"रासायनिक तत्व": अवतरणों में अंतर

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[[हाइड्रोजन]], [[नाइट्रोजन]], [[आक्सीजन]], तथा [[सिलिकॉन]] आदि कुछ तत्व हैं। सन २००७ तक कुल ११८ खोजे या पाए जा चुके हैं जिसमें से ९४ तत्व धरती पर रूप से विद्यमान हैं। कृत्रिम नाभिकीय अभिक्रियाओं के परिणामस्वरूप [[परमाणु क्रमांक]] वाले तत्व समय-समय पर खोजे जाते रहे हैं
[[हाइड्रोजन]], [[नाइट्रोजन]], [[ऑक्सीजन|आक्सीजन]], तथा [[सिलिकॉन]] आदि कुछ तत्व हैं। सन २००७ तक कुल ११८ खोजे या पाए जा चुके हैं जिसमें से ९४ तत्व धरती पर रूप से विद्यमान हैं। कृत्रिम नाभिकीय अभिक्रियाओं के परिणामस्वरूप [[परमाणु क्रमांक]] वाले तत्व समय-समय पर खोजे जाते रहे हैं


== इतिहास ==
== इतिहास ==
तत्व शब्द के साहित्यिक अर्थ अनेक हैं, पर [[रसायन विज्ञान]] में इसका प्रयोग विशेष अर्थ में होता है। पंचतत्व के अंतर्गत हमारे साहित्य में '''पृथ्वी, जल, तेजस, वायु और आकाश''' की गणना बहुत पुराने समय से होती आ रही है। पंचज्ञानेंद्रियों से रूप, रस, गंध स्पर्श और शब्द इन पंचतन्मात्राओं, पंचविषयों या पाँच संवेदनाओं की अनुभूति होती है और जिन स्थूल भूतों के कारण ये पंचतन्मात्राएँ व्यक्त होती हैं उन्हें ही पंचतत्व कहते हैं। सांख्य और वैशेषिक दर्शनों के आधार पर पृथ्वी का गुण गंध है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय नासिका है, जल का गुण रस है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय रसना या जिह्वा है, तेजस् या अग्नि का गुण रूप है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय चक्षु है, वायु का गुण स्पर्श है और तद्वविषयक ज्ञानेंद्रिय त्वचा है तथा आकाश का गुण शब्द है, जिससे संबंध रखनेवाली ज्ञानेंद्रिय कर्ण हैं।
तत्व शब्द के साहित्यिक अर्थ अनेक हैं, पर [[रसायन विज्ञान]] में इसका प्रयोग विशेष अर्थ में होता है। पंचतत्व के अंतर्गत हमारे साहित्य में '''पृथ्वी, जल, तेजस, वायु और आकाश''' की गणना बहुत पुराने समय से होती आ रही है। पंचज्ञानेंद्रियों से रूप, रस, गंध स्पर्श और शब्द इन पंचतन्मात्राओं, पंचविषयों या पाँच संवेदनाओं की अनुभूति होती है और जिन स्थूल भूतों के कारण ये पंचतन्मात्राएँ व्यक्त होती हैं उन्हें ही पंचतत्व कहते हैं। सांख्य और वैशेषिक दर्शनों के आधार पर पृथ्वी का गुण गंध है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय नासिका है, जल का गुण रस है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय रसना या जिह्वा है, तेजस् या अग्नि का गुण रूप है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय चक्षु है, वायु का गुण स्पर्श है और तद्वविषयक ज्ञानेंद्रिय त्वचा है तथा आकाश का गुण शब्द है, जिससे संबंध रखनेवाली ज्ञानेंद्रिय कर्ण हैं।


[[चीन]] के विद्वान् भी पुराने समय में, जैसा ईसा से 2,000 वर्ष पूर्व के लेख शू-किंग से पता चलता है, पाँच तत्व मानते थे। समस्त भौतिक सृष्टि के मूलाधार तत्व थे: '''पृथ्वी, अग्नि, जल धातु और काष्ठ'''। इन विद्वानों ने तत्व शब्द की कभी स्पष्ट परिभाषा देने की चेष्टा नहीं की। [[अरस्तू]] ने तत्वों के साथ भौतिक गुणों के संबंध का निर्देश किया। ये गुण थे: शुष्क या आर्द्र, उष्ण या शीतल और गुरु (भारी) या अल्प गुरु (हलका)।
[[चीन]] के विद्वान् भी पुराने समय में, जैसा ईसा से 2,000 वर्ष पूर्व के लेख शू-किंग से पता चलता है, पाँच तत्व मानते थे। समस्त भौतिक सृष्टि के मूलाधार तत्व थे: '''पृथ्वी, अग्नि, जल धातु और काष्ठ'''। इन विद्वानों ने तत्व शब्द की कभी स्पष्ट परिभाषा देने की चेष्टा नहीं की। [[अरस्तु|अरस्तू]] ने तत्वों के साथ भौतिक गुणों के संबंध का निर्देश किया। ये गुण थे: शुष्क या आर्द्र, उष्ण या शीतल और गुरु (भारी) या अल्प गुरु (हलका)।


यूरोप में 16वीं शती में रसायन के क्षेत्र का विस्तार हुआ, मामूली धातुओं को स्वर्ण में परिणत करना और आयु बढ़ाने एवं शरीर को निरोग करने के लिये ओषधियों की खोज करना रसायन का लक्ष्य बना। [[पैरासेल्सस]] ने तीन या चार तत्व माने, जिसके मूलाधार लवण, गंधक और पारद माने गए। ये तीनों क्रमश: स्थिरता, दहन या ज्वलन, एवं द्रवत्व या वाष्पशीलता के गुणों से संबंध रखते थे। 17वीं शती में फ्रांस एवं इंग्लैड में भी इसी प्रकार के विचारों के प्रश्रय मिलता रहा। डॉ॰ विलिस (1621-1675 ई0) ने मूलाधार सक्रिय तत्व ये माने : पारा या स्पिरिट, गंधक या तेल और लवण तथा इनके साथ निष्क्रिय तत्व जल या कफ और मिट्टी भी माने। जे0 बी0 वान हेलमॉण्ट (1577-1644 ई0) ने [[पानी]] को ही मुख्य तत्व माना और ये लवण, गंधक और पारे को भी मूलत: पानी समझते थे। हवा को भी उन्होने तत्व माना।
यूरोप में 16वीं शती में रसायन के क्षेत्र का विस्तार हुआ, मामूली धातुओं को स्वर्ण में परिणत करना और आयु बढ़ाने एवं शरीर को निरोग करने के लिये ओषधियों की खोज करना रसायन का लक्ष्य बना। [[पैरासेल्सस]] ने तीन या चार तत्व माने, जिसके मूलाधार लवण, गंधक और पारद माने गए। ये तीनों क्रमश: स्थिरता, दहन या ज्वलन, एवं द्रवत्व या वाष्पशीलता के गुणों से संबंध रखते थे। 17वीं शती में फ्रांस एवं इंग्लैड में भी इसी प्रकार के विचारों के प्रश्रय मिलता रहा। डॉ॰ विलिस (1621-1675 ई0) ने मूलाधार सक्रिय तत्व ये माने : पारा या स्पिरिट, गंधक या तेल और लवण तथा इनके साथ निष्क्रिय तत्व जल या कफ और मिट्टी भी माने। जे0 बी0 वान हेलमॉण्ट (1577-1644 ई0) ने [[जल|पानी]] को ही मुख्य तत्व माना और ये लवण, गंधक और पारे को भी मूलत: पानी समझते थे। हवा को भी उन्होने तत्व माना।


तत्व के संबंध में सबसे अधिक स्पष्ट विचार [[रॉबर्ट बॉयल]] (1627-1691 ई0) ने 1661 ई0 में रखा। उसने तत्व की परिभाषा यह दी कि हम तत्व उन्हें कहेंगें, जो किसी यांत्रिक या [[रासायनिक क्रिया]] से अपने से भिन्न दो पदार्थों में विभाजित न किए जा सकें।
तत्व के संबंध में सबसे अधिक स्पष्ट विचार [[रॉबर्ट बॉयल]] (1627-1691 ई0) ने 1661 ई0 में रखा। उसने तत्व की परिभाषा यह दी कि हम तत्व उन्हें कहेंगें, जो किसी यांत्रिक या [[रासायनिक अभिक्रिया|रासायनिक क्रिया]] से अपने से भिन्न दो पदार्थों में विभाजित न किए जा सकें।


स्टाल ने चार तत्व माने थे अम्ल, जल, पृथ्वी और फलॉजिस्टन। यह अंतिम तत्व वस्तुओं के जलने में सहायक होता था। रॉबर्ट बॉयल की परिभाषा को मानकर रसायनज्ञों ने तत्वों की सूची तैयार करनी प्रारंभ की। बहुत समय तक पानी तत्व माना जाता रहा। 1774 ई0 में [[प्रीस्टली]] ने [[ऑक्सीजन]] गैस तैयार की। [[कैवेंडिश]] ने 1781 ई0 में आक्सीजन और हाइड्रोजन के योग से पानी तैयार करके दिखा दिया और तब पानी तत्व न रहकर [[यौगिक|यौगिकों]] की श्रेणी में आ गया। [[लाव्वाज्ये]] ने 1789 ई0 में यौगिक और तत्व के प्रमुख अंतरों को बताया। उसके समय तक तत्वों की संख्या 23 पहुँच चुकी थी। 19वीं शती में [[सर हंफ्री डेवी]] ने [[नमक]] के मूल तत्व [[सोडियम]] को भी पृथक् किया और [[कैल्सियम]] तथा [[पोटासियम]] को भी यौगिकों में से अलग करके दिखा दिया। डेवी के समय के पूर्व [[क्लोरीन]] के तत्व होने में संदेह माना जाता था। लोग इसे ऑक्सिम्यूरिएटिक अम्ल मानते थे, क्योंकि यह म्यूरिएटिक अम्ल (नमक का तेजाब) के ऑक्सीकरण से बनता था, पर डेवी (1809-1818 ई0) ने सिद्ध कर दिया कि क्लोरीन तत्व है।
स्टाल ने चार तत्व माने थे अम्ल, जल, पृथ्वी और फलॉजिस्टन। यह अंतिम तत्व वस्तुओं के जलने में सहायक होता था। रॉबर्ट बॉयल की परिभाषा को मानकर रसायनज्ञों ने तत्वों की सूची तैयार करनी प्रारंभ की। बहुत समय तक पानी तत्व माना जाता रहा। 1774 ई0 में [[प्रीस्टली]] ने [[ऑक्सीजन]] गैस तैयार की। [[कैवेंडिश]] ने 1781 ई0 में आक्सीजन और हाइड्रोजन के योग से पानी तैयार करके दिखा दिया और तब पानी तत्व न रहकर [[रासायनिक यौगिक|यौगिकों]] की श्रेणी में आ गया। [[लाव्वाज्ये]] ने 1789 ई0 में यौगिक और तत्व के प्रमुख अंतरों को बताया। उसके समय तक तत्वों की संख्या 23 पहुँच चुकी थी। 19वीं शती में [[सर हंफ्री डेवी]] ने [[साधारण नमक|नमक]] के मूल तत्व [[सोडियम]] को भी पृथक् किया और [[कैल्सियम]] तथा [[पोटैशियम|पोटासियम]] को भी यौगिकों में से अलग करके दिखा दिया। डेवी के समय के पूर्व [[क्लोरीन]] के तत्व होने में संदेह माना जाता था। लोग इसे ऑक्सिम्यूरिएटिक अम्ल मानते थे, क्योंकि यह म्यूरिएटिक अम्ल (नमक का तेजाब) के ऑक्सीकरण से बनता था, पर डेवी (1809-1818 ई0) ने सिद्ध कर दिया कि क्लोरीन तत्व है।


प्रकृति में कितने तत्व हो सकते हैं, इसका पता बहुत दिनों तक रसायनज्ञों को न था। अत: तत्वों की खोज के इतिहास में बहुत से ऐसे तत्वों की भी घोषणा कर दी गई, जिन्हें आज हम तत्व नहीं मानते। 20वीं शती में [[मोजली]] नामक तरुण वैज्ञानिक ने [[परमाणु संख्या]] की कल्पना रखी, जिससे स्पष्ट हो गया कि सबसे हलके तत्व [[हाइड्रोजन|उदजन]] से लेकर प्रकृति में प्राप्त सबसे भारी तत्व [[यूरेनियम]] तक तत्वों की संख्या लगभग 100 हो सकती है। [[रेडियोधर्मिता|रेडियोधर्मी]] तत्वों की खोज ने यह स्पष्ट कर दिया कि तत्व [[बॉयल]] की परिभाषा के अनुसार सर्वथा अविभाजनीय नहीं है। प्रकृति में यूरेनियम विभक्त होकर स्वयं दूसरे तत्वों में परिणत होता रहता है। प्रयोगों ने यह भी संभव करके दिखा दिया है कि हम अपनी प्रयोगशालाओं में तत्वों का विभाजन और नए तत्वों का निर्माण भी कर सकते हैं। यूरेनियम के आगे 8-9 तत्वों को कृत्रिम विधि से बनाया भी जा सका है।
प्रकृति में कितने तत्व हो सकते हैं, इसका पता बहुत दिनों तक रसायनज्ञों को न था। अत: तत्वों की खोज के इतिहास में बहुत से ऐसे तत्वों की भी घोषणा कर दी गई, जिन्हें आज हम तत्व नहीं मानते। 20वीं शती में [[मोजली]] नामक तरुण वैज्ञानिक ने [[परमाणु क्रमांक|परमाणु संख्या]] की कल्पना रखी, जिससे स्पष्ट हो गया कि सबसे हलके तत्व [[हाइड्रोजन|उदजन]] से लेकर प्रकृति में प्राप्त सबसे भारी तत्व [[यूरेनियम]] तक तत्वों की संख्या लगभग 100 हो सकती है। [[रेडियोसक्रियता|रेडियोधर्मी]] तत्वों की खोज ने यह स्पष्ट कर दिया कि तत्व [[बॉयल]] की परिभाषा के अनुसार सर्वथा अविभाजनीय नहीं है। प्रकृति में यूरेनियम विभक्त होकर स्वयं दूसरे तत्वों में परिणत होता रहता है। प्रयोगों ने यह भी संभव करके दिखा दिया है कि हम अपनी प्रयोगशालाओं में तत्वों का विभाजन और नए तत्वों का निर्माण भी कर सकते हैं। यूरेनियम के आगे 8-9 तत्वों को कृत्रिम विधि से बनाया भी जा सका है।


== प्रचुरता ==
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23:55, 2 मार्च 2020 का अवतरण


हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, आक्सीजन, तथा सिलिकॉन आदि कुछ तत्व हैं। सन २००७ तक कुल ११८ खोजे या पाए जा चुके हैं जिसमें से ९४ तत्व धरती पर रूप से विद्यमान हैं। कृत्रिम नाभिकीय अभिक्रियाओं के परिणामस्वरूप परमाणु क्रमांक वाले तत्व समय-समय पर खोजे जाते रहे हैं

इतिहास

तत्व शब्द के साहित्यिक अर्थ अनेक हैं, पर रसायन विज्ञान में इसका प्रयोग विशेष अर्थ में होता है। पंचतत्व के अंतर्गत हमारे साहित्य में पृथ्वी, जल, तेजस, वायु और आकाश की गणना बहुत पुराने समय से होती आ रही है। पंचज्ञानेंद्रियों से रूप, रस, गंध स्पर्श और शब्द इन पंचतन्मात्राओं, पंचविषयों या पाँच संवेदनाओं की अनुभूति होती है और जिन स्थूल भूतों के कारण ये पंचतन्मात्राएँ व्यक्त होती हैं उन्हें ही पंचतत्व कहते हैं। सांख्य और वैशेषिक दर्शनों के आधार पर पृथ्वी का गुण गंध है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय नासिका है, जल का गुण रस है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय रसना या जिह्वा है, तेजस् या अग्नि का गुण रूप है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय चक्षु है, वायु का गुण स्पर्श है और तद्वविषयक ज्ञानेंद्रिय त्वचा है तथा आकाश का गुण शब्द है, जिससे संबंध रखनेवाली ज्ञानेंद्रिय कर्ण हैं।

चीन के विद्वान् भी पुराने समय में, जैसा ईसा से 2,000 वर्ष पूर्व के लेख शू-किंग से पता चलता है, पाँच तत्व मानते थे। समस्त भौतिक सृष्टि के मूलाधार तत्व थे: पृथ्वी, अग्नि, जल धातु और काष्ठ। इन विद्वानों ने तत्व शब्द की कभी स्पष्ट परिभाषा देने की चेष्टा नहीं की। अरस्तू ने तत्वों के साथ भौतिक गुणों के संबंध का निर्देश किया। ये गुण थे: शुष्क या आर्द्र, उष्ण या शीतल और गुरु (भारी) या अल्प गुरु (हलका)।

यूरोप में 16वीं शती में रसायन के क्षेत्र का विस्तार हुआ, मामूली धातुओं को स्वर्ण में परिणत करना और आयु बढ़ाने एवं शरीर को निरोग करने के लिये ओषधियों की खोज करना रसायन का लक्ष्य बना। पैरासेल्सस ने तीन या चार तत्व माने, जिसके मूलाधार लवण, गंधक और पारद माने गए। ये तीनों क्रमश: स्थिरता, दहन या ज्वलन, एवं द्रवत्व या वाष्पशीलता के गुणों से संबंध रखते थे। 17वीं शती में फ्रांस एवं इंग्लैड में भी इसी प्रकार के विचारों के प्रश्रय मिलता रहा। डॉ॰ विलिस (1621-1675 ई0) ने मूलाधार सक्रिय तत्व ये माने : पारा या स्पिरिट, गंधक या तेल और लवण तथा इनके साथ निष्क्रिय तत्व जल या कफ और मिट्टी भी माने। जे0 बी0 वान हेलमॉण्ट (1577-1644 ई0) ने पानी को ही मुख्य तत्व माना और ये लवण, गंधक और पारे को भी मूलत: पानी समझते थे। हवा को भी उन्होने तत्व माना।

तत्व के संबंध में सबसे अधिक स्पष्ट विचार रॉबर्ट बॉयल (1627-1691 ई0) ने 1661 ई0 में रखा। उसने तत्व की परिभाषा यह दी कि हम तत्व उन्हें कहेंगें, जो किसी यांत्रिक या रासायनिक क्रिया से अपने से भिन्न दो पदार्थों में विभाजित न किए जा सकें।

स्टाल ने चार तत्व माने थे अम्ल, जल, पृथ्वी और फलॉजिस्टन। यह अंतिम तत्व वस्तुओं के जलने में सहायक होता था। रॉबर्ट बॉयल की परिभाषा को मानकर रसायनज्ञों ने तत्वों की सूची तैयार करनी प्रारंभ की। बहुत समय तक पानी तत्व माना जाता रहा। 1774 ई0 में प्रीस्टली ने ऑक्सीजन गैस तैयार की। कैवेंडिश ने 1781 ई0 में आक्सीजन और हाइड्रोजन के योग से पानी तैयार करके दिखा दिया और तब पानी तत्व न रहकर यौगिकों की श्रेणी में आ गया। लाव्वाज्ये ने 1789 ई0 में यौगिक और तत्व के प्रमुख अंतरों को बताया। उसके समय तक तत्वों की संख्या 23 पहुँच चुकी थी। 19वीं शती में सर हंफ्री डेवी ने नमक के मूल तत्व सोडियम को भी पृथक् किया और कैल्सियम तथा पोटासियम को भी यौगिकों में से अलग करके दिखा दिया। डेवी के समय के पूर्व क्लोरीन के तत्व होने में संदेह माना जाता था। लोग इसे ऑक्सिम्यूरिएटिक अम्ल मानते थे, क्योंकि यह म्यूरिएटिक अम्ल (नमक का तेजाब) के ऑक्सीकरण से बनता था, पर डेवी (1809-1818 ई0) ने सिद्ध कर दिया कि क्लोरीन तत्व है।

प्रकृति में कितने तत्व हो सकते हैं, इसका पता बहुत दिनों तक रसायनज्ञों को न था। अत: तत्वों की खोज के इतिहास में बहुत से ऐसे तत्वों की भी घोषणा कर दी गई, जिन्हें आज हम तत्व नहीं मानते। 20वीं शती में मोजली नामक तरुण वैज्ञानिक ने परमाणु संख्या की कल्पना रखी, जिससे स्पष्ट हो गया कि सबसे हलके तत्व उदजन से लेकर प्रकृति में प्राप्त सबसे भारी तत्व यूरेनियम तक तत्वों की संख्या लगभग 100 हो सकती है। रेडियोधर्मी तत्वों की खोज ने यह स्पष्ट कर दिया कि तत्व बॉयल की परिभाषा के अनुसार सर्वथा अविभाजनीय नहीं है। प्रकृति में यूरेनियम विभक्त होकर स्वयं दूसरे तत्वों में परिणत होता रहता है। प्रयोगों ने यह भी संभव करके दिखा दिया है कि हम अपनी प्रयोगशालाओं में तत्वों का विभाजन और नए तत्वों का निर्माण भी कर सकते हैं। यूरेनियम के आगे 8-9 तत्वों को कृत्रिम विधि से बनाया भी जा सका है।

प्रचुरता

निम्नलिखित सारणी में हमारी गैलेक्सी में सबसे अधिक प्रचुरता में उपस्थित १२ तत्त्व दिए गए हैं। यह अनुमान स्पेक्ट्रोस्कोपी के द्वारा लगाया गया है। उनकी मात्रा द्रव्यमान के अनुसार 'पार्ट्स पर मिलियन' (ppm) (प्रति दस लाख) में दी गई है।

हमारी गैलेक्सी के तत्त्व प्रति दस लाख
(द्रव्यमान के अनुसार)
हाइड्रोजन 739,000
हिलियम 240,000
आक्सीजन 10,400
कार्बन 4,600
नियान 1,340
लोहा 1,090
नाइट्रोजन 960
सिलिकन 650
मैग्नीशियम 580
गन्धक 440
पोटाश 210
निकल 100

ज्ञात रासायनिक तत्त्व (118)

तत्त्वों की सूची
परमाणु
संख्या
नाम हिन्दी में नाम प्रतीक समूह पिरियड ब्लॉक अवस्था
एसटीपी पर
अस्तित्व वर्णन
1 हाइड्रोजन उदजन H 1 1 s गैस आदितत्त्व अधातु
2 हिलियम यानाति He 18 1 s गैस आदितत्त्व अक्रिय गैस
3 लिथियम लघ्वातु Li 1 2 s ठोस आदितत्त्व क्षार धातु
4 बेरिलियम विडूर Be 2 2 s ठोस आदितत्त्व अल्कली मृदा धातु
5 बोरॉन टांकण B 13 2 p ठोस आदितत्त्व मेटलायड
6 कार्बन प्रांगार C 14 2 p ठोस आदितत्त्व अधातु
7 नाइट्रोजन भूयाति N 15 2 p गैस आदितत्त्व अधातु
8 आक्सीजन प्राणवायु, जारक O 16 2 p गैस आदितत्त्व अधातु
9 फ्लोरीन तरस्विनी F 17 2 p गैस आदितत्त्व हैलोजन
10 निआन शिथिराति Ne 18 2 p गैस आदितत्त्व अक्रिय गैस
11 सोडियम क्षारातु Na 1 3 s ठोस आदितत्त्व क्षार धातु
12 मैग्नीशियम भ्राजातु Mg 2 3 s ठोस आदितत्त्व अल्कली मृदा धातु
13 एलुमिनियम स्फट्यातु Al 13 3 p ठोस आदितत्त्व धातु
14 सिलिकन सैकता Si 14 3 p ठोस आदितत्त्व मेटलायड
15 फॉस्फोरस भास्वर P 15 3 p ठोस आदितत्त्व अधातु
16 सल्फर गंधक S 16 3 p ठोस आदितत्त्व अधातु
17 क्लोरीन नीरजी Cl 17 3 p गैस आदितत्त्व हैलोजन
18 आर्गन मंदाति Ar 18 3 p गैस आदितत्त्व अक्रिय गैस
19 पोटाश दहातु K 1 4 s ठोस आदितत्त्व क्षार धातु
20 कैल्सियम चूर्णातु Ca 2 4 s ठोस आदितत्त्व अल्कली मृदा धातु
21 स्कैण्डियम स्तोकातु Sc 3 4 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
22 टाइटेनियम रंजातु Ti 4 4 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
23 वनेडियम रोचातु V 5 4 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
24 क्रोमियम वर्णातु Cr 6 4 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
25 मैंगनीज अयस Mn 7 4 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
26 आयरन लोहा Fe 8 4 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
27 कोबाल्ट केत्वातु Co 9 4 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
28 निकल गिलट Ni 10 4 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
29 कॉपर ताँबा, ताम्र Cu 11 4 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
30 ज़िंक जस्ता Zn 12 4 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
31 गैलियम द्रवातु Ga 13 4 p ठोस आदितत्त्व धातु
32 जर्मेनियम सिकातु Ge 14 4 p ठोस आदितत्त्व मेटलायड
33 आर्सैनिक संखिया, नैपाली As 15 4 p ठोस आदितत्त्व मेटलायड
34 सेलेनियम मेचाग्नि Se 16 4 p ठोस आदितत्त्व अधातु
35 ब्रोमियम दुराघ्री Br 17 4 p द्रव आदितत्त्व हैलोजन
36 क्रिप्टॉन लीनाति Kr 18 4 p गैस आदितत्त्व अक्रिय गैस
37 रुबिडियम दीपातु Rb 1 5 s ठोस आदितत्त्व क्षार धातु
38 स्ट्रॉन्सियम शोणातु Sr 2 5 s ठोस आदितत्त्व अल्कली मृदा धातु
39 यिट्रियम भृशला Y 3 5 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
40 जर्कोनियम गोमेदातु Zr 4 5 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
41 नायोबियम काशातु Nb 5 5 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
42 मॉलीब्डेनम संवर्णातु Mo 6 5 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
43 टेक्निशियम चेष्टातु Tc 7 5 d ठोस Transient संक्रमण धातु
44 Ruthenium नक्षरातु Ru 8 5 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
45 रोडियम नाम्लातु Rh 9 5 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
46 पलेडियम निचूषातु Pd 10 5 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
47 सिलवर चाँदी, रजत Ag 11 5 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
48 कैडमियम मृज्यातु Cd 12 5 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
49 इंडियम नैलातु In 13 5 p ठोस आदितत्त्व धातु
50 टिन त्रपु Sn 14 5 p ठोस आदितत्त्व धातु
51 एण्टीमनी अंजन Sb 15 5 p ठोस आदितत्त्व मेटलायड
52 टेल्युरियम वंगक Te 16 5 p ठोस आदितत्त्व मेटलायड
53 आयोडीन जंबुकी I 17 5 p ठोस आदितत्त्व हैलोजन
54 जेनॉन कोटयाति Xe 18 5 p गैस आदितत्त्व अक्रिय गैस
55 सीजियम द्युतातु Cs 1 6 s ठोस आदितत्त्व क्षार धातु
56 बेरियम हर्यातु Ba 2 6 s ठोस आदितत्त्व अल्कली मृदा धातु
57 लैन्थनम सुजारला La 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
58 सीरियम पुष्कला Ce 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
59 Praseodymium श्यामला Pr 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
60 नियोडिमियम आपीतला Nd 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
61 प्रोमेथियम पिविरला Pm 3 6 f ठोस Transient लैन्थेनाइड
62 समेरियम धूसरला Sm 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
63 यूरोपियम किंविरला Eu 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
64 Gadolinium योनिला Gd 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
65 टर्बियम इद्भृशला Tb 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
66 Dysprosium चुम्बला Dy 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
67 Holmium पांडुला Ho 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
68 Erbium रक्तला Er 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
69 Thulium व्याहरिला Tm 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
70 Ytterbium श्वेतला Yb 3 6 f ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
71 Lutetium निर्वर्णला Lu 3 6 d ठोस आदितत्त्व लैन्थेनाइड
72 Hafnium गावातु Hf 4 6 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
73 टैंटलम सहातु Ta 5 6 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
74 टंगस्टन चण्डातु W 6 6 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
75 Rhenium बाष्पातु Re 7 6 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
76 Osmium गुर्वातु Os 8 6 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
77 इरिडियम घनातु Ir 9 6 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
78 प्लेटिनम महातु Pt 10 6 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
79 गोल्ड सोना, स्वर्ण Au 11 6 d ठोस आदितत्त्व संक्रमण धातु
80 मरकरी पारा Hg 12 6 d द्रव आदितत्त्व संक्रमण धातु
81 थैलियम सिक्ष्यातु Tl 13 6 p ठोस आदितत्त्व धातु
82 लॅड सीसा Pb 14 6 p ठोस आदितत्त्व धातु
83 बिस्मथ भिदातु Bi 15 6 p ठोस आदितत्त्व धातु
84 पोलोनियम तोयातु Po 16 6 p ठोस Transient मेटलायड
85 Astatine लावणी At 17 6 p ठोस Transient हैलोजन
86 रेडॉन तैजसाति Rn 18 6 p गैस Transient अक्रिय गैस
87 फ्रांसियम क्षुद्रातु Fr 1 7 s ठोस Transient क्षार धातु
88 रेडियम तेजातु Ra 2 7 s ठोस Transient अल्कली मृदा धातु
89 ऐक्टिनियम एजातु Ac 3 7 f ठोस Transient ऐक्टिनाइड
90 थोरियम ह्रसातु Th 3 7 f ठोस आदितत्त्व ऐक्टिनाइड
91 Protactinium प्रैजातु Pa 3 7 f ठोस Transient ऐक्टिनाइड
92 यूरेनियम किरणातु U 3 7 f ठोस आदितत्त्व ऐक्टिनाइड
93 नेप्चूनियम दृढ़ातु शp 3 7 f ठोस Transient ऐक्टिनाइड
94 प्लोटोनियम मलिनातु Pu 3 7 f ठोस आदितत्त्व ऐक्टिनाइड
95 अमेरिसियम रुचातु Am 3 7 f ठोस Transient ऐक्टिनाइड
96 क्युरियम पीवरातु Cm 3 7 f ठोस Transient ऐक्टिनाइड
97 बर्केलियम कोमलातु Bk 3 7 f ठोस Transient ऐक्टिनाइड
98 कैलिफोर्नियम उच्चरातु Cf 3 7 f ठोस Transient ऐक्टिनाइड
99 आइंस्टीनियम Es 3 7 f ठोस संश्लेषित ऐक्टिनाइड
100 फर्मियम Fm 3 7 f ठोस संश्लेषित ऐक्टिनाइड
101 मेंडलीवियम Md 3 7 f ठोस संश्लेषित ऐक्टिनाइड
102 नोबिडियम No 3 7 f ठोस संश्लेषित ऐक्टिनाइड
103 लारेंसियम Lr 3 7 d ठोस संश्लेषित ऐक्टिनाइड
104 रदरफोर्डियम Rf 4 7 d संश्लेषित संक्रमण धातु
105 डब्नियम Db 5 7 d संश्लेषित संक्रमण धातु
106 Seaborgium Sg 6 7 d संश्लेषित संक्रमण धातु
107 बोरियम Bh 7 7 d संश्लेषित संक्रमण धातु
108 हैसियम Hs 8 7 d संश्लेषित संक्रमण धातु
109 Meitnerium Mt 9 7 d संश्लेषित
110 Darmstadtium Ds 10 7 d संश्लेषित
111 रोएंटजेनियम Rg 11 7 d संश्लेषित
112 कोपरनिसियम Cn 12 7 d संश्लेषित संक्रमण धातु
113 (Ununtrium) Uut 13 7 p संश्लेषित
114 Flerovium Fl 14 7 p संश्लेषित
115 (Ununpentium) Uup 15 7 p संश्लेषित
116 Livermorium Lv 16 7 p संश्लेषित
117 (Ununseptium) Uus 17 7 p संश्लेषित
118 (Ununoctium) Uuo 18 7 p संश्लेषित

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ