बांग्लादेश की न्यायपालिका
बांग्लादेश की राजनीति और सरकार पर एक श्रेणी का भाग |
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विदेश नीति |
बांग्लादेश के न्यायिक व्यस्था, बांग्लादेशी भूमि पर निवास करने वाले लोगों को सामान्य तथा आपराधिक मामलों में न्याय प्रदान करने की व्यस्था है। इसका मूल ढांचा बांग्लादेश के संविधान के भाग ५ में दिया गया है। बांग्लादेश की न्यायपालिका के दो भाग हैं: सर्वोच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायपालिका। श्रेष्ठतर न्यायपालिका, बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रचित है, जिसके दो विभाग हैं, उच्च न्यायालय विभाग और अपीलीय विभाग, तथा अधीनस्थ न्यायपालिका में जिला न्यायालय इत्यादि जैसे सारे निम्नस्थ न्यायालय व न्यायाधिकरण आते हैं।
इतिहास
[संपादित करें]संरचना
[संपादित करें]बांग्लादेशी संविधान का अनुछेद २२ यह सिद्ध करता है कि यह राज्य का दायित्व होगा की वह राज्य के कार्यकारी तथा न्यायिक अंगों को पूर्णतः विभक्त करे, परंतु संविधान के इस पद को बांग्लादेश के शुरूआती दिनों में, उपेक्षित रखा गया था। बहरहाल, २००७ में दाल-विहीन सामयिक सरकार ने इस दिशा में कार्य प्रारम्भ किया, तथा १ नवंबर २००७ में सफल रही। संविधान का भाग ५(अनुछेद ९४-११७) न्यायपालिका से सम्बंधित विधानों को अंकित करता है। इस भाग के दो अध्याय हैं, पहले अध्याय(अनुछेद ९४-११३) में सर्वोच्च न्यायालय से सम्बंधित विधान अंकित हैं, तथा दुसरे अध्याय(अनुछेद ११४-११७) में, अधीनस्थ न्यायालयों से सम्बंधित विधानों को अंकित किया गया है। अनुछेद ९४ के उक्ति अनुसार बांग्लादेश के उच्चतम् न्यायालय के दो भिन्न विभाग होंगे, अपीलीय विभाग तथा उच्च न्यायालय विभाग, तथा एक मुख्य न्यायाधीश होगा, जोकि, अपीलीय विभाग के अन्य न्यायाधीशों के साथ केवल तथा केवल अपीलीय विभाग में ही आसान ग्रहण करेंगे। अपीलीय विभाग के पास उच्च न्यायालय के अपीलों पर सुनवाई करने तथा निर्णय लेने का अधिकार है, जबकि उच्च न्यायालय वीभाग के पास अपीलीय तथा प्रारंभिक, दोनों ही अधिकारिता विद्यमान हैं। उच्च न्यायालय (विभाग) अधीनस्थ न्यायालयों एवं न्यायाधिकरणों के निर्णयों पर अपीलीय सुनवाई लेने तथा निर्णय सुनाने का अधिकार है। वह रिट आवेदन पर भी सुनवाई लेने तथा निर्णय सुनाने में सक्षम है।