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जुआन रामों जिमनेज़

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जुआन रामों जिमनेज़
जन्मजुआन रामों जिमनेज़ मान्टेकों
23 दिसम्बर 1881
मागुएर (मोगुएर),
स्पेन
मौत29 मई 1958(1958-05-29) (उम्र 76 वर्ष)
सैन जुआन
पेशाकवि
राष्ट्रीयतास्पेनिश
विधाकविता
जीवनसाथीज़ेनोबिआ कैम्प्रुबि

जुआन रामों जिमनेज़ (Juan Ramón Jiménez) {नाम के अन्य प्रचलित रूप - युआन रामोन जिमेनेज़[1], जुआन रामों हिमनेथ[2]}[1881-1958] स्पेनिश कवि थे। 1956 ई० में साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता।

जीवन-परिचय

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जुआन रामों जिमनेज़ का जन्म अमेरिका के पोर्टोरिको में[2] 23 दिसंबर 1881 को हुआ था। इनके पिता बैंकर थे और वे स्पेन के मागुएरा नगर में रहते थे। वहाँ उनकी शराब के व्यापार में रुचि थी। 5-6 साल की जीसट अकादमी में शिक्षा के बाद इन्हें कानून के अध्ययन के लिए विश्वविद्यालय भेजा गया; परंतु ये चित्रकला, कविता लिखने और साहित्य पढ़ने में मस्त रहते थे। इन्ही दिनों इन्होंने फ्रेंच, जर्मन, और स्पेनिश भाषा की कविताएँ भी पढ़ी थीं। इन्होंने जेनोबिया नामक स्त्री के साथ मिलकर रवींद्रनाथ ठाकुर की कृतियों का स्पेनिश में अनुवाद किया था। बाद में इसी महिला से इन्होंने विवाह भी किया।[2] 1936 ई० में स्पेन में गृहयुद्ध शुरू हुआ तो इन्हें सांस्कृतिक अटैची के रूप में अमेरिका भेजा गया, जिसे एक प्रकार से निर्वासन भी माना जाता है। इन दिनों इन्होंने क्यूबा, पोर्टोरिको और अमेरिका के अनेक स्थानों और विश्वविद्यालयों में भाषण किये। लेखन कम हो गया था, परंतु बंद नहीं। 1951 में वे अपनी पत्नी के साथ पोर्टोरिको में ही बस गये। 1956 में जब उन्हें नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ, तो उस समय उनकी पत्नी मरणासन्न थी। पुरस्कार के समय उनकी ओर से उनका भाषण उनके एक मित्र ने पढ़ा था, जिसमें जिमनेज़ ने कहा था कि इस पुरस्कार की वास्तविक विजेता मेरी पत्नी है।[3]

रचनात्मक परिचय

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जिमनेज़ के गीत स्पेनी भाषा में है और गेय होने के कारण स्पेनी भाषा क्षेत्र में बड़े प्रेम से गाये जाते हैं। उनकी कविताएँ उच्च भाव एवं कलात्मक शुद्धता से परिपूर्ण मानी जाती हैं। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय लेखन में ही लगाया। उन्होंने कविताएँ तो लिखीं ही, प्रकाशन संबंधी अन्य कामों में भी व्यस्ततापूर्ण समय बिताया। फ्रेंच साहित्यकारों में उनकी रचनाओं की काफी चर्चा हुई। 1914-15 ई० में प्रकाशित उनका अध्यात्म गीत (साॅनेट्स ऑफ स्पिरिचुएल) काफी चर्चा का विषय बना, क्योंकि अपने स्वरूप में उसने 16वीं सदी के स्पेन गीतों की याद दिला दी।[3]

प्रकाशित पुस्तकें

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  • कविता-संग्रह
  1. वायलेट सोल्स
  2. वाटर लिली
  3. राइम्स -1902
  4. एरियस -1903
  5. डिस्टेंड गार्डन -1904
  6. पोस्ट्राल्स -1905
  7. साॅनेट्स स्पिरिचुएल (अध्यात्म-गीत) -1914-15
  8. समर -1915
  9. डायरी ऑफ ए न्यूली वैड पोएट -1917
  • गद्य रचनाएँ
  1. प्लेटोरोय और मैं
  2. स्पानोल्स डि ट्रेस मुन्डोज़
  3. राइडर्स टु द सी

सन्दर्भ

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  1. हिंदी विश्वकोश, खंड-6, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, संस्करण-1966, पृ०-451.
  2. नोबेल पुरस्कार विजेता साहित्यकार, राजबहादुर सिंह, राजपाल एंड सन्ज़, नयी दिल्ली, संस्करण-2007, पृ०-190.
  3. नोबेल पुरस्कार विजेता साहित्यकार, पूर्ववत्, पृ०-191.