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सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु

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नेताजी की अन्तिम विमान यात्रा : पूर्ण की गयी यात्रा को नीले रंग में दर्शाया गया है। १६ अगस्त १९४५ को उन्होने सिंगापुर से बैंकाक के लिये प्रस्थान किया। १६ अगस्त को ही, या १७ अगस्त की सुबह, वे बैंकाक से सैगों (Saigon ; अब हो चि मिन्ह सिटी) गये। १७ अगस्त को तीसरे पहर वे वहाँ से तौरानी (Tourane; वर्तमान समय में दा नाङ, वियतनाम) गये। १८ अगस्त को सुबह ५ बजे वे वहाँ से फॉर्मोसा के लिये रवाना हुए। 18 अगस्त को दिन में ढाई बजे उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया...।

18 अगस्त 1945 के बाद का सुभाषचन्द्र बोस का जीवन और मृत्यु आज तक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है। 18 अगस्त 1945 को उनके अतिभारित जापानी विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। यह दुर्घटना जापान अधिकृत फोर्मोसा (वर्तमान ताइवान) में हुई थी। उसमें नेताजी मृत्यु से सुरक्षित बच गये थे या नहीं, इसके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है।[1][2][3] हालाँकि, उनके अधिकतर समर्थक, मुख्यतः बंगाल में, इस समय को तथ्यहीन और मृत्यु के कारण नहीं होना बताकर अस्वीकार करते हैं।[4][5][6] उनके निधन के कुछ ही घण्टों में षड्यन्त्रकारी सिद्धान्त प्रकट होने लगे और तत्पश्चात लम्बी अवधि तक जारी रही[7] एवं बोस के बारे में सामरिक मिथकों को अस्तित्वमय बनाते रहे।[8] स्वतन्त्रता के बाद भारत सरकार जाँच के लिए तीन बार आयोग गठित किये जिनमें से दो ने विमान दुर्घटना में मौत की पुष्टि की लेकिन तीसरे के अनुसार बोस ने अपने आप को नकली मौत दी।[उद्धरण चाहिए] उनकी मृत्यु के कारणों की नए सिरे से जाँच की माँग कुछ राजनीतिक दलों द्वारा की जाती है।[9]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

उद्धरण

  1. Bayly & Harper 2007, p. 2a:
  2. Bandyopādhyāẏa 2004, p. 427:
  3. "सुभाष चंद्र बोस की हत्या हुई या मृत्यु?". BBC News हिंदी. 2015-04-19. अभिगमन तिथि: 2020-10-29.
  4. Bayly & Harper 2007, p. 2b:
  5. Bayly & Harper 2007, p. 22
  6. Wolpert 2000, pp. 339–340
  7. Bayly & Harper 2007, p. 2:
  8. Metcalf & Metcalf 2010, p. 210
  9. "Fresh probe needed into Netaji's mysterious death: BJP" [नेताजी की रहस्यमयी मौत की नये सिरे से जाँच की आवश्यकता: भाजपा]. द हिन्दू (अंग्रेज़ी भाषा में). 30 जनवरी 2014 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: १९ अप्रैल २०१५.

स्रोत

बाहरी कड़ियाँ