आज़ाद हिन्द
आर्ज़ी हुक़ूमत-ए-आज़ाद हिन्द | ||||||
अंतःकालीन सरकार; साम्राज्यिआई जापान द्वारा समर्थित | ||||||
| ||||||
| ||||||
राष्ट्रगान शुभ सुख चैन | ||||||
![]() हलके हरे रंग में: अधियाचित भूखंड.
गाढ़े हरे रंग में: नियंत्रणाधीन भूखण्ड (जापानी सहयोग के साथ). | ||||||
राजधानी | पोर्ट ब्लेयर (अंतःकालीन) | |||||
निर्वासित राजधानी | रंगून सिंगापुर | |||||
भाषाएँ | हिन्दुस्तानी भाषा | |||||
शासन | अन्तःकालीन सरकार | |||||
राज्याध्यक्ष | ||||||
- | १९४३–१९४५ | सुभाष चंद्र बोस | ||||
प्रधानमंत्री | ||||||
- | १९४३–१९४५ | सुभाष चंद्र बोस | ||||
ऐतिहासिक युग | द्वितीय विश्वयुद्ध | |||||
- | स्थापित | २१ अकटूबर १९४३ | ||||
- | अंत | १८अगस्त १९४५ | ||||
मुद्रा | रुपय | |||||
Warning: Value specified for "continent" does not comply |
आजाद हिन्द सरकार या आर्ज़ी हुक़ूमत-ए-आज़ाद हिन्द (उर्दू: عارضی حکومتِ آزاد ہند; अंग्रेज़ी: Provisional Government of Free India) एक भारतीय अन्तःकालीन सरकार (अस्थाई सरकार) थी जिसे सिंगापुर में सन १९४३ में स्थापित किया गया था। यह अक्ष शक्तियों की सहायता से भारत को स्वाधीनता के लिए लड़ने वाले भारतीय राष्ट्रवादियों द्वारा बनाया गया था जिसका नेतृत्व सुभाष चंद्र बोस कर रहे थे। जर्मनी से एक 'यू बॉट' से दक्षिण एशिया आए, फिर वहाँ से जापान गये। जापान से वें सिंगापुर आये जहाँ आजा़द हिन्द की आस्थाई सरकार की नीव रखी गयी। जापानी साम्राज्य की सैनिक, आर्थिक और नैतिक सहायता से यह सारकार टिकी रही और जापान के १४ अगस्त १९४५ में आत्मसमर्पण करने के बावजूद आज़ाद हिन्द ने हार नहीं मानी और युद्ध जारी रखा। आज़ाद हिन्द मित्र देशों (एलॉयड पॉवर्स) से लड़ने वाली आखरी शक्ति था। सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु के दावे के बाद ही इस की सेना, आज़ाद हिन्द फ़ौज को पराजय मिली।
२१ अक्टूबर २०१८ को भारत सरकार ने आजाद हिन्द सरकार की स्थापना की ७५वीं जयन्ती मनायी और प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से भारतीय ध्वज फहराया।[1]
आजाद हिन्द सरकार केवल नाम नहीं था बल्कि नेताजी के नेतृत्व में इस सरकार ने हर क्षेत्र में नई योजना बनाई थी। इस सरकार का अपना ध्वज था, अपना बैंक था, अपनी मुद्रा थी, अपना डाक टिकट था, अपनी गुप्तचर सेवा थी। नेताजी ने कम संसाधन में ऐसे शासक के विरुद्ध लोगों को एकजुट किया जिसका 'सूरज नहीं ढलता था'।[2]


सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "आजाद हिंद की 75वीं वर्षगांठः PM बोले- हमारी सरकार में कठिन फैसले लेने का साहस है". Archived from the original on 21 अक्तूबर 2018. Retrieved 21 अक्तूबर 2018.
{{cite web}}
: Check date values in:|access-date=
and|archive-date=
(help) - ↑ "आजाद हिंद फौज का 75वां साल: तिरंगा फहरा बोले मोदी- पटेल, नेताजी को भुलाने की कोशिश हुई". Archived from the original on 21 अक्तूबर 2018. Retrieved 21 अक्तूबर 2018.
{{cite web}}
: Check date values in:|access-date=
and|archive-date=
(help)