बांग्लादेश के उपजिले
बांग्लादेश के उपजिले | |||||||||||||||
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स्थान | बांग्लादेश | ||||||||||||||
उपखंड | [1]
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बांग्लादेश की राजनीति और सरकार पर एक श्रेणी का भाग |
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विदेश नीति |
बांग्लादेश में उपजिले,(बांग्ला: উপজেলা, उच्चारण:उपोजेला) जिलों के अधीनस्थ, बांग्लादेश के तृतीय स्तर के प्रशासनिक अंचल हैं। बांग्लादेश को ऐसे, कुल १९० प्रशासनिक अंचलों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक उपज़िले में अनेक यूनियन परिषद्, नगर पालिकाएँ और मोहल्ले और पाड़ाएँ होते है। प्रत्येक जिले में औसतन ८ से १५ उपजिले होते हैं, जबकि न्यूनतम ४ और अधिक्तम् २२ उपजिले हैं।
इन उपजिलों को पूर्वतः "थाना" कहा जाता था। उपजिलों का नाम, सामान्यतः संभंधित जनपदीय मुख्यालय के नाम पर रखा जाता है। प्रत्येक उपजिले में, एक उपजिला निर्वाहि अधिकारी नियुक्त किया जाता है, जोकि उस उपजिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है। तथा सरे उपजिलों में एक उपजिला परिषद् होती है, जोकि उपजिले की मुख्य प्रशासनिक निकाय होती है।
बांग्लादेश का प्रशासनिक ढाँचा
[संपादित करें]बांग्लादेश एक एकात्मक राज्य है, अतः उसकी शासन प्रणाली किसी एकमेव शक्ति के रूप में सुनियोजित है, जिसमें केन्द्रीय सरकार अन्ततः सर्वोच्च है, तथा सारी उपराष्ट्रीय इकाइयाँ और उनको प्राप्त होने वाले अधिकार केन्द्रीय सरकार के पूर्णतः अधीन हैं और केन्द्रीय सरकार के अंतर्गत् कार्य करती हैं(जोकि भारत या अमेरिका जैसे संघात्मक देशों के विरुद्ध है, जहाँ राज्य सरकारें संघीय सरकार से स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं)। अतः बांग्लादेश के उपराष्ट्रीय इकाइयाँ पूर्णतः, केवल प्रशासनिक निकाय हैं, और इनका राष्ट्रीय राजनीती में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती है।
बांग्लादेश की सर्वोच्च प्रशासनिक संसथान बांग्लादेश की केन्द्रीय सरकार है, जिसका मूलासन राजधानी ढाका है। बांग्लादेश को कुल ६४ जिलों में विभाजित किया गया है, जिन्हें, प्रशासनिक कारणों हेतु कुल ८ प्रशासनिक अंचलों में संयोजित किया गया है, जिन्हें विभाग कहा जाता है। प्रत्येक विभाग के अंतर्गत अधिक्तम् १३ (ढाका विभाग) और न्यूनतम् ४ (सिलेट विभाग) ज़िले आते हैं। इन विभागों का नाम, संभंधित विभागीय मुख्यालय के नाम पर रखा जाता है।
प्रत्येक जिलों को कई उपजिलों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जिले में औसतन ८ से १५ उपजिले होते हैं, जबकि न्यूनतम ४ और अधिक्तम् २२ उपजिले हैं। इन उपजिलों को पूर्वतः "थाना" कहा जाता था। इन तमाम उपजिलों में अनेक यूनियन परिषद् तथा नगर पालिकाएँ होते हैं। यूनियन परिषद् केवल ग्रामीण क्षेत्रों में होते है(इनकी तुलना भारत में ग्राम पंचायतों से की जा सकती है), जबकि कस्बों और नगरीय व उपनगरीय क्षेत्रों में नगर पालिकाएँ होती हैं। इनके अलावा, महानगरों में नगर निगम होते हैं, जिनपर, नगर पालिकाओं से कुछ अतिरिक्त अधिकार निहित होते हैं। इन सारे स्थानीय निकायों को संबंधित निर्वाचित अधिकारीयों के दिशानिर्देशों द्वारा चलाया जाता है।
प्रशासन
[संपादित करें]उपजिला निर्वाहि अधिकारी
[संपादित करें]उपजिला निर्वाहि अधिकारी का पद उपजिला स्तर का एक गैर-निर्वाचित प्रशासनिक स्तर का पद होता है, जोकि उपजिले के प्रशासन को कार्यान्वित करने हेतु ज़िम्मेदार होते है। इस पद के पदाधिकारी, बांग्लादेश सिविल सेवाओं के सहायक सचिव के स्तर के अधिकारी होते हैं।
उपजिला परिषद्
[संपादित करें]उपजिला परिषद्, प्रत्यरक उपजिले की एक निर्वाचित निकाय होती है, जोकि स्थानीय प्रशासन की महत्वपूर्ण निकाय होती है। यह परिषद् प्रत्येक चुनाव के पश्चात् एक उपजिला प्रशासन करने हेतु, अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और एक महिला उपाध्यक्ष का चुनाव करती है। महिला उपाध्यक्ष को परिषद् के एक-तियाही महिला पार्षदों के प्रतिनिधित्व हेतु चुना जाता है।