बॉम्बे में गुड फ्राइडे का एक जूलूस

सुबह पूरी परिषद यीशू को साथ लेकर रोमन राज्यपाल पोंटीयस पायलट के पास पहुंची. उन पर आरोप लगाये गये कि वह देशद्रोही हैं, उन्होंने सीज़र के करों का विरोध किया है और स्वयं को राजा घोषित किया है (Luke 23:1-2).पायलट ने यहूदी नेताओं को यह जिम्मेदारी दी कि वे यीशू को अपने कानून के अनुसार फांसी दें किन्तु यहूदी नेताओं ने कहा कि रोमन लोगों ने उन्हें प्राणदंड देने की अनुमति नहीं दी है (John 18:31).


पायलट ने यीशू से पूछताछ की और सभा से कहा कि यीशू को सजा देने का कोई आधार नहीं है। यह जानकर कि यीशू गैलिली के निवासी हैं पायलट ने इस मामले को गैलिली के राजा हेरोड को सौंपा, जो यरूशलेम में पासोवर की दावत के लिए गये थे। हेरोड ने यीशू से सवाल किये पर उसे कोई जवाब नहीं मिला; हेरोड ने यीशू को पायलट के पास वापस भेज दिया. पायलट ने सभा से कहा कि न तो उसने और न ही हेरोड ने यीशू में कोई दोष पाया है; पायलट ने निश्चय किया की यीशू को कोड़े मारकर रिहा कर दिया जाये (Luke 23:3-16).


रोम में पासओभर के भोज के दौरान यह प्रथा थी कि यहूदियों के अनुरोध पर एक कैदी को रिहा कर दिया जाता था। पायलट ने लोगों से पूछा कि वे किसको रिहा करना चाहते हैं। मुख्य पुरोहित के निर्देश पर लोगों ने कहा कि वे बराब्बस को रिहा करना चाहते हैं, जो एक विद्रोह के दौरान हत्या के जुर्म जेल में है। पायलट ने पूछा कि वे यीशू के साथ किस प्रकार का सलूक चाहेंगे और उन लोगों ने मांग की, " उसे सूली पर लटका दो"(Mark 15:6-14).पायलट की पत्नी ने उसी दिन यीशू को सपने में देखा था, उसने पायलट को आगाह कर दिया कि "इस धार्मिक व्यक्ति के साथ कोई सरोकार न रखे"(Matthew 27:19).


पायलट ने यीशू को कोड़े मरवाए और भीड़ के सामने ला कर उसे रिहा कर दिया. मुख्य पुरोहित ने पायलट को एक नये आरोप की जानकारी दी कि यीशू स्वयं को "परमेश्वर का पुत्र होने का दावा" करता है इसलिए उसे मौत की सज़ा सुनायी जाये.इससे पायलट भयभीत हो जाता है और यीशू को वापस महल के अन्दर ले जाता है तथा उनसे जानना चाहता है कि वह कहां से आये हैं (John 19:1-9).


19वीं सदी, यीशू और पोंटीयस पिलेट सहित एक्के होमो के एंटोनियो सिसेरी के चित्रण.

भीड़ के सामने आखिरी बार आकर, पायलट यीशू के निर्दोष होने की घोषणा की और यह दिखाने के लिए कि इस दंडविधान में उसकी कोई भूमिका नहीं है, पानी से अपने हाथ धोये. आखिरकार, पायलट ने दंगे से बचने के लिए यीशू को सूली पर चढ़ाने के लिए सौंप दिया (Matthew 27:24-26). दंडादेश में लिखा था "नासरत का यीशू, यहूदियों का राजा."सायरीन के साइमन की सहायता से यीशू अपनी सूली को स्वयं ढोते हुए बधस्थल तक ले गये, जहां उन्हें सूली पर चढ़ाया गया, उस स्थान को हिब्रू में कपाल का स्थान या "गोलगोथा" और लैटिन में कैलवरी कहते हैं। वहाँ उन्हें दो अपराधियों के साथ सूली पर चढ़ाया गया (John 19:17-22).


यीशू छह घंटे तक सूली पर यातना सहते रहे. सूली पर लटकाये रखे जाने के आखिरी तीन घंटों के दौरान दोपहर से अपराह्न 3 बजे तक पूरे देश में अंधेरा छाया रहा.[8]एक जोरदार चीख के बाद यीशू ने अपने प्राण त्याग दिये.उसी समय एक भूकंप आया, कब्रें टूट कर खुल गयीं और इस मंदिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक फट गया। सूली पर लटकाये जाने के स्थल पर उपस्थित एक रोमन सैनिक घोषणा की, "सचमुच यह भगवान का बेटा था !" (Matthew 27:45-54)


सैन्हेद्रिन का एक सदस्य अरिमेठिया का जोसफ यीशू का एक गुप्त शिष्य था, जिसने यीशू को यह दंडादेश देने की सहमति नहीं दी थी, पायलट के पास गया और उसने यीशू का शव मांगा (Luke 23:50-52). यीशू के एक अन्य गुप्त अनुयायी और निकोदेमुस नाम के सैन्हेद्रिन के सदस्य ने एक सौ पौंड वजन का मसाले का मिश्रण लाया और मसीह के शरीर को कपड़े में लपेटने में सहायता की (John 19:39-40).पायलट ने सूबेदार से कहा कि वह इस बात की पुष्टि कर ले कि यीशू मर चुके हैं (Mark 15:44).एक सिपाही ने यीशू के शरीर पर भाले से वार किया जिसमें से खून और पानी बाहर निकला (John 19:34) और उसके बाद सूबेदार ने पायलट से इस बात की पुष्टि कर दी कि यीशू मर चुके हैं (Mark 15:45).


अरिमेठिया के जोसफ ने यीशू के शरीर को एक साफ मखमल के कफन में लपेट कर सूली पर चढ़ाये जाने के पास स्थित एक बगीचे में एक चट्टान (Matthew 27:59-60) को खोद कर बनायी गयी उनकी नयी कब्र में दफना दिया. निकोदेमस (John 3:1) भी 75 पाउंड का लोहबान और एक दस्तावर औषधि के साथ पहुंचा था और दफन करने के यहूदी नियमों के अनुसार उसने यीशू के कफन के साथ उन्हें रख दिया (John 19:39-40). उन्होंने कब्र (Matthew 27:60) के प्रवेश द्वार पर एक विशाल पत्थर रखकर उसे बंद कर दिया.उसके बाद वे घर लौटे और विश्राम किया क्योंकि सूर्यास्त के बाद सब्बाथ शुरू हो गया (Luke 23:54-56). तीसरे दिन, रविवार को, जो अब ईस्टर रविवार (या पश्चा) के रूप में जाना जाता है, मृत यीशू जी उठे.


रोमन कैथोलिक चर्च में

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रोमन कैथोलिक चर्च गुड फ्राइडे को उपवास दिवस के तौर पर मानता है, जबकि चर्च के लैटिन संस्कारों के अनुसार एक बार पूरा भोजन (हालांकि वह नियमित भोजन से कम होता है और अक्सर उसमें मांस के बदले मछली खायी जाती है) और दो कलेवा (एक अल्पाहार, जिसकी दोगुनी मात्रा भी एक पूर्ण भोजन के बराबर नहीं होती) लिया जाता है। जिन देशों में गुड फ्राइडे का दिन अवकाश का दिन नहीं होता, वहां अपराह्न 3 बजे के बाद आमतौर पर कुछ घंटों के लिए कामकाज बंद कर दिया जाता है।


गुड फ्राइडे को उपासना के लिए क्रूसीफिक्स तैयार किया गया।


रोमन रीति के अनुसार सामान्यतः पवित्र बृहस्पतिवार की शाम को प्रभु के भोज के उपरांत कोई मास उत्सव नहीं होता जब तक कि ईस्टर निगरानी की अवधि बीत न जाये बशर्ते किसी धर्मसंबंधी गंभीर मामले में या किसी मातम सम्बंधी मसले पर वैटिकन या स्थानीय बिशप द्वारा विशेष छूट न प्रदान की गयी हो अथवा बप्तिस्म (जिनको मौत का खतरा हो) हो रहा हो, प्रायश्चित कर रहे हो या मौत से जूझ रहा हो.[9] प्रभु ईसा मसीह के स्मरण में भोज का कोई उत्सव नहीं होता और वह केवल पस्सिओं ऑफ़ द लोर्ड के सर्विस के दौरान भक्तों में वितरित किया जाता है किन्तु जो बीमारी के कारण इस सर्विस में भाग नहीं ले पाते, वे बाद में किसी भी समय ग्रहण कर सकते हैं।[10]


पूजा वेदी पूरी तरह से खाली रहती है और क्रॉस, मोमबत्ती अथवा वस्त्र कुछ भी वहां नहीं रहता.[11]प्रथा के अनुसार ईस्टर निगरानी अवधि में जल का आशीर्वाद पाने के लिए पवित्र जल संस्कार के पात्र खाली किये जाते हैं।[12] ईस्टर निगरानी की अवधि के दौरान गुड फ्राइडे अथवा पवित्र शनिवार को घंटियाँ नहीं बजाने की परम्परा है।


पैशन ऑफ़ द लोर्ड के उत्सव का आदर्श समय अपराह्न तीन बजे है, लेकिन यह समय पादरी या श्रेष्ठ कारणों से एक घंटे के बाद का भी चुना जा सकता है।[13]इस समय पादरी के पहनावे का रंग लाल होता है।[14] 1970 से पहले पहनावे का रंग काला होता था केवल कम्यूनियन वाला हिस्सा बैगनी रंग का होता था[15] और 1955 से पहले पूरा पहनावा ही काला होने का विधान था।[16]अगर कोई बिशप यह अनुष्ठान संपन्न करता है, वह एक सादा मुकुट पहनता है।[17]


प्रार्थना के तीन भाग होते हैं : बाइबल और धर्म ग्रंथों का पाठ, क्रॉस की पूजा और प्रभु भोज में सहभागिता. बाइबल पाठ के पहले भाग में जॉन लिखित या सुसमाचार से,, प्रभु यीशू के प्रति प्रेम और गुणगान की आवृत्ति या गायन होता है जो अक्सर एक से अधिक पाठकों या गायकों द्वारा किया जाता है। इस प्रथम चरण में प्रार्थना की एक शृंखला होती है जो चर्च, पोप, पादरी और चर्च में आने वाले गृहस्थों, बपतिस्मा के लिए तैयार लोगों, ईंसाइयों की एकता, यहूदी लोगों, प्रभु यीशु मसीह में विश्वास नहीं करने वालों, भगवान पर विश्वास नहीं करने वालों, सार्वजनिक कार्यालयों में काम करने वालों और विशेष तौर पर जरूरतमंद लोगों के लिए की जाती है।[18]


गुड फ्राइडे के त्यौहार के दूसरे चरण में क्रॉस की पूजा की जाती है, एक क्रूसीफिक्स जिसमें एक खास पारम्परिक ढंग से यीशु के लिए गीत गाये जाते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है फिर भी यह धार्मिक समागम आम तौर पर वेदी के पास होता है, जिसमें सत्य और निष्ठा के साथ सम्मान व्यक्त किया जाता है और खास तौर पर व्यक्तिगत रूप से जब प्रभु यीशू के प्रति प्रेम भाव के गीत गाये जा रहे हों. [19]

गुड फ्राइडे को शुभ धार्मिक उत्सव में समन्वय (आवर लेडी ऑफ़ लॉर्ड्स, फिलाडेल्फिया)


इसका तीसरा भाग होता है पवित्र प्रभु भोज का, जो इस त्यौहार की अंतिम कड़ी है। यह शुरू होती है आवर फादर के साथ लेकिन "रोटी तोड़ने की रस्म" और इससे संबंधित मंत्र, "Agnus DEI." का उच्चारण नहीं किया जाता. पवित्र गुरुवार की प्रार्थना सभा में अभिमंत्रित प्रभु प्रसाद को भक्तों में वितरित किया जाता है।[20]पोप पायस XII के सुधार के पहले केवल धर्माधिकारी को ही 'पूर्व पवित्र प्रार्थना सभा का उपहार' मिलता था, जिसमें आमतौर की प्रार्थनाओं के साथ यज्ञपात्र में शराब रखने का अधिकार भी शामिल था लेकिन प्रार्थना के इस धर्म विधान को खत्म कर दिया गया।[16]


पादरी और भक्त गण उसके बाद चुपचाप चले जाते हैं और प्रस्थान वेदी से कपड़े निकाल लिये जाते हैं, वेदी के पास केवल क्रॉस और दो या चार अगरबत्तियां रह जाती हैं।[21]

द वे ऑफ़ द क्रॉस, गुड फ्राइडे को रोम के कालीज़ीयम में मनाया गया।


तयशुदा सेवाओं के निष्क्रिय हो जाने के अलावा स्टेशनस ऑफ द क्रॉस या तो चर्च के अन्दर ही होते हैं या फिर उसके बाहर तथा प्रार्थना अपराह्न तीन बजे होती है जिसे तीन घंटे की पीड़ा कहा जाता है। माल्टा, इटली, फिलीपिंस, पुर्तो रिको और स्पेन में यीशू की मूर्तियों जो पैशन ऑफ़ क्राइस्ट को दर्शाती हों, के साथ जुलूस निकाले जाते हैं।


पॉलिश चर्चों में यीशु के मकबरे की एक झांकी की प्रतिकृति प्रार्थनास्थल पर रखी गयी है। कई श्रद्धालु रात में कई घंटे उनके मकबरे के पास बिताते हैं, जहां यीशु के शरीर के घावों पर चुम्बन करने की प्रथा है। यीशू के मकबरे में स्थित आदमकद प्रतिमा का दर्शन व्यापक रूप से भक्तों द्वारा विशेषकर पवित्र शनिवार को किया जाता है। इस सजीव चित्रण में फूले, मोमबत्तियाँ, निगरानी में खड़े स्वर्गदूत की मूर्तियाँ और माउन्ट कलवारी के ऊपर तीन क्रॉसें सम्मिलत हो सकती है। हर पेरिश सबसे कलात्मक और धार्मिक सद्भाव को उजागर करनेवाले प्रबंध के साथ पेश करने का प्रयास करते है जिसमे पवित्र प्रभु भोज को पारदर्शी कपडे में लपेट कर प्रर्दशित किया जाता है।

ईसा मसीह के लिए किये जानेवाले सुधार कार्य

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100 pxEI ग्रेसोस जीसस कैरिंग द क्रॉस, 1580.

रोमन कैथोलिक परंपरा में विशेष प्रार्थनाएं, यातनाएं और अपमान जो यीशु ने सहे, उनके लिए सुधार कार्यो के रूप में समर्पण शामिल है, जैसा यीशू ने गुड फ्राइडे पर अपने पैशन के दौरान कष्ट सहें.ईंसा मसीह के प्रति किये गए इन सुधार कार्यो में जीवित या दिवंगत हिताधिकारी के लिए याचिका शामिल नहीं है, लेकिन यीशू के विरूद्व के किये गए पापों का प्रायश्चित करने के उद्देश्य से किया जाता है। द रकोल्टा कैथोलिक प्रार्थना किताब (1854 के आदेश द्वारा अनुमोदित्त और 1898 में होली सी द्वारा प्रकाशित) में ऐसी प्रार्थनाएं शामिल की गयी है, जिसमे वर्जिन मेरी के प्रति सुधार कार्यो के रूप में प्रार्थनाये भी शामिल हैं।[22][23][24][25]


सुधारों पर पोप के परिपत्र मिजरेटिस्मस रिडेम्पटर में, पोप पायस XI ने ईसा मसीह के प्रति किये गए सुधार कार्यो को कैथोलिकों का कर्तव्य कहा और यीशु "को पहुंचाए गए आघातों के लिए एक प्रकार की क्षतिपूर्ति के रूप में " सम्मान के साथ समर्पित किया।[26]


पोप जॉन पौल II ने सुधार के कार्यो को "अथीन क्रॉसो के बगल में खड़े रहने का अविराम प्रयास है जिसपर प्रभु के पुत्र निरंतर सूली पर चढाये जाते हैं" के रूप में संदभित किया हैं".[27]

माल्टा - एक उदाहरण

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जैसे ही रोमन कैथोलिक चर्च पैशन ऑफ़ क्राइस्ट मनाते है, गुड फ्राइडे पर पवित्र सप्ताह का स्मरणोत्सव अपने चरम सीमा पर पहुँच जाता है।माल्टा और गोज़ो के आसपास के विभिन्न गावों में जुलूस के साथ सभी चर्चो में पवित्र अनुष्ठान होते हैं। इस उत्सव के दौरान, कुछ स्थानों में पैशन की कथा पढ़ी जाती हैं। तत्पश्चात क्रूस की आराधना की जाती है। गुड फ्राइडे के जुलूस बिरगु, बोर्मला, घक्साक, लुक्वा, मोस्टा, नक्सर, पावला, क्युरमी, राबत, सेंग्लेया, वेलेट्टा[28], ज़ेब्बग (सीटा रोहन) और ज़ेज्तुन में निकाले जाते हैं। गोज़ो में जुलूस नाडुर, विक्टोरिया(सेंट जोर्ज और कैथेडरल), जाघ्रा और जेबग, गोज़ो, में होंगे.

फिलीपिंस : एक उदाहरण

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मुख्यतः रोमन कैथोलिक फिलीपिंस में, यह दिन सड़क पर जुलूसों, वे ऑफ़ द क्रॉस और एक पैशन प्ले जिसे सेनाकुलो कहा गया है, के साथ मनाया जाता है। इस दिन घंटियों को न बजाकर और कोई प्रार्थना न कराकर चर्च पवित्र रखता है। देशभर के कुछ समुदायों में (विशेषकर मरीनाडक के कुछ द्वितीय प्रांत या सैन फर्नान्डो, प्म्पागा में) जुलूसों में भक्त (जिन्हें मोरियोन्स कहा जाता है) शामिल होते हैं और स्वास्थ्य की चिंता किये बिना और चर्च की अस्वीकृति के बावजूद, तपस्या के प्रतीक के रूप में स्वयं अपने आप को कोड़े मारते है और कभी-कभी अपने आप को कीलों से सूली पर लटका लेते हैं।[29] गुड फ्राइडे के दिन दोपहर में 3 बजे के बाद (वह समय जो परंपरानुसार यीशू के मरने का समय माना जाता है) शोर मचाने से निरुत्साहित किया जाता है, कुछ रेडियो और दूरदर्शन केंद्र और दुकाने बंद हो जाते है और भक्तों को ईस्टर रविवार तक बहुत पवित्र और प्रर्थनापूर्ण रहने के लिए निवेदन किया जाता है। अभी भी कुछ टेलीविजन नेटवर्क पवित्र उत्सव से संबंधित धार्मिक कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए प्रयासरत हैं।


सेबु और दुसरे द्वीपों में स्थानीय लोग साधारणत: उपवास के तौर पर बिनिग्नीट और बीको खाते है। बड़े बुजुर्ग भी गुड फ्राइडे के दिन तीन बजे के बाद स्नान करने को मना करते हैं।[तथ्य वांछित] मुख्य टेलीविजन नेटवर्क जैसे SVD संचार मंत्रालय और डोमीनिकन फादरस ऑफ़ फीलिपींस और दूसरे रोमन कथोलिक पेरिश में घटना प्रसारित करते हैं। इन घटनाओं में 'सेवेन लास्ट वर्ड ' का पठन, क्रॉस के केन्द्रों का अनुवाचन और कोमेमोरेशन ऑफ़ द लोर्ड की सेवाएं शामिल हैं।[तथ्य वांछित]

बाइज़ैंटीनी परंपरा की चर्च

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आइकोन ऑफ़ द क्रुसिफिक्सन, 16वीं सदी, थ्योफेंस द क्रेतान द्वारा (स्तैव्रोनिकिता मोनेस्ट्री, माउंट एथोस).


बाइज़ैंटीनी के ईसाई (पूर्वी ईसाई जो कोंसटैन्टिनोपल की प्रथा का अनुसरण करते हैं: पूर्वी धर्मनिष्ठ और ग्रीक कैथोलिक) इस दिन को "पवित्र और महान फ्राइडे" या सामान्यत: 'महान फ्राइडे' कहते हैं।


इस बलिदान से संबंधित दुःख और अनुताप के कराण, पवित्र लिटर्जी(ईंसाइयों के प्रार्थना करने की एक रीति) कभी भी गुड फ्राइडे को नही मनाया जाता; सिर्फ उस दिन को छोड़कर जब जन्मघोषणा का महान पर्व मनाया जाता है, जिसकी तारिख 25 मार्च निशिचत हैं, उन चर्चो के लिए जो पारंपरिक जुलियन कैलेंडर का अनुसरण करते है, आधुनिक जार्जियन कैलेंडर में 25 मार्च वर्तमान में 7 अप्रैल को पड़ता है).ग्रेट फ्राइडे पर भी, पादरी बैंगनी या लाल कपड़े, जो नियमानुसार, ग्रेट लेंट के दौरान पहना जाता था, अब नहीं पहनते[30]लेकिन इसके बजाय काले वस्त्र धारण करते हैं।पवित्र और महान गुरूवार को 'वेदी को अनावृत करना', जैसा कि पश्चिम में होता है, यहाँ नही है, बजाए इसके चर्च के सभी परदों को काले में बदल दिया जाता है और ऐसा महान शनिवार के पवित्र लिटरजी तक जारी रहता है।


भक्त इस दिन को दिनभर विशेष भजनों के सार्वजनिक गायन और धार्मिक शिक्षा के पठन के द्वारा याद करते है और यीशू की मौत से संबंधित स्तुति गीत गाते हैं। बहुमूल्य दृश्य चित्र और प्रतीक साथ ही विशेष भजनगान इन धार्मिक विधियों के उल्लेखनीय तत्व हैं।रूढ़िवादी सोच में, पवित्र सप्ताह की घटनाएं, भूतपूर्व घटनाओं का वार्षिक स्मरणोत्सव मात्र नहीं है, लेकिन भक्त यीशु की मृत्यु और पुनस्र्ज्जीवन में वास्तव में भाग लेते हैं।


इस दिन का हर घंटा नए कष्टों और उद्धारक के कष्टों के प्रायश्चित का नया प्रयास है। और इस पीड़ा की गूंज हमारी अर्चनाओं में पहले ही सुनी जा चुकी है जो करुणा की शक्ति और भावना में अद्वितीय और अतुलनीय हैं तथा उद्वारकर्ता की पीड़ा के लिए करुणा की अनन्त गहराई, दोनों ही में है। पवित्र चर्च भक्तों की आंखों के सामने खून पसीने से लथपथ प्रभु के कष्ट गेथ्सिमाने गार्डेन से लेकर गोल्गोथा में क्रूस पर चढाने तक का पूर्ण चित्र खोल देता है। सोच द्वारा हमें अतीत में पहुंचाकर, "पवित्र चर्च हमें गोलगोथा पर निर्मित क्रॉस के पायदान पर ला देता है और हमें उद्वारक के प्रति किये गए अत्याचार के समक्ष दर्शको के रूप में उपस्थित कराता है।[31]


पवित्र और महान फ्राइडे को एक कठोर उपवास के रूप में माना जाता है और वयस्क बाइज़ैंटीनी ईसाईयों से आशा की जाती है कि वे अपने आप को, जहाँ तक उनका स्वास्थय सह सके, पूरे दिन के लिए सभी प्रकार के खाद्य पदार्थो और पेय पदार्थो से दूर रखेंगे.इस पवित्र दिन पर न ही किसी को खाना परोसा जाता है और न ही इस बलिदान के दिन हम कुछ खाते हैं। अगर कोई असमर्थ है या बहुत बूढा हो गया है, उपवास करने में असमर्थ है, तौ उसे सूर्यास्त के बाद रोटी और पानी दिया जा सकता हैं। इस तरह हम पवित्र देवदूतों के आदेश, कि महान फ्राइडे को नहीं खाना चाहिए, के निकट आते है।[31]


पवित्र और महान फ्राइडे की चर्च प्रातः वंदनाएं

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पवित्र और महान फ्राइडे की बाइज़ैंटीनी ईसाई रीति, जिसे औपचारिक तौर पर 'द आर्डर ऑफ़ होली एंड सेविंग पैशन ऑफ़ आवर लोर्ड जेसस क्राइस्ट ' की शुरुआत गुरूवार रात को 'माटीन्स ऑफ़ द ट्वेल्व पैशन गोस्पेल्स ' के साथ होती हैं। इस चर्च वंदना की सर्वत्र बिखरी हुई सेवाएँ सभी चार धार्मिक शिक्षाओं से बारह पठन जो यीशू के लास्ट सपर और सूली पर चढाने तक की घटनाओं को याद दिलाता है. इन बारह पठनो में पहला साल का सबसे बड़ा धार्मिक पठन है। छठे धार्मिक उपदेश पठन के ठीक पहले, जो यीशु को क्रूस पर कीलो से गाडे जाने की कहानी को स्मरण कराता है; मोम्बतियों और अगरबतियों सहित, एक बड़ा क्रॉस पवित्र स्थान से पादरी द्वारा निकाला जाता है। इसे सुरंग के केंद्र में स्थापित कर दिया जाता है (जहाँ सभी भक्त इकठ्ठा होते है) साथ में यीशू के शारीर का (soma or corpus) दो-आयामी चित्रित प्रतीक इसमें चिपका रहता हैं। जैसे ही क्रॉस को उठाया जाता है, पादरी या गायक एक विशेष प्रतिस्तव का गायन करते हैं।


आज वह जिसने पृथ्वी को जल पर लटकाया; क्रूस पर लटका है (तीन बार)
वह जो देवदूतों का राजा है, कांटो के ताज से सजा है।
वह जो स्वर्ग को बादलो में लपेटे है, उपहास के जामुनी रंग में लिपटा है।
वह जिसने एडम को जार्डन में स्वतंत्र किया, अपने चेहरे पर आघात सहता है।
चर्च के दूल्हे का नाखून छेद दिया गया है।
वर्जिन के बेटे को भाला भोंक दिया गया है।
हे यीशु, हम तेरे जुनून का सम्मान करते हैं (तीन बार).
अपने गौरवपूर्ण पुनरुज्जीवन का पथ हमें भी दिखाओ.[32]


सेवा के दौरान, सभी सामने आते है और क्रॉस पर लटके यीशू के पैर को चूमते हैं। प्रतिष्ठाखण्ड के बाद, एक छोटी, भजन स्तुति, 'द वाइज थीफ ' उन गायकों के द्वारा गायी जाती है जो चर्च के केंद्र में स्थित क्रॉस के नीचे खड़े रहते हैं। सेवा पहले घण्टे के साथ खत्म नहीं होती, जैसा कि सामान्यतः होता है, लेकिन पादरी द्वारा एक विशेष बर्खास्तगी के साथ संपन्न होती है।

श्रेष्ठ घंटे

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अगले दिन फ्राइडे को पूर्वाह्न में, सभी फिर से श्रेष्ठ घंटे की प्रार्थना के लिए इकट्ठे होते है, कुछ घंटो का विशेष विस्तारित उत्सव (जिसमे पहला घंटा, तीसरा घंटा, छटवा घंटा, नौवा घंटा और टाईपिका) साथ में बाइबिल पठन की अतिरिक्तता (पुराने इच्छापत्र, धर्मपत्र और धार्मिक शिक्षा) और हर घण्टे में बलिदान के बारे में स्तुति होती है (कुछ अंश पिछले रात की पुनरावृति होती है).यह सेवा किसी तरह चरित्रत: उत्सव अधिक है और इसका "श्रेष्ठ" नाम उन दोनों तथ्यों से निकला है कि घण्टे सामान्य से अलग गंभीरता से आज्ञा पालन करने के लिए, यीशू राजा के स्मरण में, जिसने मनुष्य जाति के उद्धार के लिए अपना विनम्र बलिदान कर दिया और इस तथ्य से भी कि पहले सेवा में महाराजा और उनके दरबारी भाग लिया करते थे।


पवित्र और महान फ्राइडे की संध्या वंदना

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द एपिटाफिओस ("विन्डिंग शीट"), यीशू के शरीर को दफ़नाने की तैयारी का चित्रण.


अपराह्न ३ बजे वेवेस्पर्स ऑफ़ द टेकिंग-डाउन फ्रॉम द क्रॉस के लिए क्रॉस के शपथ के स्मरणोतस्त्व हेतु इकट्ठा होते है। यह धर्म पाठ चारों सुसमाचारों से लिया गया एक श्रृंखला है। सेवा के दौरान, जैसे ही धर्म पाठ के समय अरेमेथिया का जोसफ का वर्णन होता है, यीशू के शारीर (the soma) को क्रॉस से हटा दिया जाता है और मखमल के कफ़न में लपेटकर, पवित्र वेदी पर लाया जाता है। सेवा के समापन के समय एक समाधि या 'वक्र चादर'(यीशू के अंतिम संस्कार के लिए उनके चित्र की कढ़ाई किया हुआ कपड़ा) जो यीशू के मकबरे का प्रतिनिधित्व करता है, उसको जुलूस के साथ चर्च के मध्य रखे एक मेज़ पर लाकर रखा जाता है; यह अक्सर फूलों के गुच्छो के साथ सजाया जाता है। समाधि खुद भी, अंतिम संस्कार के कफ़न में लपेटे गए यीशू के शरीर का प्रतिनिधित्व करती है। उसके बाद पुरोहित सबको धर्मोपदेश देते है और सभी आगे बढ़कर समाधि के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। स्लाविक रीति में, सांध्य उपासना के बाद, फरियाद की जाती है जिसमे लोगोठेते के सीमोन द्वारा वितरित हमारे प्रभु का सूली पर चढ़ाया जाना और पवित्र ठोतोकोस का मातम - एक विशेष धर्मविधान होता हैं।


पवित्र और महान शनिवार की मध्यरात्रि वन्दनाएँ

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द एपीटाफिओस, जूलूस में ले जाए जा रहे
द एपीटाफिओस, बारात के लौटने पर रखा होगा.

शुक्रवार की रात, पवित्र और महान शनिवार की मध्यरात्रि में होनेवाली चर्च वन्दनाएँ, एक अद्वितीय आयोजन जिसे 'द लैमेनटेशन ऐट द टोम्ब '(Epitáphios Thrēnos) के नाम से जाना जाता है, आयोजित होती हैं, जिसमे कब्र पर मातम मनाया जाता है। इस आयोजन को कभी-कभी येरुशलम की मध्यरात्रि वन्दनाएँ भी कहा जाता है। आयोजन का ज्यादातर हिस्सा चर्च के मध्य भाग में स्थित यीशु की समाधि के आस-पास होता है। आयोजन की एक अद्वितीय विशेषता है स्तुति (Enkōmia) या भजनों से वन्दना, जो भजन 119 (जो बाइबल के सबसे लंबे भजनों में से भी बड़ा है) के छंदो में से ली गयी होती हैं और पादरी द्वारा उच्चारण की जाती हैं . महान ईश्वर स्तुति गान के अंत में, जब ट्रिसाजिन गाया जाता है, समाधी को चर्च के अन्दर और बाहर चारो ओर जुलूस में लाया जाता है और उसके बाद मकबरे में लौटा दिया जाता है। कुछ चर्च समाधि को दरवाजे पर; कमर के स्तर के ऊपर पकड़ने की प्रथा का पालन करते है, इससे अधिकांश विश्वासी इसके नीचे झुक जायेंगे, जैसे वे चर्च के अन्दर, यीशू के मौत और उसके जी उठने के प्रतीक में प्रवेश कर रहे है।


गुड फ्राइडे का भजन (The Troparion (hymn of the day)) है:

कविता

महान जोसफ, जब उसने तेरे पवित्र शरीर को वृक्ष से नीचे लाया, मसृण मखमल में लपेटा, मसालों के साथ लेप किया और इसे नए मकबरे में रख दिया. पिता और बेटे को और पवित्र आत्मा को गौरव प्रदान हो, अभी और आने वाले कई पीढियों के लिए. आमीन. देवदूत मकबरे के लोहवानवाली औरत के पास आया और कहा: लोहबान मृतकों के लिए ठीक है, लेकिन यीशु ने खुद को भ्रष्टाचार से अनजान दिखाया है।

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अंगलिकन कम्मुनियन

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1662 की आम प्रार्थना की पुस्तक गुड फ्राइडे पर पालन किए जाने वाले किसी विशेष रीति का वर्णन प्रस्तुत नहीं करती, लेकिन स्थानीय विधि आयोजन के पृथक्करण की आज्ञा ली, जिसमे क्रॉस के सात अंतिम शब्द और एक तीन घंटे का भजन संबंधित आयोजन, पूर्व के उच्च निर्वाचकगण (परिशेष के उच्च चर्च में सुरक्षित धर्मविधि का उपयोग करके) और इवेनसांग शामिल हैं। हाल के समय में प्रार्थना पुस्तकों और वैकलिपक आयोजन पुस्तकों के संशोधित संस्करण दुबारा निकाले गए हैं, गुड फ्राइडे के पुर्नगठित रूपों को मनाने के लिए जो आज के रोमन कैथोलिक चर्च में होता है, साथ ही भजन के सम्मान के लिए, जो इंग्लैण्ड के प्रमुख हेनरीकन, एड्वारडियन और एलिजाबेथेन के सुधारो के रूप में पालन होता हैं जिसमे क्रॉस के पास आगे बढ़ना भी शामिल है।

अन्य प्रोटेसटेंट परम्पराएं

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कई प्रोटेसटेंट समुदाय भी इस दिन विशेष आयोजन रखते हैं। जर्मन लुथरन परंपरा में 16वी से 20वी सदी तक, यह सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार था। लुथरेसियम में गुड फ्राइडे का पवित्र भोज मनाने पर कोई पाबंदी नहीं थी, इसके विपरीत, यह पवित्र भोज प्राप्त करने का प्रमुख दिन था और यहाँ तक कि आयोजन में ज्यादा जोर जिन बातों पर होता था वे है विशेष संगीत लुथरन जान सेबस्टियन बाक द्वारा सेंट मैथ्थिव पैसन का आयोजन. 20वीं सदी के मध्य में गुड फ्राइडे पर आयोजित होने वाले पवित्र भोज से लुथरन म्रिथ्योप्रांत प्रथा को हटा दिया गया, पवित्र भोज गुड फ्राइडे पर नहीं भी मनाया जा सकता है, लेकिन उसकी जगह मोंडी गुरूवार को मनाया जा सकता है। जो कुछ भी हो, लुथरन चर्च-मिसोरी साइनोड़ अपने सरकारी सेवा किताब लुथरन सर्विस बुक में गुड फ्राइडे पर युकेरिस्ट करने की अनुमति प्रदान करती है। मोरावियन गुड फ्राइडे पर प्रिय भोज मनाते है क्योंकि यह पवित्र भोज मोंडी गुरूवार को रखते हैं। मेथोडिस्ट चर्च भी स्मरणोत्सव गुड फ्राइडे का आयोजन, वंदना जो क्रॉस के अंतिम सात शब्दो पर आधारित है, के साथ करते हैं।[33][34] कुछ बपतिस्मा-दाता,[35]पंचश्तीत, कई सबाटरनियन[36]और गैर साम्प्रदायिक चर्च गुड फ्राइडे मनाने का विरोध करते है और बलिदान के उत्सव को शुक्रवार के बजाय बुधवार को मनाते हैं, जो पासोवर लंब के यहूदी बलिदान से मेल खाता है (जिसे ईसाई ईसा मसीह के पुराने विधान का सूचक है). ईसा मसीह के बलिदान का उत्सव अगर बुधवार को मनाया जाता है तो ईसा तीन दिन और तीन रात के लिए कब्र ('पृथ्वी का वक्ष') में होते जैसा उन्होंने फारिसियों को कहा था। मृत्यु का दिन शुक्रवार को मानने से वे दो रात और एक दिन के लिए कब्र में रहते (Matthew 12:40)[37][38]

संबंधित रीति-रिवाज

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बहुत सारे देशों में जहाँ ईसाई परंपरा का कठोरता से पालन किया जाता है, जैसे बारमुडा, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, कोस्टा रिका, पेरू, फिलिपींस, मेक्सिको, वेनेज़ुएला, कैरेबियाई देशे, जर्मनी, माल्टा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड[39][40][41] और ग्रेट ब्रिटेन, इस दिन को सार्वजनिक या संघीय छुट्टी के रूप में पालन किया जाता है।

बहुत से अंग्रेजी भाषी देशों, जैसे सिंगापुर में अधिकाँश दुकाने बंद कर दी जाती हैं और टेलिविज़न और रेडियो प्रसारण से कुछ विज्ञापन को हटा दिया जाता हैं।

कनाडा में, बैंक और सरकारी (सभी स्तर पर) और सार्वजनिक क्षेत्र के व्यवसायों को अधिकांश नीति क्षेत्र के व्यवसायों के साथ बंद कर दिया जाता है, सिर्फ क्यूबेक छोड़कर जहाँ सिर्फ सरकारी कार्यालयों और स्कूलों को बंद कर दिया जाता है पर नीति क्षेत्र के अधिकांश व्याव्साय (बैंक के अलावा) खुले रहते हैं।

हाँग काँग में, सभी व्यव्साय प्रतिष्ठान और सरकारी कार्यालय सार्वजनिक त्यौहार के लिए बंद रहते हैं। संयुक्त राज्य में संघीय स्तर पर गुड फ्राइडे राष्ट्रीय त्यौहार नहीं है, अलग-अलग राज्य और नगर पालिका छुट्टी मना सकते हैं। निजी व्यवसाय और कुछ अन्य संस्थान गुड फ्राइडे के लिए अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार बंद कर सकते हैं और नहीं भी कर सकते हैं। शेयर बाजार गुड फ्राइडे पर बंद रहता है। जो कुछ भी हो, व्यवसायों का विशाल बहुमत गुड फ्राइडे पर खुला रहता है। कुछ सरकारी स्कूल संयोगवश धर्मनिरपेक्षता की प्रधानता के कारन 'स्प्रिंग ब्रेक' के रूप में छुट्टी मन सकते हैं। डाक सेवा चालू रहती है और संघीय सरकार द्वारा संचालित बैंक गुड फ्राइडे पर कार्य बंद नहीं करते.

हॉट क्रॉस बंस

आयरलैण्ड मुख्यतः एक कैथोलिक देश, गुड फ्राइडे को बेचे जाने वाले सभी शराबो पर रोक लगा देता है। बैंक और सरकारी संस्थान इस दिन बंद रहते हैं पर यह कोई सरकारी बैंक छुट्टी नहीं है (सरकारी छुट्टी), इसलिए कई कार्यालय और दूसरे कार्यस्थल खुले रहते हैं। और आयरलैण्ड के सभी पब और कई रेस्टोरेंट इस दिन बंद रहते हैं - इस मामले में यह क्रिसमस दिवस के समान ही है। हाल ही में यह परंपरा आलोचना का शिकार हुई, जब धर्मनिरपेक्ष व्यापारियों ने धार्मिक उत्सवों को अपनी कमाई में हुई हानि के साथ जोड़ा

जर्मनी में, थिएटर के नाटक प्रदर्शनों और आयोजन जिसमे सार्वजनिक नृत्य शामिल हैं, इस दिन अवैध माने जाते हैं (यद्यपि यह प्रतिबन्ध ढीले तरीके से लागू किया जाता है); सिनेमा और दूरदर्शन प्रभावित नहीं होते यद्यापि कई टेलीविजन चैनल इस दिन धार्मिक अनुष्ठान दिखाते हैं। पिछले दशक में इन नियमों का गैर-ईसाईयों पर भी सख्ती से लागू किये जाने के कारण घोर विरोध हुआ। दक्षिण अफ्रीका में, इस दिन सरकार व्यवसायों को खोलती और मनोरंजन केन्द्रों को संचालित करती है (जैसे क्रिस्मश दिवस के दिन होता है). सभी सरकारी कार्यालय, विद्यालय और कुछ विशेष कारोबार कानूनानुसार इस दिन बंद रहते हैं। शराब को बेचना और खरीदना प्रतिबंधित हैं। भारत में, गुड फ्राइडे केन्द्रीय छुट्टी के साथ ही साथ राज्य की भी छुट्टी है, यद्यपि शेयर बाज़ार सामान्यतः बंद रहते हैं। कुछ राज्य जैसे- असम, गोवा और केरल जहाँ बहुमत में न होने के बावजूद ईसाईयों की प्रतिशत जनसंख्या अधिक है, (जहाँ पर ईसाईयों की ज्यादा तादाद है, के कई दूसरे व्यवसाय भी बंद रहते हैं) लेकिन देश के बाकी हिस्सों में ज्यादातर व्यवसाय गुड फ्राइडे के दिन खुले रहते हैं। अधिकांश विद्यालय गुड फ्राइडे के दिन बंद रहते हैं। मुस्लिम बहुतमत इंडोनेशिया में, गुड फ्राइडे राष्ट्रीय छुट्टी है। सभी सरकारी कार्यालय, विद्यालय, कुछ विशेष कारोबार गुड फ्राइडे के दिन कानूनानुसार बंद रहते हैं और कई अखबारें इस दिन प्रकाशन न करने का निर्णय लेती हैं। सिंगापूर में और साबा और सारावक के मलेशियन राज्यों में इसे सरकारी छुट्टी माना गया है। पूर्वी रूढ़िवादी ईसाई इस दिन और इसके अगले दिन कठोर व्रत रखते हैं जबकि रोमन कैथोलिक चर्च इस दिन और एश बुधवार को उपवास और परहेज़ करते हैं।

कई अंग्रेजी भाषी देशों में इस दिन गर्म मीठी रोटियां खाइ जाती हैं। बरमूडा में पतंग उड़ाई जाती हैं। अक्सर ये पतंगें, लकड़ी, रंगीन टिशू कागज़, गोंद और स्ट्रिंग की सहायता से हस्तनिर्मित होती हैं। पतंग का आकार और लकड़ी का उपयोग क्रॉस का प्रतीकत्व करती हैं, जिस पर यीशु मरे थे। साथ ही, पतंग का आसमान में उडना स्वर्ग के लिए उनके उदगम का प्रतीक है। परम्परानुसार, रोमन कैथोलिक तपस्या के रूप में हर शुक्रवार को मांस खाने से परहेज़ करते हैं। आजकल, यह नियम चालीसा के शुक्रवारों के दौरान ही पालन की जाती हैं; वर्ष के दूसरे शुक्रवारों के दौरान तपस्या की अन्य विधियों को अपनाया जाता है, उधाहरण स्वरुप एक अतिरिक्त प्रार्थना. आधुनिक परंपरा के रूप में, कई रोमन कैथोलिक (और दूसरे ईसाई वर्गों के सदस्य) गुड फ्राइडे के दिन सब्जी और मछली खातें हैं। ब्रिटेन में गुड फ्राइडे के दिन कोई घुड़दौड़ नहीं होती, हालांकि 2008 में जुए घरों को पहली बार इस दिन खुला रखा गया था। BBC कई वर्षो से गुड फ्राइडे के दिन रेडियो-4 पर सुबह 7 बजे समाचार प्रसारित करता है जो इसका वॉट्स के भजन के छंद 'वेन आई सर्वे द वोनडरस क्रॉस' के साथ शुरू होती है।

तिथि की गणना

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गुड फ्राइडे ईस्टर के पहले का फ्राइडे है, जो पूर्वी ईसाईयत और पश्चिमी ईसाईयत में अलग तरीकों से गिनी जाती है। (कम्पूटस को विस्तार से देखिये) ईस्टर पास्कल पूर्ण चन्द्रमा, वह पूर्ण चंद्रमा जो 21 मार्च को या उसके बाद की तारीख होती है, के बाद आनेवाले सबसे पहले रविवार को पड़ता है। पश्चिमी गणना जोर्जियन कैलेंडर का उपयोग करती है, जबकि पूर्वीय गणना जुलियन कैलेंडर का, जिसका 21 मार्च जोर्जियन कैलेंडर के 3 अप्रैल से मेल खाता है। पूर्ण चंद्रमा के तारीख को निश्चित करने के तरीके भी अलग होते हैं। ईस्टर तारीख गणना के नियम देखिये (दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया का खगोलीय समाज)।

पूर्वी ईसाईयत में, जूलियन कैलेंडर के अनुसार ईस्टर मार्च 20 और अप्रैल 25 के बीच पड़ सकता है (इस तरह जोर्जियन कैलेंडर में अप्रैल 4 से मई 8 के बीच; 1900 और 2099 की अवधि के दौरान), इसलिए गुड फ्राइडे 20 मार्च से 23 अप्रैल के बीच हो सकता है, संयुक्त: (जोर्जियन कैलेंडर के अनुसार 2 अप्रैल और 6 मई के बीच).(ईस्टर देखें.)

यह भी देखिये

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संबंधित दिन

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  1. https://margsatyajeevan.com/why-is-good-friday-called-good/
  2. आइजैक न्यूटन, 1733, ऑफ़ द टाइम्स ऑफ़ द बर्थ एंड पैसन ऑफ़ क्राइस्ट, "ओब्जर्वेसन अपोन द प्रोफेसिस ऑफ़ डैनियल एंड द एपोकेलिप्स ऑफ़ सेंट जॉन" में (लंदन: जे डर्बी और टी. ब्राउन).
  3. ब्रेडली शेफर, 1990, लूनर विजिबिलिटी एंड द क्रुसिफिक्सन क्वार्टरली.जर्नल ऑफ द रॉयल एस्ट्रॉनॉमिकल सोसायटी 31.
  4. क्रुसिफिक्सन की तिथि पर खगोलविद http://www.mirabilis.ca/archives/000736.html Archived 2011-04-25 at the वेबैक मशीन
  5. यीशू की मौत की तिथि पर खगोलविद http://english.pravda.ru/science/tech/16-05-2003/2819-christ-0 Archived 2009-11-21 at the वेबैक मशीन
  6. जॉन प्रैट न्यूटन का डेट फॉर द क्रुसिफिक्सन "रॉयल एस्ट्रॉनॉमिकल सोसायटी की त्रैमासिक पत्रिका", सितम्बर 1991.
  7. न्यूटन का डेट फॉर द क्रुसिफिक्सन http://www.johnpratt.com/items/docs/newton.html Archived 2010-01-16 at the वेबैक मशीन
  8. Matthew 27:45; Mark 15:13; Luke 23:44
  9. रोमन मिसल: गुड फ्राइडे, 1.
  10. रोमन मिसल: गुड फ्राइडे, 2.
  11. रोमन मिसल, गुड फ्राइडे, 3.
  12. लेटर ऑफ़ द कोंग्रिगेसन फॉर डिवाइन वरशिप, 14 मार्च 2003 Archived 2014-04-19 at the वेबैक मशीन .
  13. रोमन मिसल: गुड फ्राइडे, 4.
  14. रोमन मिसल: गुड फ्राइडे, 5.
  15. "रोमन मिसल का संस्करण 1962" (PDF). मूल (PDF) से 26 मार्च 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अक्तूबर 2009.
  16. "रोमन मिसल के विशिष्ट संस्करण 1920". मूल से 1 मार्च 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अक्तूबर 2009.
  17. केयारेमोनियल एपिस्कोपोरम, 315.
  18. रोमन मिसल: गुड फ्राइडे, 7-13.
  19. रोमन मिसल: गुड फ्राइडे, 14-21.
  20. रोमन मिसल: गुड फ्राइडे, 22-31.
  21. रोमन मिसल: गुड फ्राइडे, 32-33.
  22. कैथोलिक विश्वकोश http://www.newadvent.org/cathen/12775a.html[मृत कड़ियाँ]
  23. कैथोलिक विश्वकोश http://www.newadvent.org/cathen/12620a.html[मृत कड़ियाँ]
  24. जोसफ पी. क्रिस्टोफर एट अल., 2003 द रैकोलटा सेंट एथानासियास प्रेस ISBN 978-0-9706526-6-9.
  25. ऐन बॉल, 2003 इन्साइक्लोपिडिया ऑफ़ कैथोलिक डीवोसंस एंड प्रैक्टिसेस ISBN 0-87973-910-X .
  26. मिज़रेंटिसिमस रिडेम्प्टर इन्साइक्लिकल ऑफ़ [[चाचा छाछा छेत्र क्षेत्र अज्ञान दृश्य काका द्रव्य|पॉप पियुस XI]] http://www.vatican.va/holy_father/pius_xi/encyclicals/documents/hf_p-xi_enc_08051928_miserentissimus-redemptor_en.html Archived 2014-08-12 at the वेबैक मशीन .
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  33. "Christians mark Good Friday". The Daily Reflector. मूल से 30 मार्च 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मार्च 2007.
  34. "Good Friday". United Methodist Church. मूल से 7 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मार्च 2007.
  35. प्रूफ़ फॉर ए क्रुसिफिक्सन http://www.kjbbc.com/wednesdaycrucifix.html Archived 2009-08-22 at the वेबैक मशीन
  36. द रिसरेक्सन वाज नॉट ऑन सन्डे http://www.thetrumpet.com/index.php?q=4758.3049.102.0 Archived 2009-04-18 at the वेबैक मशीन
  37. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अक्तूबर 2009.
  38. "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 अप्रैल 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अक्तूबर 2009.
  39. होलिडेज एक्ट 2003 (न्यू ज़ीलैंड), धारा 17 वो दिन जो जनता की छुट्टी के दिन हैं Archived 2009-05-05 at the वेबैक मशीन
  40. शॉप ट्रेडिंग आवर्स एक्ट रिपील एक्ट 1990 (न्यू जीलैंड), धारा 3 दूकानें ऐन्ज़क डे मोर्निंग, गुड फ्राइडे, ईस्टर सन्डे, एंड क्रिसमस डे को बंद रहेंगी Archived 2009-04-18 at the वेबैक मशीन
  41. ब्राडकास्टिंग एक्ट 1989 (न्यू जीलैंड), धारा 79A वो घंटे जब चुनाव कार्यक्रम की मनाही हो Archived 2011-04-26 at the वेबैक मशीन, धारा 81 एडवरटाईजिंग आवर्स Archived 2009-04-18 at the वेबैक मशीन


बाहरी कड़ियाँ

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