मिज़ो भाषा
मिज़ो भाषा मिज़ोरम की एक प्रमुख भाषा है। इसे 'लुशाई' भी कहते हैं। मिज़ोरम को 1954 तक 'लुशाई पर्वतीय ज़िले' के नाम से जाना जाता था मिजोरम के अतिरिक्त यह भाषा मिज़ोरम से सटे मणिपुर, त्रिपुरा, चटगांव हिल और चिन हिल्स के आसपास के क्षेत्रों में भी बोली जाती है। मिज़ो का शाब्दिक अर्थ "उंची भूमि के वासी" है (मि = "लोग", जो़ = "उंची भूमि")।
इतिहास[संपादित करें]
मिजो भाषा, तिब्बती-बर्मन की कुकी-चिन शाखा के अन्तर्गत आती है। मिजो के कई समुदायों की विभिन्न बोलियों में मिजो, सबसे अधिक प्रचलन में थी जो कालान्तर में एक सर्वमान्य भाषा बन के रूप उभरी।
लेखन प्रणाली[संपादित करें]
ईसाई धर्म प्रचारकों ने मिजो़ भाषा को लिखने के लिये रोमन लिपि पर आधारित एक लिपि विकसित की। मिजो़ भाषा को लिखने में निम्न स्वर और व्यंजनों का उपयोग किया जाता है:
a, aw, b, ch, d, e, f, g, ng, h, i, j, k, l, m, n, o, p, r, s, t, ţ, u, v और z.
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- हिन्दी-अंग्रेजी-मिजो शब्दकोश
- Dictionary of Lushai Language Archived 2020-08-13 at the Wayback Machine