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क्रिमिनल (1995 फ़िल्म)

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क्रिमिनल

क्रिमिनल का पोस्टर
निर्देशक महेश भट्ट
लेखक जय दीक्षित (संवाद)
निर्माता मुकेश भट्ट
अभिनेता अक्किनेनी नागार्जुन,
मनीषा कोइराला,
रम्या कृष्णा
संगीतकार एम॰ एम॰ क्रीम
प्रदर्शन तिथियाँ
21 जुलाई, 1995
देश भारत
भाषा हिन्दी

क्रिमिनल 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह महेश भट्ट द्वारा निर्देशित है। इसमें अक्किनेनी नागार्जुन, रम्या कृष्णा और मनीषा कोइराला अभिनीत है।[1] तेलुगु और हिन्दी भाषाओं में एक साथ फिल्माई गई इस फिल्म का निर्माण तेलुगु में के.एस. रामा राव द्वारा और हिन्दी में विशेष फिल्म्स बैनर के तहत मुकेश भट्ट द्वारा किया गया।

इसमें एम॰ एम॰ कीरावणी ने संगीत दिया था (हिंदी में एम॰ एम॰ क्रीम के रूप में श्रेय दिया गया)। यह 1993 की अमेरिकी फिल्म द फ्यूजिटिव से प्रेरित थी।[2] तेलुगु संस्करण 14 अक्टूबर 1994 को जारी हुआ, जबकि हिन्दी संस्करण 21 जुलाई 1995 को जारी हुआ। यह अभिनेता अजीत की आखिरी फिल्म रही।

संक्षेप

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एक महिला अस्पताल में इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ थी और इस कारण उसकी मृत्यु हो जाती है। इसे देखने के बाद डॉ. अजय कुमार (अक्किनेनी नागार्जुन) अमेरिका में बसने के अपने प्लान को रद्द कर देता है और इसके बजाय एक अस्पताल खोलने की योजना बनाता है। यह अस्पताल उन लोगों के लिए सुलभ होगा जो इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते। इससे कई लोगों का ध्यान वहां जाता है और वह लोकप्रिय हो जाता है। खासकर दो युवा महिलाएँ, डॉ. श्वेता (मनीषा कोइराला) और एसीपी रम्या (रम्या कृष्णन) उसे चाहने लगती हैं। उसे श्वेता से प्यार हो जाता है और दोनों शादी कर लेते हैं, जिससे रम्या का दिल टूट जाता है। इसके तुरंत बाद, स्वेता गर्भवती हो जाती है।

जब श्वेता को एक दोस्त की डायग्नोस्टिक रिपोर्ट देखने के दौरान अपने अस्पताल में एक भयावह अंग-तस्करी का पता चलता है, तो वह रम्या को फोन करती है। इसके तुरंत बाद, श्वेता पर एक हत्यारे द्वारा हमला किया जाता है और पुलिस को फोन कर दिया जाता है। अजय श्वेता को खोजने के लिए घर जाता है लेकिन वह जल्द ही चोटों के कारण दम तोड़ देती है। पुलिस उसके शव को ढूंढने पहुंचती है और हत्या के आरोप में अजय को गिरफ्तार कर लेती है। अदालत ने भी अजय को दोषी पाया और उसे मौत की सज़ा सुनाई गई। सज़ा सुनाने के लिए जेल ले जाते समय, पुलिस बस दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है। अजय भाग जाता है और अपना रूप बदल लेता है। पुलिस ने उसकी तलाश की लेकिन उसे पकड़ नहीं पाई। अजय अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए रम्या के घर जाता है। इस बीच उसे पता चलता था कि रम्या को उससे प्यार है। अजय असली हत्यारे को पकड़ लेता है और उसे पता चलता है कि तस्करी समेत हर चीज़ के पीछे अजय का दोस्त डॉ. प्रताप था। अंत में, वह अस्पताल को फिर से खोलता है और श्वेता की तस्वीर पर माला डालता है। अब वह और रम्या दोस्त बने हुए हैं।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत इन्दीवर द्वारा लिखित; सारा संगीत एम॰ एम॰ क्रीम द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."तुम मिले दिल खिले"कुमार शानू, अलका यागनिक6:03
2."जानू जानू जानू"कुमार शानू, अलका यागनिक5:10
3."तुम मिले दिल खिले — पुरुष संस्करण"कुमार शानू6:18
4."मुझको छुपा ले"कुमार शानू, अलीशा चिनॉय4:49
5."किसी का तू हो जा"अभिजीत, के॰ एस॰ चित्रा5:00
6."कीमती कीमती है ज़िन्दगी"एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, के॰ एस॰ चित्रा, अलका यागनिक5:01
7."तुम मिले दिल खिले — महिला संस्करण"अलका यागनिक6:04

सन्दर्भ

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  1. "निर्देशक महेश भट्ट के जन्मदिन के अवसर पर जानें उनकी फिल्मों के बारे में". आउटलुक . अभिगमन तिथि 24 मार्च 2024.
  2. "जब मशहूर डायरेक्टर ने छपवा दिया 'मनीष कोइराला इज डेड', कटा था खूब बवाल, नागार्जुन की फिल्म से है कनेक्शन". News18 हिंदी. 30 मार्च 2023. अभिगमन तिथि 24 मार्च 2024.

बाहरी कड़ियाँ

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