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नासा

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नासा
NASA

National Aeronautics and Space Administration
नैशनल एरोनॉटिक्स एण्ड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन
राष्ट्रीय वैमानिकी और अन्तरिक्ष प्रबन्धन
नासा का चिह्न नारा: फ़ॉर द़ बॅनॆफ़िट ऑफ़ ऑल (अंग्रेज़ी: For the Benefit of All, हिन्दी: सर्वलाभ हेतु)[1]
नासा का चिह्न
नारा: फ़ॉर द़ बॅनॆफ़िट ऑफ़ ऑल (अंग्रेज़ी: For the Benefit of All, हिन्दी: सर्वलाभ हेतु)[1]
संस्था अवलोकन
स्थापना जुलाई 29, 1958; 66 वर्ष पूर्व (1958-07-29)
पूर्ववर्ती संस्थाएं एन.ए.सी.ए. (1915–1958)[2]
अधिकार क्षेत्र अमेरिकी सरकार
मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी.
कर्मचारी 18,800+[3]
वार्षिक बजट US$17.8 billion (FY 2012)[4]
संस्था कार्यपालकगण चार्ल्स बोल्डेन, प्रबन्धक
 
लोरी गार्वर, डेप्युटी प्रबन्धक
वेबसाइट
nasa.gov

नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन, जिसे संक्षेप में नासा (NASA) कहा जाता है, संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की एक शाखा है। यह संस्था अमेरिका के अंतरिक्ष कार्यक्रमों, वैमानिकी (एरोनॉटिक्स), और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए जिम्मेदार है। नासा का मुख्य लक्ष्य अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक खोज, और हवाई प्रौद्योगिकी में प्रगति करना है।

नासा अपने अर्थ ऑब्जर्विंग सिस्टम से पृथ्वी के पर्यावरण और जलवायु की गहरी समझ विकसित करता है। हेलियोफिजिक्स रिसर्च के जरिए सूर्य और अंतरिक्ष मौसम का अध्ययन करता है। न्यू होराइजंस जैसे रोबोटिक मिशनों से सौर मंडल के ग्रहों और क्षुद्रग्रहों की खोज करता है। ग्रेट ऑब्जर्वेटरीज के माध्यम से बिग बैंग और खगोल भौतिकी पर शोध करता है। नासा वैश्विक संगठनों के साथ ग्रीनहाउस गैस डेटा साझा कर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देता है।

नासा का गठन नैशनल एरोनॉटिक्स एण्ड स्पेस अधिनियम के अन्तर्गत 29 जुलाई 1958 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था [5] नैशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनएसीए) के स्थान पर किया गया था। इस संस्था ने 1 अक्टूबर 1958 से कार्य करना शुरू किया।[6][7] तब से आज तक अमेरिकी अन्तरिक्ष अन्वेषण के सारे कार्यक्रम नासा द्वारा सञ्चालित किए गए हैं जिनमे अपोलो चन्द्रमा अभियान, स्कायलैब अन्तरिक्ष स्टेशन और बाद में अन्तरिक्ष शटल शामिल है।[8]

वर्तमान

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वर्तमान में नासा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को समर्थन दे रही है, चाँद पर फिर से मानव को भेजने के लिये आर्टेमिस कार्यक्रम चला रही है, और ओरायन बहु-उपयोगी कर्मीदल वाहन व व्यापारिक कर्मीदल वाहन के निर्माण व विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। संस्था लॉन्च सेवा कार्यक्रम (एलएसपी) के लिए भी जिम्मेदार है जो लॉन्च कार्यों व नासा के मानवरहित लॉन्चों कि उलटी गिनती पर ध्यान रखता है,नासा का इतिहास

नासा की स्थापना 1958 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था अंतरिक्ष अनुसंधान को बढ़ावा देना और मानव को अंतरिक्ष में भेजना। नासा ने अपने शुरुआती दिनों में कई महत्वपूर्ण मिशन किए, जैसे कि प्रोजेक्ट मर्करी और प्रोजेक्ट जेमिनी। इन मिशनों ने मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए नींव रखी।

नासा के कुछ महत्वपूर्ण मिशन

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अपनी स्थापना के बाद से अंतरिक्ष अन्वेषण, खगोलविज्ञान और पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्रों में कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। इसकी पहलों और मिशनों ने अंतरिक्ष के बारे में मानवता की समझ को गहरा किया है। नीचे नासा की कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ और हालिया मिशनों का विवरण प्रस्तुत है:

अपोलो कार्यक्रम

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Apollo_11_bootprint_2
चंद्रमा पर लिए गए पहले कदमों में से एक यह अपोलो 11 मिशन के दौरान बज़ एल्ड्रिन के जूते का निशान है। नील आर्मस्ट्रॉन्ग और बज़ एल्ड्रिन ने 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर कदम रखा था।

अपोलो 11 मिशन के अंतर्गत, 20 जुलाई 1969 को नासा ने मानव को पहली बार चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतारा। अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग और बज़ एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर कदम रखा, जबकि माइकल कॉलिन्स कमांड मॉड्यूल में रहे। आर्मस्ट्रॉन्ग के ऐतिहासिक शब्द—"That's one small step for man, one giant leap for mankind."—मानवता की वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रतीक बन गए। अपोलो कार्यक्रम के अंतर्गत एकत्र किए गए चंद्रमा की चट्टानों और मिट्टी के नमूनों से चंद्रमा की उत्पत्ति और भूगर्भीय संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुईं।[9]

हबल स्पेस टेलीस्कोप

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हबल स्पेस टेलीस्कोप, जिसे 1990 में कक्षा में स्थापित किया गया, अंतरिक्ष का पहला प्रमुख ऑप्टिकल वेधशाला है। यह पृथ्वी के वायुमंडलीय प्रभावों से मुक्त होकर दूरस्थ आकाशीय पिंडों की उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियाँ प्रदान करता है। इसने आकाशगंगाओं, नीहारिकाओं, ब्लैक होल और डार्क एनर्जी जैसे जटिल खगोलीय विषयों के अध्ययन में क्रांति ला दी। 2025 में हबल की 35वीं वर्षगांठ पर मंगल ग्रह और तारों के निर्माण क्षेत्रों की नवीनतम तस्वीरें जारी की गईं।[10]

मंगल रोवर्स

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NASA_Mars_Rover
एक कलाकार की कल्पना में नासा का मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर मंगल ग्रह की सतह पर दिखाई देता है। ऑपर्च्युनिटी और स्पिरिट रोवर्स को 2003 में कुछ हफ्तों के अंतराल पर लॉन्च किया गया था और ये जनवरी 2004 में मंगल की सतह पर अलग-अलग स्थानों पर उतरे थे। दोनों रोवर्स को इस तरह बनाया गया था कि वे एक रोबोटिक भूवैज्ञानिक की तरह काम कर सकें, यानी चलने-फिरने की क्षमता के साथ ज़रूरी वैज्ञानिक उपकरणों से लैस थे।

नासा द्वारा मंगल ग्रह पर भेजे गए रोवर्स: स्पिरिट, ऑपर्च्युनिटी, क्यूरियोसिटी और पर्सीवरेंस ने मंगल की सतह, जलवायु और भूविज्ञान का व्यापक अध्ययन किया है।

  • क्यूरियोसिटी (2012) ने मंगल की सतह से मिट्टी और चट्टानों के नमूने एकत्र किए।
  • पर्सीवरेंस (2021) ने जैविक संकेतों की खोज के लिए उन्नत वैज्ञानिक उपकरणों के साथ कार्य किया और साथ ही इंजेन्यूटी हेलीकॉप्टर को भी मंगल पर ले गया, जो किसी अन्य ग्रह पर पहली बार उड़ान भरने वाला वाहन बना।
  • 2025 में क्यूरियोसिटी ने मंगल ग्रह की सतह का एक वीडियो जारी किया जिसमें वहां की ध्वनियाँ भी रिकॉर्ड की गईं।[11][12]

वॉयेजर मिशन

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वॉयेजर 1 और वॉयेजर 2, जिन्हें 1977 में प्रक्षेपित किया गया था, का उद्देश्य सौरमंडल के बाहरी ग्रहों: बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून का अध्ययन करना था। ये यान अब इंटरस्टेलर स्पेस (तारों के बीच का अंतरिक्ष) में पहुँच चुके हैं, और ये मानव द्वारा बनाई गई सबसे दूरस्थ वस्तुएँ हैं। वॉयेजर यानों में गोल्डन रिकॉर्ड शामिल है, जिसमें पृथ्वी की ध्वनियाँ, चित्र और संगीत दर्ज हैं।[13][14]

हालिया मिशन (2024–2025)

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यूरोपा क्लिपर

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यूरोपा क्लिपर, अक्टूबर 2024 में प्रक्षेपित किया गया[15], बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा का अध्ययन करेगा। यह मिशन 2025 में मंगल ग्रह के निकट से गुजरेगा, जिससे उसे गति और प्रक्षेपवक्र प्राप्त होगा। यूरोपा की बर्फीली सतह के नीचे एक महासागर होने की संभावना है, जो जीवन की संभावनाओं के लिए एक प्रमुख लक्ष्य बनाता है। इसका यूरोपा पर आगमन अप्रैल 2030 में अपेक्षित है।[16]

ब्लू घोस्ट मिशन 1

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ब्लू घोस्ट मिशन 1, 15 जनवरी 2025 को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित हुआ।[17] यह मिशन मारे क्रिसियम नामक चंद्रमा के एक प्राचीन प्रभाव स्थल पर उतरा। इसने 10 वैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से चंद्र धूल (रेगोलिथ) का विश्लेषण किया। यह मिशन 2 मार्च 2025 को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरा।[18]

स्फेरेक्स (SPHEREx)

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SPHEREx (Spectro-Photometer for the History of the Universe, Epoch of Reionization and Ices Explorer) एक इन्फ्रारेड वेधशाला है, जिसे फरवरी 2025 में लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य ब्रह्मांड के इतिहास का अध्ययन करना है। यह 450 मिलियन आकाशगंगाओं और 100 मिलियन तारों का 3D नक्शा बनाएगा। 2025 में, इसने वेला मॉलिक्यूलर रिज की पहली अवरक्त छवि साझा की।[19]

एस्केपेड (EscaPADE)

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EscaPADE (Escape and Plasma Acceleration and Dynamics Explorers) मिशन के तहत, 2025 में दो छोटे उपग्रह मंगल की कक्षा में भेजे जाएंगे। ये उपग्रह मंगल के ऊपरी वायुमंडल, सौर हवा के प्रभाव और चुंबकीय गतिविधियों का अध्ययन करेंगे।[20]

भविष्य की योजनाएँ

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आर्टेमिस कार्यक्रम

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नासा का स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट, ओरियन अंतरिक्ष यान को लेकर, 16 नवंबर 2022 को सुबह 1:47 बजे (EST) फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39B से आर्टेमिस I उड़ान परीक्षण के लिए प्रक्षेपित हुआ। यह मिशन नासा की डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन प्रणाली, यानी ओरियन यान, SLS रॉकेट और ग्राउंड सिस्टम्स का पहला संयुक्त परीक्षण था।

आर्टेमिस कार्यक्रम नासा की एक प्रमुख अंतरिक्ष अन्वेषण पहल है, जिसका उद्देश्य 21वीं सदी में मानव को पुनः चंद्रमा पर भेजना है, विशेष रूप से दक्षिणी ध्रुव जैसे नए क्षेत्रों में।

  • आर्टेमिस I (2022): एक मानवरहित परीक्षण मिशन, जिसमें स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) और ओरियन यान की उड़ान और सुरक्षा प्रणालियों का सफल परीक्षण किया गया।
  • आर्टेमिस II (2026): पहला मानवयुक्त मिशन, जिसमें चार अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की परिक्रमा करेंगे लेकिन सतह पर नहीं उतरेंगे।
  • आर्टेमिस III (2027): यह मिशन 1972 के बाद पहली बार मानव को चंद्रमा की सतह पर उतारेगा। इस मिशन में अंतरिक्ष यात्री Axiom Space द्वारा विकसित और Prada द्वारा सह-डिज़ाइन किए गए नए पीढ़ी के स्पेससूट पहनेंगे[21], जो कार्यक्षमता और गतिशीलता के साथ आधुनिक डिजाइन का संयोजन हैं।

नासा इस कार्यक्रम के तहत लूनर गेटवे, एक चंद्र कक्षीय स्टेशन, की स्थापना भी कर रहा है, जो भविष्य के चंद्र और मंगल अभियानों के लिए एक स्थायी मंच के रूप में कार्य करेगा।[22]

ड्रैगनफ्लाई

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ड्रैगनफ्लाई, 2027 में लॉन्च होने वाला एक मिशन है, जिसमें एक उड़न यान टाइटन (शनि का चंद्रमा) की सतह पर विभिन्न स्थलों का अध्ययन करेगा। टाइटन की सतह पर मीथेन झीलें, वायुमंडलीय दबाव और जैविक यौगिक उपस्थित हैं, जो इसे जीवन की संभावना के लिए आकर्षक बनाते हैं।[23]

निसार (NISAR)

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निसार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) एक संयुक्त अमेरिकी-भारतीय उपग्रह मिशन है, जिसे जुलाई 2025 के अंत तक लॉन्च किया जाना प्रस्तावित है। यह पृथ्वी की सतह की गतिशीलता, जैसे भूकंप, भूस्खलन, हिमनद परिवर्तन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी करेगा।[24]

निष्कर्ष

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नासा ने अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसने ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को गहरा किया है और मानव को अंतरिक्ष में भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नासा के भविष्य के मिशन हमें और भी रोमांचक खोजों की ओर ले जाएंगे,NASA केवल विज्ञान और तकनीकी का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह मानव जाति के सपनों और उसके अनंत संभावनाओं का प्रतिबिंब है। अंतरिक्ष की गहराईयों में क्या छिपा है, यह जानने की यात्रा अभी बाकी है, और NASA इस सफर का अगुआ बना हुआ है।


सन्दर्भ

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  1. Lale Tayla and Figen Bingul (2007). "NASA stands "for the benefit of all."—Interview with NASA's Dr. Süleyman Gokoglu". The Light Millennium. मूल से से 12 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित।. अभिगमन तिथि: सितंबर 29, 2054. {{cite web}}: Check date values in: |accessdate= (help)
  2. U.S. Centennial of Flight Commission, NACA Archived 2008-04-30 at the वेबैक मशीन. Centennialofflight.gov. Retrieved on 3 नवंबर 2011.
  3. "NASA workforce profile". NASA. जनवरी 11, 2011. 24 अगस्त 2011 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: January 17, 2011.
  4. Teitel, Amy (2 दिसंबर 2011). "A Mixed Bag for NASA's 2012 Budget". DiscoveryNews. 14 नवंबर 2012 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 30 जनवरी 2012.
  5. नवभारत टाइम्स. "नासा ने लगाया पता, किस मौसम में कैसा रहता है मङ्गल का वातावरण". 18 मई 2016 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 16 मई 2016.
  6. NASA (2005). "The National Aeronautics and Space Act". NASA. 23 मार्च 2013 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: अगस्त 29, 2007.
  7. Lucas, William R. (1989-07). From naca to nasa. NASA. pp. 32–33. ISBN 978-0-16-004259-1. 7 जून 2009 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: May 27, 2009. {{cite book}}: Check date values in: |date= (help); More than one of |author= and |last= specified (help)
  8. "As ISRO Works on Human Spaceflight, a Glimpse of Its Challenges From 45 Years Ago". 31 दिसंबर 2018 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 31 दिसंबर 2018.
  9. "The Apollo Program". NASA.
  10. "Hubble Space Telescope". NASA.
  11. "Mars Exploration Rovers Spirit and Opportunity". NASA.
  12. "Perseverance Rover". NASA.
  13. "Voyager Mission". NASA.
  14. "The Golden Record of Voyager". Space.com.
  15. NASA's Europa Clipper launches on its way to study Jupiter's icy moon BBC Sky at Night Magazine
  16. "Europa Clipper Mission". NASA.
  17. Blue Ghost Mission 1: Live Updates Firefly Aerospace
  18. "Firefly Aerospaces Blue Ghost Mission". NASA.
  19. SPHEREx mission NASA JPL
  20. EscaPADE mission Berkeley, USA
  21. Artemis 3 astronauts will wear a Prada spacesuit to land on the moon in 2026 Wonders in Space
  22. NASA Artemis missions Royal Museums Greenwich
  23. Dragonfly, NASA's mission to Saturn's moon Titan The Planetary Society
  24. NASA-ISRO SAR (NISAR) Satellite ISRO