आठवीं अनुसूची
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भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है। इस अनुसूची में २२ भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है। इनमें से १४ भाषाओं को संविधान में शामिल किया गया था। सन १९६७ में, सिन्धी भाषा को अनुसूची में जोड़ा गया। इसके बाद, कोंकणी भाषा, मणिपुरी भाषा, और नेपाली भाषा को १९९२ में जोड़ा गया। हाल में २००४ में बोड़ो भाषा, डोगरी भाषा, मैथिली भाषा, और संथाली भाषा शामिल किए गए।[1]
अनुसूची[संपादित करें]
- असमिया भाषा
- उर्दू भाषा
- ओड़िया भाषा
- कन्नड़ भाषा
- कश्मीरी भाषा
- कोंकणी भाषा
- गुजराती भाषा
- डोगरी भाषा
- तमिल भाषा
- तेलुगू भाषा
- नेपाली भाषा
- पंजाबी भाषा
- बंगाली भाषा
- बोड़ो भाषा
- मणिपुरी भाषा
- मराठी भाषा
- मलयालम भाषा
- मैथिली भाषा
- संथाली भाषा
- संस्कृत भाषा
- सिन्धी भाषा
- हिन्दी भाषा
शामिल करने की मांग[संपादित करें]
संविधान के आठवें अनुसूची में ३८ अन्य भाषाओं को शामिल करने की मांग है। य़े भाषाए हैं:[1]
- अंगिका भाषा
- बंजारा भाषा
- बज्जिका
- भोजपुरी भाषा
- भोटी भाषा
- भोटीया भाषा
- बुंदेली भाषा
- छत्तीसगढ़ी भाषा
- धक्ती भाषा
- अंग्रेज़ी भाषा
- गढ़वाली भाषा
- गोंडी भाषा
- गोजरी भाषा
- हो भाषा
- कच्छी भाषा
- कामतापुरी भाषा
- कार्बी भाषा
- खासी भाषा
- कोडावा भाषा
- ककबरक भाषा
- कुमाऊँनी भाषा
- कुराक भाषा
- कुरमाली भाषा
- लेप्चा भाषा
- लिंबू भाषा
- मिज़ो भाषा
- मगही
- मुंडारी भाषा
- नागपुरी भाषा
- निकोबारी भाषा
- हिमाचली भाषा
- पालि भाषा
- राजस्थानी भाषा
- कोशली / सम्बलपुरी भाषा
- शौरसेनी भाषा
- सराइकी भाषा
- टेनयीडी भाषा
- तुलू भाषा
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ अ आ "Eighth Schedule" [आठवीं अनुसूची] (PDF). गृह मंत्रालय, भारत सरकार (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि २० जुलाई २०१७.